भाभीजान की गांड मारकर संतुष्ट किया Bhabhi ki xxx story
bhabhi ki xxx story: यह फैमिली सेक्स कहानी मेरी सगी भाभी और मेरे बीच चुदाई की है. भाभी की चूत और गांड मेरे लंड से कैसे चुदी, इसका आप सब मजा लीजिए.
दोस्तो, मेरा नाम दिलशाद खान है, मेरी उम्र 22 साल है और मेरी लंबाई 6 फुट 7 इंच है. मेरे लंड की लंबाई 9 इंच और मोटाई एक खीरे जितनी है. मैं इंदौर में अपनी फैमिली के साथ रहता हूं और एक जिगोलो क्लब चलाता हूं.
आज जो सेक्स कहानी मैं बताने जा रहा हूँ, वो मेरी भाभीजान और मेरे बीच चुदाई की है. भाभीजान मेरे लंड से कैसे चुदी, इसका आप सब मजा लीजिए.
मेरी भाभीजान की उम्र 30 साल है. उनका नाम सोफिया खान है. उनकी एक बेटी है, जिसका नाम जोया है. मेरी भाभीजान बहुत मजाकिया किस्म की औरत हैं, इसलिए मैं अपनी भाभी के साथ बहुत हंसी मजाक करता था. वो मुझे बहुत अच्छी लगती थीं. उनकी मदमस्त जवानी को देखकर मेरा लंड बेकाबू हो जाता था.
मैं अपनी सोफी भाभी को चोदना भी चाहता था. उनके स्वभाव से और उनकी हंसी मजाक की आदत से मुझे ऐसा लगता था कि वो भी मेरी तरह आकर्षित हैं. लेकिन मुझे कभी कभी ये लगता था कि जो मैं सोच रहा हूँ, यदि वो सब सही नहीं निकला, तो मेरी इज्जत की माँ चुद जाएगी. बस इसीलिए गांड फटती थी.
मैंने पहले भाभीजान के साथ खुल कर मजाक करना शुरू किया. उनके साथ मैंने वयस्कों वाली जोक्स साझा करना शुरू किए, जिस पर उनकी बिंदास हंसी ने मुझे बता दिया कि भाभीजान चुद सकती हैं. इसी तरह से उनके साथ हंसी मजाक करते हुए, मैंने भाभी को टच करना भी चालू कर दिया था. कभी उनकी कलाई पकड़ कर उमेठ देता, तो कभी उनके बैठे होने की स्थिति में उनकी जांघ पर हंसते हुए हाथ मार देता था. वो भी मेरी इन हरकतों को एन्जॉय करती थीं. उन्होंने कभी मुझे ऐसा करने से मना नहीं किया था.
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इसी बीच मेरे भाई को 10 दिनों के लिए बाहर जाना पड़ा, तो भइया मुझे बोल गए की तुम्हारी भाभीजान और भतीजी घर में अकेली हैं. तुमको उनका ख्याल रखना है.
मैंने हामी भर दी.
अब मैं पहले दिन से ही पूरा दिन भाभीजान और भतीजी के साथ बिताया; भाभी के साथ खूब मस्ती की. आज उसी मस्ती मजाक में मैंने कई बार भाभीजान को इधर उधर कुछ ज्यादा ही टच कर दिया था. उनके साथ मेरा दिन कैसे निकल गया था, मुझे पता ही नहीं चला था.
फिर रात को हम तीनों ने साथ में खाना खाया और सोने की तैयारी करने लगे. फिर थोड़ी देर बातें करने के बाद हम सोने लगे, तो रूम में एक ही बिस्तर पर सभी एक साथ सोने लगे. पहले एक किनारे पर मैं सोया, फिर मेरी भतीजी जोया लेट गई और उसके बाद भाभीजान सो गईं.
रात को 1:30 बजे मुझे मेरी जांघों पर कुछ महसूस हुआ. मुझे कुछ समझ नहीं आया, तो मैंने अपनी आंखें खोलकर देखा तो भाभीजान अपना एक पैर मेरी जांघों पर फेर रही थीं.
मैं समझ गया कि मेरे जैसी आग भाभीजान की चुत में भी लगी है. कुछ देर तक तो मैं आंखें बंद करके भाभीजान की टांग का मजा लेता रहा. मगर मेरे लंड ने मेरा साथ नहीं दिया और वो खड़ा होने लगा. इससे मुझे लगा कि भाभीजान समझ जाएंगी कि मैं जाग रहा हूँ, तो मजा किरकिरा हो जाएगा.
