भाभी की गांड मारी Bhabhi ki Gand kahani
Bhabhi ki Gand kahani: दोस्तो, मेरा नाम सोनू है, मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 21 साल है और मेरी अभी तक शादी नही हुई है। मैं MastHindiStory का एक नियमित पाठक हूँ, मैंने आपकी बहुत सी कहानियाँ पढ़ी। कुछ अच्छी लगी, कुछ नहीं !
मैं अपनी कहानी की शुरुआत करता हूँ !
बात उस समय की है जब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने कालेज जाता था। जब मैं तीसरे साल में था तब सेक्स के बारे में ज्यादा जानता नहीं था।
पर मेरे घर के सामने एक भाभी रहा करती थी, उसे देखकर मेरा खड़ा हो जाता था, भाभी का नाम रजनी था जो एकदम मस्त मोटी औरत थी। चूचियाँ तो बिल्कुल वॉलीबाल की तरह थी। उनको देखकर मेरा लण्ड उनकी चूत में डालने का करता पर मन को मार कर रह जाता था। भाभी की उम्र करीब 28 साल थी जो मेरे हिसाब से बड़ी थी लेकिन मुझे आंटियों की चूचियाँ बहुत लगती थी। मैंने पहले कभी चूची नहीं दबाई थी। भाभी की शादी हुए चार साल हो चुके थे, भाभी की दुकान मेरे घर के सामने थी। मेरे घर से उनके दुकान में क्या हो रहा है, सब दीखता था। दुकान पर कभी कभार भाभी भी बैठ जाया करती थी।
भाभी एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने जाया करती थी। वो सुबह नौ बजे घर से पैदल निकलती थी और मैं भी अपने घर से नौ बजे ही निकलता था पर मैं उनकी तरफ से जानबूझ कर अपना ध्यान हटा लेता था।
Bhabhi ki Gand kahani
एक दिन मैं जैसे ही घर से निकला, दुकान में भइया बैठे थे, उन्होंने मुझसे कहा- तुम अपनी भाभी को ऑटो में बिठा कर वहीं से कालेज चले जाना !
मैं बाइक से कालेज जाता था तो मैंने भाभी को पीछे बिठा लिया। मोटी होने के कारण बाइक की सीट छोटी पड़ गई इसलिए मैंने अपना बैग उतारकर भाभी को दे दिया। भाभी के बड़े बड़े चूचे मेरे पीठ पर छू रहे थे। मेरा तो उसी समय ही लौड़ा खड़ा हो गया और मैं जानबूझ कर भी गाड़ी को गड्ढे में ले जा रहा था। बहुत मज़ा आ रहा था। अब मेरे मन में उन्हें चोदने का ख्याल आने लगा पर इतने में भाभी का स्कूल आ गया और वो मेरी बाइक से उतर कर चली गई। मैं भी कालेज चला गया लेकिन मैं तो बस भाभी के बारे में सोचता रहा था उस दिन।
एक दिन की बात है, मेरे पेपर चल रहे थे, मैं उनकी दुकान पर पेंसिल लेने गया तो देखा भैया और भाभी दोनों लैपटॉप पर कुछ देख रहे थे पर आवाज नहीं आ रही थी। मैं समझ गया कि जरूर ब्लू फ़िल्म देख रहे होंगे क्योंकि भाभी के दो बड़े बड़े चूचे एकदम कसे हुए थे।
मैंने उनसे पूछा- क्या देख रहे हो भाभी?
तो भाभी शरमा कर बोली- डॉन फ़िल्म देख रहे हैं !
इस पर मैं बोला- आवाज क्यों नहीं आ रही है?
