झांटें साफ़ कर ससुर जी ने की मेरी चुदाई Hindisexstoris
Hindisexstoris: मेरे ससुर डॉक्टर हैं. मैं प्रेग्नेंट थी, मेरा नवां महीना चल रहा था. ससुर ही मेरी जांच करते थे. एक दिन मैं और मेरे ससुर ही घर में थे. मैं रसोई में थी कि मुझे चक्कर आ गया.
दोस्तो, मेरा नाम राजसी है. मैं Mast Hindi Story पर रोज सेक्स कहानी पढ़ती हूं और इन मस्त कहानियों को पढ़ने के बाद मुझे भी लगने लगता है कि मैं भी अपनी सेक्स कहानी आप सब लोगों को बताऊं.
सभी लड़के अपने लंड को पकड़ लें और लड़कियां अपनी चूत में उंगली अन्दर कर लें क्योंकि यह कहानी इतनी मजेदार है कि आपके छेद से पानी निकल जाएगा.
हमारी फैमिली में हम 4 मेंबर हैं. मैं, मेरे पति, मेरी सास और मेरे ससुर.
मैं 23 साल की हूँ, मेरे पति मुकेश 25 साल के हैं, मेरी सास नीता 44 साल और मेरे ससुर हरीश 46 साल के हैं.
मेरी शादी राजस्थान के एक छोटे से गांव में हुई थी. मैं अपने बारे में बता दूं कि मैं एक बहुत ही मस्त और सेक्सी शरीर की मालकिन हूं. मुझे देखते ही बुड्ढों का लंड भी खड़ा हो जाता है और वे मेरी मटकती गांड को देख कर आहें भरने लग जाते हैं.
यह कहानी आज से 6 महीने पहले उस समय की है, जब मैं प्रेग्नेंट थी और मेरा नवां महीना चल रहा था, जो कि आखिरी महीना होता है. मैं प्रेगनेंसी के टाइम पर घाघरा लुंगड़ी पहनती थी. ये ड्रेस हमारे तरफ के गांवों में अक्सर पहनी जाती है.
मेरी सास हाउसवाइफ थीं, मेरे ससुर एक डॉक्टर थे जो गांव के एक मात्र हॉस्पिटल में काम करते थे. मैं अपना चेकअप वहीं उसी हॉस्पिटल में करवाती थी और मेरा चेकअप पापा ही करते थे.
उस दिन चेकअप के बाद पापा ने हमको इसी हफ्ते में डिलीवरी का टाइम बताया था.
चेकअप के दूसरे दिन जब सब लोग खाना खा रहे थे, तब मम्मी ने कहा कि जोधपुर में उनकी एक सहेली है, जिसके लड़के की शादी है, उसमें उन्हें जाना है तो वो आज ही निकल रही हैं.
इस पर पापा ने बोला- तुम अकेले कैसे जाओगी, मुकेश को अपने साथ ले जाओ.
मम्मी मान गईं. वे दोनों शाम को ही निकल गए.
अब घर पर मैं और मेरे ससुर ही रह गए थे. पन्द्रह तारीख को जब पापा शाम को घर आए, तो उन्होंने कहा कि 16 तारीख की हॉस्पिटल की छुट्टी है, वो कल घर पर ही रहेंगे.
मैंने कहा- ठीक है.
हम दोनों ने खाना खाया और सो गए.
मैं सुबह उठकर चाय बना कर ससुर को उनके रूम में चाय लेकर गई और उनको जगा कर चाय देखकर वापस आकर खाना बनाने लगी.
इतनी देर में ससुर जी उठ कर आ गए. वो नहा धो लिए थे.
उन्होंने आकर देखा कि मैं खाना बना रही हूं, तो बोले कि लाओ मैं तुम्हारी मदद कर देता हूं.
मैं बोली कि नहीं पापा, मैं कर लूंगी. आप वहां बैठिए, मैं खाना लेकर आती हूं.
