कामवाली आंटी की मोटी गांड की चुदाई Aunty ki chudai
Aunty ki chudai: काम के सिलसिले में मैं किराये के कमरे में रह रहा था. तो मैंने एक मोटी आंटी काम के लिए रखी. उसके मोटे चूचों ने मुझे मोटी आंटी की चुदाई करने के लिए उकसाया तो मैंने क्या किया?
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम विक्की है, मेरी उम्र अभी 24 साल है, मैं दिखने में हैंडसम हूँ. मैं महाराष्ट्र से हूँ.
यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है जब मैंने एक मोटी आंटी की चुदाई की थी. इसको लिखने में यदि मुझसे कुछ गलती हो जाए तो प्लीज़ नजरअंदाज कर दीजिएगा.
ये सेक्स कहानी 6 महीने पहले की उस वक्त की है … जब मुझे अपने काम के सिलसिले में नागपुर जाना पड़ा. वहां मुझे 6 महीने तक रूकना था. मैं नागपुर गया और वहां कुछ दिन कंपनी के रूम में रहा. लेकिन वहां मेरा मन नहीं लग रहा था, तो मैंने वहां पूछताछ की. तो मुझे वहां के एक वर्कर ने पास की एक बिल्डिंग में भाड़े का फ्लैट दिला दिया. अगले दिन मैं वहां शिफ्ट हो गया और रहने लगा.
मैंने वहां के वॉचमैन से पूछा- मुझे काम वाली चाहिए … कोई हो तो बताओ.
उसने बोला- हां है साब … मैं आपके पास कल एक काम वाली को भेजता हूँ.
मैं दूसरे दिन जब अपने काम से वापस फ्लैट पर आया और अन्दर घुस कर अभी बैठा ही था कि तभी दरवाजे पर ठकठक हुई.
मैंने दरवाजा खोला, तो एक 45-50 साल की उम्र की महिला मेरे सामने खड़ी थी. आंटी हरे रंग की साड़ी पहने हुए थी. मगर आंटी की उम्र अधिक होने के बावजूद उसकी फिगर बड़ी मस्त थी भरी हुई. मोटी आंटी सीने पर भरे हुए चूचे उसकी फिगर को मस्त बनाने में बड़ा अहम रोल अदा कर रहे थे.
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वो एक कामवाली थी, जिसे शायद उसी वॉचमैन ने भेजा था.
मैंने उससे पूछा- आपको कौन हैं … क्या काम है?
उसने बताया- साब, आपको काम वाली चाहिए थी. मुझे वॉचमैन ने बताया है.
मैंने बोला- हां. … अन्दर आ जाओ.
मैंने उसे अन्दर बुलाया और बिठा कर पानी दिया. उससे काम को लेकर बातचीत की, उसे सब काम समझाया.
उसने काम करने के लिए हामी भर दी, तो मैंने खुद से उसे 500 रूपए एडवांस दे दिए.
मैंने उसका नाम पूछा, तो उसने अपना नाम संगीता बताया.
मैंने उससे कहा- ठीक है आंटी, तुम अभी खाना बना दो.
उसने हामी भर दी और किचन में चली गई. उधर मैंने उसे सब सामान आदि के बारे में बताया और बाहर आ गया. वो काम करने लगी. फिर वो दो घंटे बाद चली गई.
मैंने उसके जाते ही व्हिस्की की बोतल उठाई और पैग बना कर चुस्की लेते हुए मोटी आंटी के जिस्म को याद करने लगा. उसके उठे हुए दूध मुझे बड़ा आंदोलित कर रहे थे. अब मैं मोटी आंटी की चुदाई करना चाहता था.
फिर खाना आदि खा कर मैं सो गया.
दूसरे दिन मोटी आंटी संगीता सुबह से आ गई. उस दिन संडे था, तो मैं घर पर ही था और अपने रूम में बैठा था.
वो फ्लैट में आई और काम करने लगी. मैं नहाने चला गया. नहा धोकर मैं बैठ कर टीवी देखने लगा.
उधर आंटी ने खाना बनाया और मेरे पास आकर बोली- साब खाना खा लीजिए.
