फेसबुक से बनी गर्लफ्रेंड की चुदाई Hindisex stori antarvasna2
Hindisex stori antarvasna2: मैं सुनता था कि फेसबुक पर लड़की पटाई। मैं सोचता था कि सच में ऐसा नहीं होता; लोग झूठ बोलते हैं। लेकिन जब मैंने खुद एक लड़की को गर्लफ्रेंड बना कर सेक्स किया तो …
नमस्कार दोस्तों! यहां पर कहानी पढ़ने के लिए पधारे सभी लंड और चूतों को रोमी का अभिवादन!
दोस्तो, यह सेक्सी कहानी मेरी फेसबुक वाली फ्रेंड की है जिसको मैंने पटाकर चोदा।
मेरी पिछली कहानी शादी से पहले बुआ की चुदाई भी आपने पढ़ी होगी.
इस घटना से पहले मैं हमेशा सुनता था कि फेसबुक पर लड़की को पटाया। मैं सोचता था कि क्या सच में ऐसा होता होगा? शायद ये लोग झूठ बोलते होंगे।
लेकिन ऐसा मेरे साथ भी हुआ तो विश्वास हो गया कि सच में ऐसा होता है।
कुछ साल पहले की बात है कि मेरी गर्लफ्रेंड से मेरा ब्रेकअप हो गया था और मैं अकेला था।
एक दिन मैं फेसबुक चला रहा था तब एक लड़की का नाम नजर आया। उसका नाम कविता था। मैंने उसकी प्रोफाइल देखी और उसको फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी। अगले दिन मैंने देखा कि उस लड़की ने मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली थी। मैं बहुत खुश हुआ और उसको हेलो का मैसेज किया। लेकिन उस वक्त वह ऑफलाइन थी इसलिए उसने जवाब नहीं दिया।
कुछ घंटे बाद उसका जवाब आया। उसने भी मुझे हेलो कहा। और फिर मैंने उससे इधर उधर की बातें करना शुरु कर दिया।
जैसे क्या आपका असली नाम यही है। आप क्या करते हो वगैरा-वगैरा। उसने भी मुझे सारे सवालों के जवाब दिए।
लेकिन मैं सोच रहा था कि कोई लड़की है इतना आसानी से मुझसे कैसे बात कर रही है इसलिए मुझे भरोसा नहीं हो रहा था कि यह लड़की ही है। जो फेसबुक चलाते हैं उनको पता ही होगा कि बहुत सारे लड़के झूठी प्रोफाइल बनाकर बातें करते हैं।
कुछ दिनों तक मैं कविता से ऐसे ही बातें करता रहा फिर मैंने उसकी फोटो भेजने के लिए कहा लेकिन उसने मना कर दिया। लेकिन बातें करना जारी रहा।
फिर एक दिन उसने उसके एक्सीडेंट होने की बात कही।
मैंने भी उससे पूछा कि कैसे एक्सीडेंट हो गया? ज्यादा लगी तो नहीं?
उसने जवाब दिया कि नहीं ज्यादा नहीं लगी, वह ठीक है।
लेकिन मैं नहीं माना और मैंने कहा कि आप अपनी फोटो भेजो, तभी मैं मान लूंगा कि आप को कम लगी है और आप ठीक हो।
फिर उसने जहां पर लगी थी वहां का फोटो खींचकर भेजा। मैंने उस फोटो में जांच पड़ताल की तो पता चला कि वाकई लड़की है। अब मैं निश्चिंत था की मैं लड़की से बात कर रहा हूं।
अब हम खुलकर बात करने लगे और धीरे-धीरे अच्छा दोस्त बन गए।
वह भी मेरे साथ सहज महसूस करने लगी थी। इसी बात को ध्यान में रखकर मैंने उससे उसका मोबाइल नंबर मांग लिया।
उसने भी बिना हिचकी चाहे उसका नंबर दे दिया। लेकिन उसने कहा कि बार-बार कॉल करके परेशान मत करना।
मैंने भी कह दिया कि आपने मुझ पर भरोसा किया है तो मैं आपको परेशान नहीं करूंगा।
उसके नंबर पर मैंने मिस कॉल किया और फोन काट दिया। और फिर मैसेज करके बताया कि इस नंबर को सेव कर लेना।
फिर शाम को मैंने कविता को मैसेज किया कि क्या हम थोड़ी देर फोन पर बात कर सकते हैं?
कुछ देर बाद उसका फोन आया। मैं बहुत खुश हुआ दिल धड़कने लगा और मैंने कविता का फोन उठाया।
इतना सारा होने में लगभग एक महीना लग गया। मैंने फोन उठाकर उसको हेलो कहा। जवाब में उसने हाई कहा। उफ़ क्या आवाज थी मैं कुछ देर के लिए शांत रहा।
कविता ने फिर से कहा- हेलो, कहां रह गए?
