लंड दिखा कर, की भाभी की चुदाई Desi Bhabhi Story
06-05-2020 by अनीश तिवारी
Desi Bhabhi Story: मैं एक छोटे से फ्लैट में रहता था. एक दिन मैं बालकनी में सिर्फ चड्डी में खड़ा था कि बगल वाली छत पर एक भाभी मुझे देख रही थी. उसके बाद मैंने क्या किया? यही आपको इस कहानी में बताओगा.
दोस्तो, मेरा नाम अनीश है और मैं इंदौर मध्य प्रदेश से हूं. यह कहानी मेरे और मेरी Bhabhi के बीच की है. यह बात 2014 की है. उन दिनों मैं इंदौर में जॉब के लिए आया हुआ था. मुझे एक छोटा सा फ्लैट मिला हुआ था.
उस फ्लैट में एक रूम, एक किचन और एक हॉल था और पीछे एक छोटी सी बालकनी थी. मैं केवल अपने काम से काम ही रखता था. जिस फ्लैट में मैं रहता था उसमें ही Multi फ्लैट थे. उसी फ्लैट के आसपास 6 और फ्लैट भी बने हुए थे. अभी तक मैं office से घर और घर से office इतना ही कर रहा था.
मैं सुबह 9 बजे अपने office में चला जाता था और शाम को करीब 7 बजे वापस लौट कर आता था. मेरा वहां पर ज्यादा लोगों से बातचीत या व्यवहार नहीं था.
मेरे फ्लैट के पीछे जो बालकनी थी उसी से लगी हुई एक बड़ी दीवार थी. उसको देख कर ऐसा लगता था कि पीछे जरूर कोई अच्छी खासी family रह रही होगी.
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फिर एक दिन काफी तेज बारिश हो रही थी. उस दिन मैं office में नहीं गया और अपने फ्लैट पर ही रहा. मैं अकेला रहता था तो पीछे वाला बालकनी का दरवाजा ज्यादातर समय में खुला ही रहता था.
उस दिन मैं घर में था तो मैंने अंडरवियर के सिवाय कुछ और नहीं पहना हुआ था. मुझे नहीं पता था कि बालकनी के पीछे जो ऊंची दीवार है वहां से मुझे कोई देख भी रहा होगा.
तो उस दिन मैंने पहली बार इस बात पर गौर किया कि पीछे के मकान में एक Bhabhi रहती है. उसका नाम सविता था. उनकी उम्र करीब 38 साल रही होगी. उनका बदन एकदम से मस्त और भरा हुआ था. वो न तो ज्यादा मोटी थी और न ही ज्यादा पतली. उसके नैन नक्श भी एकदम तीखे थे.
भाभी के बूब्स के उभार भी मस्त थे. उनको देख कर लग रहा था कि 36 के साइज के तो जरूर रहे होंगे. मैं उस दिन बालकनी के पास वाले रूम में खड़ा होकर दाढ़ी बना रहा था.
मेरा मुंह शीशे की तरफ था. अचानक मेरा ध्यान पीछे की ओर दीवार पर गया. मैंने देखा कि पीछे की दीवार जो मेरे रूम से करीब 5 फीट ऊंची थी, वहां पर भाभी खड़ी हुई थी.
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शायद बारिश का पानी उनकी छत पर जमा हो गया था. हो सकता है कि भाभी बारिश का पानी निकालने के लिए छत पर आई थी. उसके हाथ में एक झाड़ू भी थी. पहले तो मैंने गौर नहीं किया. मगर जब 2-3 बार मैंने शीशे में देखा तो भाभी बहाने से वहीं पर खड़ी हुई मेरी ओर ही देख रही थी.
उस वक्त भाभी ने पीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी. अब बारिश भी हल्की हल्की हो रही थी. बूंदें ऐसी थी कि भिगो नहीं सकती थी मगर फिर भी छोटे आकार में बौछारों के रूप में गिर रही थीं. मौसम काफी सुहावना हो चला था. ठंडी ठंडी हवा मेरे नंगे जिस्म को भी छू रही थी.
सामने का नजारा भी मस्त था. एक परायी औरत मेरे जिस्म को घूर रही थी, भीगी साड़ी में एक भाभी जो एक जवान मर्द पर नजर गड़ाये हुए थी माहौल को और भी कामुक बना रही थी.
