दोस्त की माँ की चुदाई का पर्म सुख Kamuk Stories
Kamuk Stories: इस हिंदी चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने दोस्त की माँ को चोदा. जब पहली बार दोस्त के घर में मैंने उसकी अम्मी को देखा तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं.
हैलो फ्रेंड्स, कैसे हैं. मस्त चूत वाली लड़कियों, प्यारी भाभियों और सेक्सी आंटियों को मेरे खड़े लंड का नमस्कार.
मेरा नाम आशीष है और में 25 साल का हूँ और दिखने में स्मार्ट हूँ. मैं इंदौर का रहने वाला हूँ.
मेरी हिंदी चुदाई कहानी मेरे और मेरे दोस्त की मॉम के बीच बने सेक्स संबंध की है कि कैसे मैंने अपने दोस्त की माँ को चोदा.
ये बात करीब 8 महीने पहले की है. मेरी कॉलोनी में क्रिकेट का ग्राउंड है, जहां बहुत से बच्चे क्रिकेट खेलते हैं. मैं भी उधर क्रिकेट खेलता था. इसी खेल खेल में मेरी एक लड़के से अच्छी दोस्ती हो गयी. उसका नाम इमरान (बदला हुआ नाम) है.
उसने मुझे बहुत बार अपने घर बुलाया कि आप आओ. हम लोग मेरी छत पर खेलेंगे.
उसके बहुत बार बोलने पर मैं उसके घर चला गया.
जब मैं उसके घर पहुंचा, तो उसने दरवाजा खोला और मुझे अन्दर बुलाया.
मैं अन्दर चला गया. उसने अपनी अम्मी को आवाज लगाई. जब उसकी अम्मी बाहर आईं … तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं.
क्या माल थीं यार वो … उनकी उम्र करीब 42 के आस पास होगी, पर चेहरे पर चमक एकदम 30-32 की उम्र की भाभी जैसी थी. उनका नाम तब्बसुम (बदला हुआ नाम) था. आंटी का फिगर 36-32-40 का था, जो मुझे बाद में उनकी चुदाई के वक्त पता चला था.
वो आकर मेरे सामने ही बैठी थीं. मैं चोर नजरों से उनको देख रहा था. शायद ये उन्होंने देख लिया था, पर कहा कुछ नहीं.
इमरान के पापा बैंक में जॉब करते थे. वो दिन भर घर पर नहीं रहते थे.
फिर मैं थोड़ी देर बातें करके इमरान के साथ छत पर खेलने चला गया. पर खेलने में मेरा मन नहीं लग रहा था. मैं बस चाची के ख्यालों में खो गया था.
एक घंटे बाद मैं अपने घर चला गया, पर चाची का ख्याल मैं अपने दिल और दिमाग से निकाल ही नहीं पा रहा था. मेरा लंड बैठ ही नहीं था.
फिर मैंने अपने रूम में जाकर चाची के नाम की मुठ मारी, तब कहीं आराम आया.
फिर मैं रोज उसके घर जाने लगा और जब भी मैं चाची के सामने या आसपास होता … तो उनको घूरता रहता था.
शायद वो भी समझ रही थी कि मैं उन्हें क्यों घूरता रहता हूँ. पर वो कुछ बोल नहीं रही थीं.
मेरी भी इच्छाएं बढ़ती ही जा रही थीं. मैं हमेशा उनके पास रहने की कोशिश करता रहता था … कभी कभी उनको छूने की भी कोशिश करता था. पर इस तरह से कि उनको लगे कि ये सब गलती से हो गया … पर वो सब समझ रही थीं.
एक दिन मैं इमरान के घर गया और हम दोनों अभी क्रिकेट खेलने की तैयारी ही कर रहे थे कि उसको किसी का फ़ोन आ गया.
वो मुझसे बोला- मैं थोड़ी देर में आता हूँ तुम नीचे रुको.
मैंने भी कहा- ठीक है.
वो चला गया.