मैंने होश में आते हुए कहा- कविता आपकी आवाज बहुत अच्छी है।
कविता- अच्छा सच बोल रहे हो या मेरी फिरकी ले रहे हो?
मैं- सच बोल रहा हूं … आपकी कसम!
कविता- ओह थैंक यू।
इस तरह हमारी फोन पर बातें शुरू हुई और बातें करते करते हैं बहुत रात हो गई।
जैसे-जैसे हमारी बातें बढ़ी, हम एक दूसरे के बारे में बहुत कुछ जानने लगे।
उसने बताया कि वह अजमेर की रहने वाली है और अभी सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रही है। उसकी उम्र उसने 26 साल बताई। वह मुझ से 2 साल बड़ी थी। लेकिन मुझे क्या तुम मुझसे बात कर रही थी और उससे भी इस बात से कोई एतराज नहीं था।
बातों बातों में मैंने उससे उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा तो उसने कहा कि उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है। लेकिन सगाई हो गई है।
मैंने कहा- आप मुझसे बात करती हो, इससे आपके मंगेतर को परेशानी हो सकती है।
कविता ने बताया कि उसके मंगेतर से वहां दिन में ही बात करती है शाम के समय कुछ देर बात करने के बाद फोन रख देती है और वह भी वापस फोन नहीं करता।
मैं- हां, तभी तो इतनी देर तक मुझसे बात कर पा रही हो।
कविता- हां मैं तुमसे बात करना चाहती थी।
मैं- अच्छा! ऐसे क्या बात हो गई जो आप मुझसे बात करना चाहती थी?
कविता- एक महीना से मैंने आपसे बात की आपका व्यवहार और आप के बात करने का तरीका मुझे अच्छा लगा।
मैं- अच्छा जी तो ऐसी बात है।
इस तरह हम रोज रात को देर देर तक बात करने लगे और बातों ही बातों मैं हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब आ गए।
एक दिन मैंने बात करते वक्त उससे कहा- मुझे आपसे कुछ कहना है।
कविता ने कहा- क्या बात करनी है? बोलो।
मैं- वह मुझसे डर लग रहा है कहने में!
कविता- अच्छा जी … ऐसी क्या बात है जो आपको डर लग रहा है?
मैं- कविता, वादा करो कि आप मुझसे नाराज नहीं होंगे और बात करना बंद नहीं करोगे।
कविता- ठीक है बाबा, अब बोलो भी।
मैं घबरा कर- मुझे आप बहुत पसंद हो। मैं आपसे प्यार करता हूं। आई लव यू।
कविता कुछ देर तक शांत जाने के बाद- क्या?
मैं- आपने वादा किया था कि आप मुझसे नाराज नहीं होंगे।
कविता- हां मैं नाराज नहीं हूं। लेकिन दोबारा ऐसा नहीं करोगे।
मैंने इसका कोई जवाब नहीं दिया तो कविता ने कुछ देर कहा- अरे कहां गए, जवाब तो दो?
मैं- आप गुस्सा तो नहीं हो ना?
कविता- हां नहीं हूं. और सुनो मुझे भी तुमसे कुछ कहना है।
मैंने उदास मन से कहा- बोलो।
कविता- आई लव यू टू।
यह सुनकर मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि कविता ऐसा कह रही है। कुछ देर चुप रहा और फिर बोला- आप मजाक तो नहीं कर रहे हो ना?
कविता- ना सच्ची बोल रही हूं आई लव यू रोमी।
दोस्तो, जब उसने ऐसा कहा तो मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज हो गई थी विश्वास नहीं हो रहा था कि कविता ने मुझे ऐसा कहा है।
मैं उत्साहित होते हुए- ओह आई लव यू, लव यू, लव यू सो मच।
फिर मुझे होश आया कि उसकी मंगनी हो चुकी है. मैंने कविता से पूछा- आपके मंगेतर को पता चल गया तो क्या होगा।
कविता ने बताया कि उसका कोई मंगेतर नहीं है वह झूठ बोल रही थी।
यह जान कर मेरा खुशी का कोई ठिकाना नहीं था।
उस रात हमने पूरी रात बात की।
इस तरह मेरी और कविता की बात आगे बढ़ी।
अब हमारी रोज रात को देर तक बात होने लगी। उससे मैं सेक्स चैट करने लगा। लेकिन मैंने उससे पहले ही पूछ लिया कि कविता को इस तरह बात करने में कोई परेशानी तो नहीं है।
उसने इजाजत दे दी कि हम इस तरह बात कर सकते हैं।
फिर क्या था … रोज रात को हम बात करते थे। कभी-कभी सेक्स चैट भी करते थे।
यह सिलसिला कई महीनों तक चला। इस दौरान मैंने उसकी फोटो भी मंगवाई। वाह … बहुत खूबसूरत है कविता। उफ क्या बताऊं आपको वाह क्या चीज है? बस आप लोग कल्पना कीजिए कि वह क्या दिखती होगी।
अब तो हम दोनों रोज बात करते थे।
एक दिन मैंने कविता से कहा कि मुझे आपसे मिलना है।
लेकिन कविता ने कहा- सब्र करो जानू, सब्र का फल मीठा होता है।
मैंने कहा- बहुत हो गया फोन पर बात करना … मुझे आपसे मिलना है.
