दोस्त की मम्मी को लंड चुसवाया Dost ki maa ki chudai
Dost ki maa ki chudai: दोस्तो, मैं राज आप सभी पाठक पाठिकाओं का एक बार फिर अपनी Masthindistory स्टोरी में स्वागत करता हूँ।
मेरे दोस्त की बहन पीहू के वापस घर जाने के बाद दिन बड़ी मुश्किल से बीत रहे थे। मैं पीहू की भाभी यानि दोस्त की बीवी पर डोरे डालने की कोशिश कर रहा था पर उधर से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा था, ऐसे ही दिन गुजर रहे थे।
पिछले हफ्ते घर से फोन आया कि मेरी छोटी बहन की शादी के लिए लड़का देखने जाना है तो दो दिन की छुट्टी लेकर घर आ जाओ।
अगले दिन मैं दो दिन की छुट्टी लेकर घर आ गया।
घर पर आने के बाद पता चला कि कल ही लड़का देखने चलना है.
तो कुछ देर घर पर रहने के बाद मैं पीहू के घर आ गया।
घर पर पीहू की मम्मी थी मैंने उनसे पूछा- पीहू कहाँ है?
तो उन्होंने बताया- वो कॉलेज गयी है, चार बजे तक वापस आयेगी।
उन्होंने मुझसे कहा- तुम बैठो, मैं चाय बनाकर लाती हूँ।
कुछ देर बाद आंटी चाय बनाकर लायी और चाय पीते हुए मैंने उनसे पूछा- पीहू के पापा कहाँ हैं?
तो उन्होंने बताया कि वे भी कहीं गए हैं, शाम तक ही वापस आएंगे।
चाय पीने के बाद उन्होंने कहा- पीहू बता रही थी कि वहाँ पर तुमने उसका बहुत ही अच्छे से ख्याल रखा.
तो मैंने कहा- अब ख्याल तो रखना ही पड़ेगा. नहीं तो आप शिकायत करेंगी।
Dost ki maa ki chudai
तब उन्होंने कहा- शिकायत तो तुमसे है ही कि बेटी का इतने अच्छे से ख्याल रखा पर उसकी मम्मी का जरा भी ख्याल नहीं है तुम्हें. यह तो सरासर नाइंसाफी कर रहे हो तुम मेरे साथ।
मैंने कहा- नहीं मम्मी, मैं आपके साथ क्यों नाइंसाफी करूँगा? बताइए आपके लिए क्या कर सकता हूँ?
तो उन्होंने कहा- जैसे पीहू का ख्याल रख रहे हो, कभी कभी मेरा भी रख लिया करो तो!
मैंने कहा- रखता तो हूँ ही … बताइए आपके लिये क्या कर सकता हूँ।
मेरे दोस्त की मम्मी मुझसे सट कर बैठ गयी और मेरी जांघों पर अपना हाथ रखते हुए बोली- कभी कभी मुझे भी खुश कर दिया करो जैसे पीहू को करते हो।
मैंने कहा- मम्मी जी, आप क्या कह रही हो?
तो वो गुस्सा होती हुई बोली- चूतिया समझ रखा है क्या? मैं जानती हूँ कि तुम पीहू को चोद चुके हो।
मुझे काटो तो खून नहीं!
मैंने कहा- आप क्या कह रही हो?
तो वो बोली- दीपावली के दिन जब पीहू घर आयी तो मैं उसकी दशा देखकर ही समझ गयी थी कि तुमने उसको चोद दिया है। उसके बाद मैंने कई दफा रातों में उसको तुमसे बात करते हुए सुना भी है।
मैं समझ गया कि मेरी चोरी पकड़ी गई है और जब ये खुद चुदने के लिए तैयार है तो मुझे क्या दिक्कत है. इनको भी चोद कर अगर सेट कर लिया तो पीहू को चोदने में और भी आसानी होगी।
मैंने बात बनाते हुए कहा- मम्मी जी, आपकी सेवा में तो मैं हमेशा ही तैयार ही हूँ.