मैं भी उसके रूम में चला गया और लैपटॉप चलाने लगा. उस के लैपटॉप में कई ब्लू फ़िल्में थीं मैं एक फिल्म को वॉल्यूम बंद करके देखने लगा. मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया था और लोअर में से अलग से ही दिख रहा था.
फिर मैं चाची को देखने के लिये बाहर गया, तो वो किचन में कुछ काम कर रही थीं. उन्होंने आज एकदम फिट लैगी और कुर्ती पहन रखी थी.
लैगी में उनकी जांघें देख कर मेरा लंड और भी सख्त हो गया, जो शायद चाची ने देख लिया था.
आज ऐसा पहली बार हुआ था कि चाची के साथ मैं अकेला था. मैं उनको देखे जा रहा था.
उन्होंने मुझसे कहा- आशीष, जैसे तुम मुझे घूरते रहते हो, वैसे तुमको नहीं देखना चाहिए.
मैंने बेख़ौफ़ कहा- चाची, आप इतनी सुन्दर हैं कि आपको तो कोई भी देखना चाहेगा. मैं चाहे कितनी भी कोशिश कर लूं … मैं आपको देखने से अपने आपको रोक ही नहीं पाता हूँ.
फिर उन्होंने कहा- हां मुझे पता है इस उम्र में ऐसा होता है, पर फिर भी तुम्हें अपने आप पर कण्ट्रोल करना चाहिए … क्योंकि ये सब गलत है.
चाची की बात सुनकर मैं थोड़ा उदास हो गया.
उन्होंने मुझसे कहा- तुम बाहर हॉल में जाओ, मैं चाय बना कर लाती हूँ.
मैं चला गया.
वो थोड़ी देर में चाय लेकर आईं … जब चाची चाय देने के लिये झुकी … तो मुझे उनके मम्मों की घाटी के अच्छे से दर्शन हो गए.
मैंने सोचा कि थोड़ा चांस तो लेना पड़ेगा … नहीं तो हाथ कुछ नहीं लगेगा.
चाची अपनी चाय लेकर मेरे सामने बैठ गईं और पूछने लगीं- तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है क्या?
मैंने कहा- नहीं है.
उन्होंने कहा- क्यों?
मैंने हंस कर कहा- मुझे आप जैसी कोई मिली ही नहीं.
वो भी हंस दीं और बोलीं- चल हट बदमाश … मसखरी करता है.
मैंने आह भरते हुए कहा- चाची सच मैं आप बहुत सुन्दर हो … अगर मैं आपका पति होता!
इतना बोलने के बाद मैं रुक गया.
उन्होंने पूछा- पूरा बोल न … यदि तू मेरा पति होता तो क्या?
मैंने कहा- कुछ नहीं … बस …
तो वो बोलीं- क्या सच में मैं तुझे इतनी पसंद हूँ?
मैंने कहा- हां चाची … सच में आप मुझे बहुत सुन्दर लगती हो.
उन्होंने लम्बी सांस भरते हुए कहा- आह … एक तू ही है … जिसे मैं इतनी सुन्दर लगती हूँ … एक मेरे शौहर हैं, जो मेरी तरफ ध्यान ही नहीं देते हैं.
मैंने पूछा- क्यों?
तो वो बोलीं- पता नहीं … लगता है जैसे अब उन्हें मुझमें कोई इंटरेस्ट ही नहीं है.
मैंने कहा- अगर आप मेरी वाइफ होतीं … तो मैं आपको …
मैं फिर बोलते बोलते रुक गया.
उन्होंने मेरी आंखों में झांकते हुए कहा- रुक क्यों जाता है … पूरा बोल ना … क्या बोलना चाहता है?
मैंने कहा- आप बुरा मान जाओगी.
उन्होंने कहा- बोल ले … नहीं मानूंगी बुरा.
मैंने कहा- तो मैं आपको रोज प्यार करता … जीभर के … आपको कोई कमी नहीं होने देता.
