दोस्त की सास की मज़ेदार चूत चुदाई Desi kahani mom
Desi kahani mom: मैंने अपने नवविवाहित दोस्त की सास की चुदाई की. इस सेक्स भरे खेल की शुरुआत मेरे दोस्त की शादी वाली रात को ही हो गयी थी. सास की चुदाई की कहानी का मजा लें.
दोस्तो, मेरा नाम मनीष है. मैं मध्यप्रदेश के दतिया जिले से हूँ. आप लोगों को अपने बारे में बता दूं कि मैं दिल्ली में जॉब करता हूँ और पार्ट टाइम शादीशुदा लेडीज को सेक्स सर्विस भी देता हूं.
ये सेक्स कहानी मेरे एक दोस्त की सास की चुदाई की सच्ची कहानी है, जो मेरे शहर से कुछ दूर एक दूसरे कस्बे में रहती हैं. वैसे तो मैं अभी तक 10 महिलाओं को अपनी सेवा दे चुका हूं, मगर ये कुछ खास ही चुदाई हुई थी, जो मैं कभी नहीं भूल सकता.
मैं पहले आपको अपने दोस्त की सास का परिचय करवा देता हूँ. उनका नाम ममता है और उनकी उम्र 44 साल की रही होगी. ममता जी का शरीर पूरा भरा हुआ है. उनके मम्मे 36 इंच के हैं. उनको मैंने जब पहली बार देखा था, तो मेरा लंड सलामी देने लगा था. उन्हें देख कर पहले तो ये लगा ही नहीं था कि ये सास हैं. मैंने तो उन्हें दोस्त की बीवी की बड़ी बहन समझा था.
ये बात दो साल पहले मेरे खास दोस्त की शादी की उस समय की है. जब मैं उसकी बारात में गया था.
बारात दरवाजे पर पहुंची. लड़की वालों की तरफ से बहुत सी सुंदर-सुंदर लड़कियां भाभियां और आंटियां आई हुई थीं. मेरे सब दोस्त उन्हीं को देख कर आंखें सेंक रहे थे.
कुछ देर बाद मैं स्टेज पर अपने दोस्त के साथ बैठा हुआ बातें कर रहा था. फिर वरमाला का प्रोग्राम हुआ, तो सभी लोग उसमें मजा लेने में लगे हुए थे. उसी समय मुझे वाशरूम जाना पड़ा. मैं अपने दोस्त को बोलकर वाशरूम की ओर चला गया. मैंने मालूम किया तो पता चला कि वाशरूम डिनर हॉल से निकल कर दूसरी तरफ बने हुए थे.
मैं वहां जाने लगा. उधर अन्दर डिनर हॉल में कुछ लेडीज खाना खा रही थीं. मैं उनकी सुन्दरता को देखता हुआ आगे बढ़ गया.
जब वहां से मैं बाथरूम की ओर गया, तो मुझे एक रूम का गेट थोड़ा खुला हुआ दिखाई दिया. मैंने देखा कोई औरत पीछे मुँह करके कपड़े पहन रही थी. मैं उन्हें देख कर रुक गया.
तभी उनकी आवाज आई- रूबी, जरा मेरी ब्रा का हुक तो लगा देना.
मैंने इधर उधर देखा तो उधर कोई दूसरी लड़की दिख ही नहीं थी, यानि ये आवाज उसने मेरी आहट पाकर शायद मुझे ही रूबी समझ लिया था.
पहले तो मैं एकदम से डर गया और वहां से आगे जाने की सोचने लगा, पर तभी उन्होंने फिर से आवाज़ दी कि सुनाई नहीं देता रूबी … मुझे देर हो रही है … जल्दी कर दे. पहले ही मुझे दूसरी साड़ी पहननी पड़ रही है.
मैं डरते हुए उसके पास गया और उसकी ब्रा का हुक लगा दिया और मैं वहां से निकलने लगा.
उसी समय वो मुड़ी, तो रूबी की जगह मुझे पाकर हड़बड़ा गई.
फिर वो मुझे देख कर अपना साड़ी का पल्लू लेकर बोली- कौन हो तुम?
मैं हड़बड़ा गया और बोला- आपने ही तो मुझे बुलाया था.
वो बोली- मैं अपनी भतीजी को बुला रही थी … तुम कौन हो?