मैं भी केवल फ्रेंची में ही था इसलिए उत्तेजना महसूस होना स्वाभाविक था, खासकर कि जब कोई प्यासी औरत आपके बदन को ताड़ रही हो.
चूंकि मेरा मुंह शीशे की ओर था. भाभी सोच रही थी कि मैं भाभी को नहीं देख पा रहा हूं जबकि मुझे साफ साफ दिखाई दे रहा था कि भाभी मुझे ही घूर रही थी.
मैं भी अन्जान बन कर भाभी को अपने कसरती बदन के हर एक अंग के जी भर कर दर्शन करवा रहा था ताकि भाभी की चूत में खुजली मचना शुरू हो जाये.
भाभी मुझ पर नजर गड़ाये हुए थी. तभी मेरे मन में एक शरारत सूझी कि क्यों न भाभी को थोड़ा और ज्यादा उत्तेजित किया जाये. जैसा कि मैंने पहले बताया था कि बालकनी से लगने वाली दीवार 5 फिट ऊपर थी. यानि कि भाभी मेरे से 5 फिट ऊपर की हाइट पर खड़ी हुई थी.
उसको लग रहा था कि मैं उसे नहीं देख पा रहा हूं. मैं कुछ ऐसे रिएक्ट कर रहा था कि जैसे मैं अपनी ही मस्ती में हूं और आसपास के माहौल पर ध्यान नहीं दे रहा हूं. इसी बात का फायदा उठाने के बारे में मैंने सोचा.
इसलिए मैंने भाभी को गर्म करने के लिए अपना मुंह भाभी की ओर ही कर लिया और फिर अपनी फ्रेंची को भी उतार ही दिया. चूंकि मैं अपने यहां पर अकेला ही था इसलिए किसी के आने का डर भी नहीं था.
फ्रेंची को नीचे करते ही मेरा 7 इंची लंड लटकने लगा. मेरा 7 इंच का मोटा लंड देख कर भाभी का मुंह खुल गया और वो मुझे एकटक देखने लगी.
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भाभी का रिएक्शन देखते हुए मैंने अपने लंड पर थोड़ा तेल लगा लिया. तेल मेरी शेविंग किट में ही रखा हुआ था. लंड पर तेल लगा कर मैंने अपने लंड को मालिश करना शुरू कर दिया. मैं शीशे में भाभी के चेहरे के रिएक्शन भी देख रहा था.
मेरे हाथ में मेरा लंड आगे पीछे होता देख कर Bhabhi हालत खराब होने लगी थी. मैं अपने लंड के सुपारे पर तेल मलते हुए उसको और चिकना कर रहा था.
देखते ही देखते मेरा लंड पूरा तन गया. मैंने अब और तेल लगा लिया और तेजी से अपने लंड पर हाथ फिराने लगा. Bhabhi अपने दांतों के नीचे अपने होंठों को दबाते हुए उनको काटने लगी थी. ऐसा लग रहा था कि भाभी मेरे लंड को करीब से देखना चाह रही थी.
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मैंने भी और तेजी से लंड पर हाथ चलाना शुरू कर दिया. मैं तेजी से लंड की मुठ मारने लगा और दो-तीन मिनट में ही उत्तेजना के मारे मेरे लंड से वीर्य निकल गया. जैसे ही मेरे लंड ने वीर्य छोड़ा तो Bhabhi वहां से सरक कर पीछे हो गयी. फिर वो मुझे दिखाई नहीं दी. शायद नीचे चली गयी थी.
उसके बाद मैं भी सोचता रहा कि क्या सोच रही होगी भाभी इस वक्त, उसके मन में कैसे विचार आ रहे होंगे. पूरा दिन मैंने इसी सोच-विचार में निकाल दिया. फिर रात हुई और मैं सो गया.
अगले दिन जब मैं office जाने के लिए तैयार होकर पीछे बालकनी में तौलिया डालने के लिए आया तो मैंने देखा कि पीछे की बालकनी में कुछ कपड़े गिरे हुए थे. उन कपड़ों में तौलिया, साड़ी, पेटीकोट के अलावा किसी महिला की पैंटी भी थी.
मैंने पैंटी को उठाया और ऊपर की ओर देखा. ऊपर कोई नहीं था. मैंने उस काले रंग की पैंटी को ध्यान से देखा. उसके साइज को देख कर लग रहा था कि हो न हो ये पैंटी भाभी की हो सकती है.
