मसाज कर दोस्त की मम्मी को चोदा Hindi saxy kahani
Hindi saxy kahani: इस इंडियन आंटी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने दोस्त की मम्मी की चुदाई की. तलाक होने के बाद मैं अकेला हो गया था. आंटी मुझे मेरे अकेलेपन की साथी भी मिल गयी.
हाय दोस्तो! मेरा नाम सैंडी है. मैं दिल्ली में रहता हूँ. मेरी शादी हो चुकी थी और शादी के चार साल बाद तलाक भी हो गया.
आज मैं आप लोगों को अपनी एक इंडियन आंटी सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूं कि कैसे मैंने दोस्त की मम्मी की चुदाई की. उम्मीद करता हूं कि आपको ये पसंद आयेगी.
ये बात आज से लगभग तीन वर्ष पहले की है जब मेरी उम्र थी 28 साल की थी. तब मेरी शादी को टूटे हुए ज्यादा वक्त नहीं हुआ था. तलाक के बाद मुझे एक अधूरापन काटता रहता था. मैं जिंदगी से ज्यादा कुछ नहीं चाहता था क्योंकि बस दारू और अपने बिज़नेस को छोड़कर मेरे पास ज्यादा कुछ बचा भी नहीं था.
इंडियन आंटी सेक्स स्टोरी की शुरुआत हुई फ़ेसबुक में आए मेरे दोस्त के मेसेज से.
प्रदीप और मैं स्कूल के वक्त में बहुत अच्छे दोस्त हुआ करते थे. जब उसे मेरे तलाक के बारे में पता चला तो उसे बहुत दुख हुआ। उसने बताया कि वो रशिया में रहने लगा है और काम के चलते इंडिया में भी कम ही आता है.
इस तरह से अक्सर हम दोनों बातें करने लगे. हम लोगों की बात बढ़ने लगी.
एक दिन प्रदीप का व्हाट्सएप कॉल आया. उसने बताया कि उसकी माँ की तबियत खराब है और वो दिल्ली में अकेली रहती है. इस कारण प्रदीप बहुत चिंतित था.
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प्रदीप ने बताया कि उसके पिता का स्वर्गवास भी 2 वर्ष पूर्व ही हुआ.
मैंने उससे कहा कि मैं उसके घर चला जाता हूँ।
प्रदीप ने थोड़ा रुक कर जाने को कहा ताकि वो अपनी माँ को बता सके।
कुछ देर के बाद प्रदीप का फोन आया और उसने मुझे थोड़ी देर के बाद जाने के लिए कहा.
उसने मुझे अपनी मॉम का नम्बर बता दिया.
मगर मैंने प्रदीप का नया घर तो देखा ही नहीं था. मैंने आंटी का नम्बर लिया और उनको कॉल किया. कॉल पर मैंने उन्हें व्हाट्सएप पर उनकी लोकेशन भेजने को कहा.
आंटी ने वो भेज दी.
मैंने अपने बैग में जरूरत का सामान रखा और अपनी दारू को कोल्ड ड्रिंक की बोतल में भर कर रख लिया. फिर मैंने आंटी के घर जाने के लिए कैब बुक करवा दी.
जब मैं उनके घर के पास पहुंचा तो मैंने दोस्त की मम्मी को फोन किया कि वो बाहर दरवाजे पर खड़ी हो जायें ताकि मैं उनको देख सकूं. आंटी अपने दरवाजे पर मिलीं. मैंने उन्हें देखा तो पहचान लिया.
मैंने कैब वाले को पैसे दिये और फिर आंटी के पास जाकर उनके पैर छुए. आंटी ने मुझे गले लगाया और हम अंदर चले गये.
मैंने आंटी से कहा- आंटी, आपकी तबियत ठीक नहीं है, आप लेट जाओ, मैं सब देख लूंगा.
फिर भी दोस्त की मम्मी मेरे लिये किचन से पानी लेकर आई. मुझे गिलास थमाते हुए बोली- बेटा, तुम बेवहज परेशान हो रहे हो. मैं सब मैनेज कर लूंगी.
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मैं- आंटी आप ऐसे ना बोलिये. मुझे क्या परेशानी होगी भला? अगर प्रदीप ने मुझे पहले बता दिया होता तो मैं पहले ही आ जाता. वैसे भी मैं घर में अकेला ही रहता हूं इसलिए वहां पर बोर ही होता रहता हूं. यहां पर आपकी सेवा करने का मौका तो मिल रहा है कम से कम। इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है?
आंटी- बेटा अकेले क्यों? तुम्हारे घर वाले कहाँ हैं? और तुमने तो शादी भी की थी. वाइफ कहाँ है?
मैंने बात को काटा और आंटी को खाने के लिये पूछा.
