सगी भाभी को चोदने का एहसास Devar bhabhi ki chudai
Devar bhabhi ki chudai: मैंने अपनी सगी भाभी की चोदाई कर डाली. हुआ यों कि भाभी ने एक दिन बाथरूम में नहाते हुए मेरा लम्बा और मोटा लंड देख लिया. तब से भाभी मेरे साथ ज्यादा खुलने लगी.
दोस्तो, मेरा नाम आदित्य है और मुझे घर में सब आदी कह कर बुलाते हैं। मैं 21 साल का हूं और बी.फार्मा. के तीसरे वर्ष में हूं. जब से मैंने जवानी में कदम रखा है मुझे बॉडी बिल्डिंग का बहुत शौक रहा है. मैं जिम करता हूं तो मेरी बॉडी अच्छी बनी हुई है.
मगर ये तो हुई मेरे शौक की बात. अब मैं आपको एक राज की बताता हूं. बनाने वाले ने मुझे एक खास तोहफा दिया है. वो तोहफा है मेरे लंड का साइज़. जी हां दोस्तो, मेरे लंड का साइज 8 इंच से कुछ ज्यादा ही है. इतना बड़ा लंड मिलना वाकई किस्मत की बात है.
जब मेरा लंड पूरे तनाव में होता है तो उसकी मोटाई 3 इंच हो जाती है. इतना मोटा और लम्बा लंड लेकर कोई भी लड़की तो क्या एक से एक चुदक्कड़ औरत भी खुश हो जायेगी. मगर मैं जो कहानी आप लोगों को बताने जा रहा हूं वो किसी अन्जान की नहीं बल्कि मेरी ही भाभी की कहानी है.
मेरी भाभी का नाम सलोनी है. घर में मेरी भाभी को सब सुलु कह कर पुकारते हैं. मैं भी अपनी भाभी को सुलु भाभी कह कर बुलाता हूं. यह बात तब की है जब मेरी भाभी सुलु दूसरी बार अपनी ससुराल यानि कि हमारे घर पर आई थी.
इससे पहले कि मैं भाभी की चोदाई कहानी को आगे बढ़ाऊं मैं आपको अपने भाई का परिचय भी दे देता हूं. मेरा भाई मुझसे उम्र में तीन साल बड़ा है. उसके लंड का साइज 6 इंच के करीब है. अब आप ये सोच रहे होंगे कि मुझे उसके लंड का साइज कैसे पता चल गया.
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अगर आप कहानी को आगे पढ़ेंगे तो आपको भी पता लग जायेगा कि मेरे भाई के लंड के बारे में मुझे कैसे पता लगा. इसलिए अभी मैं इस बात को यहीं खत्म कर देता हूं और अपनी भाभी के बारे में आपको बताता हूं.
मेरी भाभी की उम्र 22 साल है. वो एक गजब के शरीर की मालकिन है. उसका फिगर इतना मस्त है कि मुझे अपने भाई से जलन होने लगी थी कि कैसी माल हाथ लगी है उनको. एकदम फिट और गजब की शेप वाले बदन की मालकिन. कभी कभी मेरा मन करने लगता था भाभी की चोदाई करने का!
पढ़ाई में उसने स्नातक किया हुआ है.
उसका गोरा बदन, गोल चूचे और बाहर निकली हुई मस्त सी गांड को देख कर तो पहले दिन ही मेरा लंड पानी छोड़ने लगा था. मगर अभी वो घर में नई दुल्हन थी तो मैं बस अपने अंदर की प्यास को लौड़ा हिला कर ही शांत कर लेता था. शादी से पहले भाभी जीन्स और टॉप वगैरह भी पहनती थी लेकिन शादी के बाद ज्यादातर साड़ी या सूट में ही रहने लगी थी.
मगर साड़ी में भी वो गजब की सेक्सी दिखती थी. कई बार जब मेरे मम्मी-पापा घर पर नहीं रहते थे तो वो जीन्स और टॉप भी पहन लेती थी. मैंने उसको बस एक बार ही इस तरह के लिबास में देखा था. उस दिन उसके चूचों की शेप को देख कर मुझे तुरंत जाकर बाथरूम में मुठ मारनी पड़ी थी.
आप समझ ही गये होंगे कि कितनी मस्त गोलाई वाले चूचे होंगे उसके. फिर एक दिन मेरी किस्मत भी मुझ पर मेहरबान हो ही गई. भाई को दो या तीन दिन के लिए किसी काम से बेंगलुरू जाना पड़ रहा था. वो तीन दिन के बाद ही आने वाले थे. यहां तक तो सब ठीक था लेकिन किस्मत की बात ये हुई कि उसी दिन मेरे नाना की तबियत बिगड़ गई.
मेरी मां और पापा नाना का हाल-चाल जानने के लिए गांव में चले गये. वो दोनों भी अगले दिन वापस आने वाले थे. मगर गांव में जाने के बाद मां का फोन आया कि उनको अभी एक-दो दिन का वक्त और लगने वाला है. इसलिए मां अब दो-तीन दिन तक नहीं आने वाली थी.