लेकिन मैं जयपुर में रहता था और वहां अजमेर की थी. हम दोनों का मिलना मुश्किल था क्योंकि उस वक्त मैं भी पढ़ाई कर रहा था और वहां पर जाकर मिलना मुश्किल था।
कुछ दिन ऐसे ही निकले।
फिर एक दिन कविता ने फोन पर बताया कि वहां जयपुर पढ़ने के लिए आ रही है और वहीं रहेगी कुछ महीनों के लिए।
यह सुनकर मैं बहुत खुश हुआ और कविता भी बहुत खुश थी।
लेकिन वहां पढ़ाई को लेकर बहुत जागरूक थी। उसने हमारे फोन पर बात करने का समय भी तय कर रखा था. रात को लेट बात करते थे दिन में कोई बात नहीं होती थी।
कुछ दिन बाद वहां अपना सामान लेकर उसके पिताजी के साथ जयपुर आ आ गई। उसने फोन करके बताया कि उसने जयपुर का कोई कोचिंग क्लास शुरू किया है।
1 दिन के बाद उसके पापा वापस चले गए।
और उसी शाम मैं उससे मिलने मेरी बाईक लेकर पहुंचा। वह मुझसे मिलने नीचे आई।
मैंने कहा- आपका कमरा नहीं दिखाओगे क्या?
उसने कहा- मकान मालिक इजाजत नहीं देता।
फिर हम दोनों एक जूस की दुकान पर गए और साथ में जूस पिया। मैंने कविता से कोचिंग क्लास के बारे में जानकारी ली और पूछा कि कमरे पर वहां अकेले ही रहेगी क्या?
कविता ने बताया कि उसकी एक सहेली है वह भी साथ रहेगी।
यह सुनते ही मुझे दुख हुआ कि शायद अब हम नहीं मिल पाएंगे क्योंकि दिन में तो वहां क्लास में जाएगी और शाम को उसकी सहेली साथ रहेगी जो उसके साथ ही पढ़ाई कर रही है।
जूस खत्म करने के बाद मैंने उसे कमरे पर छोड़ा और मैं भी मेरे घर आ गया।
फिर रात को मैंने उसे फोन किया तो उसने कहा- मैं यहां पढ़ने के लिए आई हूँ तो बात कम हो पाएगी।
वह पढ़ने में कोई भी परेशानी नहीं चाहती थी।
मैंने भी उसका साथ दिया और बार बार फोन करके परेशान नहीं किया जैसा कि मैंने शुरू में वादा किया था।
लेकिन मुझे उससे मिलना था।
1 दिन शनिवार था तब मैंने कविता से बात की और पूछा- क्या रविवार को भी क्लास में जाना होता है?
उसने मना कर दिया।
मैंने उससे कहा- जानू मुझे आपसे मिलना है अच्छे से, आपको गले लगाना है, आपकी आंखों को चूमना है, आपके गालों पर हाथ फेरना है आपकी जुल्फें संवारनी हैं।
मेरी इस तरह की बातें सुनकर वह भावनाओं में बह गई और उसने कहा- आज शनिवार है इसलिए उसकी सहेली घर जा रही है और वह अकेली रहने वाली है। तो आज रात को आ सकते हो क्या?
यह सुनकर मैं बहुत खुश हुआ।
लेकिन घर पर कैसे बताता कि रात को मैं बाहर जाना चाहता हूं।
फिर मैंने बहाना बनाया कि दोस्त के घर जा रहा हूं, उसके घर आज कोई नहीं है तो उसने बुलाया है।
पापा ने पहले तो मना कर दिया लेकिन फिर मान गए।
फिर मैं अच्छे से तैयार हुआ और उसके लिए एक चॉकलेट ली। आप तो जानते ही होंगे लड़कियों को चॉकलेट बहुत पसंद होती है.
मैंने अपनी बाइक निकाली और उसकी कमरे की तरफ चला गया।
उसके कमरे के पास आकर मैंने उसको फोन किया और कहा- आप कहां हो; बाहर आओ।
थोड़ी देर में वह बाहर आई।
हाय ,,, वह क्या लग रही थी दोस्तो!