इस पर उन्होंने कहा कि खाना बनाया हुआ है. अपने लिये उन्होंने खिचड़ी बनायी थी जो वो खा चुकी थी. मैंने उनको आराम करने के लिये कहा और खुद किचन में जाकर अपने लिये खाना निकाला.
मुझे मेरा रूम बता कर आंटी अपने कमरे में चली गयी.
बैठक वाले हॉल में मैंने खाना लगाया और टीवी देखने लगा. खाने के साथ मैंने वो कोल्ड ड्रिंक वाली बोतल भी निकाल ली. मुझे खाने के साथ ही पीने की भी आदत थी.
मैं अपने खाने में और पीने में मस्त होकर टीवी देख रहा था कि दोस्त की मम्मी के रूम से कुछ गिरने की आवाज आई. मैं देखने के लिए उनके रूम की ओर भागा. मैंने पाया कि आंटी कुछ ढूंढ रही थी.
आंटी से पूछा- क्या हुआ आँटी? मैं कुछ मदद कर सकता हूँ?
आंटी- नहीं बेटा, मैं अपना बाम ढूंढ़ रही हूँ. मेरा सिर दर्द से फटा जा रहा है.
मैं- आंटी उसे छोड़िए. मेरे पास बाम है. आप लेट जाइए, मैं लगा देता हूँ.
ये बोलकर मैं अपने बैग से बाम लेकर आँटी के रूम में पहुँचा जहाँ आँटी अपने बिस्तर में लेटी हुई थी.
मैं- आंटी सीधी लेट जाइए. मैं आपका हेड मसाज कर देता हूँ.
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आंटी- क्यों परेशान हो रहे हो बेटा?
मैं- प्लीज आंटी, अगर अपना बेटा मानते हो तो मत रोको.
ये बोलते हुए मैंने बाम खोला और उनके सिरहाने के पास पहुँच गया. जैसे ही मैंने बाम उनके माथे पर लगाया मेरे शरीर में एक अजीब सी हरकत हुई और मेरा मन करने लगा कि मैं आँटी के पास चिपक कर सो जाऊँ.
मुझ पर दारू का नशा भी चढ़ गया था। आंटी ने मैक्सी पहनी थी. मैं बिना कुछ बोले उनके पाँव के पास आ गया और दबाने शुरू कर दिए.
आंटी- क्यों परेशान हो रहे हो सैंडी बेटा? तुम सो जाओ.
मैं जानता था कि आंटी बस इसलिये संकोच कर रही थी क्योंकि मैं काफी अरसे बाद पहली बार उनसे मिला था. मैं बिना कुछ बोले उनके पैर दबाता रहा.
वो भी थोड़ा सा मना करती रहीं पर कुछ नहीं बोलीं।
कुछ देर बाद चुप्पी मैंने तोड़ी. उनसे पूछा- वैसे हुआ क्या है आपको?
दोस्त की मम्मी- कुछ नहीं बस कमजोरी है और पूरा शरीर टूट रहा है. कल चक्कर भी आ गए थे. चार दिनों से कामवाली भी नहीं आ रही है. गलती से ये बात मैंने पिंटू (वो प्यार से प्रदीप को पिंटू कहती थी) की बीवी को बता दी. तब उसने तेरे पास फोन करके तुझे भी परेशान कर दिया.
मैं- कितना लकी है वो और आप भी कि आपको इतनी अच्छी ऐन्ड्रा भाभी मिलीं हैं. विदेशी हैं मगर फिर भी ख्याल पूरा रखती हैं. वो बोल रही थी कि आपको बुला रही हैं मगर आप जा नहीं रहे हो?
बात करते करते मेरे हाथ उनके पैरों को दबा रहे थे. धीरे धीरे मुझे उनके पैरों की मखमली छुअन का अहसास हो रहा था.
आंटी- बस अगले महीने सोच रहीं हूँ मगर मैं इस बीमार शरीर के साथ नहीं जाना चाहती। थोड़ा घुटनों के पास दबा दे बेटा.
ये बोलते हुए उन्होंने करवट ले ली.
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आंटी- तेरे हाथों में कुछ बात तो है सैंडी.
मैं- अरे नहीं आंटी, मैं कोई पेशेवर मसाज वाला नहीं हूं. मैं तो बस आपको आराम देने की कोशिश कर रहा हूं.
मानो आंटी कहना चाह रही हो कि उन्हें काफी रिलेक्स फील हो रहा है.
मैं बोला- आंटी अगर बात सिर्फ़ कमज़ोरी और शरीर टूटने की है तो आप मुझ पर छोड़ दो. आपके घर में सरसों का तेल है क्या?
आंटी- हाँ है, पर क्यों?