मैं बोला- मेरा नाम मनीष है … और जिस लड़के की शादी है, वो मेरा दोस्त है.
तो वो शर्माते हुए बोली- ओह … मैं उनकी सास हूँ.
मैंने उनको नमस्ते की और उन्हें देखने लगा. वो अपनी साड़ी पहनने लगी और मुझे देख कर मुस्कुराते हुए कहने लगीं- थाली से हल्दी गिर जाने से मेरे कपड़े खराब हो गए थे, इसलिए मुझे कपड़े बदलने आना पड़ा.
उनकी मुस्कुराहट भरी आवाज से मेरा भी डर कम हो गया और मैं उधर से जाने लगा.
दोस्त की सास बोलीं- आप जरा अन्दर आओ … मुझे अलमारी से कुछ निकलवाना भी है … मेरी पहुंच उधर तक नहीं हो पा रही है. अभी तुम्हारे अंकल भी नहीं हैं. वो द्वारचार के लिए चले गए हैं.
उन्होंने ऐसे बोलते हुए अपना नीचे का होंठ दबा लिया. तो मेरी समझ में आ गया कि ये चालू माल है.
मैंने कहा- पहले मुझे जरा बाथरूम जाना है, उधर से आकर अभी सामान निकाल देता हूँ.
दोस्त की सास बोलीं- अन्दर बाथरूम है न … इधर ही फारिग हो लो.
मैं उनके कमरे के बाथरूम में घुस गया. उधर शायद उनकी ही ब्रा पैंटी पड़ी थीं. मैंने पैंटी को उठा कर सूंघा, तो मस्त हो गया. शायद वो अपनी चूत में कुछ खुशबू लगाती थीं.
फिर जब मैं बाथरूम से बाहर आया, तब तक वो साड़ी पहन चुकी थीं.
मुझे देख कर बोलीं- मैंने आपका नाम नाम तो पूछा ही नहीं … क्या है?
मैंने उनको अपना नाम मनीष बोला और मैं उनकी अलमारी से सामान निकालने के लिए आगे बढ़ा.
जब मैं स्टूल पर ऊपर से सामान दे रहा था, तो उनके गहरे गले के ब्लाउज में साफ़ दिख रहे मम्मे मुझे मस्ती दे रहे थे.
दोस्त की सास के मम्मे देख कर मेरा पप्पू पैंट के अन्दर सलामी देने लगा. मैंने अपने आप पर बड़ी मुश्किल से संयम किया.
दोस्त की सास भी शायद ये समझ चुकी थीं. पता नहीं सामान लेने में या जानबूझ कर उन्होंने अपने पल्लू को ढलक जाने दिया.
उनकी चूचियों का मदमस्त नजारा मेरा हाल खराब करने लगा.
इतने मैं मेरा बैलेंस बिगड़ गया और मैं अपने दोस्त की सास के ऊपर गिर पड़ा. हड़बड़ाहट में मेरा एक हाथ उनके मम्मों पर चला गया और दूसरा हाथ उनके पेट का सहारा लेता हुआ उनकी नाभि पर जा लगा.
इस वजह से वे भी घबरा सी गईं और उनके मुँह से ‘ओ मर गई..’ निकल गई.
उस समय मुझे न जाने कहां से हिम्मत आ गई और मैंने उनको एक किस कर दिया.
किस करने के बाद मैंने उनको छोड़ा नहीं, बस यूं ही उनकी तरफ देखने लगा.
अचानक न जाने क्या हुआ, वो भी मुझे पकड़ कर किस करने लगीं.
मुझे मजा आ गया. अब मैं भी उनको बहुत देर तक किस करता रहा. फिर मैं उनके मम्मे दबाने लगा.
वो मस्त होने लगीं और बहुत जोर से सीत्कार करने लगीं. वो भी जोश में आकर मुझे किस करने लगीं … कुछ ही देर के इस चूमाचाटी के प्रोग्राम में शायद वो झड़ गई थीं.
फिर वो मुझसे अलग हुईं और बोलीं- अब बर्दाश्त नहीं होता, जल्दी से चोद दे मुझे. समय भी कम है … बस दस मिनट में ही मुझे मजा दे दे.