वहीं पर खड़ा हुआ मैं भाभी की पैंटी को सूंघने लगा. भाभी की पैंटी को नाक से लगाते ही मेरा लंड मेरी पैंट में सलामी देने लगा. कुछ पल के लिए मैंने भाभी की पैंटी की खुशबू ली और फिर उसको वहीं डाल कर अंदर जाने लगा.
तभी पीछे से एक मीठी सी आवाज आई- कोई है क्या यहां?
मैं तुरंत उल्टे पांव वापस गया और तपाक से बोला- जी कहिये?
भाभी बोली- हमारे कुछ कपड़े यहां पर गिर गये हैं. इतने दिनों के बाद आज छत पर सुखाने के लिए डाले थे. हवा के साथ ही आपके यहां पर गिर गये.
मैंने कहा- कोई बात नहीं. मैं आपके कपड़े वापस ले आता हूं.
इतना बोलकर मैं कपड़े उठा कर अंदर ले गया. मैंने उसमें से भाभी की पैंटी रख ली 😋 और बाकी के कपड़े वापस देकर आ गया.
अगले दिन फिर रविवार था. मेरे office की छुट्टी थी. दोपहर का वक्त हो चला था. दोपहर के 1-2 बजे का टाइम था. मैं आज सुबह से ही भाभी का इंतजार कर रहा था कि वो कब छत पर आयेगी. फिर जब मुझे पता चला कि भाभी छत पर आ चुकी है तो मैं जल्दी से अपने कपड़े उतार कर फिर से बालकनी में पहुंच गया और मैंने वहीं पर सामने शीशा भी रख लिया.
मैंने शीशे को ऐसे सेट कर लिया कि ऐसे लगे कि मैं कुछ काम कर रहा हूं. मैं चाहता था कि भाभी भी मुझे शीशे में से दिखाई पड़ती रहे और ऊपर से वो भी मेरे बदन के दर्शन करती रहे. मैं उसको अपने नंगे बदन का जी भर कर दीदार करवाना चाहता था.
फिर वो पीछे आई और कुछ आवाजें करने लगी. मैंने उनकी आवाज को अनसुना कर दिया. जबकि मैं जान गया था कि वो मुझसे ही कुछ कहने की कोशिश कर रही थी.
मैंने भाभी पर ध्यान न देने का नाटक किया तो वह मेरे घर में झांकने लगी. मैं देख रहा था कि भाभी ऊपर से झांक रही है. वो चुपचाप मेरे बदन के नजारे लूटने लगी.
मेरा लंड भी मेरी फ्रेंची में अकड़ रहा था. मेरे लंड में मैं जान बूझ कर झटके दे रहा था ताकि भाभी मेरे लंड की गर्मी को भांप सके. मैं बीच बीच में अपने लंड पर हाथ भी फिरा रहा था जिसे देख कर भाभी अपने होंठों को भींचने लगती थी.
इस बार मैंने नोटिस किया काफी देर ताड़ने के बाद भाभी अब गर्म होने लगी थी. वो दीवार के साथ में ही एक कोने से सटा कर अपनी चूत को रगड़ रही थी. भाभी जोर जोर से अपनी चूत को दीवार के कोने पर दबाती हुई अलग से दिखाई दे रही थी.
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उसके बाद मैंने पजामा पहना और वहां से चला गया. फिर जब मैं वापस आया तो भाभी अभी भी वहीं पर खड़ी हुई थी. मैंने इस बार उनकी नजर नजर से नजर मिला ली. वो जैसे बचने का बहाना करते हुए बोली- आपके यहां पर कुछ कपड़े और होंगे शायद.
मैं जानता था कि भाभी अपनी पैंटी के बारे में बात कर रही है. अब मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए कहा- मुझे तो नहीं मिले हैं भाभी.
वो बोली- आप ठीक से देखिये. वहीं पर हो सकते हैं क्योंकि कपड़े आपके यहीं पर ही गिरे हुए थे.
उनकी बात पर मैंने उनको भरोसा देने के लिए कहा- मुझे तो नहीं मिले हैं और कपड़े. अगर आपको लग रहा है कि यहीं पर गिरे होंगे तो आप खुद ही आकर देख लीजिये और तसल्ली से चेक कर लीजिये.
कुछ देर सोचने के बाद भाभी बोली- ठीक है, मैं यहीं से आने की कोशिश करती हूं. अगर मैं गिरने लगूं तो आप मुझे पकड़ लीजियेगा.