और उनका हाथ पकड़ कर अपने लोवर में डालते हुए बोला- पर आप अपनी बेटी के सेवा करने का अवसर भी मुझे देते रहियेगा।
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वो मुस्कुराती हुई बोली- साले, तू बहुत हरामी है, माँ बेटी दोनों को चोदना चाहता है।
तो मैंने उनसे कहा- आपकी बेटी को तो मैं पहले ही चोद चुका हूँ।
तब उन्होंने कहा- ठीक ही किया; तुम नहीं चोदते तो कोई और पटा कर चोदता ही. और अगर बात खुल जाती तो बदनामी होती। अच्छा है घर में ही लन्ड मिल जाएगा तो बाहर नहीं जाएगी और घर की बात घर में ही रह जायेगी।
यह कहते हुए उन्होंने मेरा लोवर और अंडरवियर नीचे सरका कर मेरे लन्ड को अपने हाथों में ले लिया और बोली- साइज़ तो अच्छा है. बस इसमें कितना दम है, ये देखना है।
ऐसा कह कर वो मेरे लन्ड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी और मैं उनके सर पर आप हाथ फेरते हुए बोला- इसमें इतना दम है कि आपके जिस्म की पूरी गर्मी को चोद कर शांत कर देगा।
कुछ देर लन्ड चूसने के बाद वो उठी और बाहर का दरवाजा बंद कर आई.
फिर बोली- आज बहनचोद मुझे चोद कर मेरे अंदर की सारी गर्मी को शांत कर दो।
तब मैं उनको पीछे से पकड़ कर उनकी दोनों चूचियाँ अपने हाथों से दबाते हुए बोला- तुम भी तो बेटाचोद हो जो अपने बेटे से चुदवाने जा रही हो।
तब उन्होंने कहा- हाँ मादरचोद, मैं तो बेटाचोद हूँ ही, तू भी तो बहनचोद और मादरचोद है।
दोस्त की मम्मी की गालियां सुनकर मुझे भी अच्छा लग रहां था और मेरी उत्तेजना और बढ़ती जा रही थी।
मैंने उनकी साड़ी का पल्लू उनके कंधे पर से गिरा दिया और साड़ी को उनके कमर में से निकाल कर छोड़ दिया।
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अब वो साया और ब्लाउज में मेरे सामने थी. मैं उनको पीछे से पकड़ कर ब्लाउज के ऊपर से उनकी दोनों चूचियाँ दबा रहा था और उनकी गर्दन और कानों के पास अपने होंठों से किस कर रहा था।
वो अपनी आँखों को बंद कर मादक आहें भर रही थी।
मैंने उनकी गर्दन पर किस करते हुए उनके ब्लाउज के हुक को खोल दिया और उनके ब्लाउज को निकाल कर नीचे गिरा दिया।
अब मैंने उनके सफेद रंग की ब्रा का हुक खोल कर ब्रा को भी निकाल दिया और उनकी चूचियों के निप्पल को उँगलियों में लेकर मसलने लगा. वो आँखें बंद करके मज़ा ले रही थी।
इसके बाद मैंने बाये हाथ से उनके साया की डोरी को खींच दिया और वो खुल कर नीचे गिर गया। फिर उनको पलट कर मैंने अपने सीने से लगा लिया और उनके होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा।
वो भी मेरे होंठों को चूस रही थी.
करीब तीन चार मिनट मेरे होंठों को चूसने के बाद उन्होंने मेरे टीशर्ट और बनियान को निकाल दिया।
अब वो मेरे पूरे सीने को चूमने लगी. सीने को चूमने के बाद मम्मी मेरे बायें और दायें निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगी। उसके बाद वो मेरे सामने घुटनों के बल पर बैठ गई और मेरे लोवर और अंडरवियर को मेरे पैरों में से निकाल कर मुझे पूरा नंगा कर दिया।
फिर मेरे दोस्त की मम्मी मेरे लन्ड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।
कुछ देर मेरा लन्ड चूसने के बाद उन्होंने अपनी पैंटी उतारी और सोफे पर बैठ गयी. अपनी दोनों टाँगें फैलाकर उन्होंने मुझे अपनी चूत चूसने का इशारा किया।
मैं उनकी चूत को चूसने लगा और वो मेरे सर के बालों को सहलाने लगी।
Dost ki maa ki chudai
करीब पाँच मिनट तक उनकी चूत चूसने के बाद उनका शरीर अकड़ने लगा और वो मेरे सर को कसकर पकड़ कर अपनी चूत की तरफ खींचने लगी. तभी उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
फिर वो खड़ी हो गयी और मेरा हाथ पकड़ कर बेडरूम में लेकर आ गयी. बेड पर लेटकर मुझसे बोली- भोसड़ी के … आ और अपने लन्ड से मेरे भोसड़े की खुजली मिटा।
मैंने उनसे कहा- आप गाली क्यों दे रही हो?