मैंने खुद से जागते हुए भाभी से पूछा- अरे भाभीजान, आप ये क्या कर रही हो?
भाभी मुस्कुरा कर धीरे से बोलीं कि प्यार … जो तुम मेरे साथ कब से करना चाहते थे. अब नाटक मत करो और जल्दी से मुझे अपना बना लो.
मैं बोला- लेकिन भाभी, यहां कैसे? यहां तो जोया सोई है. अगर वो बीच में उठ गई, तो प्रॉब्लम हो जाएगी.
तब भाभी बोलीं- तुम इस बात की बिल्कुल चिंता मत करो, हम दोनों दूसरे कमरे में चलते हैं.
मैं- ठीक है.
भाभी बोलीं- तुम बगल वाले कमरे में चलो, मैं अभी आती हूँ.
मैं उठ कर दूसरे रूम में चला आया. भाभीजान भी जोया को ठीक से कम्बल उढ़ा कर रूम में आ गईं. भाभीजान अन्दर आकर रूम का दरवाजा लगाने लगीं. मैं बेड से उठ कर आया और भाभीजान को पीछे से बांहों में जकड़ कर उनकी गर्दन पर किस करने लगा. साथ ही भाभी के मम्मों को कपड़ों के ऊपर से ही मसलने लगा.
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फिर कमरा बंद करके भाभीजान मुड़ीं. उन्होंने मेरे सामने देखा और मुस्कुराने लगीं, बोलीं- इतनी जल्दी क्या है मेरे राजा … आराम से करो … मैं कहीं भागी थोड़ी जा रही हूँ. चलो पहले बेड पर चलो.
मैं- अब सब्र नहीं होता मेरी सोफी जान … बहुत दिनों से तड़पाया है तुमने मुझे … और आज मौका मिला, तो ऐसे कैसे छोड़ दूँ.
मैं फिर से भाभीजान के बोबे दबाने लगा. अब भाभी भी जोश में आ गईं और बोलने लगीं- ओफ्फो … थोड़ा और जोर से दबाओ … मसल डालो इन्हें … इनमें से सारा दूध निकाल दो.
मैंने भी जोश में आकर एक हाथ से उनकी साड़ी ऊपर उठा दी और उनकी चूत मसलने लगा.
भाभी की पेंटी गीली हो गयी थी और भाभीजान आहें भरते हुए बोलीं कि आएम्म ऊफ एईई देवर राजा … इतना क्यों तरसा रहे हो … जल्दी से कुछ कर दो … मेरी गर्मी शांत कर दो … मुझे कुछ कुछ हो रहा है … प्लीज मुझे अपना बना लो.
मैं भाभी को गोद में उठा कर बेड पर ले गया और उनको बेड पर सुला कर उनकी साड़ी उतारने लगा. कुछ ही देर में वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने थीं.
मैं जोश में आकर भाभीजान को लिप किस करने लगा और साथ ही उनके बोबे दबाने लगा. भाभी ने भी जोश में आकर मेरे लंड को कपड़ों के ऊपर से दबोच लिया और वे लंड को दबाने लगीं.
अब तक 20 मिनट हो चुके थे. मैं चूमाचाटी करने के बाद भाभी से बोला- भाभीजान अब मुझे आपकी चूत चाटनी है.
भाभी- दिलशाद यार तुमने तो मेरे मुँह की बात छीन ली … मुझे भी तुम्हारा लंड चूसना है.
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भाभीजान बिस्तर से उतर कर मेरे कपड़े उतारने लगीं और कुछ ही पलों में मेरे बदन पर सिर्फ कच्छा ही रह गया. मैं भी नीचे आ गया था और खड़ा हो गया था.
भाभीजान ने घुटने के बल बैठकर मेरे कच्छे को भी निकाल दिया. कच्छा निकलते ही मेरा 8 इंच लम्बा और मोटा लंड भाभीजान के मुँह से जा टकराया. भाभीजान मेरे लंड को देखकर डर गईं.