मैं खाने की टेबल पर गया और उससे बोला- तुम भी खा लो … मैं अकेला इतना खाना नहीं खा पाऊँगा.
वो मना करने लगी.
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मगर मैंने उसे बहुत फोर्स किया, तो वो मान गई और मेरे साथ खाना खाने बैठ गई. खाना खाते हुए मैंने उससे बातें की. इससे वो मेरी तरफ से जरा संकोच खत्म करके खुल कर बात करने लगी.
मैंने उससे पूछा- तुम्हारे घर में कौन कौन रहता है.
वो बोली- कोई नहीं … मैं बस अकेली रहती हूँ. मेरे पति तो 14 साल पहले ही गुजर गए थे.
मैंने दुःख जताया और उससे उसके बच्चों आदि के बारे में पूछा. उसने बच्चों को लेकर बताया कि उसको कोई औलाद नहीं है.
कुछ देर उसके साथ ऐसी ही बातें हुईं. फिर मैं खाना खत्म करके हॉल में बैठ गया. अब वो पौंछा लगाने लगी. ऐसे ही मेरा ध्यान उस पर गया, तो मोटी आंटी के भरे हुए मम्मे मुझे ललचाने लगे. उसके मम्मों की झलक पाते ही मेरा 7 इंच का लंड खड़ा हो गया.
उसे ऐसा देख कर मन कर रहा था कि इसे पकड़ कर अभी चोद दूं … लेकिन मैंने खुद पर कंट्रोल किया और उसके सामने बाथरूम में जाकर मुठ मार कर आ गया.
ऐसे ही 5-6 दिन गुजर गए. एक दिन मैंने उससे पूछा कि तुम मेरे साथ ही रहो … मैं तो अकेला ही रहता हूँ. तुम फ़ालतू में अपनी कमाई खत्म करके उस घर का किराया देती हो, जबकि तुम घर पर अकेली ही रहती हो.
इस पर उसने पहले तो ना बोला, बाद में मेरे बहुत जोर देने पर उसने हां बोल दी.
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उसकी हां सुनते ही तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरी लॉटरी लग गई हो. उसको चोदने का मेरा सपना पूरा होने वाला था.
वो आंटी अगले दिन अपना एक सन्दूक लेकर मेरे फ्लैट में आ गई.
मैंने उसे एक खाली पड़ा कमरा दे दिया. अब वो मेरे फ्लैट में रहने लगी थी. सुबह से ही पूरे घर की साफ़ सफाई और खाना आदि का काम बड़ी निपुणता से करने लगी.
जब वो काम करती, तो मैं उसके मम्मों को देखता रहता, उसकी मटकती गांड देखता. उसने भी ये सब नोटिस कर लिया था … मगर वो इस बात को लेकर मुझे कभी कुछ बोली नहीं.
वो अच्छे घर से थी. अब मैं उसे छूने भी लगा था. उसके साथ मजाक भी करने लगा था. ऐसे ही हमारी नजदीकियां बढ़ने लगी थीं. मोटी आंटी की चुदाई मेरे लिए आसान होती जा रही थी.
उसके साथ रहते हुए अब मुझे 15 दिन हो चुके थे. इसी बीच उसको मेरी पैग लेने की आदत भी मालूम हो गई थी, जिसका उसने कोई विरोध नहीं किया था बल्कि वो खुद मेरे लिए चखना में नमकीन या सलाद वगैरह तैयार कर देती थी.
अब 16 वां दिन मेरे लिए बहुत खास था. मैंने काम से वापस आते समय उसके लिए एक साड़ी खरीदी थी और एक अच्छा सा लेडीज परफ्यूम भी खरीदा था. उस दिन उसका बर्थडे था. मैंने रास्ते से 250 रु का एक केक लिया और घर आ गया. मैं घर में अन्दर गया, तो आंटी कहीं बाहर गई थी.
मैंने जब तक सब सैट किया. तब तक वो घर आ गई. वो ये सब देख कर बहुत खुश हुई और बोली- ये सब क्यों किया?
मैंने उसे साड़ी दी और बोला- ये लो … आज तुम्हारा बर्थडे गिफ्ट है. इसे पहन लो.