जैसे आंटी जान गयी थी कि उनको पता है कि मैं उनकी मालिश करने वाला हूं. फिर भी वो पूछ रही थीं.
फिर वो बोली- तेल चाहिए तो किचन में रखा हुआ है. जाकर उठा ले आ.
मैं- ओके, मैं देख लूंगा. आप ब्लॉवर ऑन करो. (जनवरी की ठंड का वक्त था) किस्मत अच्छी थी कि किचन में तेल तो मिला ही, साथ में फ्रिज में बीयर भी थी. क्या फ़र्क पड़ता है कि आंटी की थी या पिछले महीने जब प्रदीप और भाभी आए थे तो उनकी थी.
बस मेरे सामने थी तो मैंने पी ली और तेल गुनगुना करके आंटी के पास पहुंचा. पैरों के पास जाकर उनके तलवों में मालिश शुरू की. बहुत मुलायम तलवे थे उनके.
आंटी को मैंने आज से पहले ऐसी वासना भरी नजर से कभी नहीं देखा था. मेरी नजरें उनके 36-32-34 के फीगर को घूर घूर कर नाप ले रही थीं.
उनकी मैक्सी को मैंने थोड़ा ऊपर किया तो उनकी गोरी गोरी टांगें मेरे सामने निकल आईं. उनकी टांगों पर एक भी बाल नहीं था. मैंने अपने तेल वाले हाथ लगाये तो तेल भी शहद सा चमकने लगा.
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मगर आंटी के हाव भाव में अभी कामुकता कहीं दूर दूर तक भी नहीं थी. मेरे लिये अब ये एक चेलेंज बन गया था क्योंकि मैंने आंटी को गर्म करने की ठान ली थी. मेरा आकर्षण आंटी के बदन की ओर बढ़ता ही जा रहा था.
मैंने पूछा- आँटी, कैसा लग रहा है?
आँटी- बहुत अच्छा लग रहा है सैंडी. मैं तो सलाह दूंगी कि तू अपना काम छोड़ कर एक मसाज सेंटर खोल ले.
मैं- अरे आप भी क्या बोल रही हो आंटी … मैं सबको थोड़ी ही करता हूँ? मैं तो बस आपके आराम के लिए ये सब कर रहा हूं. अब आप उल्टा लेट जाओ. मैं घुटने दबा देता हूँ.
आंटी अब उल्टी लेट गयी और मैंने मैक्सी घुटने से ऊपर उठा दी. क्या नज़ारा था मेरी आंखों के सामने, मैं उनके घुटनों की बनावट से अंदाजा लगा सकता था कि आगे की यात्रा अगर मंगलमयी रही तो जन्नत मिलने वाली है.
दोस्त की मम्मी पूछने लगी- अरे तेरी बीवी कहां है? वो तेरे साथ में नहीं रहती क्या?
ये पूछ कर आंटी ने जैसे मेरी दुखती हुई रग पर हाथ रख दिया. मैं कुछ देर तक तो मानो चुप ही रहा. कुछ नहीं बोला.
चूंकि दारू का नशा था और उस नशे में आदमी ज्यादा भावुक और रोमांटिक हो जाता है.
तलाक की बात सोच कर मेरी सारी पुरानी यादें ताजा हो गयीं. मेरी आंखें भर आईं और एक आंसू टप करके आंटी की टांग पर गिर गया. उन्होंने पलट कर देखा तो मैं रो रहा था.
बिना कुछ बोले मैं वहां से उठा और किचन में चला गया. फ्रिज खोला और जो बीयर की दूसरी बोतल थी वो भी खोल कर पीने लगा. ये लास्ट बोतल बची हुई थी. बीयर पीकर मैं दोबारा से आंटी के पास गया.
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आंटी बैठी हुई थी.
आंटी- क्या हुआ सैंडी?
अभी भी मेरा गला भर भर आ रहा था. मैं कुछ बोलना चाह रहा था मगर आवाज की जगह आँसू निकल आते थे. मैंने कुछ नहीं सोचा और मैं सीधा आंटी से जाकर लिपट गया.
उन्होंने मुझे अपनी बांहों में ले लिया और मुझे संभाला. मेरे सीने पर आंटी के सीने का स्पर्श हो रहा था. वो मेरे बालों को सहला रही थी. कुछ देर तक इन पलों का आनंद लेने के बाद मैंने खुद को आंटी से अलग किया.
मैं- आंटी, आप इन बातों को छोड़ो. मैं अब अकेला हूं और ऐसे ही खुश हूं.
ये बोलते हुए मैंने आंटी को फिर से लेटने को कहा.
मैं फिर से उनकी मालिश करने लगा. मैंने म्यूजिक ऑन कर दिया. मैंने अपने फोन में बांसुरी की धुन लगा दी और आंटी के पैरों की मालिश करने लग गया.