मैं उनकी ये डिमांड सुनकर जोश में आ गया. मगर वहां चुदाई के खेल खेलने में खतरा था, तो मैंने उनकी चूचियां मसलते हुए कहा- अभी सब्र रखो आंटी, जल्दीबाजी में मजा नहीं आएगा. मुझे मौक़ा मिलते ही मैं आपको मस्ती से चोदूंगा.
वो भी मेरी बात सुनकर चुप हो गईं.
मैं उनको प्यासा छोड़कर चला आया. मुझे भी दोस्त के पास से आए हुए बहुत देर हो गई थी.
जब मैं स्टेज पर आया, तो मेरा दोस्त पूछने लगा- कहां चला गया था? कितनी देर लगा दी.
मैं बोला- कहीं नहीं यार … जरा डांस देखने लगा था.
कुछ देर बाद उनकी सास आशीर्वाद देने स्टेज पर आईं और मुझे देख कर मुस्कुरा कर वापस चली गईं. मैंने भी उनको देख कर स्माइल की और शादी का मज़ा लेने लगा.
कुछ टाइम बाद एक छोटा लड़का आया तो वो मुझसे बोला- जीजा, आपको मम्मी बुला रही हैं.
मेरा दोस्त बोला- जा … शायद तुझसे कोई काम होगा.
मैं अन्दर गया, तो ममता आंटी बोलीं- मनीष, तुम अपना नम्बर मुझे दे दो.
मैंने उनको अपना नम्बर दे दिया और चला आया. शादी की पूरी विधि चलती रही. मुझे इतना समय ही नहीं मिला कि मैं ममता आंटी की चुदाई कर सकूं.
विदाई के बाद मैंने उनको एक कोने में ले जाकर चूमा. उनके मम्मे दबा कर उनसे जल्द ही आकर दोस्त की सास की चूत चुदाई करने का वादा किया और वापस आ गया.
दो दिनों के बाद आंटी का फोन आया और बहुत ही सेक्सी आवाज आई. मुझे उनका नम्बर मालूम ही नहीं था, तो ये नम्बर मेरे लिए एक अनजान नम्बर था.
मैं बोला- कौन?
आंटी बोलीं- इतनी जल्दी भूल गए … मैं ममता बोल रही हूँ.
मैं- ओह … याद आया … आप हैं … आपको कैसे भूल सकता हूँ जान … बोलो क्या काम है?
आंटी कामुक आवाज में बोलीं- अधूरा काम पूरा नहीं करोगे?
मैंने बोला- हां जरूर करूंगा.
अब मेरे मन में लड्डू फूटने लगे थे. मैं बस इस फिराक में था कि कब मुझे उनसे मिलने का मौका मिले और आंटी की चूत चुदाई का मजा ले सकूं.
उस दिन मैंने दोस्त की सास ममता आंटी के नाम की दो बार मुठ मारी और ठंडा हो कर सो गया.
अगले दिन आंटी का फोन आया और उन्होंने मुझे घर आने के लिए कहते हुए बताया कि आज आ जाओ, तेरे अंकल भी घर पर नहीं हैं.
मैं खुश हो गया कि दोस्त की सास की चुदाई का मौक़ा मिलेगा. और शाम को बाइक से उनके यहां चला गया, तो उन्होंने मेरा बहुत स्वागत सत्कार किया. मैं उनके घर पर रात रुकने के नजरिये से आया था. आज अंकल भी घर पर नहीं थे.
मैं तो बस उनकी मदमस्त चूचियों को ही देखे जा रहा था. आंटी भी झुक झुक कर मुझे सब्जी आदि दिए जा रही थीं.
एक बार जब वो झुकीं, तो मैंने सबकी निगाह बचाते हुए उनके कान में कह दिया- मैं अपने दोस्त की सास की चुदाई करने आया हूँ.
वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगीं.
दो घंटे बाद रात गहराने लगी थी. इस खाना खाने के बाद सब अपने कमरों में सोने चले गए. मैं भी लेट चुका था.
तभी ममता आंटी आयी, वो मुझे चिकोटी काटते हुए बोलीं- सो गए क्या?
मैं बोला- नहीं तो!
वो बोलीं- चलो खेल शुरू करते हैं.
वो उठते हुए कमरे में जाने लगीं और मुझे पीछे आने का इशारा कर दिया.
मैं उनके कमरे में गया, तो मैंने पूछा- अंकल कहां गए हैं. क्या रात को वापस आ जाएंगे?