भाभीजान – याल्ला … बाप रे ये क्या है देवर जी … ये आपका ही लंड है ना … या किसी जानवर का लगवा लिया है … ये तो आज मेरी चूत को फाड़ देगा. मैंने आज तक इतना बड़ा लंड किसी का नहीं देखा.
मैंने भाभीजान के गालों में लंड को टकरा दिया, जिससे उनकी आह निकल गई. भाभीजान ने मेरे लंड को हाथ में लिया और खुले हुए सुपारे पर अपनी जीभ टच कर दी. मेरे लंड को भाभीजान की जीभ का स्पर्श मिलते ही उसमें और भी अधिक सुर्खी आ गई और लंड के छेद से प्रीकम की बूंदें निकल आईं.
भाभीजान ने लंड का नमकीन अमृत निकलते देखा, तो मेरी आंखों से आंखें मिलाते हुए लंड को जीभ से चाट लिया. भाभीजान की जीभ फेरने की अश्लील स्टायल देख कर मुझे मजा गया और मेरे मुँह से सीत्कार निकल गई. मैंने भाभी की एक चूची को हाथ से जोर से मसल दिया.
भाभीजान ने मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसना चालू कर दिया.
मैं- उफ़ ऑफ ओम्म ऊऊ … मेरी जान क्या मस्त लंड चूसती हो … भाभीजान तुम तो बिल्कुल किसी अनुभवी रंडी की तरह लंड चूस रही हो. मैं तो आपकी लंड चुसाई का दीवाना हो गया … आह चूसो मेरी जान … और जोर से चूसो.
मैंने जोश में आकर भाभी के बाल पकड़ कर लंड का एक जोर से धक्का मार दिया और अपना पूरा लंड उनके मुँह में उतार दिया. इससे भाभी की आंखों के आगे अन्धेरा छा गया और आंखों से आंसू आ गए.
भाभीजान ने मुझे धक्का देकर अपने से अलग किया और खाँसने लगीं- जान लेना है क्या? इतनी जोर से भी कोई लंड पेलता है? एक तो शैतान का लंड लिए हो … और मुझ जैसी परी पर रहम भी नहीं कर रहे हो.
मैंने हंस कर भाभी का एक दूध दबाया और कहा- आज परी की माँ चुद जानी है … शैतान का लंड परी की चुत में जाएगा. भाभीजान ने मुझे धक्का दे दिया और गुस्सा हो गईं-
जाओ मुझे नहीं चूसना तुम्हारा शैतानी लंड …
मैं- सॉरी भाभीजान में कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड हो गया था … सॉरी यार.
भाभीजान मुस्कुरा दीं- अरे तुम ऐसा मत बोलो यार … कोई बात नहीं … ऐसा कभी कभी हो जाता है. वैसे मुझे भी ऐसी दर्द वाली चुदाई पसंद है, जिसमें कोई मुझे गालियां दे, मारे और रंडी की तरह चोदे.
मैं समझ गया कि आज तो भाभीजान पूरी मस्ती में हैं. मैंने भी टोन बदल दी और भाभीजान को गाली देते हुए कहा- तो चल रंडी बेड पर … आज तेरी माँ चोदता हूँ. छिनाल साली कुतिया की तरह रगड़ कर रख दूँगा.
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मैं भाभीजान के बाल पकड़ कर उनको बेड पर ले गया और उन्हें धक्का दे कर बिस्तर पर चित गिरा दिया. अभी भाभी संभल पातीं कि मैं उनकी टांगें फैला कर उनकी चूत चाटने लगा. जिससे भाभी की उत्तेजना सातवें आसमान पर पहुंच गई.
भाभीजान- ऊ ओ मम … उम … इस्सम एईई ओऊह ऊऊम मर गयी मैं … आह और जोर से चाटो … खा जाओ माँ के लौड़े इस निगोड़ी चूत को … बहुत परेशान किया हुआ है इसने मुझे … प्लीज और जोर से चाटो यूयू उस्मा माय ऊऊम ईएह चाटो … अब प्लीज मुझे चोदो अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है … प्लीज फक्क मी मुझे चोदो … मेरी आग बुझा दो … अपने लंड से फाड़ दो मेरी चूत … बना लो मुझे अपनी रंडी.
मैंने भाभी को उठाया और उनके गाल पर एक चांटा खींच दिया- साली छिनाल बहुत गर्मी है … भैन की लौड़ी तुझमें … आज तेरी सारी गर्मी न निकाल दी तो कहना … आज तेरी चुत का भोसड़ा बना दूंगा.