मैं खाना लेकर जा रही थी, अचानक मुझे चक्कर आ गया मैं दीवार का सहारा लेकर गिरती चली गई और मैं बेहोश हो गई.
जब मेरी आंखें खुलीं, तो मैं अपने बेडरूम में थी. शायद पापा मुझे उठा कर लेकर आए थे.
पापा भी वहीं खड़े थे. पापा बोले- बेटी, तुम ठीक हो न … कहीं चोट तो नहीं आई?
मुझे उस टाइम कमर में दर्द हो रहा था … तो मैंने कहा कि पापा मेरी कमर में बहुत दर्द हो रहा है, मुझसे हिला भी नहीं जा रहा है … ये मेरी डिलीवरी का टाइम भी नजदीक है, मैं क्या करूं?
पापा बोले- तुम घबराओ मत … मैं हूं ना … मेरे पास एक तेल है, जो बहुत ही असरदार है. उसी से सब ठीक हो जाएगा.
फिर पापा वो तेल लेकर आ गए और बोले- यह लो, बहू ये तेल लगा लो.
मैं जैसे ही तेल लेकर उठने को हुई, तो मुझसे तो हिला भी नहीं जा रहा था.
मैंने कहा- पापा मुझे बहुत दर्द हो रहा है मुझसे नहीं लगेगा.
इतने में पापा बोले- ठीक है लाओ, मैं लगा देता हूं … तुम घबराओ मत.
मैं कुछ देर सोच कर बोली- ठीक है पापा, अभी लगा दो बहुत दर्द हो रहा है.
पापा बोले- तुम लुंगड़ी को साइड में करके करवट ले लो, तेल लगाने में आसानी होगी.
मैंने ऐसा ही किया, पापा ने जैसे ही तेल मेरी कमर पर डाला … तो तेल बहुत गर्म लग रहा था … शायद तेल ही ऐसा था. मुझे लगता है कि वो कोई आयुर्वेदिक तेल था, जिसके कारण गर्म लग रहा था.
पापा भी बूंद-बूंद करके मेरी कमर पर डाल रहे थे, तो थोड़ा तेल मेरे पेट पर आ रहा था. थोड़ा पीछे की तरफ कमर पर जा रहा था. मुझे सिरहन सी हो रही थी और मेरा शरीर कांप रहा था … क्योंकि मेरे पापा मुझे पहली बार हाथ लगाने वाले थे.
फिर पापा ने बिना देर किए एक हाथ मेरे पेट पर और दूसरा हाथ मेरी कमर पर रख दिया और मेरे जिस्म को मलने लगे. मुझे बहुत अजीब सा लग रहा था, पर अच्छा भी लग रहा था. उनका मजबूत हाथ मेरे पेट और कमर पर घूम रहा था. पापा धीरे धीरे मालिश करने लगे. मेरी तो आंखें बंद हो गई थीं.
कुछ देर में पापा बोले- बहू तुम अपने घाघरे को नीचे कर लो, मुझे तेल लगाने में दिक्कत हो रही है.
जब मैं घाघरा नीचे सरकाने लगी, तो वो नीचे नहीं सरक रहा था … शायद नाड़ा टाइट था.
पापा मेरी परेशानी को समझ गए थे और नाड़ा भी पापा की तरफ था, तो पापा ने बिना देर किए नाड़ा खोल दिया और थोड़ा सा नीचे सरका दिया. मुझे शर्म आ रही थी, पर पापा के लिए ये सब ऐसा कुछ नहीं था … क्योंकि उनका रोज का काम था.
पापा ने मेरे घाघरे को इतना ही सरकाया था, जहां से मेरे कूल्हे की नाली और आगे से मेरी जांघें दिखने लग जाएं. तभी मुझे अचानक याद आया कि आज तो मैंने पेंटी ही नहीं पहनी है. ये याद करते ही मेरे मन में ग्लानि होने लगी. मैं सोचने लगी मगर अब कर भी क्या सकती थी.