तो वी बोली- गाली देकर चुदने में मुझे मज़ा आता है. बुरा मत मानो, तुम भी मुझे गाली देकर चोदो।
उसके बाद मैं उनकी टाँगों को फैलाकर उसके बीच में बैठ कर अपने लन्ड को उनकी चूत पर रगड़ने लगा और बोला- भोसड़ी की, तुम्हारे अंदर की सारी गर्मी अपने लन्ड से तुम्हारी चूत को चोदकर शांत कर दूंगा।
एक जोर का झटका लगाकर मैंने अपना पूरा लन्ड उनकी चूत में डाल दिया और इनकी टाँगों को अपने कंधों पर रखकर उनको चोदने लगा।
मैं उनकी चूत में रुक रुक कर धक्के लगा रहां था और नीचे से वो भी धक्कों का जवाब अपनी गांड उचका कर धक्कों से दे रही थी. और मादक आहें ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ भरते हुए लगातार गाली भी दे रही थी।
कुछ देर बाद मैंने भी धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और हम दोनों लोगो एक साथ डिस्चार्ज हो गए।
मैं मम्मी की बगल में लेट गया।
कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद मैं अपने एक हाथ से उनकी चूची दबाने लगा तो वो बोली- भोसड़ी के … अभी मन नहीं भरा? दुबारा चोदेगा क्या?
Dost ki maa ki chudai
मैंने कहा- हाँ मम्मी जी, अभी आपको एक बार और चोदूंगा.
वो घड़ी की तरफ देखती हुई बोली- अभी दो बजे रहे हैं, चार बजे के पहले कोई नहीं आने वाला है। मुझे चोद कर तुमने निचोड़ दिया है. कुछ देर आराम कर लो, उसके बाद फिर चोदना।
मेरी गर्लफ्रेंड की मम्मी नंगी ही बाहर चली गयी और सारे कपड़ों को समेट कर रूम में आई और मेरे पास बैठकर बाते करने लगीं।
मैंने उनको अपनी गोद में बैठाया और उनकी गर्दन पर किस करते हुए उनकी चूचियों से खेलने लगा।
लगभग बीस मिनट बाद मेरा लन्ड फिर से खड़ा होने लगा। मैंने उनको घोड़ी बना दिया और अपना लन्ड उनकी चूत में डाल उनको चोदने लगा।
कुछ देर बाद मैंने अपना लन्ड उनकी चूत से निकाल कर उनकी गांड के छेद पर रख एक जोर का धक्का दिया और पूरा लन्ड उनकी गांड में आसानी से चला गया।
मैंने मम्मी जी से पूछा- आपने पहले भी गांड मरवाई है क्या?
तो वो बोली- बहुत बार!
फिर मैं उनकी गांड को चोदने लगा।
लगभग बीस मिनट रुक रुक उनकी गांड को चोदने के बाद मैं उन्हें सीधा लिटा कर अपना लन्ड उनकी चूत में डाल कर उन्हें चोदने लगा।
पन्द्रह से बीस मिनट चुदने के बाद उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया. उसके बाद मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा कर उनको चोदना शुरू कर दिया। कुछ देर तक उनको चोदने के बाद मेरे लन्ड ने अपना पानी छोड़ दिया और मैं उनकी बगल में निढाल होकर लेट गया।
हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और घड़ी की तरफ देखा तो अभी पौने चार हो रहे थे।
इसके बाद मैं बाहर आकर बरामदे में बैठ गया.
कुछ देर बाद उसकी मम्मी चाय बना कर लायी और मैं चाय पीते हुए उनसे बातें करने लगा।
Dost ki maa ki chudai
उनसे मैंने पूछा- मम्मी जी, कैसी लगी आपको मेरी चुदाई?
तो वो बोली- बहुत अच्छा लगा. काफी दिनों बाद इतनी अच्छी से मेरी चुदाई हुई है।
मैंने उनसे पूछा- क्यों चाचा आपको नहीं चोदते हैं क्या?