मैंने उन्हें सीधा किया और अपने लंड को उनकी चूत में सैट करके एक जोर से धक्का मार दिया. पहले ही धक्के में मेरा आधे से ज्यादा लंड उनकी चूत में जा पहुंचा और उनकी आंखें पलट गईं.
मेरा ये धक्का इतना जोरदार था कि भाभीजान की जान ही निकल गयी. वो कुछ कह ही नहीं पा रही थीं. उनकी आवाज उनके कंठ में ही घुट कर रह गई थी.
एक पल बाद भाभीजान की आवाज निकली- मार दिया कमीने मादरचोद निकाल बाहर … वरना मैं मर जाऊंगी कमीने … नहीं चुदना मुझे तुझसे … साले हरामी … अपनी माँ का भोसड़ा समझा है क्या … जो एकदम से घुसा दिया … आह रंडवे … निकाल जल्दी मेरी फट गई.
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मैं चुप रहा और थोड़ी देर उनके ऊपर बिना हिले ऐसे ही लेटा रहा. मैं भाभीजान के बोबों से खेलता रहा. थोड़ी देर बाद उन्हें दर्द कम हुआ, तो भाभीजान खुद नीचे से अपनी कमर हिलाने लगीं
भाभीजान बोलीं- चोदो दिलशाद … आह अब चोदो मुझे … आज तक इस मुझे किसी ने ऐसा नहीं चोदा … कसम से आज मैं तुमसे चुदवाकर धन्य हो गयी. आज से तुम जब चाहो, जहां चाहो … मुझे चोद सकते हो … मैं आज से तुम्हारी परमानेंट रखैल हूँ … प्लीज मुझे ऐसे ही चोदते रहना.
अभी दो मिनट ही लंड पेले हुए थे कि भाभीजान यही सब कहते कहते झड़ गईं.
मुझे उनकी चुत से निकले पानी से अहसास हो गया था कि भाभीजान झड़ गई हैं.
थोड़ी देर बाद मैंने उनको दबा कर छोड़ना चालू कर दिया. दस मिनट बाद मैं भी झड़ने के करीब आ गया.
मैंने पूछा- भाभीजान, मैं झड़ने वाला हूँ … जल्दी से बताओ किधर निकालूं?
भाभी- आह साले अन्दर ही निकाल दो मेरे राजा … मुझे तुम्हारा पानी अपनी चुत में चाहिए.
बस थोड़े से तेज धक्कों के बाद मैं भाभी की चुत में ही झड़ गया और ऐसे ही लेट गया. हम दोनों ऐसे ही लिपटे हुए सो गए.
इसके आधा घंटे बाद मुझे होश आया तो देखा कि भाभी अपनी गांड को मेरे लंड से घिस रही थीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ मेरी जान … बबासीर का इलाज भी करवाना है?
भाभी हंस दीं और बोलीं- मुझे बबासीर नहीं है, लेकिन गांड में खुजली जरूर है.
मैंने कहा- तो चलो कुतिया बन जाओ.
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भाभी झट से बिस्तर से उतरीं और सामने की अलमारी से एक जैली की शीशी ले आईं. मैं भी नीचे आ गया और लंड को भाभी को बिस्तर पर बिठा कर उनके मुँह से लंड को लगा दिया. भाभी ने लंड चूसना चालू कर दिया. इस बार भाभीजान मेरे लंड को हाथ से पकड़े हुए थीं.
मैं समझ गया कि भाभी ने हाथ से इसलिए लंड पकड़ा है ताकि मैं पहली बार के जैसे उनके गले तक लंड न घुसेड़ दूँ. भाभी ने लंड गीला किया और जैली की शीशी मेरे हाथ में देते हुए कुतिया के पोज में आ गईं. मैंने भाभीजान की गांड में जैली भर दी.
मैंने उनसे कहा- गांड ढीली छोड़ना मेरी जान … बस मिसायल घुसने वाली है.
भाभीजान हंस दीं.
मैंने खुली शीशी को हाथ में लिया और लंड का सुपारा भाभी की गांड में सैट कर दिया. थोड़ी जैली टपकाई और दबाब बना दिया. लंड गांड में घुस गया. भाभी की चीख निकली तो मैंने फिर से जैली टपका दी. गांड एकदम फिसलपट्टी जैसी चिकनी हो गई थी.