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अब घर में मैं और भाभी ही रह गये थे. मैं भी थोड़ा मजाकिया किस्म का बंदा हूं तो भाभी और मेरे बीच में मजाक हो जाता था. भाभी भी मेरे साथ काफी कम्फर्टेबल फील करती थी. जब घर में कोई नहीं था तो पहली रात को तो सब कुछ ठीक रहा. अब तक मेरे मन में भी चुदाई का प्लान करने का विचार नहीं आया था.
अगली सुबह उठ कर मैं बाथरूम में नहाने के लिए चला गया. घर में भाभी और मेरे अलावा कोई नहीं था. मैं जानता था कि घर में भाभी और मेरे अलावा कोई नहीं है. उस वक्त भाभी भी अपने कमरे में थी इसलिए मैंने बाथरूम का दरवाजा खुला ही छोड़ दिया था.
मगर यहां पर एक बात यह भी थी कि भाभी को नहीं पता था कि मैं उठ गया हूं. उनके लिए तो मैं अभी सो रहा था. भाभी रोज सुबह मुझे उठाने के लिए मेरे कमरे में आती थी. मैं बाथरूम में था. मुझे नहीं पता था कि भाभी एकदम से मेरे कमरे में आ जायेगी.
मैं नंगा होकर बाथरूम में नहा रहा था. अपनी ही मस्ती में था. मुझे अंदर गये हुए काफी देर हो चुकी थी. शायद भाभी ने मुझे आवाज भी दी होगी लेकिन मुझे पानी के शोर के कारण कुछ सुनाई ही नहीं दिया. फिर भाभी मेरे बेड के पास आ गई. मेरे बेड के पास आने पर बाथरूम के अंदर का नजारा साफ दिखाई देता था.
भाभी ने मुझे नहाते हुए देख लिया. उस वक्त मैं अपने लंड को अपने हाथ में लेकर मसल रहा था. जब मेरी नजर भाभी पर पड़ी तो मैं एकदम से सकपका गया. मैंने तुरंत बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया. मुझे नहीं पता भाभी ने मेरे शरीर में क्या क्या देखा और कितनी देर देखा. लेकिन जब मैंने उनको देखा तो मैंने तुरंत दरवाजा बंद कर लिया था.
उसके बाद मैं नहा कर बाहर आ गया. मैंने नाश्ता किया और मैं तैयार होकर अपने कॉलेज चला गया. जब मैं वापस आया तो दोपहर के तीन बज चुके थे. वापस आने के बाद मैंने नोटिस किया कि भाभी का अंदाज कुछ बदला बदला सा लग रहा था.
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शाम को खाना खाते समय भाभी ने कहा कि रात को तुम मेरे कमरे में आकर ही पढ़ाई कर लेना. मुझे अकेले डर लगता है. तुम्हारे भैया भी घर में नहीं हैं और मां जी भी गांव में हैं.
मैंने कहा- ठीक है भाभी. मैं आपके रूम में आकर ही पढ़ाई कर लूंगा.
रात के 9 बजे के करीब मैं भाभी के रूम में चला गया और अपनी किताब लेकर बैठ गया. फिर कुछ देर पढ़ाई करने के बाद भाभी और मैं बातें करने लगे. बातें करते करते बात बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड तक पहुंच गई. मैं भाभी के साथ काफी खुल गया था इसलिए भाभी के साथ इस तरह की बातें करने में मुझे कोई परेशानी नहीं थी और भाभी का व्यवहार भी काफी दोस्ताना था.
फिर भाभी ने पूछा- कितनी गर्लफ्रेंड बना रखी हैं तुमने कॉलेज में?
मैंने कहा- एक ही थी भाभी, उससे भी ब्रेक-अप हो गया है. अब तो मैं बिल्कुल अकेला हूं.
वो बोली- तो फिर उसके बाद कोई दूसरी नहीं मिली?
मैंने कहा- नहीं, अभी तक तो नहीं मिली.
वो बोली- तो फिर बना लो कोई दूसरी. तुम तो जवान हो काफी.
मैंने कहा- आपके जैसी कोई कहां मिलेगी.
वो बोली- ओह्ह, तो मेरे जैसी चाहिए!
मैं बोला- जी!
फिर वो बोली- देखो, मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड तो नहीं बन सकती लेकिन फ्रेंड जरूर बन सकती हूं.
मैं बोला- सोच लो भाभी, मैं अपनी दोस्तों के साथ बहुत मस्करी करता हूं. कहीं बाद में आप शिकायत करने लगो.
वो बोली- नहीं करूंगी. मगर जरा अपने भैया और मम्मी पापा के सामने ख्याल रखना. कहीं वे गलत न सोचने लग जायें.
मैंने कहा- ठीक है. मैं ख्याल रखूंगा. तो आज से हम फ्रेंड्स?