मैंने भी तपाक से कहा- हां-हां, आप आ जाइये मैं आपको गिरने नहीं दूंगा.
भाभी ने मेरी ओर देख कर हल्की सी कामुक स्माइल दी और उतरने के लिए तैयार हो गयी. भाभी ने अपनी साड़ी का पल्लू अपनी कमर में फंसा लिया.
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जैसे ही भाभी ने अपने पैर उठा कर दीवार को लांघने की कोशिश की तो भाभी की साड़ी ऊपर उठ गयी. उनकी साड़ी घुटनों तक उठ गयी थी. मेरा लौड़ा खड़ा होने लगा था.
फिर भाभी नीचे उतरने लगी और सीधा मेरी गोदी में आ गयी. भाभी का बदन मेरे बदन से रगड़ खाता हुआ नीचे जाने लगा और उसी रगड़ के कारण मेरा पजामा, जो कि ढीला था, भाभी को नीचे उतारने के साथ ही वो भी नीचे जा खिसका.
पजामा नीचे होते ही मेरा 8 इंची लंड भाभी को सलामी देने लगा. जैसे ही भाभी ने खुद को संभालते हुए मेरी ओर देखा तो उनके सामने मेरा आठ इंची लंड लटका हुआ था.
लंड को देखते ही भाभी का मुंह खुला का खुला रह गया. एक दो पल उसने हैरत से मेरे लंड को देखा और फिर भाभी ने अपने हाथों से अपने चेहरे को ढक लिया.
मैं तो पहले ही भाभी की चुदाई के मौका चाहता था. इसलिए इस मौके को मैं अब हाथ से नहीं जाने दे सकता था. मेरा लंड उछल उछल कर झटके दे रहा था.
मैं बोला- भाभी अब सब कुछ आपने देख ही लिया है तो अब क्या बचा है, इतना भी क्या शरमा रही हैं आप?
इतना बोल कर मैंने अपना पजामा अपनी टांगों से बिल्कुल ही उतार कर अलग कर दिया और अब मैं भाभी के सामने पूरा का पूरा ही नंगा होकर खड़ा हो गया.
मैंने कहा- मैंने आपको अपनी चूत को खुजलाते हुए देख लिया है भाभी.
सविता भाभी अपनी ओर से कोई पहल नहीं कर रही थी. वो चुपचाप खड़ी हुई थी गर्दन को नीचे किये हुए.
फिर वो धीरे से मेरे करीब आई और बोली- आप किसी को इस बारे में बताना नहीं.
ये कहते हुए भाभी ने नीचे ही नीचे मेरे लंड को अपने कोमल से हाथ से छूते हुए उसको जोर से दबा दिया.
वो सिसकारते हुए बोली- आह्ह, बहुत ही मस्त लंड है आपको तो, ऐसा क्या लगाते हो आप इस पर?
मैंने कहा- एक बार इसका स्वाद चख कर देख लो, आपको खुद पता लग जायेगा कि क्या लगाता हूं.
भाभी ने मुझे थोड़ा एक तरफ धकेल लिया और तुरंत अपने घुटनों पर बैठ कर मेरे लंड को मुंह में भर लिया.
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भाभी के मुंह में मेरा लंड था और मैं जैसे हवा में उड़ने लगा. भाभी मेरे लंड को lolipop के जैसे मस्ती में चूसने लगी. ऐसा लग रहा था कि वो मेरे लंड की बहुत ही ज्यादा प्यासी हो चुकी थी.
मेरे लंड के सुपारे की स्किन को पीछे करके मेरे गहरे गुलाबी रंग के सुपारे को चाटने लगी. मैं तो मदहोश होने लगा था. भाभी मेरे लंड को ऐसे प्यार कर रही थी जैसे वो लंड नहीं कोई छोटा बच्चा हो.
पांच मिनट तक भाभी ने मेरे लंड को चूसा और जब मुझसे रुका न गया तो मैं भाभी को उठा कर अंदर रूम में ले गया. मैंने लात मार कर दरवाजा बंद किया और भाभी को ले जाकर बेड पर पटक दिया.
लिटाते ही मैं भाभी पर टूट पड़ा. उसके गदराये जिस्म को बेतहाशा चूमने लगा. उसके बदन को चूमते हुए मैंने उसके कपड़े खोलने शुरू कर दिये. पहले उसका ब्लाउज उतारा और फिर उसका पेटीकोट खोल दिया.