मैंने इसी तरह से धीरे धीरे पूरा लवड़ा भाभी की गांड में पेल दिया. फिर शीशी एक तरफ रख कर मैंने भाभी के चूचे थामे और ताबड़तोड़ गांड चुदाई चालू कर दी.
भाभीजान की चिल्लपौं कुछ देर हुई, फिर वो भी मेरे लंड से अपनी गांड की खाज मिटवाने लगीं.
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बीस मिनट बाद मैंने भाभी को पलट दिया और उनकी चुत को बजाना चालू कर दिया. दस मिनट बाद मैं फिर से भाभीजान की चुत में निकल गया.
इस तरह से मैं भाभी की गांड और चुत का मजा ले लिया था.
आज भी मैं अपनी भाभीजान को हचक कर चोदता हूँ. मेरी भाभी ने उनकी 4 सहेलियों को भी मुझसे चुदवा दिया है. मेरी बहन को भी उन्होंने मुझसे चुदवाया है.
उन्होंने ही मुझे मेरे लंड की ताकत देख कर जिगोलो बनने की सलाह दी. उनकी सलाह पर मैं एक सफल जिगोलो बन गया. आज मैं एक जिगोलो क्लब चलाता हूं.
दोस्तो, आपको मेरी भाभी की चूत गांड की कहानी कैसी लगी … प्लीज़ मुझे मेल करके जरूर बताएं.
मेरी मेल आईडी है.
[email protected]
आपको मेरी यह सच्ची सेक्स घटना कैसी लगी मुझे Telegram पर ज़रूर बताये में आपके comment और message का इंतज़ार करूगा. इसके अलावा आप कहानी पर नीचे कमेंट करके भी अपनी राय दे सकते हैं.
Read in English
Bhabhi ji ke Gaand Maari | Bhabhi ki xxx story
bhabhi ki xxx story: This family sex story is between my real sister-in-law and me. Bhabhi’s pussy and ass how to fuck with my cock, enjoy it all.
Friends, my name is Dilshad Khan, I am 22 years old and my length is 6 feet 7 inches. The length of my penis is 9 inches and the thickness is like a cucumber. I live with my family in Indore and run a Gigolo Club.
The sex story I am going to tell today is that of sex between my sister-in-law and me. Sister-in-law how to fuck me, enjoy it all. bhabhi ki xxx story.
My sister-in-law is 30 years old. His name is Sophia Khan. They have a daughter named Zoya. My sister-in-law is a very funny woman, so I used to laugh a lot with my sister-in-law. She used to like me very much. My cock used to be uncontrollable after seeing his mad youth. I also wanted to fuck my Sophie sister-in-law. Due to his nature and his habit of joking, I used to feel that he is also attracted like me. But sometimes I used to think that what I am thinking, if all that does not come out right, then my mother of honor will be chud. This is why the ass used to get burnt, bhabhi ki xxx story.
I first started joking with Bhabhijan. I started sharing adult jokes with him, on which his cool laughter told me that sister-in-law could be chud. In the same way, while laughing with him, I also started to touch his sister-in-law. Sometimes he would hold his wrist and then he would beat him, sometimes he would beat his hand laughing at his thigh. She also enjoyed these antics of mine. He never denied me to do so.
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Meanwhile, my brother had to go out for 10 days, then brother told me that your sister-in-law and niece are alone at home. You have to take care of them.
I agreed
Now from the first day I spent the whole day with sister-in-law and niece; Have lots of fun with sister-in-law. Today, in the same fun joke, I had touched Bhabhijan many times here and there. I had no idea how my day had gone with him and bhabhi ki xxx story.
Then at night, the three of us ate together and started preparing for sleep. Then after talking for a while we started sleeping, then everyone started sleeping together on the same bed in the room. First I slept on one shore, then my niece Zoya lay down and after that Bhabhijan slept.
At 1:30 in the night I felt something on my thighs. I could not understand anything, so I opened my eyes and saw that sister-in-law was turning one leg on my thighs and bhabhi ki xxx story.