मैंने भाभी की तरफ हाथ बढ़ाते हुए कहा.
भाभी ने अपना हाथ मेरे हाथ में दे दिया और हमने हाथ मिला लिया. भाभी के कोमल हाथों को छूकर मैंने उनको छेड़ना शुरू कर दिया और उनके हाथों को दबाने लगा.
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सुलु भाभी ने अपना हाथ वापस खींच लिया और बोली- अब रात काफी हो गई है. हम लोगों को सोना चाहिए.
मैंने कहा- थोड़ी देर और पढ़ लेता हूं भाभी. अभी मुझे नींद नहीं आ रही है.
वो बोली- ठीक है, तुम पढ़ाई करो. तब तक मैं कपड़े चेंज करके आती हूं.
कुछ देर के बाद भाभी टी-शर्ट और लोअर पहन कर आ गई. उस लिबास में भाभी के चूचे एकदम मस्त तरीके से उभर कर दिख रहे थे. पहली बार मैंने भाभी को एक हवस भरी चुदाई करने की नजर से देखा था उस दिन. वो आकर मेरे पास बेड पर लेट गई और टीवी देखने लगी.
भाभी टीवी में मग्न थी तो फिर मुझे भी अब नींद आने लगी थी. कुछ देर के बाद मैं भी उठ कर अपने कमरे में चला गया. रात काफी हो चुकी थी और सुबह उठ कर मुझे कॉलेज भी जाना था. मैं अपने कमरे में जाकर सो गया. उस दिन मैं अपने लंड को सहलाकर सो गया.
अगली सुबह भाभी ने मेरे कमरे में आकर मुझे जगाया. जब वो मुझे जगा रही थी तो झुकी होने के कारण उसके चूचों के क्लिवेज ब्लाउज के अंदर से साफ दिखाई दे रहे थे. फिर वो पलट कर जाने लगी. जब दरवाजे के पास पहुंच गई तो मैंने उनको आवाज देकर कहा- भाभी, आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो. भाभी पलट कर मुस्कराई और फिर अपनी गांड मटकाते हुए चली गई.
उसके बाद मैं फ्रेश होकर नाश्ता करने के लिए चला गया. उस वक्त भाभी किचन में बर्तन सेट कर रही थी. मैंने टेबल पड़ा हुआ अखबार उठा कर भाभी की गांड पर मार दिया.
भाभी बोली- ये क्या बद्तमीजी है?
मैं बोला- मैंने आपको कल भी बताया था कि अगर मुझसे दोस्ती करोगी तो आपको ये सब बर्दाश्त करना पड़ेगा.
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फिर वो बोली- हां, मैं तो ये भूल ही गई थी.
मैंने कहा- अब नाश्ता तो दे दो भाभी, बहुत भूख लगी है.
भाभी मेरे लिए नाश्ता लेकर आ गई और हमने साथ में बैठ कर ही नाश्ता किया.
मेरी नजर भाभी के सुन्दर चेहरे से फिसल कर उसके गले के नीचे उसकी चूचियों को टटोल रही थी.
अचानक भाभी बोली- आज मुझे बाजार से सामान लाने के लिए तुम्हारी जरूरत है. तुम चल सकते हो क्या?
मैं बोला- भाभी, वैसे मुझे कॉलेज जाना था लेकिन अगर आपको जरूरी काम है तो फिर मैं आज कॉलेज की छुट्टी कर लेता हूं.
यह सुन कर भाभी मुस्कराने लगी. फिर बोली- ठीक है, मैं भी नहा धोकर तैयार हो जाती हूं.
जब भाभी तैयार हो चुकी उसने मुझे आवाज दी. मैं उसके कमरे में गया तो देखता ही रह गया. उसने सफेद टी-शर्ट और ब्लू जीन्स पहनी हुई थी.
मैंने कहा- भाभी आप तो बिल्कुल हीरोइन लग रही हो इन कपड़ों में।
भाभी बोली- हां, मम्मी पापा घर पर नहीं है तो इसलिए पहन लिया मैंने. अब चलो. हमें देर हो रही है.
वो पूछने लगी- कैसे जायेंगे हम?
मैंने कहा- स्कूटी पर.
वो बोली- चलायेगा कौन?
मैंने कहा- आज आप चलाओगी.
वो बोली- ठीक है.
उसके बाद हम शॉपिंग के लिए निकल गये. रास्ते में मैंने भाभी के कंधे पर हाथ रख लिया और फिर उनकी कमर पर हाथ रख लिया. भाभी ने कुछ नहीं बोला. उसके बाद मैं हिम्मत करके भाभी की कमर को भी सहलाने लगा. तब भी भाभी ने कुछ नहीं कहा. अब मुझे यकीन हो गया था कि भाभी को कोई प्रॉब्लम नहीं है.
बाजार जाकर हमने शॉपिंग की और फिर दोपहर तक वापस आ गये. हम दोनों ही थक गये थे.
भाभी बोली- मैं अपने कमरे में सोने के लिए जा रही हूं. शाम को मम्मी-पापा भी आने वाले हैं.