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उसने खुश होकर वो साड़ी पहनी. वो लाल रंग की साड़ी में 35 साल की ही लग रही थी. साड़ी के साथ मैं मैचिंग का टी-शर्ट वाले होजरी कपड़े का ब्लाउज भी लाया था … जोकि फ्री साइज़ होता है. इस ब्लाउज का गला कुछ ज्यादा ही खुला हुआ था, जिसमें से उसके आधे दूध की गोलाईयां नुमायां हो रही थीं.
उसने तैयार होकर मेरे सामने अपनी ख़ुशी जाहिर की. मैंने उससे केक काटने के लिए कहा, तो उसने बड़े शर्माते हुए केक काटा. मैंने केक का एक पीस उठा कर उसे खिलाया और उसे बर्थडे की बधाई दी. उसने भी मुझे केक खिलाया.
फिर हम दोनों ने मिल कर केक खाया. उसने अपनी नम आंखों से ख़ुशी जाहिर की, तो मैंने उसकी इस ख़ुशी को समझने के लिए उसकी तरफ अपनी बांहें फैला दीं. हालांकि मुझे लग रहा था कि शायद वो मेरी बांहों में आने से शायद शर्मा जाएगी, मगर उसने बड़ी ख़ुशी से मुझे गले से लगाया और थैंक्यू बोली. उसके गले से लगते ही मेरा लंड फनफना उठा उसके बड़े बड़े मम्मों ने मेरी छाती को एक अजीब सा सुख दिया था. उसको भी मेरे खड़े होते लंड का अहसास हो गया था.
अब मोटी आंटी मुस्कुराते हुए बोली- अब बोलो तुम्हें मुझसे क्या चाहिए … जो तुमने मुझे इतना अच्छा गिफ्ट दिया है.
मैंने उसकी मोटी चूचियों की तरफ नजर डालते हुए बोला- मुझे कुछ नहीं चाहिए.
वो मेरी आंखों का पीछा कर रही थी. उसने धीरे से अपने आंचल को और ढलका दिया, जिससे उसकी मदमस्त चूचियों की मनमोहक छटा मुझे दिखने लगी.
वो बोली- आज पैग नहीं लगाओगे?
मैंने उसकी वासना से लाल होती आंखों की तरफ देखा और कहा- आज तुम भी मेरा साथ दोगी?
वो कुछ नहीं बोली, बस दारू की बोतल और गिलास उठाने लगी. उसने आज दो गिलास उठाए थे.
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मैंने उससे कहा- मैं पैग बनाता हूँ, तुम कमरे से सिगरेट की डिब्बी ले आओ और कुछ चखना लगा लाओ.
वो अपनी आंखें नचाते और गांड मटकाते हुए मेरा काम करने चली गई.
मैंने दो लार्ज पैग बनाए और उसके आते ही उससे गिलास उठाने के लिए कहा.
उसने गिलास उठाया, तो मैंने गिलास उसकी तरफ उठाते हुए चियर्स कहा. उसने भी मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखा और गिलास को होंठों से लगा लिया.
पहला घूंट भरते ही वो मुँह बनाने लगी.
मैंने हंस कर पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- बड़ी कड़वी है.
मैंने कहा- इसे एक बार में ही आंख बंद करके पूरा पी जाओ.
उसने मेरी बात मान ली और आंख बंद करके पूरा गिलास गटक लिया. दारू गले से नीचे उतरी, तो उसने उबकाई सी ली.
मगर मैंने उसकी तरफ एक टमाटर का टुकड़ा बढ़ा दिया. उसने अपने हाथ से लेने की बजाए अपने अपना मुँह खोल दिया. मैंने उसके मुँह में टमाटर का पीस डाला और उसके गाल पर हाथ फेर दिया. वो एक पल के लिए सिहर गई, मगर अगले ही पल मोटी आंटी मुस्कुरा दी.
मैंने भी गिलास खत्म किया और सिगरेट जला ली.
दो दो पैग पीने के बाद उसकी आंखों से शराब का सुरूर झलकने लगा था.
वो बोली- अब तो बोलो.
मैंने बोला- पहले खाना खा लो, फिर बोलूंगा.
हम दोनों ने खाना खाया. वो खाना खाने के बाद लड़खड़ाते कदमों से उठ कर किचन में चली गई. उसके जाते ही पीछे से मैं भी किचन में चला गया.