पापा मेरी गांड में मालिश करने लगे और हाथ फेरते हुए बोले- तुम्हारे बाल इतने बड़े कैसे हैं, तुम साफ सफाई नहीं करती क्या … तुम्हें तो प्रेगनेंसी में ध्यान रखना चाहिए … इन सब चीजों का रिएक्शन भी हो सकता है.
पापा की बातें सुनकर मैं डर गई और बोल पड़ी- मेरा वहां तो हाथ नहीं पहुंचता है … और दिखाई भी नहीं देता है … तो मैं साफ नहीं कर पाई … सॉरी पापा.
पापा बोले- सॉरी से काम नहीं चलेगा … ये तो साफ करना ही पड़ेगा क्योंकि अगर आज साफ नहीं किया, तो कल हॉस्पिटल में कोई और ही तुम्हारी झांटें साफ करेगा … और शायद हो सकता है सभी स्टाफ के सामने तुम्हारी झांटें साफ़ हों … और यह भी हो सकता है कि यह सब मुझे ही साफ करना पड़े, क्योंकि उस टाइम कोई नहीं सोचता कि यह किसकी झांटें हैं.
ये सुनकर मेरे मन में डर बैठ गया कि अब क्या होगा, क्या करूं … क्या नहीं करूं!
तभी अचानक ही मेरे मुँह से निकल गया कि आप कल हॉस्पिटल में साफ करोगे … इससे अच्छा है आज आप यहीं साफ कर दो.
पापा तो जैसे तैयार बैठे थे, मेरे ये कहते ही पापा ने हां कर दी और बोल पड़े- ठीक है बहू, मैं अभी तुम्हारी झांटें साफ कर देता हूं.
मेरे मन में तो यह सब बातें सोच कर ही सिरहन होने लगी थी, चूत से पानी टपकने लगा था … मैं कांपने सी लगी थी.
पापा बोले- बाल हटाने वाली क्रीम कहां है?
मैंने कहा- बाथरूम में पड़ी है.
पापा बाथरूम से क्रीम लेकर आ गए और बोले- तुम तैयार तो हो न!
मैंने कहा- मैं तैयार हूं पापा … अब हो भी क्या सकता है, मम्मी भी नहीं हैं … अब तो आपको ही करना पड़ेगा.
पापा बोले- तुम अपनी घाघरे को उतार दो, नहीं तो खराब हो जाएगा.
मैंने भी कुछ सोचा और टांगों के सहारे से उसे नीचे कर दिया. मैं अपने ससुर के सामने नंगी हो गई थी. ऊपर एक ब्लाउज में थी. मैंने देखा कि मेरा सेक्सी शरीर देखकर पापा का लंड उफान मार रहा था और मेरी भी चुत से पानी टपक रहा था. मेरी चुत कंपकंपा रही थी.
पापा ने मेरे पैरों को पकड़ा और घुटनों के बल मोड़ कर चौड़ा कर दिया … जिससे मेरी चूत की फांकें खुल गईं. मेरी चूत का जो पानी टपक रहा था, वह पापा को साथ दिखाई देने लगा.
जैसे-जैसे पापा मेरे करीब आ रहे थे, मेरी चूत उतना ही पानी छोड़ रही थी और उतनी ही मचल रही थी. मेरा तो यह सोच कर ही पानी निकल रहा था कि पापा मेरी झांटें साफ करेंगे … हे भगवान.
इतनी देर में पापा ने अपना हाथ धीरे से मेरी चूत पर रखा. चुत पर पापा का रखवाते ही मेरे तन बदन में आग लग गई. मेरे मुँह से आह निकल गई … और मैंने अपने नितंब को ऊपर उठा दिया.
पापा धीरे-धीरे मेरी चूत को सहलाने लगे. मेरे चूत के बाल मेरी चूत के पानी से गीले हो चुके थे.
पापा को भी यह बात समझ आ चुकी थी कि यह बाल गीले क्यों हैं … पर वो मुझसे पूछने लगे- क्या हुआ बहू … तुम्हारी योनि इतनी गीली क्यों है.