मैंने सोचा कि उनके आने से पहले भाभी के साथ थोड़ी सी मस्ती कर ली जाये. क्योंकि उसके बाद मौका नहीं मिल पाता.
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मैंने कहा- भाभी, मैं भी आपके रूम में ही आपके साथ लेट जाता हूं.
वो बोली- ठीक है चलो.
अंदर जाकर भाभी ने ड्रेस बदल ली. उसने लोअर पहन ली और घर वाली टी-शर्ट पहन ली. उसमें उसके बदन की शेप मस्त लग रही थी. फिर वो बेड पर आकर लेट गई.
भाभी ठीक मेरी बगल में लेटी हुई थी. कुछ देर के बाद ही उनको नींद आ गई.
जब हमें लेटे हुए थोड़ा वक्त बीत गया तो मैंने देखा कि भाभी की टी-शर्ट पेट के ऊपर से हट गई है. उनका गोरा बदन दिखने लगा था. उसको देखते ही मेरे अंदर सेक्स जागने लगा. मैंने हल्के हाथ से भाभी के पेट को छूकर देखा. भाभी नींद में थी. फिर मैंने भाभी की टी-शर्ट को पूरा ऊपर कर दिया. उसने नीचे से ब्रा भी नहीं पहनी थी इसलिए उसके चूचे मेरे सामने नंगे हो गये.
सुलु भाभी के नंगे चूचे देख कर मेरा लंड फटने को हो गया. मैं अपने हाथों को रोक नहीं पाया और भाभी के गोरे चूचों को छू कर देखने लगा. भाभी के नर्म चूचे हाथ में लेकर पूरे शरीर में करंट सा दौड़ने लगा. मैंने अब भाभी के बूब्स पर दबाव देना शुरू कर दिया. भाभी की आंखें अभी भी बंद थीं.
उसके बाद अचानक से भाभी ने करवट ली और उसकी गांड मेरी तरफ हो गई. मेरा लंड तो पहले से तना हुआ था. मैंने धीरे से सोई हुई भाभी की गांड पर अपना तना हुआ लंड लगा दिया. धीरे-धीरे लंड को भाभी की गांड पर रगड़ने लगा. बहुत मजा आने लगा. हर पल मेरी हवस बढ़ रही थी.
अपने तने हुए लंड को मैंने भाभी की गांड से चिपका दिया. आगे हाथ ले जाकर उसकी चूचियों को दबाने लगा. अभी भी भाभी सो रही थी या फिर हो सकता है कि सोने का नाटक कर रही थी. मगर मुझे बहुत मजा आ रहा था और भाभी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया न होते देख मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी.
मैं डरते हुए ही उनके चूचे दबा रहा था.
फिर भाभी एकदम से उठ कर बोली- करना है तो सही से कर ले. मैं मना कर रही हूं क्या?
मैं सुन कर हैरान हो गया लेकिन साथ ही खुश भी. मेरे मन की मुराद जैसे पूरी हो गई. मैंने भाभी की टी-शर्ट को निकाल कर उसको ऊपर से पूरी नंगी कर दिया.
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उसके चूचों को मुंह में लेकर पीने लगा. उसके बाद मैंने भाभी की लोअर को भी निकाल दिया. उसने नीचे से पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी. भाभी की चूत गीली हो चुकी थी. मैंने भाभी की चूत में उंगली डाल दी. अपनी उंगली को अंदर बाहर करने लगा और अब भाभी के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं.
काफी देर तक मैं सुलु भाभी की चूत में उंगली करता रहा और उसकी चूत ने एकदम से पानी छोड़ दिया और मेरा पूरा हाथ भाभी की चूत के रस में भीग गया. उसके बाद मैंने अपने कपड़े निकाल कर एक तरफ डाल दिये और नंगा होकर भाभी के बूब्स को पीने लगा. मेरा लंड तन कर फटने वाला था. भाभी की गीली चूत मेरे लंड पर टच हो रही थी. मेरा लंड चूत से लगने के बाद कहीं अंदर घुसना चाह रहा था.
अगर मैं चाहता तो भाभी की चूत में उसी वक्त लंड को डाल देता लेकिन अभी मैं भाभी के जिस्म के और मजे लेना चाह रहा था. मैंने उठ कर भाभी को बैठने के लिए कहा. मेरे कहने पर भाभी बैठ गई. उसके बैठने के बाद मैंने देखा कि उसके चूचे एकदम से टाइट होकर नुकीले हो चुके थे.
भाभी के तने हुए चूचों को दबाते हुए मैंने उनको फिर से मुंह में लिया और जोर से चूसने लगा. भाभी तेज सिसकारियां लेते हुए मेरे बालों को सहलाने लगी. अब मेरा लंड बुरी तरह से तड़पने लगा. मैंने भाभी के मुंह के पास लंड को कर दिया और चूसने के लिए कहा. मगर भाभी ने मना कर दिया.