मोटी आंटी की चुदाई की शुरूआत aunty ki chudai
वो बर्तन धो रही थी. मैंने उस मोटी आंटी के पीछे से उसे अपनी बांहों में समेटा और उसके कान में बोला- मेरी जान, क्या मेरे साथ सेक्स करोगी?
मैं उसके मम्मों को भी धीरे धीरे दबा रहा था. इस समय मेरा खड़ा लंड उसकी गांड में घिस रहा था. वो कुछ नहीं बोली. तो मैं अब उसके मम्मों को जोर से दबाने लगा.
वो ‘अहहह..’ की आवाज करते हुए गरम सिसकारियां लेने लगी. एक मिनट बाद वो झटके से मुड़ी और मेरी बांहों में समा गई. मैं उसे किस करने लगा.
अब मैंने उसके पेटीकोट में हाथ डाला और उसकी चुत को छूने लगा. मेरा हाथ अपनी चुत में लगते ही उसको करंट सा लग गया और वो बेकाबू होकर मुझे चूमने लगी. उसका उतावलापन देख कर मैं हैरान था. मेरा लंड भी जोश में था.
मैंने उसे गोद में उठाना चाह पर मोटी आंटी को मैं उठा नहीं पाया तो हाथ पकड़ कर ले जाकर अपने कमरे के बेड पर उसे लिटा दिया. उसके गिरते ही मैंने उसकी साड़ी उतार दी.
वो मेरी आंखों में वासना से देख रही थी और मुझे सहयोग कर रही थी. मैंने उसके सब कपड़े उतार कर उसे नंगा कर दिया.
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मैं जीवन में अपने सामने पहली बार किसी औरत को नंगी देख रहा था. मैं अगले ही पल उस पर झपट पड़ा. अब मैं उसके एक दूध को चूस रहा था और दूसरे को दबा रहा था.
वो बस जोर से बोल रही थी- आआहह … ऊउउउउ … उम्म … आआह … और दबाओ … मुझे अच्छा लग रहा है.
उसकी ये बात सुनकर मैं अब और भी बिंदास उसे रगड़ने में लग गया था. फिर मैं उसकी चुत पर आ गया और उसकी चुत की गरमाहट को महसूस करने लगा था. उसकी चुत अब तक गीली होने लगी थी.
संगीता आंटी आज उम्रदराज नहीं, बल्कि जवान हो गई थी. मैं उसकी टांगें खोल कर उसकी चुत चाटने लगा. वो तो मानो एकदम पागल हो उठी और जोर जोर से बड़बड़ाने लगी- आहहहह हहहह हहहह ओहहह. जोर से चाटो!
मैं अपनी उंगलियां उसकी चुत में डालकर चाटने लगा. कुछ देर बाद वो मेरा सर अपनी चुत में दबाने लगी और एकदम से उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया. मैं उसकी चुत के पानी को चाटता गया. सच में बहुत खारा पानी था.
अब उसने मेरे कपड़े उतारे. संगीता मेरा लंड अपने हाथ में लेकर बोली- इसके लिए मैं इतने साल से प्यासी हूँ, मेरे लिए ये एक सबसे अच्छा बर्थडे गिफ्ट है.
ये कह कर वो मेरा लंड चूसने लगी.
मैं तो मानो स्वर्ग में था.
मोटी आंटी बहुत जोर से मेरा लंड चूस रही थी. कोई 5 मिनट तक लंड चुसवाने के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.
वो भी मेरा सारा पानी पी गई.
अब हम दोनों किस करने लगे.
कुछ देर बाद वो मेरा लंड फिर से चूमने लगी. जैसे ही मेरा लंड खड़ा हुआ, मैंने उसे धक्का दे दिया और उसके दोनों पैरों को फैलाकर उसके बीच में आ गया. मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया रखा और उसकी फूली हुई चुत के ऊपर अपना लंड रगड़ने लगा.
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वो वासना से लाल हो गई थी. वो कहने लगी- मैं पन्द्रह साल से प्यासी हूँ … मुझे और मत तड़पाओ … जल्दी से अन्दर कर दो.