तो वो बोली- आवाज सुन कर बेटा आ जायेगा।
लेकिन मैं तो समझ गया कि ये दोनों मिलकर ब्लू फ़िल्म देख रहे हैं।
मैंने पेंसिल ली और घर आ गया पर मेरे मन में हलचल सी होने लगी थी।
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एक दिन मैं अपनी घर में पढ़ाई कर रहा था कि मेरी नज़र उनकी दुकान पर गई तो देखा कि बाहर से कोई आदमी जो करीब तीस साल का था, दुकान के अन्दर चला गया और भाभी ने उसे उन्दर कर दुकान बंद कर चली गई। तब मैं समझ गया कि जरूर कोई बात है। मैं अपनी खिड़की के पास जाकर देखने लगा कि आखिर यह चक्कर क्या है?
दूसरे दिन जब मैं कालेज के लिए निकला तो मैं जानबूझ कर घर से थोड़ा लेट निकला। रास्ते में मुझे भाभी दिखी तो मैंने उनसे कहा- भाभी, मैं आपको स्कूल तक छोड़ देता हूँ !
और भाभी मेरे बाइक पर बैठ गई। थोड़ी दूर जाकर मैंने उनसे पूछा- भाभी, कल आपके घर कौन आया था?
तो उन्होंने कहा- तुम्हें कैसे पता?
मैंने कहा- कल मैं घर से देख रहा था आपकी दुकान में !
तब भाभी थोड़ी देर के लिए तो चुप सी हो गई।
फिर मैंने कहा- मैं भैया को नहीं बताऊँगा !
तो भाभी ने कहा- तेरे भैया तो ज्यादा देर तक मुझे प्यार नहीं कर पाते इसलिए मैंने स्कूल में पढ़ाने वाले सर को बुलाया था !
तो मैंने थोड़ा घबराते हुए बोला- भाभी, मुझे ही बुला लेती, मैं भी आपको बहुत प्यार करता हूँ !
तो भाभी ने बोला- सच?
मैंने कहा- हाँ भाभी !
फिर भाभी ने कहा- जब तेरे भैया चले जायेंगे तो मैं तुझे फ़ोन कर दूँगी, तो तू आ जाना !
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तब तो मुझसे रहा नहीं गया, मन तो कर रहा था कि वहीं भाभी को चोद डालता पर स्कूल भी आने वाला था। मैंने भाभी को स्कूल छोड़ा और कॉलेज चला गया। लेकिन पूरे दिन मैं तो बस यही सोचता रहा कि कब भैया घर से बाहर निकलें !
दो दिन बाद भाभी का फ़ोन आया- आज शाम तुम्हारे भैया इंदौर जा रहे हैं और दो दिन बाद लौटेंगे, तुम शाम को दुकान बंद होने के बाद आना, मैं तुम्हें दरवाजे के पास मिलूँगी।
मैंने हाँ कर दी। तो मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैं तो शाम होने का इंतजार कर रहा था। और जैसे ही आठ बजे, मैं दुकान पर चल गया। मैंने देखा कि भाभी काली साड़ी में गजब ढा रही थी।
अंदर जाते ही सबसे पहले उनकी चूची को ब्लाउज़ से आजाद किया। उनकी चूची इतनी बड़ी थी कि दबाने में अलग ही आनंद आ रहा था।
फिर मैंने उनकी सफ़ेद ब्रा भी फाड़ दी।
भाभी बोली- इतनी जल्दी क्या है? आराम से करो !
मैंने कहा- पहली बार है ना भाभी !
फिर मैंने भाभी का साया भी उतार दिया। अब भाभी सिर्फ पेंटी में थी।
मैंने भाभी को चूमना चालू किया। खूब आनन्द आ रहा था, मेरा लण्ड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और करीब बीस मिनट तक मैंने भाभी के चूचे चूसे !
क्या मज़ा आ रहा था ! जीवन में पहली बार दूध दबाए और चूसे !