सड़क किनारे हल्की रोशनी में वह बहुत अच्छी लग रही थी।
उसने कहा कि बाइक यहां नहीं रख सकते वरना सब को पता चल जाएगा।
इसका भी इलाज मैंने ढूंढ लिया और अपने दोस्त को फोन लगाया और बाइक उसको दे दी।
और फिर अंधेरे में मैंने कविता का हाथ पकड़ा और उसके साथ चल पड़ा. वह मुझे सीढ़ियों के सहारे घर के सबसे ऊपर छत पर बने कमरे में ले गई। वहां सिर्फ एक कमरा था।
जाते ही मैंने उसे जोर से गले लगा लिया।
हाय क्या अहसास था दोस्तो … आज पहली बार हम गले मिले थे। उसको मैंने और कस के गले लगाया और अपनी आंखें बंद कर ली और धीरे से उसके गले पर किस किया।
लेकिन उसने कहा- खुद को संभालो रोमी थोड़ी देर और!
कविता ने दरवाजा बंद किया।
जैसे ही दरवाजा बंद किया, मैंने उसे फिर पकड़ लिया और उसके गाल आंख नाक पूरे चेहरे पर चूमने लगा।
वो भी मेरा साथ देने लगी और मुझे कस के गले लगाने लगी।
बातों बातों में बताना भूल गया कि उसने काली लेगी और लाल रंग का शर्ट पहना था और बाल खुले थे। शायद वह मेरे लिए ही सज संवर कर तैयार हुई थी।
कविता ने कहा- कुछ देर रुको रोमी. मुझे जी भर के तुम्हें देख तो लेने दो।
अब हम दोनों एक दूसरे के पास बैठे और कुछ बातें करने लगे।
कविता बिल्कुल क़यामत लग रही थी. मेरा मन कर रहा था कि अभी मैं पकड़ कर उसे बहुत सारा प्यार कर लूं।
लेकिन पहले मेरी जान के लिए जो चॉकलेट लाया था वह तो खिला दूँ।
मैंने उसे चॉकलेट निकाल कर दी, उसको देख कर बहुत खुश हुई। उसने मेरे करीब आकर मेरे गाल पर चूम लिया।
वह मेरे बिल्कुल करीब बैठी थी मेरे पैर उसकी जाँघों से छू रहे थे।
कविता ने चॉकलेट खोली, फिर मुझसे कहा- जान आंखें बंद करो.
मैंने आंखें बंद कर ली।
कुछ देर बाद मुझे होंठों पर कुछ एहसास हुआ मुझे लगा कि शायद कविता मुझे किस कर रही है तो मैं भी आगे बढ़ा। लेकिन वहां चॉकलेट का टुकड़ा था. मैं उसे आंखें बंद कर खाने लगा कि अचानक मुझे कविता की होंठों का स्पर्श मिला और मैं बहुत उत्साहित हो गया।
कविता को मैंने बांहों में भर लिया. कविता मेरी गोद में आ गई और उसकी चॉकलेट से भीगे हुए होंठों से मुझे किस करने लगी। कविता मोरे पूरे चेहरे पर किस करने लगी।
हम दोनों ने उस चॉकलेट को इसी तरह खाया।
कविता अभी मुझे किस कर रही थी। लगभग 10 मिनट तक यह सिलसिला चलता रहा। इस दौरान मेरा लंड सलामी देने लगा था और पैंट में मचलने लगा था मुझे कुछ दर्द सा भी हो रहा था। कविता भी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी। फिर मुझे होश आया कि लाइट चालू है और बिस्तर लगा हुआ नहीं है।
तब कविता ने बिस्तर लगाया और मैंने लाइट बंद कर दी और कविता की तरफ बढ़ा। फिर से हम दोनों एक दूसरे की बांहों में आ गए एक दूसरे को चूमने लगे।
मैंने कविता की कुर्ती उतार दी और उसे गले और चेहरे पर बेइंतेहा चूमने लगा. कविता भी मेरा पूरा साथ दे रही थी; उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थी। कविता की सिसकारियां मुझे और उत्साहित कर रही थी।
कविता ने मेरा टीशर्ट निकाला और पैंट भी उतारने लगी।
मैंने भी कविता की ब्रा खोल दी।
अब हम बिस्तर पर लेट गए और एक दूसरे को बहुत चूमने लगे। मैंने भी कविता लेगी उतार दी और पेंटी भी उतार दी। अब हम दोनों के बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था।
आज तक हम दोनों ने सिर्फ फोन पर सेक्स सेट किया था; पहली बार हम एक दूसरे के साथ थे। क्या अहसास था वो … सिर्फ मैं महसूस कर सकता हूं।
कविता मुझे सीधा लेटा कर किस करते हुए मेरे लंड की तरफ बढ़ने लगी और मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाने लगी।
मैं इस सबका मजा ले रहा था. तभी कविता में मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया।