मैंने एक धक्का मारा, तो मेरे लंड का टोपा अन्दर घुस गया.
वो थोड़ी सी चीखी ‘आह मर गई … विक्की आराम से.’
मैंने एक और जोर का धक्का दे मारा.
मेरा 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड संगीता आंटी की चुत में पूरा घुस गया. वो जोर से चीखी और रोने लगी. उसकी तड़प देख कर मैं रुक गया.
कुछ पल बाद मैं धीरे से कमर हिलाने लगा. अब संगीता भी लंड का मजा ले रही थी और उसके कंठ से मादक आवाजें निकलना शुरू हो गई थीं ‘अहहह अहह … आआ … ऊऊ.’
हमारी चुदाई को अब तक 15 मिनट हो गए थे. थोड़ी देर बाद उसने मुझे जोर से पकड़ लिया और अपने शरीर को ऐंठने लगी. मैं अब भी उसे फुल स्पीड में चोदे जा रहा था. ये मेरा पहला मौका था, तो मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था. मैं बस चुत को रगड़ने का सुख ले रहा था.
तभी मेरे लंड को चुत में बहुत गरम लगने लगा. मैं रुका नहीं बस उसे चोदता रहा.
कुछ देर बाद वो बोली- मैं झड़ गई हूँ, जरा रुक जाओ.
मैंने उसकी चुत से लंड निकाल लिया और उससे कहा- अभी मुझे और करना है.
वो मुस्कुरा दी और कुतिया बन गई. मैं समझ गया और उसे कुत्ते के जैसे चोदने लगा.
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मोटी आंटी कुछ देर बाद फिर से झड़ गई. अब मेरा भी निकलने वाला था. मैंने उससे पूछा, तो वो बोली- अन्दर ही छोड दो … मुझे कुछ नहीं होगा.
मैं उसकी चुत में ही झड़ गया और उसके ऊपर लेटा रहा. मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में ही था. फिर मैंने लंड को बाहर निकाला. लंड निकालते हुए मैंने उसकी चुत देखी, तो उसमें से खून आ रहा था.
उसने बताया कि बीस साल बाद चुदने से ऐसा हुआ है.
वो मेरे चुदाई से काफी थक चुकी थी और संतुष्ट भी थी.
वो बोली- तुमने 20 साल बाद मुझे वो सुख दिया है, जो मैं न जाने कब से खोज रही थी.
मैंने कहा- मुझे भी तुमको चोदने में मजा आया.
संगीता बोली- जब तुम चाहो, तब मुझे चोद सकते हो … मुझे अब काम के पैसे भी मत देना बस अपने प्यार से मुझे सुख देते रहना.
मैंने उस रात उसे दो बार और चोदा और 3 बजे हम दोनों सो गए.
वो सुबह उठकर मेरा लंड चूसने लगी और मुझे उठा कर काम करने चली गई. मैं भी उठ कर नित्यक्रिया से फारिग हुआ.
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तभी ऑफिस से मेरे दोस्त का फोन आया. उससे मैंने कहा- मेरी तबियत ठीक नहीं है … आज मैं नहीं आउंगा.
फिर मैं नंगा हुआ और संगीता को देखने किचन में चला गया. मैंने उसे पकड़ा और किचन में पीछे से ही चोदने लगा.
वो भी मुझे मजा देने लगी. मैं उसे हॉल में आ गया.
संगीता मेरे चाय लेकर आ गई. मैंने देखा कि उससे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था.
वो मेरे करीब आई, तो मैंने उससे कहा- आज मुझे गांड मारनी है.
वो हंस कर बोली- बाद में कर लेना.
मैंने उसे खींचा और वहीं रखी नारियल के तेल की शीशी ले कर अपने लंड पर तेल लगाया और उसकी गांड पर भी लगा दिया. वो गांड मराने के पोज में आ गई. मैंने लंड सैट करके धक्का लगा दिया और चिकनाई के कारण मेरा आधा लंड उसकी गांड में घुसता चला गया.
वो चिल्ला पड़ी और मुझे छूटने की कोशिश करने लगी. वो मुझसे छूटकर भाग कर कोने में जाकर अपनी गांड दबाने लगी.