मेरे हाथ अब धीरे धीरे ऊपर की तरफ बढ़ते जा रहे थे. हर चक्कर के साथ मेरे हाथ थोड़ा और ऊपर तक चले जाते थे. फिर आंटी अचानक सीधी लेट गयी. मगर मैंने मसाज को जारी रखा.
आंटी सेक्स के लिए तैयार थी.
मैंने उनकी मैक्सी को और ऊपर कर दिया. उन्होंने कोई विरोध नहीं किया. मगर हैरानी इस बात की थी उनकी आंखें खुली हुई थीं. उनमें न तो हवस थी और न ही शर्म. बस प्यार दिखाई दे रहा था.
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आंटी की जांघों को मैं दबा दबा कर मसाज कर रहा था. मुझे आंटी की पैंटी साफ दिख रही थी. मेरे हाथ धीरे धीरे उनकी पैंटी की ओर बढ़ रहे थे. एक समय ऐसा आया कि मेरी उंगलियां आंटी की पैंटी छूकर आने लगीं.
मेरा लौड़ा तन गया. आंटी की चूत के बारे में सोच कर ही लंड फनफना गया था.
बहुत कोशिश की रोकने की लेकिन नहीं रुका गया. तो आखिर में मैंने आंटी की पैंटी पर हाथ ही रख दिया. आंटी की चूत मुझे मेरे हाथ के नीचे टच हो गयी.
आंटी ने अब भी कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं दी.
मैंने आंटी की चूत को पैंटी के ऊपर से सहला दिया. आंटी ने धीरे से अपनी आंखें बंद कर लीं. ये मेरे लिए हरी झंडी थी कि दोस्त की मम्मी की चुदाई की सहमति मिल गयी है. आंटी सेक्स के लिए तैयार थी.
मैंने नीचे झुक कर आंटी की पैंटी पर ही मुंह रख दिया और आंटी की चूत को पैंटी के ऊपर से ही चाटने लगा. सब कुछ चुपचाप हो रहा था. दो मिनट में ही आंटी की पैंटी से चूत रस की खुशबू आने लगी थी. ऊपर से तो पूरी पैंटी मेरे थूक में गीली हो गयी थी और नीचे उनकी चूत के रस में।
उसके बाद मैंने पैंटी को भी निकाल दिया. दोस्त की मम्मी की चूत नंगी हो गयी. उनकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे मानो 4-5 दिन पहले ही ट्रिम किये गये हों.
मैंने आंटी की चूत को चाटना शुरू कर दिया. उन्होंने अब धीरे से आहें लेना शुरू कर दिया. उनकी चूचियां ऊपर नीचे होने लगी थीं और सांसें तेज हो गयी थीं.
तीन-चार मिनट तक मैं आंटी की नंगी चूत को चाटता रहा. उसके बाद मैंने आंटी को उठने के लिए बोला और खुद नीचे लेट गया. मैंने आंटी को अपने होंठों पर आने के लिये कहा. आंटी मेरी छाती के दोनों ओर पैर करके अपनी मैक्सी उठा कर मेरे होंठों के पास अपनी चूत को ले आई.
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मैंने आगे बढ़ कर आंटी की चूत में मुंह दे दिया और उसकी चूत को जोर जोर से चूसने और चाटने लगा. मेरे होंठों पर चूत को लगाये हुए ही आंटी ने अपनी मैक्सी और ब्रा भी उतार दी.
आंटी के चेहरे को देख कर लग रहा था कि अब वो एक पल के लिए भी मेरे मुंह से अपनी चूत को अलग नहीं करना चाहती है. अब वो खुद ही मेरे हाथों को अपनी छाती पर ले गयी.
मुझे उम्मीद नहीं थी कि 52 साल की उम्र में भी आंटी के जिस्म में इतना जोश होगा. मैंने उनको सीधी लेटने को बोला. वो लेट गयी. मैंने उनकी चूचियों को दबाना शुरू किया और नाभि को भी चाटने लगा.
धीरे धीरे मैं अपने मुँह को उनकी छाती पर और हाथ को नाभि पर ले गया. मेरा लंड तन कर लोहा हो चुका था. उनके दूध चूसकर मैं उन्हें और गर्म कर रहा था.
अब मैं और नहीं रुक सकता था. अब मैंने अपने कपड़े भी उतार फेंके. जब अंडरवियर उतार रहा था तो आंटी मेरे लंड को हवस भरी नजर से देख रही थी.
मैंने अब फिर से आंटी की चूत को चूसना शुरू कर दिया. जैसे ही मैंने दूध चूसते हुए एक उंगली उनकी चूत में डाली तो वो चिल्ला पड़ी.