भाभी अब ब्रा और पैंटी में थी. मैंने जोर से उसकी ब्रा को जैसे निचोड़ते हुए उसके बूब्स को इतनी जोर से दबाया कि भाभी की दर्द भरी सिसकारी निकल गयी और वो कराहते हुए बोली- आह्ह, आप तो बहुत ही ज्यादा मजबूत हो. मेरे आम को ऐसे निचोड़ रहे हो जैसे सारा रस आज ही पी लोगे.
मुझे होश ही नहीं था कि भाभी क्या बक रही है. मैंने भाभी की ब्रा को खींच कर फाड़ दिया और उसकी चूचियों को मसलते हुए उन्हें बारी बारी से मुंह में भर कर पीने लगा. भाभी मस्त होकर कामुक आवाजें निकालने लगी और मेरे सिर को पकड़ कर मेरा मुंह अपनी चूचियों पर दबाने लगी.
फिर मैंने भाभी की पैंटी को उतार फेंका और उसकी चूत में मुंह दे दिया और उसको जोर जोर से होंठों से खींचते हुए उसको चूसने और काटने लगा. भाभी पगला गयी. मेरे मुंह को जैसे अपनी चूत में अंदर घुसाने की कोशिश करने लगी.
दो मिनट के अंदर ही मैंने भाभी की चूत को चूस चूस कर उसे पागल कर दिया और वो सिसकारते हुए बोली- आह्ह, बस कीजिये. अब और नहीं रुक पाऊंगी. इसे आपका हथियार अंदर चाहिए अब. अब ये और तड़प बर्दाश्त नहीं कर पायेगी.
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मैंने कहा- बस दो मिनट और रुको मेरी जान, मैं तुम्हारी चूत की प्यास अच्छे से बुझाऊंगा. थोड़ा सब्र करो.
उसके बाद मैंने अपने लंड को भाभी के मुंह की ओर कर लिया और मैं भाभी की चूत को चाटने लगा.
भाभी मेरे लंड को मुंह में भर कर पागलों की तरह चूसने लगी और मैं भाभी की चूत का रस बूंद-बूंद चूसने लगा. 69 में काफी देर तक हम दोनों ने एक दूसरे के अंगों को चूसा और चाटा और फिर मैंने भाभी को नीचे पटक लिया.
उसकी टांगों को पकड़ उसकी चूत को खोल लिया और अपना मोटा सुपारा उसकी चूत के छेद पर सेट करके एक जोर का धक्का दे दिया. भाभी की चिकनी हो चुकी चूत में आधा लंड जा फंसा. ऐसा लगा जैसे भाभी की चूत में किसी ने मिर्ची लगा दी हो.
वो तड़पने लगी. तभी मैंने दूसरा धक्का भी मार दिया और पूरा लंड भाभी की चूत में फंसा दिया. वो मुझे पीछे करने लगी लेकिन मैंने उसको कस कर दबोचा हुआ था.
फिर धीरे धीरे मैंने सविता भाभी की चूत में अपना लंड पेलना शुरू किया. कुछ ही देर में भाभी मेरे मोटे और लम्बे लंड से चुदाई का मजा अपनी चूत में लेने लगी.
पूरा रूम हम दोनों की कामुक सिसकारियों से गूंज उठा- आह्ह और जोर से चोदो. आह्ह और तेज. इतना सेक्सी मस्त लंड मैंने कभी अपनी चूत में नहीं लिया था. बहुत मजा आ रहा है इस दमदार लौड़े से चुदते हुए. चोदते रहो … आह्ह… सारा दिन चोदते रहो मुझे. आह्ह और चोदो, और जोर से.
भाभी के इस तरह के बोल मेरे अंदर के जोश को और बढ़ा रहे थे.
मैं पूरा जोर लगा कर भाभी की चूत को फाड़ने लगा. करीब 15 मिनट तक मैंने भाभी की चूत को चोदा और फिर उसकी चूत में ही झड़ गया. भाभी की चूत को चोद चोद कर मैंने उसका छेद खोल दिया. जब मैंने भाभी की चूत से लंड बाहर निकाला तो उसकी चूत पूरी फैली हुई दिख रही थी और उसके अंदर की लाल गुफा साफ साफ नजर आ रही थी.
इस तरह से सविता भाभी की चुदाई करके मैंने उसकी प्यास को शांत किया.