मैं समझ गया. ये उसका गांड मराने का पहला मौका था. मैं पीछे जाकर उसे कोने से लगा दिया. वो ना ना कहती रही कि आगे चुत में डाल लो … मेरी गांड बहुत दुख रही है.
मैंने उससे झूठ बोल कर उसे झुकाया और पहले लंड चुत में डाल दिया. वो बेफिक्र हो कर मजा लेने लगी. तभी मैंने एकदम से लंड निकाल कर गांड में पेल दिया. एक ही झटके में पूरा 7 इंच का लंड संगीता के गांड में समा गया. वो दर्द से बेहद तड़प रही थी … मगर कुछ नहीं बोली.
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फिर धीरे से बोली- तू बहुत चालू है साले … मेरी गांड फाड़ दी … अब चोद न.
मैं जोर जोर से मोटी आंटी की गांड चोदने लगा. दस मिनट बाद मैं उसकी गांड में ही झड़ गया.
अब तो रोज ही वो मेरे लंड से खेलने लगी.
ऐसे ही छह महीने बीत गए. हम रोज चुदाई करते थे. अब संगीता तो मानो जवान हो गयी थी.
जब मेरा घर वापस जाने का समय हो गया तो उस दिन वो शाम तक मेरे लंड को खड़ा रखे रही. उसने सारा दिन मेरे लंड को अपनी चुत में लिए रखा.
वो मुझे छोड़ने स्टेशन तक आई और बाय बोलकर चली गई.
मैंने उसे दस हजार रुपए दिए और उससे कहा- मैं फिर आऊंगा. तुम उसी फ्लैट में रहना, मैं उसका भाड़ा देकर आया हूँ.
फिर 18 दिन बाद मैं वहीं वापस आ गया. अब हम दोनों रोज चुदाई करते हैं.
आपको मोटी आंटी की चुदाई की कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे मेल करके जरूर बताएं.
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आपको मेरी यह सच्ची सेक्स घटना कैसी लगी मुझे Telegram पर ज़रूर बताये में आपके comment और message का इंतज़ार करूगा. इसके अलावा आप कहानी पर नीचे कमेंट करके भी अपनी राय दे सकते हैं.
Read in English
Aunty ki gaand ki chudai | Aunty ki chudai
Aunty ki chudai: I was staying in a rental room in connection with work. So I kept a thick aunt for work. What did I do if his thick tits encouraged me to fuck a thick aunt?
Hello friends, my name is Vicky, I am 24 years old, I am handsome in appearance. I am from maharashtra
This is my first sex story when I fuck a fat aunt. If I make a mistake in writing this, please ignore it.
This sex story is from 6 months ago… when I had to go to Nagpur in connection with my work. I had to stay there for 6 months. I went to Nagpur and stayed in the company room for a few days there. But I could not feel there, so I inquired there. So a worker there gave me a rented flat in a nearby building. The next day I shifted and started living there, aunty ki chudai.
I asked the watchman there – I want work… tell me if there is any.
He said- Yes, Saab… I will send a workmate to you tomorrow.
When I came back from my work on the flat the other day and was still sitting inside, that was when the door was knocked and aunty ki chudai.
When I opened the door, a 45-50 year old woman was standing in front of me. Aunt was wearing a green sari. But despite the age of aunt, his figure was very full. Thick aunts were playing a very important role in making their fingers full on the chest.
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She was a caregiver who was probably sent by the same watchman.
I asked him – who are you… what is your job?
He told- Saab, you wanted work. Watchman told me.
I said yes. … Come in.
I called him inside and seated him. Talked to him about work, explained all his work to him, aunty ki chudai.
He agreed to work, so I personally gave him 500 rupees in advance.
When I asked her name, she told her name Sangeeta.
I told him – okay aunty, you cook now.
She agreed and went to the kitchen. On the other hand, I told him about all the stuff etc. and came out. She started working Then she left after two hours, aunty ki chudai.
I picked up the bottle of whiskey as soon as he went away and after making a peg, started sipping and remembering the fat aunt’s body. His raised milk was agitating me a lot. Now I wanted to fuck a fat aunt.
Then I fell asleep after eating food etc and aunty ki chudai.
On the second day, thick aunt Sangeeta came from morning. It was Sunday that day, so I was at home and sitting in my room.