इससे मैं बहुत उत्साहित हो गया, मैंने अपनी कविता के बालों को पकड़ा और उसके मुंह को अपने लंड पर दबाने लगा। कुछ देर तक कविता मेरे लंड को बहुत अच्छे से प्यार करती रही।
अब मेरी बारी थी … मैंने कविता को ऊपर खींचा और सीधा लिटा कर उसके होंठ पर किस करने लगा और चूमते हुए उसके बूब्स को दबाने लगा। धीरे धीरे उसको गले पर चलते हुए उसके एक बूब को अपनी जबान से सहलाने लगा और फिर पूरे बूब को गीला करके निप्पल अपने मुंह में ले लिया।
कविता बहुत उत्तेजित हो गई और ‘आह उह उम्ह’ ऐसी आवाजें निकालने लगी। कविता इतनी गर्म हो गई थी कि वह अपनी चूत उठाने लगी थी. अब मैं उसकी कमर को सहलाते हुए और चूमते हुए उसकी चूत की तरफ बढ़ा।
उसकी चूत से बहुत अच्छी महक आ रही थी। पहले तो मैंने उसकी चूत पर हाथ फिराया। इससे वह मचल उठी और मेरे बाल पकड़कर मेरे मुंह को चूत पर लगाने लगी।
मैं भी कविता की चूत को अपनी जबान से चाटने लगा। कविता की मादक आवाज मुझे उत्साहित कर रही थी।
बहुत देर तक मैंने चूत को चाटा।
अब कविता मुझे ऊपर आने के लिए कह रही थी। मुझसे भी अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मैंने कविता की चूत पर अपना लंड फिराना शुरू कर दिया।
कविता अपनी चूत उठाकर मेरे लंड का स्वागत करने के लिए तैयार थी।
फिर मैंने कविता को अपनी बांहों में कस कर पकड़ा और उसकी चूत में जोर से धक्का मारा. मेरा आधा लंड कविता की चूत में चला गया। कविता के मुंह से जोर से आवाज निकल गई। मैंने तुरंत उसका मुंह दबा दिया। फिर कुछ देर तक मैं ऐसे ही रुका रहा।
शायद कविता ने पहले कभी नहीं चुदवाया था। कुछ देर आराम करने के बाद मैंने एक और झटका मारा। कविता बड़ी मुश्किल से अपना दर्द बर्दाश्त कर पा रही थी।
मैं उसके बालों को सहलाने लगा उसकी आंखें नम हो गई थी। मैंने उसकी आंखों को पोछा और उसे सहलाने लगा उसे प्यार करने लगा।
फिर मैं धीरे धीरे धक्के भी मारने लगा।
कविता को अच्छा लगने लगा। अब मैंने अपने धक्कों की रफ्तार कुछ बढ़ा दी। कविता को मजा आने लगा और मुझे भी।
आधे घंटे तक चुदाई की उसके बाद हम दोनों झड़ गए।
मैं कविता पर ही लेट गया। वह मेरे बालों को सहलाने लगी।
कुछ देर बाद कविता ने कहा- आई लव यू रोमी। मेरी जिंदगी में तुम पहले हो जिसके साथ मैंने यह सब किया है. प्लीज कभी धोखा मत देना।
मैंने कहा- तुम्हारी कसम जान, मैं तुम्हें कभी धोखा नहीं दूंगा।
और इस तरह हमने रात भर चुदाई की। अगली सुबह जल्दी मैं वहां से निकल गया। कविता बहुत उदास हुई।
बाद में फोन पर रोने भी लगी।
दोस्तो, कविता को मैंने कभी धोखा नहीं दिया. हमारा संबंध 4 साल तक रहा। इस दौरान वह जयपुर से वापस उसके घर चली गई लेकिन कभी कबार वहां बहाना बनाकर मुझसे मिलने आती थी। और फोन पर सेक्स चैट भी किया करते थे. वह मुझे अपनी चूत की फोटो भी भेजती थी और मैं भी अपने लंड की फोटो भेजता था। हम बहुत मजे करते थे।
लेकिन अब हमारी बात नहीं होती। कुछ कारणों से हम अलग हो गए।
तो दोस्तो, आपको मेरी गर्लफ्रेंड की सच्ची सेक्स स्टोरी कैसी लगी? मेल करके बताना . इसके अलावा आप कहानी पर नीचे कमेंट करके भी अपनी राय दे सकते हैं. और सेक्स विडियो और new कहानी पढने के लिये telegram ग्रुप join कर सकते है. [email protected]
Read in English
phesabuk se banee garlaphrend kee chudaee Hindisex stori antarvasna2
Hindisex stori antarvasna2: main sunata tha ki phesabuk par ladakee pataee. main sochata tha ki sach mein aisa nahin hota; log jhooth bolate hain. lekin jab mainne khud ek ladakee ko garlaphrend bana kar seks kiya to …
namaskaar doston! yahaan par kahaanee padhane ke lie padhaare sabhee land aur chooton ko romee ka abhivaadan!