उस दिन के बाद भाभी के साथ मेरा ये चुदाई वाला सिलसिला शुरू हो गया और न जाने कितनी ही बार मैंने उसकी चूत चोद कर मजा लिया और उसकी चूत की प्यास को भी शांत किया.
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उसके बाद मैंने फिर वहां से रूम बदल लिया था. फिर भाभी से कॉन्टेक्ट नहीं हो पाया. नई जगह पर आने के बाद फिर से मुझे भाभी की चूत याद आने लगी. मेरा लंड फिर से मुझे परेशान करने लगा मगर उसके बाद अभी तक मेरे पास चूत का जुगाड़ नहीं हो पाया है.
दोस्तो, आपको मेरी यह स्टोरी पसंद आई होगी. मुझे अपने कमेंट्स के जरिये बतायें. आप मुझे मेरी ईमेल पर मैसेज भी कर सकते हैं. अगर आप लोगों का रेस्पोन्स अच्छा रहा तो मैं फिर से आप लोगों के लिए अपने साथ हुई किसी अन्य घटना को लिखूंगा.
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Read in English
06-05-2020 by Anish Tiwari
Desi Bhabhi Story: I used to live in a small flat. One day I was standing in the balcony just in tights that a sister-in-law was watching me on the adjacent terrace. What did I do after that? This is what you will tell in this story.
Friends, my name is Aneesh and I am from Indore Madhya Pradesh. This story is between me and my Bhabhi. This is from 2014. Those days I came to Indore for a job. I had got a small flat. Desi Bhabhi Story
The flat had a room, a kitchen and a hall and a small balcony at the back. I used to work only with my own business. The flat I lived in had multi flats. There were also 6 more flats built around the same flat. Till now I was doing the same from office to home and office to house.
I used to go to my office at 9 in the morning and return at around 7 in the evening. I did not interact or deal with many people there.
There was a big wall adjoining the balcony that was behind my flat. Looking at him, it seemed that there must be a good family living behind.
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Then one day it was raining heavily. That day I did not go to the office and stayed at my flat. If I lived alone, the balcony door at the back was open most of the time.
That day when I was at home, I was not wearing anything except underwear. I did not know that I must have been watching from the high wall behind the balcony.
So that day I noticed for the first time that a Bhabhi lives in the back house. Her name was Savita. He must have been around 38 years of age. His body was absolutely cool and full. She was neither too thick nor too thin. His nan Naqsh was also very sharp.
The emergence of sister-in-law’s boobs was also cool. Looking at them, it seemed that they must have been of 36 size. That day I was standing in the room near the balcony and shaving. Desi Bhabhi Story
My face was on the glass side. Suddenly my attention went backwards to the wall. I saw that the back wall, which was about 5 feet higher than my room, stood there.
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Perhaps rain water had accumulated on his roof. It may be that sister-in-law came to the roof to drain rain water. He also had a broom in his hand. At first I did not notice. But when I looked in the mirror 2-3 times, the sister-in-law was standing there looking at me.
At that time, sister-in-law was wearing a yellow sari. Now the rain was getting lighter. The drops were such that they could not be soaked but still falling in small sizes as showers. The weather was very pleasant. The freezing cold air was touching my bare body too.
The front view was also cool. A foreign woman was staring at my body, a sister-in-law in a wet sari who was eyeing a young man was making the atmosphere even more erotic.
I was also only in Franchi, so it was natural to feel excitement, especially when a thirsty woman is craving your body.
Since my face was towards the glass. Sister-in-law was thinking that I could not see her sister-in-law while I could clearly see that sister-in-law was staring at me.
I also became a stranger and got the sister-in-law to visit every part of my prostitute’s body with a view to start itching in her pussy.
Sister-in-law was eyeing me. Just then a prank in my mind came up that why not make the sister-in-law a little more excited. As I said earlier, the wall adjoining the balcony was 5 feet above. That is, sister-in-law stood at a height of 5 feet above me.
He felt that I could not see him. I was reacting in such a way that I am in my own fun and not paying attention to the surrounding environment. I thought about taking advantage of this.
So I turned my mouth towards the sister-in-law to heat her and then removed her Franchi too. Since I was alone here, there was no fear of anyone coming. Desi Bhabhi Story
As soon as Franchi was down, my 7 inch cocks started hanging. On seeing my 7 inch thick cock, her mouth opened and she started looking at me.