She came to the flat and started working. I went to take a bath After taking a bath, I sat watching TV and aunty ki chudai.
On the other hand, the aunt made the food and came to me and said – eat the food.
I went to the dining table and said to him – eat you too… I will not be able to eat that much alone.
She started refusing
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But I force her a lot, then she agreed and sat down to eat food with me. I talked to him while eating food. With this, she ended up hesitating a little on my behalf and started talking freely, aunty ki chudai.
I asked him – who lives in your house.
She said – no one… I just live alone. My husband passed away 14 years ago.
I grieved and asked him about his children etc. He told the children that he had no children.
Similar things happened to him for a while. Then I finished eating and sat in the hall. Now she started to dress. Just like that, my attention went to him, then the thick mummy filled mamma started tempting me. As soon as I got a glimpse of her mother, my 7 inch cock was erect and aunty ki chudai.
Seeing him like this, I wanted to hold it and give it to Chod… but I controlled myself and went to the bathroom in front of him and hit him.
5-6 days passed like this. One day I asked him that you stay with me… I live alone. You waste your income unnecessarily and pay the rent of that house, while you live alone at home and aunty ki chudai.
He did not say first on this, but later on my insistence, he said yes.
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On hearing her yes, I felt as if my lottery had started. My dream of fucking him was going to be fulfilled.
The aunt came to my flat the next day with an ark and aunty ki chudai.
I gave him an empty room. Now she started living in my flat. Clean cleaning of the entire house and food etc. started from the morning with great efficiency.
When she worked, I would look at her mummies, watch her slapping ass. He too had noticed all this… but he never told me anything about this matter, aunty ki chudai.
She was from a good home. Now I started touching him. Had started joking with him too. In this way, our closeness was increasing. Fat aunt was getting easier for me.
I had 15 days now while living with him. Meanwhile, she also became aware of my habit of taking her peg, which she did not oppose, but she used to prepare salty or salad in tasting for herself, aunty ki chudai.
Now the 16th day was very special for me. While returning from work, I bought a sari for her and also bought a nice ladies perfume. It was his birthday that day. I took a cake of Rs 250 by the way and came home. When I went inside the house, the aunt went out somewhere, aunty ki chudai.
Till I set everything. By then she came home. She was very happy to see all this and said – why did all this?
I gave her a sari and said – here you are… today is your birthday gift. Wear it
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She wore that sari after being happy. She looked only 35 years old in a red saree. Along with the sari, I also brought a matching T-shirt hosiery dress blouse… which is free size. The throat of this blouse was very much open, out of which half of her milk balls were turning.
He showed his happiness in front of me by getting ready. I asked him to cut the cake, so he cut the cake with great blushing. I picked a piece of cake and fed it and congratulated him on his birthday. He also fed me cake and aunty ki chudai.
Then we both ate cake together. She expressed happiness with her moist eyes, so I spread my arms towards her to understand her happiness. Although I thought that maybe she would be embarrassed by coming into my arms, but she very happily hugged me and thanked me. As soon as my throat got up, my cock got burnt, his big mums had given a strange pleasure to my chest. He too had a feeling of my erect cocks and aunty ki chudai.
Now the thick aunt smilingly said – Now say what you want from me… which you have given me such a good gift.
I said looking at her thick tits, I said I do not want anything and aunty ki chudai.
She was following my eyes. He slowly tilted his area, which made me look at his charming cunts.
He said – will not put peg today?
I looked at his eyes turning red with lust and said – today you will also support me?
She did not say anything, just started to take a bottle of wine and a glass. He had picked up two glasses today.
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I told him – I make a peg, you bring a cigarette box from the room and taste it.
She went to do my work, dancing her eyes and gobbling ass, aunty ki chudai.
I made two large pegs and asked him to lift the glass as soon as he arrived.
He raised the glass, so I said cheers while lifting the glass towards him. He too looked smiling towards me and took the glass with his lips and aunty ki chudai.
As soon as the first sip was filled, she started making her mouth.
I laughed and asked – what happened?
She is very bitter.
I said – drink it completely with your eyes closed at once, aunty ki chudai.