I understood that a fire like mine is also in Bhabhijan’s pussy. For some time, I kept my eyes closed and enjoyed Bhabhijan’s leg. But my cock did not support me and he started standing up. It made me think that sister-in-law would understand that if I am awake, the fun will get gritty.
I asked my sister-in-law while awake- Hey sister-in-law, what are you doing?
Sister-in-law smiled and said softly that what you wanted to do with me ever since. Do not pretend now and quickly make me yours.
I said – but sister-in-law, how about here? Zoya is asleep here. If she gets up in the middle, then the problem will happen.
Then sister-in-law said- Don’t worry about it at all, we both go to another room.
I – ok.
Sister-in-law said- Come to the room next to me, I will come now.
I got up and moved to another room. Sister-in-law also brought Zoya with a blanket and came to the room. Sister-in-law came in and started putting the door of the room. I got up from the bed and started kissing Bhabhijan on his neck by clutching him in the arms. At the same time, the mother-in-law’s mamma started mashing on the clothes itself.
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Then close the room, sister-in-law turned. He looked in front of me and started smiling, said- What is the hurry, my king… Do it comfortably… I am going a little bit somewhere. Let’s go to the bed first.
I – I am not patient now, my Sophie sweetheart… You have tormented me for a long time… and today I got a chance, so how do I leave it like that?
I started pressing sister-in-law again. Now sister-in-law also got excited and started speaking- Offo… Press a little harder… Mush them… Remove all the milk from them.
I too got excited and lifted her sari up with one hand and started rubbing her pussy, bhabhi ki xxx story.
The sister-in-law’s panties had become wet and the sister-in-law said while sighing that Ayaam Oof AEE Dewar Raja… why are you craving so much… do something quickly… cool my heat… I am getting something… please make me mine .
I took the sister-in-law on her bed and put her on the bed and put her sari on. She was completely naked in front of me in a while and bhabhi ki xxx story.
After getting excited, I started kissing Bhabhijan and also started pressing his booby. Sister-in-law also got excited and grabbed my cock over the clothes and she started pressing the cock.
By now it had been 20 minutes. After kissing, I said to the sister-in-law, now I want to lick your pussy.
Sister-in-law Dilshad, you have taken away my mouth… I too have to suck your cock.
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Sister-in-law got off my bed and started removing my clothes and in a few moments only my brief was left on my body. I too came down and stood up.
Sister-in-law, while kneeling, also removed my tail. As soon as the briefs came out, my 8 inch long and thick cock hit Bhabhijan’s mouth. Sister-in-law got scared after seeing my cock, bhabhi ki xxx story.
Bhabhijaan – Yalla… Father, what is this, Devar ji… is this your cock… or has you got an animal attached… It will tear my pussy today. I have not seen such a big cock till today.
I smacked the cocks in Bhabhijan’s cheeks, which caused his sigh. Sister-in-law took my cock in her hand and touched her tongue on the open betel nut. As soon as my cock got a touch of Bhabhijan’s tongue, it became even more headline and pre-drops came out from the hole of the cocks.
When sister-in-law saw salty nectar coming out of the cocks, then licking the cocks with my tongue while shaking my eyes. I enjoyed seeing the obscene styling of Bhabhijan’s tongue and I got a smile from my mouth. I mashed a teat of sister-in-law vigorously.
Sister-in-law started sucking my cock with her mouth.
I- Oops of Omm Ooo… My dear, what do you suck cocks… Bhabhijaan, you are sucking cocks just like an experienced mort I have become crazy about your cock… Ah suck my life… and suck it hard.
I got excited and grabbed the sister-in-law’s hair and hit it with a loud push of cocks and took all my cocks in her mouth. This caused darkness in front of sister-in-law’s eyes and tears came from her eyes and bhabhi ki xxx story.
Sister-in-law pushed me aside from herself and started coughing – want to know what? Does someone lick so loudly? One has got the devil’s cocks… and you are not even taking pity on an angel like me.
I laughed and pressed a milk of sister-in-law and said – today the angel’s mother is going to be chud… The devil’s cock will go in the angel’s pussy.
Sister-in-law pushed me and got angry – go don’t suck me your devilish cocks…
I was sorry too much in sorry sister… sorry friend.
Sister-in-law smiled – oh don’t you say that man… never mind… it happens sometimes. By the way, I also love such painful sex, in which someone abuses me, mares and fuck like a prostitute, bhabhi ki xxx story.