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भाभी बोली- तुम भी प्यासे हो और मैं भी ! चलो दोनों की प्यास बुझ जायेगी। इनका तो ठीक से खड़ा भी नही होता, और खड़ा भी होता है तो जल्दी ही झड़ जाता है।
इतना सुनते ही मैंने भाभी को पकड़ लिया और उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया और हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए। अब मैं भाभी की गुलाबी चूत चाट रहा था और भाभी मेरा लण्ड चूस रही थी। मुझे
तो गद्दे का आनन्द मिल रहा था क्योंकि भाभी मोटी होने के कारण मैं उनके ऊपर ही चढ़ा था।
इतने में भाभी का झड़ गया और मैंने पूरा का पूरा पानी चूस लिया।
कुछ देर बाद मेरा भी झड़ गया और भाभी ने भी मेरा पूरा रस चाट कर साफ़ कर दिया।
भाभी ने फिर भी चाट कर मेरा खड़ा कर दिया। मैं फ़िर पूरे जोश में आ चुका था, बस उनकी चूत में अपना छः इंच लम्बा और ढाई इंच का मोटा लण्ड घुसाने की देरी थी।
मैंने अपना लण्ड भाभी की चूत के छेद पर रख कर एक ही धक्के में पूरा अंदर डाल दिया। अंदर जाते ही भाभी ने अपनी आँखे ऐसे बंद की जैसे उनको दर्द हुआ हो।
भाभी की चूत ज्यादा कसी नहीं थी और न ही ज्यादा ढीली थी। भाभी का एक लड़का भी है शायद इसीलिए उनको मेरा लण्ड लेने में तकलीफ नहीं हो रही थी। दस मिनट बाद भाभी ने मुझे जोर से पकड़ लिया और थोड़ी देर बाद बोली- कितनी देर में होगा तुम्हारा? मेरा तो हो गया है !
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मैंने कहा- अभी तो पता नहीं कितनी देर और लगेगी क्योंकि मेरा लण्ड तुम्हारे अंदर बड़े आराम से जा रहा है।
फिर मैंने कोंडम लगा लिया। अब भाभी को और भी ज्यादा मज़ा आ रहा था और वो खूब जोर जोर से चिल्ला रही थी। मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था।
फिर उन्होंने कहा- सोनू राजा, अब फटाफट चोदो मुझे !
20 मिनट बाद मेरा झड़ गया और मैंने पूरा का पूरा पानी bhabhi की चूत में छोड़ दिया। मुझे तो जैसे स्वर्ग मिल गया हो।
उसने बड़े प्यार से मेरा कंडोम उतारा और उसके अन्दर का सारा वीर्य अपने मम्मों पर उड़ेल कर मल लिया।
मैं कितना भाग्यशाली हूँ कि मुझे पहली बार में ही इतनी चिकनी चूत चोदने के लिए मिली।
फिर मैंने उसको अपना लंड चूसने के लिए कहा तो उसके ऐसे मुँह में लिया जैसे कोई आइसक्रीम खा रही हो। बड़ी मस्ती में वो मेरे लण्ड को चूस रही थी। बीस मिनट बाद मैंने उसे उठाया और बिस्तर पर लिटाया। अब मैं भाभी की गाण्ड मारना चाहता था इसलिए मैंने अपना लण्ड भाभी की गाण्ड में घुसा दिया। अभी लण्ड आधा ही गया था कि वो दर्द से कराह उठी, अन्दर ही अन्दर चिल्ला रही थी और पैरों को जोर जोर से पटकने लगी।
Bhabhi ki Gand kahani
मैंने एक मिनट बाद दोबारा धक्का मारा और पूरा लण्ड अन्दर घुसा दिया।
भाभी जोर से चिल्लाई- यह क्या किया ? मैं मर गई, उई माँ ! मैं मर गई ! निकालो इसे…..