तो मेर दोस्त की मम्मी बोली- अब पीहू के पापा मुझे बहुत कम चोदते हैं।
मैंने उनसे कहा- आप परेशान मत होइए, मैं हूँ न! आपको मैं ऐसे ही चोदूंगा. पर आप कभी मेरे और पीहू के बीच में मत आइयेगा।
तो वो बोली- ठीक है, तुम पीहू को चाहे जब चोद सकते हो. पर बदले में तुम्हें मुझे भी चोदना पड़ेगा।
मैंने उनसे कहा- ठीक है, मुझे आपकी शर्त मंजूर है।
और मैं अपने घर चला आया।
दोस्तो, आपको मेरे दोस्त और मेरी गर्लफ्रेंड की मम्मी की चुदाई की कहानी कैसी लगी? बताना मत भूलियेगा.
आप मुझे [email protected] पर ईमेल कर सकते हैं। जल्द ही आपसे एक नई अन्तर्वासना कहानी के साथ मुलाकात होगी.
तब तक के लिए नमस्कार।
आपको मेरी यह सच्ची सेक्स घटना कैसी लगी मुझे Telegram पर ज़रूर बताये में आपके comment और message का इंतज़ार करूगा.
Read in English
Dost ki mom ko land chusaya Dost ki maa ki chudai
Dost ki maa ki chudai: Friends, I once again welcome all you readers in my Masthindistory story.
Days were passing hard after my friend’s sister Pihu went back home. I was trying to force her on Pihu’s sister-in-law’s friend’s wife, but there was no response from there, days were passing like this.
Last week, I got a call from home that if I want to see a boy for my younger sister’s wedding, then come home after taking leave for two days dost ki maa ki chudai.
The next day I came home after taking two days off.
After coming home, it was found that tomorrow we have to go to see the boy.
So after staying at home for some time, I came to Pihu’s house the dost ki maa ki chudai.
There was Pihu’s mother at home, I asked him – where is Pihu?
So he told – she has gone to college, will come back by four o’clock.
They told me – you sit, I make tea.
dost ki maa ki chudai After some time, aunt brought tea and while drinking tea, I asked her – where is Pihu’s father?
So they told that they too have gone somewhere, they will come back by evening.
After drinking tea, he said- Pihu was telling that you took very good care of him there.
So I said – now you have to take care. Otherwise you will complain.
Dost ki maa ki chudai
Then he said – the complaint is with you that you have taken care of the daughter so well, but you do not have any idea of her mother. You are doing this unfairly with me about dost ki maa ki chudai.
I said no mother, why would I do injustice to you? What can I do for you?
So he said – as if you are taking care of jigger, sometimes you keep mine too!
I said – I will keep it… Tell me what I can do for you like dost ki maa ki chudai.
My friend’s mother sat close to me and kept her hand on my thighs and said – Make me happy sometimes like you do jihu and dost ki maa ki chudai.
I said- Mother, what are you saying?
So she said angrily, did she understand that pussy? I know that you have drunk Pihu.
Bite me no blood!
I said what are you saying?
So she said – When Pihu came home on the day of Diwali, I understood by seeing her condition that you have given her a fuck. After that I have heard him talking to you several times.
I understood that my theft has been caught and when it is ready to fuck itself, what problem do I have. If you set them by fucking them, then Pihu will be more easy to fuck.
I said while making the talk- Mother, I am always ready to serve you and dost ki maa ki chudai.
And holding his hand and putting it in his lower, said – but you will also keep giving me the opportunity to serve your daughter.
Dost ki maa ki chudai
She said with a smile – brother-in-law, you are very bastard, mother daughter wants to fuck both of them.
So I told him – I have already given your daughter a fuck.
Then he said – he did it right; If you do not fuck, then someone else will fuck you. And it would have been slanderous if the matter had opened up. It is good that if the land is found in the house itself, it will not go out and the matter of the house will remain in the house.
Saying this, he shoved my lower and underwear down and took my land in his hands and said – Size is good. Just see how much power it has for dost ki maa ki chudai.
Having said this, she started sucking my lund in her mouth and I said while turning my hand on her head, it has so much power that it will calm down the heat of your body.
After waking up for a while, she woke up and closed the door outside.
Then said- today sister sister fuck me and soothe all the heat inside me dost ki maa ki chudai.
Then I grabbed him from behind and pressed both of his cunts with my hands and said – You too are a son who is going to fuck your son then dost ki maa ki chudai.
Then he said- Yes, Madarchod, I am only a son, and you are also a sister and a mother.
dost ki maa ki chudai I also felt good listening to the abuses of a friend’s mother and my excitement was increasing.