I understood that today sister-in-law is incomplete fun. I too changed the tone and abused Bhabhijan and said – So, let’s go to the mortar bed… Today I am your mother Chodta. I’ll rub it like bitch bitch.
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I grabbed Bhabhijan’s hair and took him to bed and pushed him and dropped him on the bed. Right now sister would find that I spread her legs and started licking her pussy. Due to which the excitement of sister-in-law reached the seventh sky.
Bhabhijaan- Ooo o mam… um… ism aee oooh oooom I died… lick and lick… eat my mother’s aloof pussy… this is very upset it has made me… please and lick uu usma my uum eeah Lick… now please fuck me now i am not tolerant… please fuck me fuck me… extinguish my fire… tear my pussy with my cock… make me your prostitute, bhabhi ki xxx story.
I picked up the sister-in-law and pulled a slap on her cheek – the sister-in-law is very hot….
I straightened them and set my cock in their pussy and hit them with a loud push. In the first shock, more than half of my cocks got into her pussy and her eyes turned, bhabhi ki xxx story.
My push was so strong that Bhabhijan lost his life. She could not say anything. His voice was suffocated in his throat.
A moment later, the voice of Bhabhijan came out – killed motherfucker, take the mother out, or else I will die motherfucker… no fuck me to you… brother-in-law… what have you understood as my mother’s Bhosra… who has completely rammed… Ah Randwe… hurried out my burst Has gone.
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I kept quiet and lay on him for a while without moving. I kept playing with Bhabijan’s Bobo. After a while, his pain subsided, so sister-in-law started shaking her waist from below.
Sister-in-law said- Chodo Dilshad… Ah Chodo now… No one has done this to me till date… I swear, today I am blessed by kissing you. Whenever you want from today, wherever you want… You can fuck me… I am your permanent mistress from today… Please keep fucking me like this.
Just two minutes the cocks were pelting that sister-in-law fell down while saying the same thing.
I realized from the water that came out of her pussy that sister-in-law had fallen.
After a while, I started pressing and releasing them. Ten minutes later I too came close to loss.
I asked- sister-in-law, I am going to fall… tell me quickly where to get out?
Sister-in-law, take it out inside my brother… I want your water in my pussy.
After just a few sharp bumps, I fell into the sister-in-law’s pussy and lay down just like that. We both slept wrapped like this, bhabhi ki xxx story.
Half an hour later, I sensed that sister-in-law was rubbing her ass with my cock.
I asked what happened to my life… Babasir is also to be treated?
Sister-in-law laughed and said- I do not have Babasir, but it is definitely itchy in the ass.
I said – so let’s become a bitch.
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Sister-in-law quickly got out of bed and brought a jelly bottle from the front cupboard. I also came down and put the cocks on the bed and put the cocks in their mouths. Sister-in-law started sucking cocks. This time sister-in-law was holding my cock by hand and bhabhi ki xxx story.
I understood that the law has grabbed the cocks by hand so that I do not penetrate their cocks like the first time. Sister-in-law wet the cocks and came in the posse of the bitch while giving the bottle of jelly in my hand. I filled jelly in Bhabhijan’s ass and bhabhi ki xxx story.
I told him to leave the ass loose my life… the missile is about to enter.
Sister-in-law laughed.
I took the open bottle in hand and set the lump supra in the ass of the law. Made some jelly drip and pressure. Lund entered the ass. When the sister-in-law screamed, I again dripped jelly. The ass had become as smooth as a slap, bhabhi ki xxx story.
In the same way, I slowly poured the whole lavada in law’s sister-in-law. Then, keeping the bottle aside, I held the sister-in-law’s cock and started to fuck her.
Sister-in-law of the sister-in-law was late, then she too started erasing her ass from my cock.
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After twenty minutes I turned her sister-in-law and started playing her pussy. Ten minutes later I again got out in Bhabhijan’s pussy.
In this way I had enjoyed Bhabhi’s ass and pussy.
Even today I choke my sister in law. My sister-in-law has also given 4 of her friends to me. He has also given my sister a kiss from me and bhabhi ki xxx story.
Seeing the strength of my cock, he advised me to become a Gigolo. On his advice, I became a successful Jigolo. Today I run a Gigolo Club.
Friends, how did you like the story of my sister’s pussy ass… Please tell me by mail.
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