पर मैं कुछ नहीं बोली … चुपचाप अपनी आंखें बंद करके लेटे रही.
पापा लगातार मेरी चूत को मसल रहे थे … मैं कुछ नहीं बोल रही थी. मैंने अपने दोनों हाथों से बिस्तर को पकड़ा हुआ था मेरा शरीर अकड़ने लगा था, मेरा पानी इतना निकल रहा था कि बिस्तर पर टपकने लगा था.
तभी पापा ने क्रीम निकाली और मेरी चूत पर लगा दी और थोड़ी देर ऐसे ही रहने दिया. कोई 10 मिनट बाद चुत को कपड़े से साफ कर दिया.
इस बीच में तो इतनी गर्म हो गई थी अभी पापा का लंड पकड़ लूं और चुदवा लूं.
पापा बोले- अब साफ़ हो गई है, इसे गर्म पानी से और साफ कर देता हूं. ताकि पूरी गंदगी साफ हो जाए.
मैंने हां में सिर हिला दिया.
पापा गर्म पानी लेकर आ गए और मेरी चूत को साफ करने लगे. मेरी तो हालत इतनी अधिक खराब हो रही थी कि क्या बताऊं.
दोस्तो, जो लड़कियां हैं, वह समझ सकती हैं. अभी मैं किसी भी हालत में पापा से चुदवाना चाहती थी. तो मैंने अपना दिमाग लगाया और पापा से कहा कि पापा मेरा एक काम और कर दो. मेरे बगल के बाल भी साफ कर दो, ये भी बड़े हो गए हैं.
पापा बोले- ठीक है बहू … मैं ये भी अभी कर देता हूं, तुम अपना ब्लाउज उतार दो.
मैं तो इसी का इंतजार कर रही थी. मैंने झट से ब्लाउज उतार दिया. पापा के सामने मेरे दोनों आम आ गए. पापा के मुँह में भी पानी आ गया.
उन्होंने मेरे बगल में भी क्रीम लगा कर बाल साफ कर दिए और गीले कपड़े से साफ कर दिए.
अब शायद पापा से भी कंट्रोल नहीं हो रहा था तो पापा बोले- बहू तुम अभी नहायी भी नहीं … तो मैं तुम्हारे पूरे शरीर पर गीला कपड़ा फेर देता हूँ.
मैंने भी हां में सिर हिलाया. पापा मेरे शरीर पर गीला कपड़ा फेरने लगे. उन्होंने कपड़े को मेरी गर्दन से होते हुए मेरे मम्मों पर गोल गोल घुमाया, तो मेरे मुँह से भी आह निकलने लगी.
पापा को भी सब समझ में आ रहा था. वो मेरे पेट पर आ गए और धीरे-धीरे मेरी कमर के नीचे पूरे शरीर को घुमाने लगे. मैं मस्ती में आह … आह करने लगी थी. जब से मेरा पेट फूला था, मेरी चुत में लंड नहीं गया था, इसलिए बड़ी चुदास लग रही थी. मैं आंखें बंद करके तड़प रही थी.
इतनी देर में पता नहीं कब पापा ने अपने कपड़े उतार दिए, ये मुझे पता ही नहीं चला. उन्होंने मेरे हाथों में अपना लंड थमा दिया. उनका लंड इतना गर्म और लंबा था, ये मुझे एहसास हो गया था.
मैंने भी नाटक करते हुए ससुर जी को धक्का दिया और कहा- यह क्या कह रहे हो पापा … मैं आपकी बहू हूं.
पापा बोले- ज्यादा नाटक मत कर … मैं सब समझता हूं.
इतने में पापा ने एक झटके में अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया और मेरे मुँह को चोदने लगे.
मैं भी ससुर जी का साथ देने लगी. मेरा अपना एक हाथ अपनी चूत पर था. पापा ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाला और टांगों के बीच बैठ कर मेरी चूत पर लंड लगा कर घिसने लगे.