वो बोलीं- वो इधर कम ही आते हैं. पास के गांव में खेती करवाते हैं, मैं यहां अकेली बच्चों के साथ रहती हूं.
मुझे मालूम था कि उनके चार बच्चे थे. मगर उनको देख कर ये नहीं लगता था कि ये चार बच्चों की मां हैं. ये मुझे काफी बाद में पता लगा था कि उनके पति की उम्र उनसे काफी ज्यादा थी. अंकल 54 साल के थे और वो अब उन्हें लंड का सुख नहीं दे पाते थे.
मैंने उन्हें बांहों में ले लिया और किस करने लगा. तो वो भी मेरा साथ देने लगीं. हम दोनों चिपक कर किस करने लगे. वो ‘ओह्ह आह..’ की आवाज निकालने लगीं.
कुछ ही देर बाद मैंने उनके ब्लाउज़ और ब्रा को निकाल दिया. ममता आंटी के रसीले मम्मे बाहर निकल कर हवा में उछलने लगे. मैं उनके दोनों मम्मों को अपने हाथों में भर कर जोरों से दबाने लगा. वो बहुत ज़ोर से ‘ओह्ह आह … ओह्ह आह..’ की आवाज़ निकालने लगीं.
फिर उन्होंने मेरी पैंट निकाल कर मेरा लंड बाहर निकाला और मस्ती से उससे खलने लगीं. मैंने आंटी से लंड चूसने का कहा, तो नीचे बैठ कर आंटी लंड चूसने लगीं.
आह क्या मज़ा आने लगा था दोस्तो … मेरे दोस्त की सास लंड बहुत अच्छा चूसती थीं.
उनके लंड चूसने से मेरे मुँह से कराह निकलने लगी- आह ममता रानी … और जोर से लंड चूसो. आह … कितना मस्त चूसती हो … आह बड़ा मज़ा आ रहा है … मेरे आंड भी सहलाओ रानी.
ममता आंटी मस्ती से मेरे आंड चाटते हुए मेरे लंड को फुल मजा देने में लगी थीं. मैं उनके मम्मे मसलने लगा था.
कुछ देर बाद ममता आंटी बोलीं- अब अपना लंड मेरी चूत में जल्दी से अन्दर डाल दो. मैं बहुत प्यासी हूँ.
मैंने उनको अपने नीचे लिटा कर दोस्त की सास की चूत में एकदम से अपना लंड डाल दिया.
उनके मुँह से जोर की आवाज़ निकली- आह … मार दिया फाड़ दी मेरी चूत … धीरे चोदो मनीष जी … आपका लंड बहुत मोटा और बड़ा है … तुम तो मार ही डालोगे.
मैं बोला- दामाद के दोस्त के लंड का मज़ा लो मेरी सासू अम्मा!
मैं धीरे-धीरे दोस्त की सास की चूत में लंड के धक्के मारने लगा. वो गांड उठाते हुए ‘ओह्ह ओह …’ की मादक आवाजें निकालने लगीं.
मैं उनकी चूचियों को भींचते हुए उनकी चूत में पूरा लंड अन्दर बाहर करते हुए दोस्त की सास की चुदाई का मजा लेने लगा.
दोस्त की सास- आह चोदो … आह मज़ा आ रहहा है … आह आह उम्म!
अब उनकी चूत से फच फच की आवाज़ आने लगी थी. वो मस्ती से चुदते हुए कह रही थी- आह आज न जाने कितने दिनों बाद मुझे चैन मिला है … आह मज़ा आ रहा है. मेरी ऐसी चुदाई बहुत दिनों बाद हुई. मेरी प्यासी चूत को बड़ा जानदार लंड मिला है … ओह्ह.
कुछ ही देर बाद आंटी झड़ गईं और निढाल हो गईं.
मगर अभी मेरा नहीं हुआ था, तो मैंने उनको बताया.
वो हांफते हुए बोलीं- एक मिनट रुक जाओ.
मैंने लंड निकाला, तो अगले ही पल वो घोड़ी बन गईं और पीछे से चुदाई करने का इशारा करने लगीं. मैं पीछे से लंड पेल कर चूत चोदने लगा
ममता आंटी बड़े मजे से मेरा लंड चूत में ले रही थीं. और मादक आवाजें भी निकाल रही थीं- आह आह मार दिया.