बहुत रिक्वेस्ट करने के बाद सुलु भाभी ने मेरे लंड के टोपे को मुंह में लिया और चूसने लगी. इतना लम्बा लंड भाभी के मुंह में आधा ही आ रहा था. मैंने एक धक्का देकर भाभी के गले तक लंड को उतार दिया. भाभी की सांस रुकने लगी और वो मुझे पीछे धकेलने लगी.
भाभी की हालत देख कर मैंने वापस से लंड को आधा बाहर निकाल लिया और भाभी अब मजे लेकर मेरे लंड को चूसने लगी. दस मिनट तक मैं भाभी को लंड चुसवाने का मजा लेता रहा. फिर एकदम से मेरा कंट्रोल छूट गया और मैंने भाभी के मुंह को अपने माल से भर दिया.
उसके बाद मैंने उसको वापस लिटा दिया और उसकी चूत में जीभ देकर तेजी से अंदर बाहर करने लगा. भाभी तड़पने लगी. मेरी जीभ पूरी की पूरी भाभी की चूत में अंदर जाकर उसको मजा दे रही थी. भाभी के मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं और वो बार-बार अपनी टांगों को मेरी गर्दन पर लपेट रही थी.
इस फोटो में आप मेरी bhabhi की चूत के दर्शन कर सकते है,
फिर वो बोली- बस आदी … अब रहा नहीं जा रहा. मेरी चूत में अपना लम्बा और मोटा लंड घुसा दो.
अब तक मेरा लंड भी दोबारा से तनाव में आना शुरू हो गया था. मैंने फिर से भाभी के मुंह में लंड को दे दिया और 2 मिनट चुसवाने के बाद मेरा लंड पूरे जोश में आ गया.
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अपना लन्ड भाभी की चूत पर सेट किया और धीरे से एक धक्का दिया तो मेरे लन्ड का सुपारा भाभी की चूत में चला गया जिससे भाभी को दर्द होने लगा.
भाभी बोली- आदी धीरे करो, तुम्हारे भाई का लन्ड छोटा और पतला है. तुम्हारा लंड मेरी चूत को फाड़ देगा और तुम्हारे भाई को भी पता लग जायेगा कि मैं किसी मोटे लंड से चूत चुदवा रही हूं.
एक बार तो मैं रुका लेकिन फिर मुझसे रहा न गया. मैंने एक झटका और दिया तो मेरा लन्ड भाभी की चूत में आधा चला गया और भाभी के मुंह से चीख निकल गयी. मैं भाभी की आवाज को अंदर दबाने के लिए उसके होंठों को चूसने लगा. कुछ पल रुकने के बाद मैंने फिर से धक्का मारा तो मेरा लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ अंदर समा गया.
दर्द के कारण सुलु भाभी की आंखों से आंसू निकल आये. चूत में लंड को फंसा कर मैंने भाभी को चूमना शुरू कर दिया. जब भाभी नॉर्मल हो गई तो मैंने चूत में धक्के लगाना शुरू किया. कुछ ही देर के बाद भाभी का दर्द मजे में बदल गया. अब वो अपनी गांड को हिला-हिलाकर मेरे लंड से चुदने लगी. उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थी- उम्म्ह … अहह … हय … ओह … आदी चोदो मुझे और जोर से चोदो।
इस तरह करीब 20 मिनट तक मैं भाभी की चोदाई करता रहा. इस बीच भाभी 2 बार झड़ गयी और मैंने भी अपना माल भाभी भी की चूत में ही गिरा दिया. मैं बुरी तरह थक गया था. मैं भाभी के ऊपर लेट कर ही सो गया. शाम को 6 बजे नींद खुली तो मैंने देखा कि मैं भाभी के बेड पर नंगा ही सोया हुआ था और भाभी भी कमरे में नहीं थी।
उठ कर मैंने कपड़े पहने और फ्रेश होकर हॉल में गया और सोफे पर बैठ गया. थोड़ी देर के बाद भाभी चाय लेकर आ गई. वो शर्म के मारे नजर भी नहीं मिला पा रही थी. उसके कुछ देर के बाद मम्मी और पापा भी आ गये. फिर अगले दिन भैया भी आ गये.
इस दौरान हम देवर-भाभी के बीच में कुछ नहीं हो पाया. फिर पंद्रह दिन के बाद भाभी अपने मायके चली गयी. उसके कई महीनों के बाद मुझे भाभी की चूत की चोदाई का मौका मिला. मेरे लंड से खुश होकर भाभी ने अपनी छोटी बहन की चूत भी मुझसे चुदवाई. वह कहानी मैं आपको अगली बार बताऊंगा.
आपको मेरी यह भाभी की चोदाई कहानी कैसी लगी इसके बारे में जरूर मुझे बताना. कहानी पर कमेंट भी करना ताकि मुझे पता लग सके कि कहानी में आपको मजा आया या नहीं.