मैंने पापा से कहा- अब मुझे मत तड़पाओ … जल्दी से चोद दो पापा.
ससुर जी ने इतना सुनते ही लंड चुत में पेला और धक्का लगाना स्टार्ट कर दिया. मेरा तो पांच छह धक्के में ही सब पानी ही निकल गया. मैंने कसके पापा को पकड़ लिया और मेरे मुँह से आह आह की आवाज निकलने लगी.
पापा मुझे लगातार चोदते रहे और मैं आह आह आह आह आह की आवाज निकालती रही.
मैं ससुर जी को बोल रही थी- पापा और चोदो मुझे … आह चोदो चोदो … ओह ओह माई गोड ऑय मां मर गई … कितने दिन बाद अन्दर गया है.
पापा पक्के चोदू निकले, उन्होंने मेरी चुदाई काफी देर तक की और अपना रस मेरी चुत में ही छोड़ दिया.
दूसरे ही दिन मेरी डिलीवरी हो गई. मुझे लड़का हुआ था. उन्नीस तारीख को मेरी सास और पति घर आ गए.
डिलीवरी के दो महीने बाद से तो मेरे और मेरे ससुर की जम कर चुदाई होती थी.
ये थी मेरी मेरे ससुर के संग चुदाई की कहानी. आपको कैसी लगी … प्लीज़ मेल करना न भूलें. और सेक्स विडियो और new कहानी पढने के लिये telegram ग्रुप join कर सकते है.
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Jhant saaf kar sasur bahu ki chudai – Hindisexstoris
Hindisexstoris: My father-in-law is a doctor. I was pregnant, my ninth month was going on. Father-in-law used to investigate me. One day, me and my father-in-law were at home. I was in the kitchen that I felt dizzy.
Friends, my name is Royal. I read sex story daily on Mast Hindi Story and after reading these cool stories, I also feel that I too should tell my sex story to all of you on Hindisexstoris.
All the boys grab their cocks and the girls put finger in their pussy because this story is so funny that water will come out of your hole.
We are 4 members in our family. Me, my husband, my mother-in-law and my father-in-law.
I am 23 years old, my husband Mukesh is 25 years old, my mother-in-law Nita is 44 years old and my father-in-law Harish is 46 years old on Hindisexstoris.
I was married in a small village in Rajasthan. Let me tell about myself that I am the mistress of a very cool and sexy body. On seeing me, the cocks of old men also get erected and they start sighing after seeing my slapping ass the Hindisexstoris.
This story is about 6 months from today, when I was pregnant and my ninth month was going on, which is the last month the Hindisexstoris. I used to wear Ghaghra lungi during pregnancy time. This dress is often worn in the villages on our side.
My mother-in-law was a housewife, my father-in-law was a doctor who worked in the only hospital in the village. I used to get my checkup in the same hospital there and my father used to check my checkup in Hindisexstoris.
After checkup that day, Papa told us the delivery time in this week.
On the second day of the checkup, when everyone was having food, the mother said that she has a friend in Jodhpur, whose boy is married, she has to go to it, then she is leaving today.
Father said on this – how will you go alone, take Mukesh with you on Hindisexstoris.
Mother agreed. They both left in the evening.
Now I and my father-in-law were left at home. When the father came home on the evening of fifteen, he said that the 16th is a hospital holiday, he will stay at home tomorrow on Hindisexstoris.
I said – okay.
We both ate food and slept.
I got up in the morning to make tea and took the father-in-law with tea in his room and after waking him and seeing tea, he came back and started cooking then Hindisexstoris.
The father-in-law came up in such a long time. They had taken a shower.
He came and saw that I was cooking, then said, “Bring me, I help you.”
I said no father, I will. You sit there, I bring food then Hindisexstoris.
I was taking food, suddenly I got dizzy, I kept falling down with the support of the wall and I fainted the Hindisexstoris.