ये बोलते हुए मैं उठ कर उनके पास जाकर बैठ गया. मैंने अपना हाथ उनकी जांघ पर रख दिया.
तो उन्होंने मेरा हाथ हटा दिया और खड़े होते हुए बोलीं- ये गलत है … तू मेरे बेटे का दोस्त है … और उम्र में भी मुझसे बहुत छोटा है.
मैंने कहा- चाची मैं आपको पसंद करता हूं … आपसे प्यार करता हूँ बस … और मैं कुछ नहीं जानता.
यह कह कर मैंने उन्हें अपनी बांहों में भर लिया. वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थीं, पर मैंने नहीं छोड़ा.
फिर वो ढीली पड़ गईं और मुझे बांहों में जकड़े रहने दिया. बल्कि वो खुद भी अपनी जकड़न बढ़ाने लगीं.
जब वो भी मुझे अपनी बांहों में जकड़ने लगीं तो मैंने उनकी गर्दन को पीछे करके उन्हें देखा. तो पाया कि दोस्त की अम्मी की आंखों में थोड़े आंसू आ गए थे.
मैंने चाची के आंसू पौंछे और उनके होंठों को किस करने लगा.
पहले तो वो बस यूं ही खड़ी रहीं, पर थोड़ी देर बाद वो भी मेरे किस का रेस्पोंस देने लगीं. मैं उनको जोर से किस करने लगा. मैंने अपना हाथ उनकी कमर में डाला और जैसे ही मैं चाची के मम्मों पर हाथ ले जाने वाला था कि बाहर से इमरान की गाड़ी रुकने की आवाज आ गई और हम दोनों अलग हो गए.
चाची की आंखों में मुझे साफ साफ मायूसी दिखी … पर मुझे अपने घर जाना पड़ा.
अब हम अगली बार मिलने के मौके का इन्तजार करने लगे.
मैं अब काफी बेचैन रहने लगा था.
दो दिन बाद मैंने चाची को कॉल किया तो उन्होंने कहा- पांच दिन बाद इमरान और उसके पापा दो दिन के लिए बाहर जा रहे हैं, तब तुम आ जाना.
मैं खुशी के मारे एकदम से उछल पड़ा.
फिर वो दिन भी आ गया, जब इमरान और उसके पापा चले गए. मैं चाची के घर पहुंचा, तो उन्होंने मुझे प्यार से गले लगाया और अपने कमरे में ले गईं.
चाची ने मुझसे कहा- बैठो, मैं अभी आती हूँ.
मैं चाची के रूम में बैठ गया और वो चाय बनाने चली गईं.
मैंने देखा उन्होंने सलवार सूट पहन रखा था, जो पिंक कलर का था. चाची के ऊपर ये रंग बड़ा मस्त लग रहा था.
दो मिनट बाद चाची चाय लेकर कमरे में आ गईं और हम दोनों ने चाय पी.
वो मेरी आँखों में देखने लगी थीं. मैं उनके एकदम पास बैठ गया और उनको बांहों में लेकर किस करने लगा.
उनको भी मेरे साथ मजा आ रहा था. वो भी एन्जॉय कर रही थीं और हल्के स्वर में मादक सिसकारियां भी ले रही थीं.
अचानक उन्होंने मुझे हटा दिया और किचन की तरफ चली गईं.
मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया और उनको पीछे से पकड़ लिया. मैंने एक हाथ चाची की कमर में डाला और दूसरे हाथ से उनके बड़े मम्मों को दबाने लगा. चाची के मम्मे मेरे हाथ में ही नहीं आ रहे थे. उनकी चूचियों की गोलाई का अहसास मुझे पहली बार हो रहा था.
चाची धीरे-धीरे ‘अह्ह आहह सीईई ईईई उउम्म.’ किए जा रही थीं.
फिर उन्होंने कहा- पिछले एक साल से मेरे शौहर ने मुझे हाथ तक नहीं लगाया है.
मैंने कहा- डोंट वरी आंटी … अब मैं हूँ ना.