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आपको मेरी यह सच्ची सेक्स घटना कैसी लगी मुझे Telegram पर ज़रूर बताये में आपके comment और message का इंतज़ार करूगा. इसके अलावा आप कहानी पर नीचे कमेंट करके भी अपनी राय दे सकते हैं.
Story Read in English
Sagi Bhabhi ko chodne ka ehsaash devar bhabhi ki chudai
Devar bhabhi ki chudai: I made my real sister-in-law fuck me. It happened as if sister-in-law took a bath in the bathroom and saw my long and thick cock. Since then sister-in-law started opening up more with me and devar bhabhi ki chudai.
Friends, my name is Aditya and I am called at home by everyone. I am 21 years old and B. Pharma. I am in the third year. Ever since I stepped into youth, I have been very fond of body building. When I do gym, my body remains good.
But this is my hobby Now I tell you a secret. The builder has given me a special gift. That gift is the size of my cock. Yes friends, the size of my cock is just over 8 inches. It is indeed a matter of luck to get such big cocks in devar bhabhi ki chudai.
When my cock is under tension, its thickness becomes 3 inches. If any girl with such a thick and long penis, will even a cocky woman be happy. But the story that I am going to tell you is not the story of any stranger, but the story of my sister-in-law but devar bhabhi ki chudai.
My sister’s name is Saloni. Everyone calls my sister-in-law at home. I also call my sister in law as Sulu Bhabhi. This thing has happened when my sister-in-law Sulu came to her in-law’s house for the second time I devar bhabhi ki chudai.
Before I go ahead with the sister-in-law’s Chodai story, I will also introduce you to my brother. My brother is three years older than me. The size of his cock is about 6 inches. Now you must be wondering how I came to know the size of his cock.
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If you read the story further, you will also know how I came to know about my brother’s cock. Therefore, I will end this thing right here and tell you about my sister-in-law.
My sister-in-law is 22 years old. She is the mistress of a wonderful body. His figure is so cool that I started feeling jealous of my brother, what kind of goods he has got. Mistress of body with perfect fit and amazing shape. Sometimes I used to feel like fucking sister-in-law!
He has graduated in studies to devar bhabhi ki chudai.
Seeing his blonde body, round ass and the cool ass that had come out, my cock had started leaving water on the very first day. But right now she was the new bride in the house, so I used to calm my inner thirst just by shaking my cock. Before marriage, sister-in-law also wore jeans and top etc. But after marriage, most of them started living in sarees or suits in devar bhabhi ki chudai.
But she looked amazing in a sari too. Many times when my parents did not stay at home, she used to wear jeans and tops too. I saw him in such a veneer just once. Seeing the shape of his cocks that day, I had to go to the bathroom immediately, devar bhabhi ki chudai.
You must have understood how much cool round balls would be. Then one day my luck also became kind to me. Brother had to go to Bangalore for some work for two or three days. He was to come only after three days. Till now everything was fine but the matter of luck happened that on the same day my maternal grandfather’s health deteriorated to devar bhabhi ki chudai.
My mother and father went to the village to know the health of Nana. Both of them were also going to come back the next day. But after going to the village, the mother got a call that she is going to take another day or two. So mother was no longer going to come for two-three days.
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Now I and my sister were left at home. I am also a little funny type of person, then there used to be fun between me and my sister-in-law. Sister-in-law used to feel comfortable with me too. When no one was in the house, everything went well on the first night. Till now, I had not even thought of planning Chudai.
The next morning I got up and went to the bathroom to take a shower. There was no one in the house except sister-in-law and me. I knew that there is no one in the house except me and sister-in-law. At that time, sister-in-law was also in her room, so I left the bathroom door open and devar bhabhi ki chudai.
But there was also one thing here that sister-in-law did not know that I was up. I was just sleeping for them. Sister-in-law used to come to my room every morning to wake me up. I was in the bathroom. I did not know that sister-in-law would come to my room immediately to devar bhabhi ki chudai.
I was naked and taking a bath in the bathroom. Was in his own fun. It was too late for me to enter. Perhaps sister-in-law may have given me a voice but I could not hear anything due to the noise of water. Then sister-in-law came to my bed. When I came near my bed, the view inside the bathroom was clearly visible the devar bhabhi ki chudai.
Sister-in-law saw me taking a bath. At that time, I was rubbing my cock in my hand. When I got my eye on her sister-in-law, I was completely shocked. I immediately closed the bathroom door. I do not know what the law has seen in my body and for how long. But when I saw him, I immediately closed the door.
After that I came out after taking a shower. I had breakfast and I got ready and went to my college. When I came back it was past three in the afternoon. After coming back, I notice that the style of the sister-in-law seemed like a revenge.
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While eating food in the evening, sister-in-law said that you should come to my room at night and study. I’m afraid alone. Your brother is also not at home and mother is also in the village.
I said – ok sister-in-law. I will study in your room.