When my eyes opened, I was in my bedroom. Maybe Dad brought me up
Father was also standing there. Papa said- Daughter, are you alright… Was there any injury?
I was having a pain in my waist at that time… So I said that my father is hurting a lot in my waist, I am not even moving… this is also close to my delivery time, what should I do?
Papa said- You do not panic… I am… I have an oil, which is very effective. Everything will be alright with that on Hindisexstoris.
Then the father brought the oil and said – Take this, apply this oil, daughter-in-law.
As soon as I had to get up with oil, I was not going to move the Hindisexstoris.
I said – Papa, I am feeling very painful, I will not think.
So Dad said – Okay bring it, I put it… You do not panic.
I thought for some time and said- Okay dad, just feel it is hurting like Hindisexstoris.
Papa said – You turn the pulp in the side and take it, it will be easy to apply oil.
I did the same, as soon as the father put oil on my waist… the oil looked very hot… maybe the oil was like this. I think it was some Ayurvedic oil, due to which it felt hot.
Father was also dropping on my waist drop by drop, then some oil was coming on my stomach. A little was going backwards at the waist. I was getting a headache and my body was trembling… because my father was going to touch me for the first time in Hindisexstoris.
Then father without delay put one hand on my stomach and the other hand on my waist and started rubbing my body. I felt very strange, but I also felt good. His strong hand was moving on my stomach and waist. Papa started massaging slowly. My eyes were closed the Hindisexstoris.
Papa brought hot water and started cleaning my pussy. My condition was getting so much worse, what to tell.
Friends, girls who can understand that. Now I wanted to fuck my father under any circumstances. So I set my mind and asked my father to do one more thing, my father. Clean my side hairs, they have also grown then Hindisexstoris.
Papa said – okay daughter-in-law… I do it now too, take off your blouse.
I was waiting for this. I quickly removed the blouse. Both my mangoes came in front of my father. Papa’s mouth also became watery the Hindisexstoris.
He cleaned the hair by applying cream next to me and cleaned it with a wet cloth.
Now maybe Papa was not even being controlled, so my father said, daughter-in-law, you are not even helpless… so I put a wet cloth on your whole body like Hindisexstoris.
I nodded yes too. My father started turning wet cloth on my body. They rolled the cloth round my neck through my neck, then my mouth started sighing the Hindisexstoris.
Father was also able to understand everything. He came on my stomach and slowly started to rotate the whole body below my waist. I started to sigh… ah. Since my stomach was puffed up, my cock had not gone, so I was feeling big. I was yearning with my eyes closed on Hindisexstoris.
I do not know when the father took off his clothes in such a long time. He put his cock in my hands. His cock was so hot and long, I realized it Hindisexstoris.
I also pushed the father-in-law while pretending and said- What are you saying, Papa… I am your daughter-in-law like Hindisexstoris.
Papa said – don’t do much drama… I understand everything.
In this way, the father gave his cock in my mouth in one stroke and started fucking me.
I also started supporting the father-in-law. I had one hand on my pussy. Papa took his cock out of my mouth and sat between the legs and rubbed the cock on my pussy then start Hindisexstoris.
I told my father – do not torture me now… give me a quick fuck.
The father-in-law, after hearing this, started pounding and pushing me in the cocks pussy. All the water got out of me in five to six strikes. I caught Papa tightly and ah ah sound came out of my mouth.
Dad kept fucking me constantly and I kept shouting ah ah ah ah ah.
I was speaking to my father-in-law- Papa and Chodo me… Ah Chodo Chodo… Oh oh my God, my mother died… How many days have I gone inside.
Papa pucca chodu came out, he did my fuck for a long time and left his juice in my pussy.
I was delivered the very next day. I was born a boy. On the nineteenth, my mother-in-law and husband came home.
After two months of delivery, my father and my father-in-law used to be fuck hard like Hindisexstoris.
This was the story of Chudai with my father-in-law. How did you like it… Please do not forget to mail.
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