मैंने बिना कुछ सुने धक्के मारने शुरू किये, धीरे धीरे उसे मज़ा आने लगा और वो मेरी कमर में नाखून गड़ाने लगी। मैंने भी उसे खूब चाटा।
करीब पंद्रह मिनट तक उसे चोदने के बाद मैंने अपनी पिचकारी अन्दर छोड़ दी। तब तक वो 1 बार झड़ चुकी थी। वो मेरे शरीर को कस के पकड़े हुए थी और चाट रही थी।
मैं थक कर उसके ऊपर गिर गया और दो मिनट के बाद मैं उठ कर अपना लण्ड उसकी गाण्ड से निकाला। उस रात मैंने उसकी कई बार चूत मारी, गाण्ड मारी। मेरी तो हालत ख़राब हो गई थी लेकिन
यह तो जूनून था भाभी को चोदने का ! मैं भाभी को रात को तीन बजे तक चोदता रहा, उसके बाद हम सो गए और सुबह होते ही में अपने घर आ गया।
इसके बाद मैंने भाभी को बहुत बार और चोदा। मुझे आंटियाँ और भाभियाँ बहुत पसंद है क्योंकि उनके चूचे और चूत दोनों बड़े होते हैं और वो थोड़ी मोटी भी होती है।
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दोस्तों आपको मेरी यह सच्ची घटना कैसी लगी Telegram में message कर के जरूर बताएं
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Bhabhi ki Gaand mari – Bhabhi ki Gand kahani
Bhabhi ki Gand kahani: Friends, my name is Sonu, I am a resident of Madhya Pradesh. I am 21 years old and I am not married yet. I am a regular reader of MastHindiStory, I read a lot of your stories. I liked something, nothing!
I start my story!
It is about the time when I used to go to college to study engineering. I did not know much about sex when I was in my third year.
But there used to be a sister-in-law in front of my house, seeing her, I used to stand up, her sister’s name was Rajni who was a very fat lady. Tits were just like volleyball. Seeing them, my LND used to put them in her pussy, but I used to keep beating my mind. Sister-in-law was about 28 years old, which according to me was big but I used to feel aunty’s teaspoon a lot. I had never pressed a teat before. It had been four years since her sister-in-law was married, the sister-in-law’s shop was in front of my house. Everything was happening in my shop from my house. Sometimes sister-in-law used to sit at the shop.
Sister-in-law used to teach children in a school. She used to walk out of the house at nine in the morning and I would also leave my house at nine o’clock but I deliberately diverted my attention from her side.
Bhabhi ki Gand kahani
One day, as soon as I got out of the house, my brother was sitting in the shop, he said to me – you put your sister in the auto and go to college from there!
When I used to go to college by bike, I took the sister-in-law back. Being thick, the bike seat became small, so I removed my bag and gave it to my sister-in-law. Bhabhi’s big boobs were touching my back. My Aloda got up at the same time and I was also deliberately taking the car into the pit. It was a lot of fun. Now I started thinking about fucking them, but in this way my sister came to school and she got off my bike. I too went to college but I just kept thinking about sister-in-law that day.
It was a matter of a day, my papers were running, I went to his shop to get a pencil, then saw both brother and sister-in-law were seeing something on the laptop but there was no sound. I understand that you must be watching the blue film because the two big big sisters of the law were tight.
I asked him – what are you looking at?
So the sister-in-law blushed and said – Don is watching the film
I said on this – why the voice is not coming?
So the son will come after hearing that quote.
But I understand that these two are watching a blue film together.
I took the pencil and came home, but I started getting stirred.
Bhabhi ki Gand kahani
One day when I was studying in my house, when I went to their shop, I saw that a man from outside, who was about thirty years old, went inside the shop and the sister-in-law put it in and closed the shop. Then I understood that there is definitely something. I went to my window to see what the affair was.
The next day when I left for college, I deliberately got out of the house a little late. On the way, I saw her sister-in-law, I told her- sister-in-law, I leave you till school!
And sister-in-law sat on my bike. After going a little far, I asked him- sister-in-law, who came to your house yesterday?
So he said – how do you know?
I said – yesterday I was watching from home in your shop!
Then sister-in-law became silent for a while.
Then I said – I will not tell brother!
So sister-in-law said – Your brother cannot love me for a long time, that’s why I called the teacher who taught in school!