Around 9 o’clock in the night, I went to the sister-in-law’s room and sat down with my book. Then after studying for some time, sister-in-law and I started talking. While talking, the talk reached the boyfriend and girlfriend. I was quite open with sister-in-law, so I had no problem in doing such things with sister-in-law and her behavior was also very friendly but devar bhabhi ki chudai.
Then sister-in-law asked how many girlfriends you have in college?
I said – there was only one sister-in-law, she has a break-up too. I am all alone now.
She said – then no other was found after that?
I said – No, I have not received it yet to devar bhabhi ki chudai.
She said – then make another one. You are very young.
I said – where will you find someone like you.
She said- Ohhh, I want it!
I said – yes ok devar bhabhi ki chudai.
Then she said- Look, I can’t be your girlfriend but you can definitely become a friend.
I said- Think, sister-in-law, I do a lot of music with my friends. Later you start complaining.
She will not bid. But take care in front of your brother and mother-in-law. Somewhere they don’t start thinking wrong but I try devar bhabhi ki chudai.
I said – okay. I will take care. So we are friends from today?
I said extending my hand towards sister-in-law.
Sister-in-law gave her hand to me and we shook hands. By touching the gentle hands of her sister-in-law, I started teasing them and started pressing her hands.
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Sulu sister-in-law pulled her hand back and said- Now the night is enough. We should sleep.
I said – I’ll read a little more time, sister-in-law. I am not feeling sleepy right now.
She said – well, you study. Till then I come to change clothes.
After some time, sister-in-law came wearing T-shirt and lower. In that veneer, her sister-in-law’s boobs were seen in a very cool way. That day for the first time I saw the sister in law with a lustful fuck. She came and lay on my bed and started watching TV and devar bhabhi ki chudai.
Sister-in-law was engrossed in television, then I too started feeling sleepy. After some time I too got up and went to my room. It was long enough and in the morning I had to go to college. I went to my room and slept. That day I fell asleep by caressing my cock.
The next morning the sister-in-law came to my room and woke me up. When she was waking me, because of her bowing, her clits were clearly visible from inside the blouse. Then she started turning around. When I reached near the door, I gave her a voice and said – Sister-in-law, you look very beautiful today. Sister-in-law smiled and then went back to her ass then devar bhabhi ki chudai.
After that I was fresh and went to have breakfast. At that time, sister-in-law was setting utensils in the kitchen. I took the newspaper lying on the table and killed it on the ass of the sister-in-law.
Sister-in-law said – what is this unfortunate?
I said – I told you yesterday that if you befriend me, you will have to bear all this.
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Then she said- Yes, I had forgotten it.
I said – now give breakfast, sister-in-law, very hungry.
Sister-in-law brought me breakfast and we sat together and had breakfast.
My eyes were slipping from her sister’s beautiful face and grope her nipples down her throat, devar bhabhi ki chudai.
Suddenly sister-in-law said – Today I need you to bring goods from the market. Can you walk
I said – sister-in-law, I had to go to college, but if you have the necessary work, then I take college leave today.
Hearing this, sister-in-law started smiling. Then said- Okay, I too get ready after taking a shower and devar bhabhi ki chudai.
When the sister-in-law was ready she gave me a voice. When I went to his room, he was left staring. He was wearing a white T-shirt and blue jeans.
I said – in law you are looking absolutely heroine in these clothes, devar bhabhi ki chudai.
Sister-in-law- Yes, my mother is not at home, so I wore it. Come on now We are getting late. Family sex story
She started asking – how will we go?
I said – on scooty.
Who will he bid?
I said – today you will run.
She said – okay.
After that we went out for shopping. On the way, I put my hands on her sister’s shoulder and then put her hands on his waist. Sister-in-law did not say anything. After that, I dared to caress the waist of her sister-in-law as well. Even then the law did not say anything. Now I was convinced that sister-in-law has no problem, devar bhabhi ki chudai.
We went shopping at the market and then came back till noon. Both of us were tired.
Sister-in-law said- I am going to sleep in my room. Mother and father are also coming in the evening.
I thought I should have some fun with her sister-in-law before her arrival. Because after that there is no chance.
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I said – sister-in-law, I also lie down with you in your room.
She said – okay come on.
After going inside, the sister-in-law changed the dress. He wore a lower and a home T-shirt. The shape of her body was looking good in it. Then she came to bed and lay down.
Sister-in-law was lying next to me. He fell asleep after a while I got devar bhabhi ki chudai.
When we passed a little while lying down, I saw that the sister-in-law’s T-shirt has gone off the top of the stomach. His fair body was beginning to appear. Seeing him, sex started waking up inside me. I saw the sister-in-law touching her stomach with light hands. Sister-in-law was asleep. Then I put the sister-in-law’s T-shirt over. She did not even wear a bra from below so her feet got naked in front of me and devar bhabhi ki chudai.
Seeing the naked boobs of Sulu Bhabhi, my cock got torn. I could not stop my hands and began to touch the white boobs of the sister-in-law. Taking the softest hand of sister-in-law, he started running like a current in the whole body. Now I started pressurizing her sister-in-law. Bhabhi’s eyes were still closed in devar bhabhi ki chudai.