फिर मैंने उनको वहीं डाइनिंग टेबल पर लिटाया और उनकी कुर्ती निकाल कर उनके मम्मों को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा. उनके सपाट चिकने पेट को किस करने लगा और नाभि को जीभ से चाटने लगा.
चाची लगातार कामुक आवाजों में मुझे और भी ज्यादा उत्तेजित कर रही थीं ‘अह्ह ह्ह अम्म्म अह्ह्ह सीईई ईईई.’
मैंने अपनी शर्ट निकाल दी और उनकी भी सलवार खोल दी. उनकी नंगी हो चुकी जांघों को मैं जीभ से चाटने लगा. उनको बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था. और वे लगातार मादक आवाज निकाल कर मुझे कुछ ज्यादा ही उकसा रही थीं.
मैंने अपना पैंट खोल दिया और उनको देखा.
उन्होंने मेरे लंड पर अपना हाथ रख कर कहा- आह ये काफी बड़ा है … बड़ा सख्त और मोटा लंड है तेरा आशीष … तू मुझे पहले क्यों नहीं मिला रे … आज काफी मजा आने वाला है.
मैंने चाची की पैंटी भी निकाल दी. उनकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे. मैं घुटनों के बल बैठ गया और उनकी चूत को जीभ से चाटने लगा.
उन्होंने मुझे हटाते हुए कहा- क्या कर रहा है तू … हट जा … वो गंदी जगह है. मेरे शौहर कभी ऐसा नहीं करते.
पर उन्हें अच्छा भी लग रहा था, तो मस्त मादक सीत्कार भी करे जा रही थीं ‘अह हह … सीईई … मर गयीईई … रुक जा मत कर.’
आंटी मुझे हटा भी रही थीं और मुझे सर दबा कर अपनी चूत को रगड़वा भी रही थीं.
कुछ देर चूत चूसने के बाद मैंने अपना अंडरवियर निकाला और उठ कर सीधा दोस्त की माँ के हाथ में लंड दे दिया.
वो प्यार से लंड सहलाने लगीं. मेरा लंड और भी सख्त हो गया.
मैंने कहा- चाची लंड मुँह में लो ना.
उन्होंने कहा- उन्ह … मुझसे नहीं होगा … तू सीधे मेरी चूत ही चोद ले.
मैंने भी सोचा कि चलो पहली बार सीधे चूत ही चोदते हैं.
तो मैंने चाची को टेबल पर सीधा लिटा दिया और चूत पर लंड को सैट करके एक धक्का दे मारा. मेरा आधा लंड चूत में घुस गया.
मेरे दोस्त की मम्मी की सिसकारी निकल गई- अह्ह … मर गई … अम्म्म … सीईई. आह आशीष पूरे एक साल के बाद इस चूत ने लंड का स्वाद चखा है. आह तू मेरी प्यास बुझा दे. उन्ह … तू जो बोलेगा वो मैं करूंगी. मुझे कभी छोड़ कर मत जाना प्लीज. आह आशू चोद दे.
मैंने लंड पेलते हुए कहा- हां चाची कभी नहीं जाऊंगा …
मैं जोर जोर से चूत में लंड के धक्के देता रहा. वो भी ‘अहह सीईई … अह्ह … अम्म.’ करती रहीं.
फिर मैंने अपनी स्पीड काफी तेज कर दी और धकापेल चाची की चूत चोदने लगा. उनको काफी मजा आ रहा था. चाची ने अपनी दोनों टांगें हवा में उठा दी थीं और मेरे लंड को पूरा अन्दर तक ले रही थीं.
करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मुझे लगा कि मेरा काम तमाम होने वाला है.
तो मैंने कहा- चाची मेरा होने वाला है … रस कहां निकालूं?
उन्होंने कहा- अन्दर ही निकाल दे … बड़े दिनों बाद ही सही, पर मेरी चूत को शांति मिल जाएगी.