So I said a little nervous- sister-in-law, she would call me, I love you too!
So sister-in-law said – really?
I said yes!
Then sister-in-law said – When your brother goes away, I will call you, then you come!
Bhabhi ki Gand kahani
At that time, I could not stay, I was thinking that I would put my sister in law but school was going to come. I left school in law and went to college. But the whole day I just kept thinking when brother should get out of the house!
Two days later, sister-in-law got a call – Your brother is going to Indore this evening and will come back after two days, you will come after the shop is closed in the evening, I will meet you near the door.
I did it So I was not going to stay, I was waiting for evening. And as soon as eight o’clock, I walked to the store. I saw that sister-in-law was wearing a black saree.
On entering, first of all liberated her nipple with blouse. His nipple was so big that he was enjoying different pressures.
Then I tore her white bra too.
Sister-in-law – what’s the hurry? Take it easy
I said – First time is not law!
Then I removed the shadow of my sister-in-law. Now sister-in-law was just in panty.
I started kissing sister-in-law. I was having a lot of fun, my LND was completely erected and for about twenty minutes I sucked her sister-in-law!
What fun was it Press and suck milk for the first time in life!
Bhabhi ki Gand kahani
Sister-in-law said – you are thirsty and I too! Let the thirst of both be quenched. They do not even stand up properly, and if they stand up, they soon fall.
On hearing this, I caught the sister-in-law and put her on the bed and both of us were in the stage of 69. Now I was licking the pink pussy of sister-in-law and sister-in-law was sucking my LND. me
So I was getting the pleasure of the mattress because I climbed on top of it because of the law.
In this case, sister-in-law fell and I sucked all the water.
After some time I too fell and sister-in-law licked all my juice.
The sister-in-law still licked and made me stand. I was again full of enthusiasm, there was a delay in inserting my six inch long and two and a half inch thick LND into her pussy.
I put my LND sister-in-law on the pussy hole and put it inside in one stroke. On entering, sister-in-law closed her eyes as if she was in pain.
Bhabhi’s pussy was not too tight nor was she loose. There is also a boy in law, that is why he was not having any difficulty in taking my LND. Ten minutes later, the sister-in-law caught me very hard and said after a while – how long will you be? I am done!
Bhabhi ki Gand kahani
I said – I do not know how long it will take because my LND is going inside you very comfortably.
Then I put condom. Now the sister-in-law was having more fun and she was screaming very loudly. I was having a lot of fun too.
Then he said- Sonu Raja, now I am quick!
After 20 minutes, I fell and I left all the water in bhabhi’s pussy. Just like I have found heaven.
He took off my condom with great love and poured all the semen inside it on his mummies.
I am so lucky that I got such a smooth pussy for the first time.
Then I asked him to suck his cock then took it in his mouth as if someone was eating ice cream. She was sucking my LND in great fun. Twenty minutes later I picked her up and lay on the bed. Now I wanted to kill her sister-in-law, so I entered my LND sister-in-law. LND had just gone half, she woke up in pain, was screaming inside and started banging her feet very hard.
Bhabhi ki Gand kahani
I pushed again after a minute and entered the entire LND.
Sister-in-law shouted loudly- what did it do? I’m dead, Oi mother! I’m dead! Remove it… ..
I started hitting without listening to anything, slowly she started having fun and she started fingering my waist. I also licked her a lot.
After fucking him for about fifteen minutes, I left my squirrel inside. By then she had fallen 1 time. She was holding my body tightly and licking it.
I fell on top of him tired and after two minutes I got up and removed my LND from his Gand. That night I smacked her pussy many times, and killed her. I was in a bad state but
It was a passion to fuck sister-in-law! I kept fucking Bhabhi till three in the night, after that we slept and came to my house in the morning.
After this, I took my sister-in-law a lot more often. I like Aunties and Bhabhis very much because both their Tits and Pussy are big and they are also a bit thick.
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