After that, suddenly the sister-in-law took a turn and her ass was on my side. My cock was already taut. I put my taut cocks gently on the sleeping sister-in-law’s ass. Slowly, the cock began to rub on the ass of the law. Started having a lot of fun. My lust was increasing every moment to devar bhabhi ki chudai.
I stuck my trunk cock with sister-in-law’s ass. Taking his hand forward, he started pressing his cunts. The sister-in-law was still sleeping or maybe she was pretending to sleep. But I was enjoying it very much and seeing no response from my sister, my courage was increasing to devar bhabhi ki chudai.
I was pressing his cock in fear.
Then sister-in-law immediately got up and bid – if you do it right. What am I refusing?
I was surprised to hear that but also happy. The wish of my mind was fulfilled. I removed the sister-in-law’s T-shirt and bare it from above.
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Started drinking with his mouths. After that, I also removed the lower sister-in-law. She was not even wearing panties from below. Bhabhi’s pussy was wet. I put a finger in her sister’s pussy. She started to put her finger in and out, and now Siskaris started coming out of her mouth and devar bhabhi ki chudai.
For a long time, I kept fingering Sulu bhabhi in her pussy and her pussy left water completely and my whole hand got wet in the juice of sister-in-law. After that I took off my clothes and put them aside and started drinking the boobies of sister-in-law. My cock was about to get tanned. Bhabhi’s wet pussy was getting touched on my cock. After licking my cock, I wanted to enter somewhere to devar bhabhi ki chudai.
If I wanted to, then I would have put cocks in my sister’s pussy at the same time, but right now I wanted to enjoy more of her body. I got up and asked the sister-in-law to sit. Sister-in-law sat down at my behest. After he sat down, I saw that his legs were absolutely tight and pointed to devar bhabhi ki chudai.
While pressing the fronds of the sister-in-law, I took them again in the mouth and started sucking vigorously. The sister-in-law started caressing my hair while taking hers. Now my cock started cracking badly. I turned the cocks near her mouth and asked to suck. But the sister-in-law refused.
After much request, Sulu Bhabhi took the head of my cock in her mouth and started sucking. Such a long cock was coming in half in her mouth. I pushed the cocks up to her sister’s throat with one push. Bhabhi’s breath stopped and she started pushing me back.
Seeing the condition of her sister, I took out half of the cocks from back and now I started sucking my cock. For ten minutes I continued to enjoy sucking my cock. Then I completely lost control and I filled my mouth with her goods.
After that I licked her back and started giving her tongue in and out fast. Sister-in-law started to suffer. My tongue went inside the whole sister-in-law’s pussy and was giving fun to her. Siskaris were coming out of her mouth and she was repeatedly wrapping her legs on my neck.
In this photo you can see my bhabhi’s pussy,
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Then she said – just accustomed… no longer going on. Insert your long and thick cocks into my pussy.
By now, my cock had also started coming under stress again. I again gave the cocks in the mouth of sister-in-law and after 2 minutes of kissing, my cock came in full fervor.
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I set my land on the pussy of the sister-in-law and gently pushed one, then the supara of my land went into the sister-in-law’s pussy, which made her feel pain.
Sister-in-law said – Addicted slowly, your brother’s weight is small and thin. Your cock will tear my pussy and your brother will also know that I am getting pussy from any thick cock.
Once I stopped but then I could not stop myself. I gave one more blow, then my land went half in the sister-in-law’s pussy and the sister-in-law screamed out. I started sucking her lips to suppress her voice. After pausing for a few moments, I pushed again and then my cock licked inside my sister’s pussy.
Due to the pain, tears came out from the eyes of Sulu Bhabhi. I started kissing sister-in-law by licking her pussy. When sister-in-law became normal, I started to bang her pussy. After a while, her sister-in-law’s pain turned into fun. Now she shook her ass and started fucking me with my cock. Siskaris were coming out of his mouth- Ummh… Ahhh… Hahh… Oh… Addicted Chodo Chodo me harder.
In this way, I kept fucking Bhabhi for about 20 minutes. Meanwhile, sister-in-law fell 2 times and I also dropped my goods in her pussy. I was so tired. I lay down on my sister-in-law and slept. I woke up at 6 in the evening and I saw that I was sleeping naked on the sister-in-law’s bed and the sister-in-law was not even in the room.
After getting up, I dressed and was fresh and went to the hall and sat on the couch. After a while, sister-in-law brought tea. She was unable to even see the eyes in shame. After some time, mom and dad also came. Then the next day brother also came.
During this time, we could not do anything between the brother-in-law. Then after fifteen days, sister-in-law went to her maternal home. After several months of that, I got a chance to fuck her in law. Pleased with my cock, sister-in-law also cuddled her younger sister’s pussy with me. I will tell you that story next time.
You must tell me about how you liked this sister-in-law’s Chodai story. Also comment on the story so that I can find out whether you enjoyed the story or not.
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