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kavita- achchha sach bol rahe ho ya meree phirakee le rahe ho?
main- sach bol raha hoon … aapakee kasam!
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mainne kaha- aap mujhase baat karatee ho, isase aapake mangetar ko pareshaanee ho sakatee ha Hindisex stori antarvasna2..
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kavita ne kaha- kya baat karanee hai? bolo.
main- vah mujhase dar lag raha hai kahane mein!
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main- kavita, vaada karo ki aap mujhase naaraaj nahin honge aur baat karana band nahin karoge.
kavita- theek hai baaba, ab bolo bhee.
main ghabara kar- mujhe aap bahut pasand ho. main aapase pyaar karata hoon. aaee lav yoo Hindisex stori antarvasna2.
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ab to ham donon roj baat karate the.
ek din mainne kavita se kaha ki mujhe aapase milana hai.
lekin kavita ne kaha- sabr karo jaanoo, sabr ka phal meetha hota hai.
mainne kaha- bahut ho gaya phon par baat karana … mujhe aapase milana hai Hindisex stori antarvasna2.
lekin main jayapur mein rahata tha aur vahaan ajamer kee thee. ham donon ka milana mushkil tha kyonki us vakt main bhee padhaee kar raha tha aur vahaan par jaakar milana mushkil tha.
kuchh din aise hee nikale.
phir ek din kavita ne phon par bataaya ki vahaan jayapur padhane ke lie aa rahee hai aur vaheen rahegee kuchh maheenon ke lie.
yah sunakar main bahut khush hua aur kavita bhee bahut khush thee Hindisex stori antarvasna2.
lekin vahaan padhaee ko lekar bahut jaagarook thee. usane hamaare phon par baat karane ka samay bhee tay kar rakha tha. raat ko let baat karate the din mein koee baat nahin hotee thee.
kuchh din baad vahaan apana saamaan lekar usake pitaajee ke saath jayapur aa aa gaee. usane phon karake bataaya ki usane jayapur ka koee koching klaas shuroo kiya hai.
1 din ke baad usake paapa vaapas chale gae Hindisex stori antarvasna2.
aur usee shaam main usase milane meree baeek lekar pahuncha. vah mujhase milane neeche aaee.
mainne kaha- aapaka kamara nahin dikhaoge kya?
usane kaha- makaan maalik ijaajat nahin deta Hindisex stori antarvasna2.
phir ham donon ek joos kee dukaan par gae aur saath mein joos piya. mainne kavita se koching klaas ke baare mein jaanakaaree lee aur poochha ki kamare par vahaan akele hee rahegee kya?
kavita ne bataaya ki usakee ek sahelee hai vah bhee saath rahegee Hindisex stori antarvasna2.
yah sunate hee mujhe dukh hua ki shaayad ab ham nahin mil paenge kyonki din mein to vahaan klaas mein jaegee aur shaam ko usakee sahelee saath rahegee jo usake saath hee padhaee kar rahee hai Hindisex stori antarvasna2.
joos khatm karane ke baad mainne use kamare par chhoda aur main bhee mere ghar aa gaya.
phir raat ko mainne use phon kiya to usane kaha- main yahaan padhane ke lie aaee hoon to baat kam ho paegee.
vah padhane mein koee bhee pareshaanee nahin chaahatee thee.
mainne bhee usaka saath diya aur baar baar phon karake pareshaan nahin kiya jaisa ki mainne shuroo mein vaada kiya tha Hindisex stori antarvasna2.
lekin mujhe usase milana tha.
1 din shanivaar tha tab mainne kavita se baat kee aur poochha- kya ravivaar ko bhee klaas mein jaana hota hai?
usane mana kar diya Hindisex stori antarvasna2.
mainne usase kaha- jaanoo mujhe aapase milana hai achchhe se, aapako gale lagaana hai, aapakee aankhon ko choomana hai, aapake gaalon par haath pherana hai aapakee julphen sanvaaranee hain.
meree is tarah kee baaten sunakar vah bhaavanaon mein bah gaee aur usane kaha- aaj shanivaar hai isalie usakee sahelee ghar ja rahee hai aur vah akelee rahane vaalee hai. to aaj raat ko aa sakate ho kya?
yah sunakar main bahut khush hua Hindisex stori antarvasna2.
lekin ghar par kaise bataata ki raat ko main baahar jaana chaahata hoon.
phir mainne bahaana banaaya ki dost ke ghar ja raha hoon, usake ghar aaj koee nahin hai to usane bulaaya hai.
paapa ne pahale to mana kar diya lekin phir maan gae Hindisex stori antarvasna2.