मैंने लगातार धक्के दस लगाकर चाची की चूत में पिचकारी छोड़ दी.
मुझे लगता है कि मैं अपने जीवन में सबसे ज्यादा देर तक इसी टाइम झड़ा था. मैं वैसे ही चाची के मम्मों के बीच सर रख कर ढेर हो गया. वो मेरे सर को सहलाती रहीं.
फिर मैं उठा और उनको भी उठाया. हम दोनों साथ ही नहाये. फिर उन्होंने खाना बनाया और हमने साथ में खाया.
दोस्त की मॉम ने कहा- अब से मैं तुम्हारी हूँ. जब चाहो, तुम आकर मुझे प्यार कर सकते हो. पर ये बात किसी को पता नहीं चलना चाहिए.
मैंने कहा- किसी को भी ये बात पता नहीं चलेगी चाची. आप निश्चिन्त रहिए.
मैंने दोस्त की अम्मी को गले लगाया और किस किया और रात को फिर से घर आने का बोल कर मैं अपने घर आ गया.
इस तरह से मैंने दोस्त की माँ को चोदा.
मैंने घर पर बताया कि मुझे मेरे दोस्त के घर सोने जाना है, उनके मोहल्ले में बहुत चोरियां हो रही है. चाची अकेली ही घर पर हैं.
चाची ने भी मेरी मम्मी से बात करके मुझे भेजने की बात कह दी थी.
तो घर से अनुमति मिल गई.
फिर मैं अगले दो दिन उनके साथ ही रहा और बहुत मजा किया. उनको बहुत कुछ सिखाया भी … सीखा भी और आंटी की चूत की चुदाई का मजा भी किया. वो सब मैं अगली बार बताऊंगा.
आपके अच्छे कमेंट से मुझे आगे लिखने में प्रोत्साहन मिलेगा. मेरी इस हिंदी चुदाई कहानी ‘दोस्त की माँ को चोदा’ के लिए अपने विचार मुझे मेरी मेल आईडी पर जरूर भेजें … मुझे इन्तजार रहेगा. और सेक्स विडियो और new कहानी पढने के लिये telegram ग्रुप join कर सकते है.
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Read in English
Dost ki maa ki chudai ka parm sukh Kamuk Stories
Kamuk Stories: In this Hindi Chudai story, read how I fucking my friend’s mother. When I saw her mother in the friend’s house for the first time, my eyes were wide open.
Hello friends how are you Greet my erected cocks to hot pussy girls, sweet bhabhi and sexy aunts.
My name is Ashish and I am 25 years old and smart in appearance. I am from Indore on Kamuk Stories.
My Hindi Chudai story is about the sex relationship between me and my friend’s mom, how I fucking my friend’s mother.
This is about 8 months ago. There is a cricket ground in my colony, where many children play cricket. I also used to play cricket there. I became good friends with a boy in this game. His name is Imran (changed name) in Kamuk Stories.
He invited me to his house many times that you come. We will play on my terrace.
When he spoke a lot, I went to his house.
When I reached her house, she opened the door and called me inside.
I went inside He gave voice to his mother. When her mother came out… my eyes were wide open on Kamuk Stories.
What was that, friend?… His age will be around 42, but the glow on his face was exactly like that of a sister in age 30-32. His name was Tabsum (name changed). Aunt’s figure was 36-32-40, which I later found out during her fuck like Kamuk Stories.
She came and sat in front of me. I was watching them with a thief eye. Perhaps he had seen it, but said nothing.
Imran’s father used to work in the bank. He did not stay at home all day.
Then after talking for a while, I went to play on the terrace with Imran. But I did not feel like playing. I was just lost in my aunt’s thoughts on Kamuk Stories.
After an hour I went to my house, but I could not get out of my heart and mind. My cock did not sit.
Then I went to my room and killed my mother’s name, then I got some rest.
Then I started going to her house every day and whenever I was in front of or around my aunt… I used to stare at her for Kamuk Stories.
Perhaps she was also understanding why I kept staring at her. But she was not saying anything.