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Seeing the reaction of sister-in-law, I applied some oil on my cock. The oil was kept in my shaving kit. By applying oil on the penis, I started massaging my cock. I was also seeing the reaction of her sister’s face in the mirror.
Seeing my cock moving back and forth in my hand, Bhabhi started getting worse. I was rubbing oil on the nuts of my cock and lubricating it.
My cock got full tan upon seeing it. Now I applied more oil and started waving at my cock fast. Bhabhi was biting her lips while pressing her lips. It seemed that sister-in-law wanted to see my cock closely. Desi Bhabhi Story
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I too started to run my hands on the cocks more quickly. I started licking the cocks fast and within two or three minutes, semen came out of my cocks due to excitement. As soon as my cock left the semen, Bhabhi moved backward from there. Then I did not see it. Probably went down.
After that I also kept thinking what would be the thinking, at this time, how thoughts would be coming in his mind. I spent the whole day thinking about it. Then it was night and I slept.
The next day when I came ready to go to the office to put the towel in the back balcony, I noticed that some clothes were lying in the back balcony. In addition to those clothes, towels, saris, petticoats were also panties of a woman.
I lifted the panty and looked up. Nobody was above. I looked at that black panty carefully. Seeing her size, it seemed that this panty might not be there.
I stood there and started sniffing my sister’s panties. As soon as the sister-in-law’s panties were put on the nose, my cock started saluting in my pants. For a moment I smelled the sister-in-law’s panty and then put it there and started going inside. Desi Bhabhi Story
Then came a sweet voice from behind – is there anyone here?
Immediately I went back in reverse and said to Tapaka- Say yes?
Sister-in-law said – some of our clothes have fallen here. After so many days, they were put on the roof to dry today. With the wind, you fell here.
I said – no problem. I bring your clothes back.
After speaking so much, I lifted my clothes and took them inside. I kept the sister-in-law’s panty out of it and came back giving the rest of the clothes.
The next day was Sunday again. It was my office holiday. It was past noon. It was 1-2 in the afternoon. I have been waiting for her sister-in-law since this morning when she will come on the terrace. Then when I came to know that the sister-in-law has come to the roof, I quickly took off my clothes and reached the balcony again and I also kept the mirror in front there. Desi Bhabhi Story
I set the mirror in such a way that it looks like I am doing some work. I wanted that sister-in-law could also be seen from the mirror and from above she too could see my body. I wanted to make him look good with my bare body.
Then she came back and started making some voices. I ignored his voice. While I knew that she was trying to say something to me.
When I pretended not to pay attention to her sister-in-law, she started looking into my house. I was watching that sister-in-law is peeping from above. She quietly started robbing me in the eyes of my body. Desi Bhabhi Story
My cock was also swinging in my Franchi. I was deliberately jerking my cock so that sister-in-law could detect the heat of my cock. In between, I was also moving my hand on my cock, seeing which sister-in-law used to clench her lips.
This time I notice, after a long delay, the sister-in-law was now getting hot. She was rubbing her pussy along the wall, adjoining one corner. Sister-in-law, pressing her pussy on the corner of the wall, was seen separately.
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After that I put on pajamas and went from there. Then when I came back, sister-in-law was still standing there. I caught sight of him this time. Like he said while pretending to save- you will have some clothes here and there.
I knew that sister-in-law is talking about her panties. Now I too took advantage of the opportunity and said – I have not found it.
She said – You see well. Can be right there because the clothes fell on your place here.
I told him to trust him – I have not got any more clothes. If you feel that you must have fallen here, then come and see for yourself and check it comfortably.
After thinking for a while, the sister-in-law said – Okay, I try to come from here. If I start falling, you will catch me.
I also said to Tapak – yes, yes, you come, I will not let you fall. Desi Bhabhi Story
The sister-in-law looked at me and gave a light sensual smile and agreed to take off. Sister-in-law stuck the pallu of her sari in her waist.
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As soon as the sister-in-law tried to cross the wall by raising her feet, the sister-in-law’s sari got up. Her sari was up to her knees. My Aloda was starting to stand.
Then sister-in-law started coming down and came straight to my dock. The body of the sister-in-law started going down after rubbing with my body and due to that rubbing, my pajamas, which were loose, slipped down with the sister-in-law.
As soon as the pajamas were down, my 8 inch cock started saluting the sister-in-law. As soon as the sister-in-law looked at me while handling herself, my eight inch cock was hanging in front of her.