फिर कुछ देर बाद ममता आंटी मेरे लंड के ऊपर आ गई. उन्होंने मेरा लंड अपनी चूत पर सैट किया और धक्के मारने लगीं.
मैं उनके मम्मे मसलता हुआ ज़ोर ज़ोर से दोस्त की सास की चुदाई कर कर रहा था.
आंटी ‘आह हहह..’ करते हुए गांड उछाल रही थीं.
फिर मेरा निकलने को हुआ, तो मैं उनको नीचे लिटा कर जोर जोर से चोदने लगा. पूरा कमरा फच फच फक फच की आवाजों से भर गया.
कोई बीस शॉट लगाने के बाद मैं झड़ गया. हम दोनों हांफने लगे.
कुछ देर बाद हम दोनों चिपक कर फिर से चूमाचाटी करने लगे.
उस रात मैंने उनको 3 बार चोदा और सुबह मैं अपने घर आ गया. अब जब भी उन्हें मेरे लंड की जरूरत होती, तो वो मुझे फ़ोन कर देतीं और मुझसे खूब चुदवातीं.
दोस्तो, यह मेरी पहली सेक्स कहानी थी दोस्त की सास की चुदाई की … अगर लिखने में कुछ गलती हुई हो, तो नजरअंदाज कर दीजिएगा.
अब मैं दिल्ली आ गया हूं. उनका रोज फ़ोन आता है, मगर मैं नहीं जा पाता हूं. उन्होंने अपनी एक सहेली को भी मुझसे चुदवाया था. वो सेक्स स्टोरी मैं अगली कहानी में लिखूंगा.
सास की चुदाई की कहानी केई लगी आपको? मुझे मेल करके बताएं. इसके अलावा आप कहानी पर नीचे कमेंट करके भी अपनी राय दे सकते हैं. और सेक्स विडियो और New कहानी पढने के लिये telegram ग्रुप join कर सकते है.
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Read in English
Dost ki saas ki chut ki majedar chudai Desi Kahani mom
Desi Kahani mom: I fuck my newly married friend’s mother-in-law. This sex-filled game started on the night of my friend’s wedding. Enjoy the story of mother-in-law.
Friends, my name is Manish. I am from Datia district of Madhya Pradesh. Let me tell you about myself that I do a job in Delhi and also give sex service to the married ladies part time.
This sex story is the true story of my friend’s mother-in-law, who lives in another town, some distance away from my city. By the way, I have already given my service to 10 women, but this was a special fuck, which I can never forget the Desi Kahani mom.
Let me first introduce my friend’s mother-in-law. Her name is Mamta and she must have been 44 years old. Mamta ji’s body is full. His mummies are 36 inches. When I saw him for the first time, my cock started saluting. Seeing them, it was not thought at first that they are mothers-in-law. I considered him the elder sister of a friend’s wife then Desi Kahani mom.
This is the case of my special friend’s wedding two years ago. When I went to his procession.
The procession reached the door. Many beautiful girls, sisters and aunts came from the girl’s side. All my friends were faking eyes after seeing them.
After some time I was chatting with my friend on stage. Then the program of Varmala was done, then all the people were engaged in having fun like Desi Kahani mom. At the same time I had to go to the washroom. I spoke to my friend and went towards the washroom. When I came to know, it came to know that the washrooms were made out of the dinner hall and were built on the other side.
I started going there. On the other hand, some ladies were having dinner in the dinner hall. Seeing her beauty, I moved forward on Desi Kahani mom.
When I went to the bathroom from there, I saw a room gate slightly open. I saw some woman wearing a back face. I stopped seeing them.
Then his voice came – Ruby, just hook my bra.
When I looked here and there, no other girl could be seen, that is, she could have considered me Ruby after getting my voice like Desi Kahani mom.
At first, I was absolutely scared and started thinking of going ahead from there, but then he gave a voice again that Ruby cannot hear… I am getting late… hurry up. I already have to wear another sari.
I went to her fearfully and hooked her bra and I started coming from there.
At the same time she turned, and was shocked to find me instead of Ruby out Desi Kahani mom.
Then she looked at me and said with the sari of her sari – who are you?
I was shocked and said – you were the one who called me.
She said- I was calling my niece… Who are you?
I said – My name is Manish… and the boy who is married is my friend.