My desires also kept increasing. I always kept trying to be near them… sometimes even trying to touch them. But in such a way that they felt that it all happened by mistake… but they were all understanding like Kamuk Stories.
One day I went to Imran’s house and both of us were still preparing to play cricket that he got a call from someone.
He said to me – I will come in a while, you stay down.
I also said- Okay.
He’s gone.
I also went to his room and started running the laptop. There were many blue films in his laptop, I started watching a film with the volume closed. My cock was completely erect and was seen separately from the lower on Kamuk Stories.
Then I went out to see my aunt, then she was doing some work in the kitchen. She was wearing a perfectly fitted leggy and kurti today.
Seeing her thighs in the laggy, my cock became even harder, which aunt had probably seen in Kamuk Stories.
Today was the first time that I was alone with my aunt. I was watching them.
He told me – Ashish, as you keep staring at me, you should not see it.
I said fearlessly- Aunt, you are so beautiful that no one would want to see you. No matter how much I try… I am unable to stop myself from seeing you like Kamuk Stories.
Then he said- Yes I know this happens at this age, but still you should control yourself… because it is all wrong.
I got a little sad after listening to my aunt.
They told me – you go out in the hall, I make tea.
I left in Kamuk Stories.
She brought tea in a while… When auntie bowed down to give tea… then I got a good glimpse of her mother’s valley.
I thought that I would have to take a little chance… otherwise it would not take anything.
Aunty sat down in front of me with her tea and started asking – don’t you have a girlfriend?
I said no.
He said- Why?
I laughed and said – I did not find anyone like you about Kamuk Stories.
She too laughed and said- “Chal hat hath crook … he does joking.”
I said while sighing- Auntie, I am very beautiful… if I were your husband!
I stopped after speaking so much.
He asked – don’t speak completely… what if you were my husband?
I said – nothing… just…
So she said – I really like you so much?
I said yes aunt… I really like you very much.
Kamuk Stories: In this Hindi Chudai story, read how I fucking my friend’s mother. When I saw her mother in the friend’s house for the first time, my eyes were wide open mind in Kamuk Stories.
Hello friends how are you Greet my erected cocks to hot pussy girls, sweet bhabhi and sexy aunts.
My name is Ashish and I am 25 years old and smart in appearance. I am from Indore.
My Hindi Chudai story is about the sex relationship between me and my friend’s mom, how I fucking my friend’s mother.
This is about 8 months ago. There is a cricket ground in my colony, where many children play cricket. I also used to play cricket there. I became good friends with a boy in this game. His name is Imran (changed name) in Kamuk Stories.
He invited me to his house many times that you come. We will play on my terrace.
When he spoke a lot, I went to his house.
When I reached her house, she opened the door and called me inside.
I went inside He gave voice to his mother. When her mother came out… my eyes were wide open.
What was that, friend?… His age will be around 42, but the glow on his face was exactly like that of a sister in age 30-32. His name was Tabsum (name changed). Aunt’s figure was 36-32-40, which I later found out during her fuck like Kamuk Stories.
She came and sat in front of me. I was watching them with a thief eye. Perhaps he had seen it, but said nothing.
Imran’s father used to work in the bank. He did not stay at home all day.
Then after talking for a while, I went to play on the terrace with Imran. But I did not feel like playing. I was just lost in my aunt’s thoughts in Kamuk Stories.
After an hour I went to my house, but I could not get out of my heart and mind. My cock did not sit.
Then I went to my room and killed my mother’s name, then I got some rest.
Then I started going to her house every day and whenever I was in front of or around my aunt… I used to stare at her in Kamuk Stories.
Perhaps she was also understanding why I kept staring at her. But she was not saying anything.
My desires also kept increasing. I always kept trying to be near them… sometimes even trying to touch them. But in such a way that they felt that it all happened by mistake… but they were all understanding.
One day I went to Imran’s house and both of us were still preparing to play cricket that he got a call from someone like Kamuk Stories.