मैंने उनके मुँह पर हाथ रखा और दोनों टांगें चौड़ी करके लंड को उनकी चूत पर रगड़ना चालू किया.
आखिरकार आंटी सिसकारते हुए बोली- आह्ह सैंडी, स्स्स… अब अंदर डाल.
मगर मैं बिना कॉन्डम के दोस्त की मम्मी की चुदाई नहीं कर सकता था. मैं कॉन्डम लेने गया तो आंटी सिसकारते हुए चूत में लंड डालने के मिन्नत कर रही थी. जल्दी से मैं अपने बैग से कॉन्डम लेकर आया.
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वापस आकर कुछ ही पलों में मैंने अपने लंड पर कॉन्डम चढ़ाया और दोबारा आंटी को चूसना शुरू कर दिया.
आंटी फ़िर बोलने लगी- सैंडी प्लीज़ … अब तो डाल अंदर.
मैंने भी देर नहीं की और एक झटके में लंड को अंदर डाल दिया.
आंटी की चूत में लंड देकर मैं आंटी को चोदने लगा. आंटी ने मेरे हाथ अपने चूचों पर रखवा लिये. उनका इशारा था कि मैं उनकी चूचियों को दबा दबा कर उनकी चूत मारूं.
मैंने आंटी के बूब्स को दबाते हुए उनकी चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया. आंटी के चेहरे पर चुदाई के आनंद की मदहोशी बिखरने लगी. आंटी जैसे आत्मा तक तृप्त हो रही थी.
मुझे भी बहुत दिनों के बाद चूत मिली थी. चुदी हुई ही सही लेकिन चूत तो चूत ही होती है.
ऊपर से दारू का नशा भी था इसलिए आंटी की चूत चोदने में पूरा मजा आ रहा था. मैं दोस्त की मम्मी की चुदाई करता रहा और आंटी बीच बीच मुझे अपने ऊपर खींच कर मेरे होंठों को चूसने लगती.
पता नहीं कितनी देर तक मैं आंटी की चुदाई करता रहा. नशे में टाइम का ज्यादा कुछ होश नहीं था. मगर मैं एक गर्लफ्रेंड की तरह आंटी को चोदता रहा.
आंटी को चोदते चोदते मैं स्खलन के करीब पहुंच गया. मैंने तेज तेज धक्के लगाते हुए आंटी की चूत में घुसे कॉन्डम चढ़े लंड से तेज तेज वीर्य की पिचकारी मारी जिसने मेरे कॉन्डम को भर दिया.
उसके बाद मैं आंटी के ऊपर गिर गया. मगर फिर लंड के सिकुड़ने से पहले ही मैंने लंड को चूत से बाहर खींचा और कॉन्डम निकाल कर उसको गांठ मारकर कूड़ेदान में फेंक आया.
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वापस आया तो मेरा झूलता हुआ लंड देख कर आंटी मुस्करा रही थी. मैं भी नशे में था इसलिए मैंने ज्यादा कुछ रिएक्ट नहीं किया और हल्का सा मुस्करा कर बेड पर आकर गिर गया.
आंटी की चूचियों पर अपना सिर रख कर मैं सो गया. मुझे नींद लग गयी और फिर शाम को ही आंख खुली. आंटी की तबियत ठीक लग रही थी. उन्होंने मुझे घर जाने के लिए कहा. मगर मैं नहीं गया क्योंकि प्रदीप ने मुझे दो दिन तक वहीं रहने के लिए बोला था.
दो दिन तक मैं आंटी के घर में ही रहा और इस दौरान चार बार दोस्त की मम्मी की चुदाई मुझसे हुई. आंटी से मेरी अच्छी दोस्ती हो गयी. प्रदीप को इस बारे में कुछ नहीं पता था मगर मुझे मेरे अकेलपन की साथ प्रदीप की मॉम के रूप में मिल गयी थी.
दोस्तो, आपको मेरी यह दोस्त की मम्मी की चुदाई स्टोरी कैसी लगी मुझे इसके बारे में कमेंट बॉक्स में जरूर बताना.
इसके अलावा आप मुझे मेरी ईमेल पर भी संपर्क कर सकते हैं. इंडियन आंटी सेक्स स्टोरी मुझे आप लोगों की प्रतिक्रियाओं का बेसब्री से इंतजार रहेगा. और सेक्स विडियो और new कहानी पढने के लिये telegram ग्रुप join कर सकते है. [email protected]
Read in English
Masaaj kar Dost ki maa ki chudai Hindi saxy Kahani
Hindi saxy Kahani: In this Indian aunty sex story, read how I fuck my friend’s mother. I got lonely after getting divorced. Aunt I also found my loneliness partner.
Hi guys! My name is Sandy. I live in delhi I was married and divorced after four years of marriage.