So she said blushing – Oh… I am her mother-in-law then Desi Kahani mom.
I greeted them and started looking at them. She started wearing her saree and looking at me started smiling and saying – my clothes had deteriorated due to the fall of turmeric from the plate, so I had to come to change clothes.
His fearful voice also reduced my fear and I started going from there Desi Kahani mom.
Friend’s mother-in-law said- You come in a bit… I have to get something out of the cupboard… I am not able to reach there. You are not even your uncle yet. They have gone for the door.
Speaking like this, he pressed his lower lip. So I understood that this is current goods.
I said- First I have to go to the bathroom, come from there and remove the things now.
Friend’s mother-in-law said- There is no bathroom in the house… .Farm here Desi Kahani mom.
I entered the bathroom of his room. On the other hand, perhaps her only bra panties were lying. I sniffed the panty, then it was cool. Perhaps she used to smell something in her pussy.
Then when I came out of the bathroom, by then she was wearing a sari.
Looking at me, she said – I did not even ask for your name… what is it?
I called him Manish and I proceeded to remove the items from his wardrobe Desi Kahani mom.
When I was giving the stuff from above on the stool, then the mamma, looking clear in their deep throat blouse, was giving me fun.
Seeing the mother-in-law’s mother-in-law, my pappu started saluting inside the pants. I restrained myself with great difficulty.
Perhaps the friend’s mother-in-law also understood this. I do not know whether to take the goods or they deliberately let their pallu slip away.
The crazy view of his Tischi started spoiling my condition on Desi Kahani mom.
So I lost my balance and I fell on my friend’s mother-in-law. In a hurry, one of my hands went to their mummies and the other hand took support of their stomach and went to their navel.
Because of this she too became nervous and ‘O died ..’ came out of her mouth.
At that time, I did not know where the courage came from and I gave them one kiss.
After kissing, I did not leave them, just started looking at them like this like Desi Kahani mom.
Don’t know what happened all of a sudden, she started kissing me.
I enjoyed it Now I too used to kiss them for a long time. Then I started pressing his mother.
She started to get excited and started crying very loudly. She also started kissing me in a jubilation… she might have fallen in this Chumachatty program for a while.
Then she separated from me and said- Now can not stand, give me Chod quickly. Time is also short… give me fun in just ten minutes then Desi Kahani mom.
I got excited after hearing his demand. But there was a danger in playing the game of fuck, so I said his cunts and said, “ Please keep patience now, you will not enjoy hurry. I will fuck you as soon as I get a chance.
She too became silent after listening to me.
I left them thirsty and went away. I too was too late to visit a friend on the Desi Kahani mom.
When I came on stage, my friend started asking- Where did he go? Took so long
I said – nowhere man… Just started watching dance.
After some time, her mother-in-law came to the stage to bless and after seeing me she went back smiling. I too smiled after seeing him and started enjoying the wedding.
After some time a little boy came and he said to me – brother-in-law, she is calling you mother.
My friend said – Ja… maybe you will have some work like Desi Kahani mom.
When I went inside, Mamta aunty said- Manish, you give me your number.
I gave him my number and walked away. The entire method of marriage continued. I did not get enough time to fuck Mamta aunty.
After the farewell, I took him to a corner and kissed him. After suppressing his mother, he promised to come soon and fuck the friend’s mother-in-law and came back on Desi Kahani mom.
After two days, the aunt’s call came and a very sexy voice came. I did not know his number, so this number was an unknown number for me.
I said – who?
Auntie said- forgot so soon… I am speaking Mamta then Desi Kahani mom.
I- Oh… I remembered… You are… How can I forget you… Tell me what is the work?
Aunt spoke in sensuous voice – will not complete the unfinished work?
I said – yes I definitely will.
Now laddus started bursting in my mind. I was just in the mood to get an opportunity to meet him and enjoy aunty’s pussy fuck for Desi Kahani mom.
That day, I murmured twice in the name of friend’s mother-in-law, Mamta Aunty and slept coldly.
The next day Aunty’s call came and they told me to come home and tell them today, your uncle is not even at home and enjoy Desi Kahani mom.
I was happy that I would get a chance to fuck my friend’s mother-in-law. And in the evening when he went here by bike, he welcomed me very much. I came to his house with the view of staying the night. Even today Uncle was not at home.