On seeing the cocks, the sister-in-law’s mouth remained open. For a moment, he looked at my cock with surprise and then his sister covered his face with his hands.
I already wanted a chance to fuck her in law. Therefore, I could not let this opportunity go by hand. My cock was jerking off by jumping.
I said – sister-in-law now you have seen everything, so what is left now, what are you blushing too much?
After speaking so much, I removed my pajamas completely from my legs and now I stood completely naked in front of my sister-in-law.
I said- I have seen you scratching my pussy.
Savita Bhabhi was not taking any initiative on her part. She stood silently with her neck down.
Then she slowly came close to me and said- Do not tell anyone about this.
While saying this, sister-in-law touched my cock down with her soft hand and pressed it down hard. Desi Bhabhi Story
He said while sighing- Ahhh, you have very cool cocks, so what do you put on it?
I said – Once you taste it and see, you will know yourself what I apply.
Sister-in-law pushed me slightly aside and immediately sat on my knees and filled my cock in my mouth.
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Sister-in-law had my cock in her mouth and I started flying in the air. Sister-in-law started sucking my cock like lolipop in fun. It seemed that she had become very thirsty for my cock.
Behind the skin of my cocks betel nut started licking my dark pink betel nut. I started getting drunk. Sister-in-law was loving my cock as if it was not a small child. Desi Bhabhi Story
For five minutes the sister-in-law sucked my cock and when I was not stopped, I picked up the sister-in-law and took her to the room inside. I kicked and closed the door and took the sister-in-law and slammed her on the bed.
I broke down on sister-in-law while lying He started kissing her wildly. Kissing her body, I started opening her clothes. First she removed her blouse and then opened her petticoat.
Sister-in-law was now in bra and panties. I pressed her boobs so loudly while squeezing her bra so hard that her sister’s painful sibi came out and she moaned – Ahhh, you are very strong. You are squeezing my mango as if you will drink all the juice today.
I was not aware of what the sister-in-law was talking about. I pulled the sister-in-law’s bra and tore it off, and started rubbing her nipples and stuffing them in her mouth. Sister-in-law began to make sensual sounds and by holding my head, my mouth started pressing on her pussy.
Then I threw the panties of the sister-in-law and put her mouth in her pussy and started sucking and biting her while pulling her with loud lips. Sister-in-law got mad Like trying to insert my mouth in her pussy.
Within two minutes, I sucked her sister-in-law’s pussy and drove her crazy, and she sighed and said – Ahhh, just do it. I will not be able to stop it anymore. It needs your weapon inside now. Now it will not be able to tolerate any more yearning.
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I said – just wait two minutes and my love, I will quench your pussy’s thirst very well. Be patient.
After that, I turned my cock towards her mouth and I started licking her pussy.
Sister-in-law filled my cock and started sucking like crazy and I started sucking her pussy juice drop-by-drop. In 69, both of us sucked and licked each other’s limbs for a long time and then I slammed her sister-in-law down.
Holding her legs opened her pussy and set her fat supra on her pussy hole and pushed it harder. Bhabhi’s smooth, half-cock was stuck in her pussy. It felt like someone had put chili in her sister’s pussy.
She started to suffer. Then I also hit the second push and stuck the whole cock in her pussy. She started to follow me but I was caught tightly.
Then slowly I started sucking my cock in Savita Bhabhi’s pussy. In a while, sister-in-law started taking pleasure in fuck with my thick and long cock.
The whole room resonated with the erotic siskar of both of us – ahhh and loudly. Ahh and fast. I had never taken such sexy hot cocks in my pussy. Enjoying it very much while fucking with this powerful alore. Fuck me… Ahhh… Keep fucking me all day. Ahh and fuck, and loud.
Such words of sister-in-law were adding to my inner passion.
I started tearing her sister’s pussy with full force. For about 15 minutes, I got a fuck in her pussy and then fell in her pussy. I opened her hole after fucking her sister-in-law. When I pulled the cocks out of the sister-in-law’s pussy, her pussy was looking fully spread and the red cave inside it was clearly visible.
By fucking Savita Bhabhi in this way, I pacified her thirst.
After that day, my sex relationship started with sister-in-law and I do not know how many times I enjoyed her pussy and enjoyed her pussy and thirst.
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After that I again changed the room from there. Could not be contacted by sister-in-law again. After coming to the new place, I again remembered her pussy. My cock started bothering me again, but after that, I have not been able to have a pussy jugaad yet.
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