I dropped the pallu of his sari from his shoulder and removed the sari from his waist and left it.
Dost ki maa ki chudai
Now she was in front of me in shade and blouse. I was holding them from behind and pressing both of their nipples on top of the blouse and kissing them with my lips near their neck and ears.
She was filling her eyes with alcoholic sighs.
I kissed his neck, opened the hook of his blouse and removed his blouse and dropped it down then dost ki maa ki chudai. Now I opened the hook of his white colored bra and also removed the bra and started fingering her nipples with her nipples. She was having fun with her eyes closed.
After this, I pulled the lanyard of his shadow with the left hand and it fell down openly. Then I overturned them and took them from my chest and started sucking them with my lips.
She was also sucking my lips after dost ki maa ki chudai.
After about three to four minutes sucking my lips they removed my tshirt and vest.
Now she started kissing my whole chest. After kissing the chest, the mother started sucking my left and right nipples in the mouth. After that she sat on my knees in front of me and removed my lower and underwear from my feet and made me completely naked and dost ki maa ki chudai.
Then my friend’s mother started sucking my lund in her mouth.
After sucking my land for some time, he took off his panties and sat on the couch. Spreading both his legs, he gestured me to suck his pussy.
I started sucking her pussy and she started caressing my head hair.
Dost ki maa ki chudai
After sucking her pussy for about five minutes, her body started to stiffen and she grabbed my head tightly and started pulling it towards her pussy. Then his pussy left the water.
Then she stood up and took my hand and brought it to the bedroom. Laying on the bed said to me – Bhosadi… come and wipe the itching of my Bhosada with your land dost ki maa ki chudai.
I told him – why are you abusing?
So we bid – I love to fuck by abusing. Do not mind, you also fuck me by abusing me.
After that, I spread their legs and sit in the middle of it, rubbing my lund on their pussy and said – Bhosadi, I will calm all the heat inside you by licking your pussy then dost ki maa ki chudai.
With a loud shock, I put my whole lund in her pussy and put her legs on my shoulders and started fucking her.
dost ki maa ki chudai I was poking them in her pussy, and she was also responding to the bumps from below, giving her ass to the bumps. And the alcoholic was constantly abusing her by filling the ‘Ummh… Ahhh… Hahh… Yah… ’.
dost ki maa ki chudai After some time I too increased the speed of the bumps and we both got discharged together.
I lay beside my mother.
After staying like this for some time, I started pressing his nipple with my one hand, then he said – Bhosadi… Not yet filled? Will Chodega again?
Dost ki maa ki chudai
I said yes mother, now I will fuck you once more.
He said looking at the clock, it has been two o’clock, no one is going to come before four o’clock. You have squeezed me. Take some rest, then fuck again the dost ki maa ki chudai.
My girlfriend’s mother went out naked and came into the room after covering all the clothes and started talking to me.
I made him sit on my lap and started playing with his cocks while kissing on his neck and dost ki maa ki chudai.
After about twenty minutes my land started to stand again. I made him a mare and put his lund in his pussy and started fucking him.
After some time I removed my land from his pussy and put a loud push on his ass hole and the whole land went easily into his ass for dost ki maa ki chudai.
I asked Mummy ji – Have you killed an ass before?
So she said – many times!
Then I started fucking his ass.
After stopping for twenty minutes, after stopping his ass, I lied to him and put my land in his pussy and started fucking him.
After twenty minutes of fucking fifteen, his pussy left water. After that I increased the speed of the bumps and started fucking them. After fucking them for some time, my lond released his water and I lay down beside him.
Both of us put on our clothes and looked at the clock, then it was already quarter to four.
After this, I came out and sat in the verandah.
After some time his mother brought tea and I started talking to him while drinking tea.
Dost ki maa ki chudai
I asked him – mother, how did you feel about my fuck?
So she said – I liked it very much. After so many days, I have had such a good fuck.
I asked him – why uncle does not fuck you?
So my friend’s mother said – Now Pihu’s father likes me very little.
I told him – don’t worry, I am not! I will fuck you like this. But you will never come between me and Pihu.
So she said – well, whenever you want to jigger you can fuck. But in return you will have to fuck me too.
I told him – well, I accept your condition.
And I came home.
Friends, how did you like the story of my friend and my girlfriend’s mother’s sex? Do not forget to tell
You can email me at [email protected]. See you soon with a new immigration story.
Goodbye until then.
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