I was just looking at their drunk pussy. Aunties were also being bent and given me vegetables etc on the Desi Kahani mom.
Once when she bowed, I said in her ear while saving everyone’s attention – I have come to fuck my friend’s mother-in-law.
She smiled looking at me.
Two hours later, the night was deepening. After eating this meal, everyone went to sleep in their rooms. I was also late like Desi Kahani mom.
Then came Mamta aunty, she told me while twitching – Have you slept?
I said – otherwise!
She said – Let’s start the game.
She started going to the room and got up and made me follow her.
When I went to his room, I asked where Uncle has gone. Will you come back at night?
She said – they rarely come here. Let’s do farming in a nearby village, I live here alone with children on the Desi Kahani mom.
I knew they had four children. But by looking at them, it was not felt that she was the mother of four children. I found out much later that her husband was much older than her. Uncle was 54 years old and now he could not give him the pleasure of cocks like Desi Kahani mom.
I took them in the arms and started kissing. So she also started supporting me. We both started kissing. She started shouting ‘Ohh ah ..’.
Shortly afterward I removed her blouse and bra. Mamta aunty’s juicy mummies came out and jumped in the air. I filled both his mums in my hands and started pressing them vigorously. She started shouting ‘Ohh ah … ohh ah ..’ very loudly the Desi Kahani mom.
Then he took out my pants and took out my cock and started tugging at him with fun. I asked the aunt to suck cocks, then sitting down, the aunt started sucking cocks.
Ah what a fun it was starting, friends… My friend’s mother-in-law used to suck cocks very well about Desi Kahani mom.
Sucking their cocks made my mouth moan – ah Mamta Rani… and suck cocks vigorously. Ah… how cool do you suck… Ah, I am enjoying it….
Mamta aunty was busy licking my ass with fun and giving full enjoyment to my cock. I started mashing them up.
After some time Mamta aunty said- Now put your cock in my pussy quickly. I am very thirsty.
I put them under me and put my cock in the pussy of friend’s mother-in-law on Desi Kahani mom.
A loud sound came out of his mouth – ah… I killed my pussy… Slowly Chodo Manish ji… Your cock is very thick and big… You will kill me.
I said – enjoy the son-in-law’s friend’s cock, my mother-in-law Amma then start Desi Kahani mom.
I slowly started to bang the cock in the friend’s mother-in-law’s pussy. She began to pick up the drunken voices of ‘Ohh oh…’.
I began to enjoy the fuck of friend’s mother-in-law while squeezing out her Tits while taking out the whole cocks in her pussy.
Friend’s mother-in-law – ah chodo… ah fun aa raha haha… ah ah umm Desi Kahani mom.
Now the sound of Fach Fach was coming from his pussy. She was furiously saying – Ah, today I don’t know how many days after I have got peace… Ah I am enjoying it. I got such a fuck after many days. My thirsty pussy has got big cocks… ohhhh.
After some time, aunt fell down and fell out.
But I was not done yet, so I told them.
She said gasping – Wait a minute for Desi Kahani mom.
I removed the cocks, then the next moment she became a mare and started pointing out from behind. I started sucking pussy by cocks from behind
Mamta aunty was taking my cock in pussy with great fun. And alcoholic voices were also being removed – ah ah kills Desi Kahani mom.
Then after some time Mamta aunty came over my cock. They set my cock on their pussy and started banging.
I was kissing his friend’s mother-in-law loudly, mmming at him.
Aunty was jumping ass while doing ‘Ah hahhhh ..’.
Then I was about to leave, so I lay them down and started fucking them. The entire room was filled with the sounds of Fuch Fuch Fuch Fuch Desi Kahani mom.
After putting some twenty shots I fell down. We both started panting.
After some time both of us started clinging and kissing again.
That night I got them 3 times and in the morning I came to my house. Now whenever she needed my cock, she would call me and fuck me a lot Desi Kahani mom.
Friends, this was my first sex story of a friend’s mother-in-law. If there is a mistake in writing, then you will ignore.
Now I have come to Delhi. They get a call every day, but I can’t go. He also had one of his friends fuck me. I will write that sex story in the next story for Desi Kahani mom.
How did you feel the mother-in-law’s story? Mail me and tell me. Apart from this, you can also give your opinion by commenting on the story below. And to read sex videos and new story, telegram group can join.
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