He said to me – I will come in a while, you stay down.
I also said- Okay.
He’s gone.
I also went to his room and started running the laptop. There were many blue films in his laptop, I started watching a film with the volume closed. My cock was completely erect and was seen separately from the lower for Kamuk Stories.
Then I went out to see my aunt, then she was doing some work in the kitchen. She was wearing a perfectly fitted leggy and kurti today.
Seeing her thighs in the laggy, my cock became even harder, which aunt had probably seen.
Today was the first time that I was alone with my aunt. I was watching them on Kamuk Stories.
He told me – Ashish, as you keep staring at me, you should not see it.
I said fearlessly- Aunt, you are so beautiful that no one would want to see you. No matter how much I try… I am unable to stop myself from seeing you in Kamuk Stories.
Then he said- Yes I know this happens at this age, but still you should control yourself… because it is all wrong.
I got a little sad after listening to my aunt.
They told me – you go out in the hall, I make tea.
I left.
She brought tea in a while… When auntie bowed down to give tea… then I got a good glimpse of her mother’s valley on Kamuk Stories.
I thought that I would have to take a little chance… otherwise it would not take anything.
Aunty sat down in front of me with her tea and started asking – don’t you have a girlfriend?
I said no.
He said- Why?
I laughed and said – I did not find anyone like you.
She too laughed and said- “Chal hat hath crook … he does joking.”
I said while sighing- Auntie, I am very beautiful… if I were your husband!
I stopped after speaking so much like Kamuk Stories.
He asked – don’t speak completely… what if you were my husband?
I said – nothing… just…
So she said – I really like you so much?
I said yes aunt… I really like you very much….Kamuk Stories.
She started caressing cocks with love. My cock became even tighter.
I said – take aunty cocks in your mouth, no.
He said- He… I will not… You take my pussy directly.
I also thought that for the first time let’s fuck straight pussy like Kamuk Stories.
So I put my aunt directly on the table and set the cocks on the pussy and gave it a push. Half of my cock entered the pussy.
My friend’s mother’s sip came out – ahhh… died… ammm… CEE. Ah Ashish after a full year, this pussy has tasted cocks. Ah, please quench my thirst. They… I will do whatever you say. Please never leave me. Ah, give Ashu Chod enjoy Kamuk Stories.
I said cocks – yes aunt will never go…
I kept banging cocks in the pussy loudly. She also continued to do ‘Ahh CEE… Ahh… Amm. ’
Then I increased my speed a lot and started banging my aunt’s pussy. He was enjoying it a lot. Aunt had lifted both her legs in the air and was taking my cock all over on Kamuk Stories.
After about 10 minutes of fucking, I felt that my work was going to be all over.
So I said – Aunt is going to be mine… Where to extract the juice?
He said – Remove it inside… Right after the big days, but my pussy will get peace in Kamuk Stories.
I put ten consecutive blows in the aunt’s pussy and left the atomizer.
I think I was in this life for the longest time. I likewise stacked my head with my aunt’s mother’s mother. She kept rubbing my head.
Then I got up and picked them up as well. We both bathed together. Then they cooked food and we ate together.
Friend’s mom said – I am yours from now on. Whenever you want, you can come and love me. But no one should know this.
I said – no one will know this aunt. You be sure in Kamuk Stories.
I hugged and kissed my friend’s mother and I came back to my house at night to speak of coming home again.
In this way I fuck my friend’s mother.
I told at home that I have to go to my friend’s house to sleep, there is a lot of burglary happening in their locality. Aunt is alone at home.
The aunt also talked to my mother and told her to send it to me.
So got permission from home.
Then I stayed with him for the next two days and had a lot of fun. Taught them a lot… learned and enjoyed the fuck of aunt’s pussy too. I will tell them all next time.
Your good comments will encourage me to write further. Send me your thoughts for this Hindi Chudai story ‘friend’s mother Ko Choda’… I will wait. And to read sex videos and new story, telegram group can join.
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