phir main achchhe se taiyaar hua aur usake lie ek chokalet lee. aap to jaanate hee honge ladakiyon ko chokalet bahut pasand hotee hai.
mainne apanee baik nikaalee aur usakee kamare kee taraph chala gaya.
usake kamare ke paas aakar mainne usako phon kiya aur kaha- aap kahaan ho; baahar aao Hindisex stori antarvasna2.
thodee der mein vah baahar aaee.
haay ,,, vah kya lag rahee thee dosto!
sadak kinaare halkee roshanee mein vah bahut achchhee lag rahee thee Hindisex stori antarvasna2.
usane kaha ki baik yahaan nahin rakh sakate varana sab ko pata chal jaega.
isaka bhee ilaaj mainne dhoondh liya aur apane dost ko phon lagaaya aur baik usako de dee Hindisex stori antarvasna2.
aur phir andhere mein mainne kavita ka haath pakada aur usake saath chal pada. vah mujhe seedhiyon ke sahaare ghar ke sabase oopar chhat par bane kamare mein le gaee. vahaan sirph ek kamara tha Hindisex stori antarvasna2.
jaate hee mainne use jor se gale laga liya.
haay kya ahasaas tha dosto … aaj pahalee baar ham gale mile the. usako mainne aur kas ke gale lagaaya aur apanee aankhen band kar lee aur dheere se usake gale par kis kiya.
lekin usane kaha- khud ko sambhaalo romee thodee der aur Hindisex stori antarvasna2.
kavita ne daravaaja band kiya.
jaise hee daravaaja band kiya, mainne use phir pakad liya aur usake gaal aankh naak poore chehare par choomane laga.
vo bhee mera saath dene lagee aur mujhe kas ke gale lagaane lagee Hindisex stori antarvasna2.
baaton baaton mein bataana bhool gaya ki usane kaalee legee aur laal rang ka shart pahana tha aur baal khule the. shaayad vah mere lie hee saj sanvar kar taiyaar huee thee.
kavita ne kaha- kuchh der ruko romee. mujhe jee bhar ke tumhen dekh to lene do.
ab ham donon ek doosare ke paas baithe aur kuchh baaten karane lage Hindisex stori antarvasna2.
kavita bilkul qayaamat lag rahee thee. mera man kar raha tha ki abhee main pakad kar use bahut saara pyaar kar loon.
lekin pahale meree jaan ke lie jo chokalet laaya tha vah to khila doon Hindisex stori antarvasna2.
mainne use chokalet nikaal kar dee, usako dekh kar bahut khush huee. usane mere kareeb aakar mere gaal par choom liya.
vah mere bilkul kareeb baithee thee mere pair usakee jaanghon se chhoo rahe the.
kavita ne chokalet kholee, phir mujhase kaha- jaan aankhen band karo.
mainne aankhen band kar lee Hindisex stori antarvasna2.
kuchh der baad mujhe honthon par kuchh ehasaas hua mujhe laga ki shaayad kavita mujhe kis kar rahee hai to main bhee aage badha. lekin vahaan chokalet ka tukada tha. main use aankhen band kar khaane laga ki achaanak mujhe kavita kee honthon ka sparsh mila aur main bahut utsaahit ho gaya Hindisex stori antarvasna2.
kavita ko mainne baanhon mein bhar liya. kavita meree god mein aa gaee aur usakee chokalet se bheege hue honthon se mujhe kis karane lagee. kavita more poore chehare par kis karane lagee.
ham donon ne us chokalet ko isee tarah khaaya Hindisex stori antarvasna2.
kavita abhee mujhe kis kar rahee thee. lagabhag 10 minat tak yah silasila chalata raha. is dauraan mera land salaamee dene laga tha aur paint mein machalane laga tha mujhe kuchh dard sa bhee ho raha tha. kavita bhee pooree tarah garm ho chukee thee. phir mujhe hosh aaya ki lait chaaloo hai aur bistar laga hua nahin hai Hindisex stori antarvasna2.
tab kavita ne bistar lagaaya aur mainne lait band kar dee aur kavita kee taraph badha. phir se ham donon ek doosare kee baanhon mein aa gae ek doosare ko choomane lage.
mainne kavita kee kurtee utaar dee aur use gale aur chehare par beinteha choomane laga. kavita bhee mera poora saath de rahee thee; usake munh se sisakaariyaan nikal rahee thee. kavita kee sisakaariyaan mujhe aur utsaahit kar rahee thee Hindisex stori antarvasna2.
kavita ne mera teeshart nikaala aur paint bhee utaarane lagee.
mainne bhee kavita kee bra khol dee.
ab ham bistar par let gae aur ek doosare ko bahut choomane lage. mainne bhee kavita legee utaar dee aur pentee bhee utaar dee. ab ham donon ke badan par ek bhee kapada nahin tha.