Today I am going to tell you one of my Indian aunty sex story how I fuck friend’s mother. I hope you will like it.
This is about three years ago when I was 28 years old. Then my marriage was not broken much time. After the divorce, I used to keep a incomplete cuteness. I did not want anything more than life because I did not have much left except just the wine and my business like Hindi saxy Kahani.
Indian aunty sex story started with my friend’s message in Facebook then Hindi saxy Kahani.
Pradeep and I used to be very good friends during school time. He was very sad when he came to know about my divorce. He told that he has started living in Russia and due to work, he rarely comes in India like Hindi saxy Kahani.
In this way, we often started talking. We started talking.
One day Pradeep’s WhatsApp call came. She told that her mother is ill and she lives alone in Delhi. Due to this Pradeep was very worried.
Hindi saxy kahani
Pradeep told that his father also died 2 years ago.
I told her that I go to her house.
Pradeep asked to stop a little so that he could tell his mother then Hindi saxy Kahani.
After some time Pradeep’s call came and he asked me to leave after a while.
He told me the number of his mother.
But I had not seen Pradeep’s new house. I took the aunt’s number and called them. On the call, I asked them to send their location on WhatsApp and ejoy the Hindi saxy Kahani.
Aunt sent it.
I put the essentials in my bag and stuffed my liquor in a bottle of cold drink. Then I got the cab booked to go to the aunt’s house like Hindi saxy Kahani.
When I reached near his house, I called the friend’s mother to stand outside the door so that I could see them. Aunt met at her door. I recognized them when I saw them.
I gave money to the cab and then went to the aunt and touched her feet. Auntie hugged me and we went inside, then start.
I told the aunt – aunt, your health is not good, you lie down, I will see everything.
Still the friend’s mother brought water for me from the kitchen. Giving me a glass, she said – Son, you are getting unnecessarily upset. I will manage everything
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I – aunt you should not say like this. What would be wrong with me? If Pradeep had told me earlier, I would have come earlier. Anyway, I live alone in the house, so I keep getting bored there. There is at least a chance to serve you here. What else could be better than this?
Aunty son why alone? Where are your housemates And you also got married. Where is the wife?
I cut the matter and asked the aunt to eat like Hindi saxy Kahani.
On this, he said that the food is cooked. She made khichdi for herself which she had eaten. I asked them to rest and went to the kitchen and got food for themselves for Hindi saxy Kahani.
After telling me my room, the aunt went to her room.
I put food in the living hall and started watching TV. Along with eating, I took out the bottle with that cold drink. I used to eat and drink as well on Hindi saxy Kahani.
I was watching TV in my food and drinking while watching the sound of something falling from the friend’s mother’s room. I ran towards his room to see. I found that aunt was looking for something on Hindi saxy Kahani.
Asked aunt – what happened Aunty? Can i help you?
Aunt- No son, I am looking for my balm. My head is torn from pain.
I – aunt leave it. I have balm You lie down, I put it on then Hindi saxy Kahani.
Saying this, I took the balm from my bag and reached the room in the room where Aunty was lying in her bed on Hindi saxy Kahani.
I – Lie down straight away. I massage your head.
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Aunt – Why are you worried son?
I – please aunt, do not stop if you believe in your son.
Speaking of this, I opened the balm and reached near his head. As soon as I applied the balm on his forehead, a strange movement took place in my body and I started thinking that I should sleep by sticking to the aunt and enjoy Hindi saxy Kahani.
I was also addicted to alcohol. Aunt wore maxi. I came near his feet without saying anything and started pressing the Hindi saxy Kahani.
Aunt- Why are you getting upset Sandy son? You sleep.
I knew that the aunt was hesitant just because I met him for the first time after a long time. I kept pressing his feet without saying anything about Hindi saxy Kahani.
She also refused a little but did not say anything.
After some time I broke the silence. He asked – what happened to you?
Friend’s mother- Nothing is just weakness and the whole body is falling apart. Yesterday was also dizzy. For four days, even the worker is not coming. I accidentally told this to Pintu’s wife (she affectionately called Pradeep as Pintu). Then he called you and disturbed you too then Hindi saxy Kahani.
Me- how lucky he is and you too that you have got such good Andra Bhabhi. Are foreigners but still take care. She was saying that she is calling you but you are not going?
While talking, my hands were pressing his feet. Slowly I felt the velvet touch of his feet.
Aunty – I am just thinking next month but I do not want to go with this sick body. Son should be pressed slightly near his knees on Hindi saxy Kahani.
Speaking of this, he took a turn.
Hindi saxy kahani
Aunty, there is something in your hands, Sandy.
Me- Oh no auntie, I am not a professional massager. I am just trying to comfort you.
As if the aunt is trying to say that she is feeling very relaxed the Hindi saxy Kahani.
I said, aunt, if it is just about weakness and body breakdown then you leave it to me. Is there mustard oil in your house?
Aunt – yes, but why?
As the aunt knew that she knew that I was going to massage her. Still she was asking.
Then he said – if you want oil, it is kept in the kitchen. Go and pick it up the Hindi saxy Kahani.
I – Okay, I’ll see. You turn on the blogger. (It was the cold time of January) Luck was good that there was oil in the kitchen, as well as beer in the fridge. Does it matter whether it was aunt or when Pradeep and sister-in-law came last month onHindi saxy Kahani?
When the bus was in front of me, I drank and lukewarm the oil and reached the aunt. Going to the feet started massaging on their soles. His soles were very soft in Hindi saxy Kahani.
I had never seen an aunt with such a lustful eye before today. My eyes were staring at their figure of 36-32-34 and staring.
When I maxed out his maxi, his white fair legs came out in front of me. There was not a single hair on his legs. When I put my oil hands, the oil also started glowing like honey.
Hindi saxy kahani
But sex was not even far away in aunt’s body language. For me it had become a challenge now because I was determined to heat the aunt. My attraction was increasing towards aunt’s body.
I asked – Aunty, how do you feel?
Aunty – Looks great Sandy. I would advise that you leave your work and open a massage center start Hindi saxy Kahani.
Me- Hey, what are you speaking aunt too… I do a little bit of everyone? I am doing all this just for your comfort. Now you lie down. I squeeze my knee.
The aunt now lay down vomiting and I lifted Maxi above the knee. What a sight it was, in front of my eyes, I could have guessed from the shape of their knees that if the journey ahead is auspicious, Jannat is going to get.
Friend’s mother started asking- Where is your wife? Does she not live with you?
Asking this, the aunt laid her hand on my sore neck. I was silent for a while. Said nothing like Hindi saxy Kahani.
Since Daru was intoxicated and that drunk man becomes more emotional and romantic.
Thinking about divorce, all my old memories are refreshed. My eyes were filled and a tear dripped and fell on the leg of the aunt. He was crying when he looked back on Hindi saxy Kahani.
I knew that the aunt was hesitant just because I met him for the first time after a long time. I kept pressing his feet without saying anything the Hindi saxy Kahani.
She also refused a little but did not say anything.
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Friend’s mother- Nothing is just weakness and the whole body is falling apart. Yesterday was also dizzy. For four days, even the worker is not coming. I accidentally told this to Pintu’s wife (she affectionately called Pradeep as Pintu). Then he called you and disturbed you too the Hindi saxy Kahani.
Me- how lucky he is and you too that you have got such good Andra Bhabhi. Are foreigners but still take care. She was saying that she is calling you but you are not going?
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Aunty – I am just thinking next month but I do not want to go with this sick body. Son should be pressed slightly near his knees.
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Aunt – yes, but why?
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I – Okay, I’ll see. You turn on the blogger. (It was the cold time of January) Luck was good that there was oil in the kitchen, as well as beer in the fridge. Does it matter whether it was aunt or when Pradeep and sister-in-law came last month.
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I asked – Aunty, how do you feel?
Aunty – Looks great Sandy. I would advise that you leave your work and open a massage center on Hindi saxy Kahani.
Me- Hey, what are you speaking aunt too… I do a little bit of everyone? I am doing all this just for your comfort. Now you lie down. I squeeze my knee then Hindi saxy Kahani.
The aunt now lay down vomiting and I lifted Maxi above the knee. What a sight it was, in front of my eyes, I could have guessed from the shape of their knees that if the journey ahead is auspicious, Jannat is going to get.
Friend’s mother started asking- Where is your wife? Does she not live with you?
Asking this, the aunt laid her hand on my sore neck. I was silent for a while. Said nothing.
Since Daru was intoxicated and that drunk man becomes more emotional and romantic.
Thinking about divorce, all my old memories are refreshed. My eyes were filled and a tear dripped and fell on the leg of the aunt. He was crying when he looked back….Hindi saxy Kahani.
Without saying anything, I got up from there and went to the kitchen. Opened the fridge and the second bottle of beer was also open and he started drinking. This last bottle was left. After drinking beer, I went to the aunt again.
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Aunt was sitting.
Aunt- What happened to Sandy?
Still my throat was getting full. I wanted to say something, but instead of voice, tears would come out. I didn’t think anything and I went straight from the aunt and hugged the Hindi saxy Kahani.
They took me in their arms and held me. There was a touch of aunt’s chest on my chest. She was rubbing my hair. After enjoying these moments for a while, I separated myself from the aunt.
Me- Aunty, you leave these things. I am single now and am happy just like that.