aaj tak ham donon ne sirph phon par seks set kiya tha; pahalee baar ham ek doosare ke saath the. kya ahasaas tha vo … sirph main mahasoos kar sakata hoon Hindisex stori antarvasna2.
kavita mujhe seedha leta kar kis karate hue mere land kee taraph badhane lagee aur mere land ko apane haathon se hilaane lagee.
main is sabaka maja le raha tha. tabhee kavita mein mera land apane munh mein le liya Hindisex stori antarvasna2.
usai
isase main bahut utsaahit ho gaya, mainne apanee kavita ke baalon ko pakada aur usake munh ko apane land par dabaane laga. kuchh der tak kavita mere land ko bahut achchhe se pyaar karatee rahee.
ab meree baaree thee … mainne kavita ko oopar kheencha aur seedha lita kar usake honth par kis karane laga aur choomate hue usake boobs ko dabaane laga. dheere dheere usako gale par chalate hue usake ek boob ko apanee jabaan se sahalaane laga aur phir poore boob ko geela karake nippal apane munh mein le liya Hindisex stori antarvasna2.
kavita bahut uttejit ho gaee aur ‘aah uh umh’ aisee aavaajen nikaalane lagee. kavita itanee garm ho gaee thee ki vah apanee choot uthaane lagee thee. ab main usakee kamar ko sahalaate hue aur choomate hue usakee choot kee taraph badha Hindisex stori antarvasna2.
usakee choot se bahut achchhee mahak aa rahee thee. pahale to mainne usakee choot par haath phiraaya. isase vah machal uthee aur mere baal pakadakar mere munh ko choot par lagaane lagee.
main bhee kavita kee choot ko apanee jabaan se chaatane laga. kavita kee maadak aavaaj mujhe utsaahit kar rahee thee Hindisex stori antarvasna2.
bahut der tak mainne choot ko chaata.
ab kavita mujhe oopar aane ke lie kah rahee thee. mujhase bhee ab bardaasht nahin ho raha tha. mainne kavita kee choot par apana land phiraana shuroo kar diya.
kavita apanee choot uthaakar mere land ka svaagat karane ke lie taiyaar thee Hindisex stori antarvasna2.
phir mainne kavita ko apanee baanhon mein kas kar pakada aur usakee choot mein jor se dhakka maara. mera aadha land kavita kee choot mein chala gaya. kavita ke munh se jor se aavaaj nikal gaee. mainne turant usaka munh daba diya. phir kuchh der tak main aise hee ruka raha Hindisex stori antarvasna2.
shaayad kavita ne pahale kabhee nahin chudavaaya tha. kuchh der aaraam karane ke baad mainne ek aur jhataka maara. kavita badee mushkil se apana dard bardaasht kar pa rahee thee.
main usake baalon ko sahalaane laga usakee aankhen nam ho gaee thee. mainne usakee aankhon ko pochha aur use sahalaane laga use pyaar karane laga Hindisex stori antarvasna2.
phir main dheere dheere dhakke bhee maarane laga.
kavita ko achchha lagane laga. ab mainne apane dhakkon kee raphtaar kuchh badha dee. kavita ko maja aane laga aur mujhe bhee Hindisex stori antarvasna2.
aadhe ghante tak chudaee kee usake baad ham donon jhad gae.
main kavita par hee let gaya. vah mere baalon ko sahalaane lagee.
kuchh der baad kavita ne kaha- aaee lav yoo romee. meree jindagee mein tum pahale ho jisake saath mainne yah sab kiya hai. pleej kabhee dhokha mat dena Hindisex stori antarvasna2.
mainne kaha- tumhaaree kasam jaan, main tumhen kabhee dhokha nahin doonga.
aur is tarah hamane raat bhar chudaee kee. agalee subah jaldee main vahaan se nikal gaya. kavita bahut udaas huee.
baad mein phon par rone bhee lagee Hindisex stori antarvasna2.
dosto, kavita ko mainne kabhee dhokha nahin diya. hamaara sambandh 4 saal tak raha. is dauraan vah jayapur se vaapas usake ghar chalee gaee lekin kabhee kabaar vahaan bahaana banaakar mujhase milane aatee thee. aur phon par seks chait bhee kiya karate the Hindisex stori antarvasna2.
vah mujhe apanee choot kee photo bhee bhejatee thee aur main bhee apane land kee photo bhejata tha. ham bahut maje karate the Hindisex stori antarvasna2.
lekin ab hamaaree baat nahin hotee. kuchh kaaranon se ham alag ho gae.
to dosto, aapako meree garlaphrend kee sachchee seks storee kaisee lagee? mel karake bataana . isake alaava aap kahaanee par neeche kament karake bhee apanee raay de sakate hain. aur seks vidiyo aur naiw kahaanee padhane ke liye tailaigram grup join kar sakate hai. [email protected]
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