Speaking of this, I asked the aunt to lie down again in Hindi saxy Kahani.
I started massaging them again. I turned on the music. I tuned the flute in my phone and started massaging the feet of the aunt enjoy the Hindi saxy Kahani.
Now my hands were slowly moving upwards. With each affair, my hands used to go up a little more. Then suddenly the aunt lay down straight. But I continued the massage.
Aunt was ready for Hindi saxy Kahani.
I put his maxi up. He did not protest. But surprisingly, his eyes were open. There was neither lust nor shame in them. Just love was visible.
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I was massaging the thighs of the aunt by pressing them. I could see aunt’s panties clearly. My hands were slowly moving towards her panties. There came a time when my fingers started touching aunty’s panties.
My Aloda got tanned. The cocks were buried while thinking about aunty’s pussy.
Many attempts were made to stop but not stopped. So finally I put my hands on the aunt’s panties. Aunty’s pussy touched me under my hand then Hindi saxy Kahani.
The aunt still did not give any specific response.
I stroked aunty’s pussy on top of panties. Aunt slowly closed her eyes. It was a green signal to me that the consent of the friend’s mother’s sex was reached. Aunt was ready for sex.
I bent down and put my mouth on the aunt’s panty and started licking the aunt’s pussy from the top of the panty. Everything was happening quietly. Within two minutes, the scent of pussy juice started coming from aunt’s panties. From the top, the entire panty was wet in my spit and below in her pussy juice and got Hindi saxy Kahani.
After that I also removed the panties. Friend’s mother’s pussy became naked. He had short hair on his pussy as if he had been trimmed 4-5 days before.
I started licking Auntie’s pussy. He now slowly started sighing. His Tits had started getting up and down and the breath was fast.
For three-four minutes I kept licking aunt’s naked pussy. After that I told the aunt to get up and lay down herself. I asked the aunt to come on my lips. Auntie legs on both sides of my chest, lifted her maxi and brought her pussy near my lips.
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I went ahead and put my mouth in the aunt’s pussy and started sucking and licking her pussy vigorously. The aunt also removed her maxi and bra while applying the pussy on my lips.
Looking at the aunt’s face, it seemed that now she does not want to separate her pussy from my mouth even for a moment. Now she herself took my hands to her chest.
I did not expect that even at the age of 52, there will be so much passion in Aunty’s body. I told him to lie down straight. She lay down I started pressing her pussy and started licking the navel too….
Slowly I moved my mouth to his chest and hand to navel. My cock was tanned. I was heating them further by sucking their milk.
Now I could not wait. Now I also took off my clothes. When she was taking off her underwear, the aunt was looking at my cock with lustful eyes.
Now I started sucking auntie’s pussy again. As soon as I put a finger in her pussy while sucking milk, she screamed.
I put my hands on his mouth and widened both legs and started rubbing the cocks on his pussy.
Finally the aunt sighed, bid- Ahh Sandy, Sss… now put in.
But I could not fuck my friend’s mother without condom. When I went to get condoms, aunt was pleading to insert cocks in her pussy. Quickly I brought the condom out of my bag.
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After coming back, I put condom on my cock and started sucking the aunt again.
Aunt started speaking again- Sandy please… Now put it inside.
I too did not delay and in one stroke put the cocks inside.
By giving cocks to aunt’s pussy, I started fucking aunt. Aunt put my hands on her legs. His gesture was that I should press his pussy and hit his pussy.
I started sucking aunties in their pussy while pressing Boobs. The pleasure of sex on the aunt’s face began to shatter. Even the soul like aunt was being satisfied.
I too got pussy after a long time. Fucked right but pussy is only pussy.
There was also the intoxication of liquor from above, so aunty’s pussy was full of fun. I continued to fuck friend’s mother and aunt used to drag me on top and suck my lips.
I do not know how long I used to fuck aunt. There was not much consciousness of time drunk. But I kept fucking aunt like a girlfriend.
Chodte Chodte aunt I came close to ejaculation. I hit the aunt’s pussy with great speed and hit the condom with sharp semen, which filled my condom.
After that I fell on top of the aunt. But then before the cocks shrink, I pulled the cocks out of the pussy and took out the condom and lumped it in the trash.
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When I came back, my aunt was smiling after seeing my swinging cocks. I was also drunk so I did not react much and came down on the bed with a slight smile.
Putting my head on Auntie’s Tits, I slept. I felt sleepy and then opened my eyes in the evening. The aunt was feeling fine. They asked me to go home. But I did not go because Pradeep asked me to stay there for two days.
For two days, I stayed in Auntie’s house and during this time four times my friend’s mother’s mother was fuck me. My good friendship with the aunt. Pradeep did not know anything about this, but I got my singleness as Pradeep’s mother.
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