He obeyed me and closed his eyes and hit the glass. When Daru came down from her neck, she stole the vomit.
But I increased a piece of tomato on its side. He opened his mouth instead of taking it with his hand. I put a piece of tomato in his mouth and put his hand on his cheek. She trembled for a moment, but the next moment she smiled a thick aunt and aunty ki chudai.
I also finished the glass and lit a cigarette.
After drinking two or two pegs, there was a glimpse of alcohol from his eyes.
She said – Now speak.
I said – first eat food, then I will speak.
We both had food. After eating, she got up from the staggering steps and went to the kitchen. As soon as he left, I also went to the kitchen and aunty ki chudai.
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She was washing dishes I put her in my arms from behind that thick aunt and said in her ear – My darling, will you have sex with me?
I was also slowly suppressing her mother. At this time, my erect cocks were rubbing into her ass. She did not say anything. So now I started pressing her moms hard, aunty ki chudai.
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She started taking hot whispers while chanting ‘Ahhhh ..’. After a minute she bent and fell into my arms. I started kissing him, aunty ki chudai.
Now I put my hand in his petticoat and started touching his pussy. As soon as my hand was in his pussy, he felt like a current and he started kissing me uncontrollably. I was surprised to see his rapture. My cock was also excited and aunty ki chudai.
I wanted to lift her in my lap but I could not lift the thick aunt, then grabbed my hand and lied her on the bed of my room. I removed her sari as soon as she fell, aunty ki chudai.
She was looking with lust in my eyes and was supporting me. I removed all his clothes and stripped him naked.
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For the first time in my life, I was seeing a woman naked. I pounced on him the next moment. Now I was sucking one of his milk and pressing the other and aunty ki chudai.
She was just speaking loudly – aaaaaah… uuuuuu… umm… aaaaah… and press… I feel good.
After listening to this, I started to rub him even more. Then I came to her pussy and started feeling the hotness of her pussy. His pussy was getting wet by now.
Sangeeta aunt was not young, but became young today. I opened his legs and started licking his pussy. It was as if she got very mad and started raging loudly – Ahhhhhhhhhhhhh ohhhh. Lick harder
I put my fingers in his pussy and started licking. After some time she started pressing my head in her pussy and immediately her pussy left water. I licked the water of her pussy. There was really very salty water and aunty ki chudai.
Now she took off my clothes. Sangeeta took my cock in her hand and said – for this I have been thirsty for so many years, for me this is a best birthday gift.
After saying this she started sucking my cock.
I was as if in heaven, aunty ki chudai.
Fat aunt was sucking my cock very loudly. After licking some cocks for 5 minutes, I fell in his mouth.
She also drank all my water, aunty ki chudai.
Now we both started kissing.
After some time, she started kissing my cock again. As soon as my cock stood up, I pushed her and spread her two legs and came in between her. I put a pillow under her ass and started rubbing my cock on top of her bloated pussy.
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She became red with lust. She started saying – I have been thirsty for fifteen years… Do not torture me anymore… Please hurry in.
When I hit one, the top of my cock penetrated inside, aunty ki chudai.
She screamed a little ‘Ah she died… Vicky relaxed.’
I hit one more thrust.
My 7 inch long and 3 inch thick cock penetrated the Sangeeta aunty’s pussy. She screamed loudly and started crying. Seeing his yearning, I stopped and aunty ki chudai.
After a few moments I slowly started moving. Now Sangeeta was also enjoying the licks and her voice started to get intoxicating voices ‘Ahhhh ahhh… aaa… oooo.’
Our chudai had been 15 minutes till now. After a while he caught me very hard and started squeezing his body. I was still going to fuck her in full speed. This was my first time, so I could not understand anything. I was just enjoying the rubbing of the pussy and aunty ki chudai.
Then my cock started feeling very hot in the pussy. I did not stop just fucking him.
After some time she said – I have fallen, just stop.
I took the cocks out of her pussy and told her – I have to do more now, aunty ki chudai.
She smiled and became a bitch. I understood and started fucking him like a dog.
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The fat aunt collapsed again after some time. Now I was also going to leave. If I asked her, she said – leave it inside… I will do nothing.
I fell in his pussy and lay on him. My cock was still in her pussy. Then I pulled the cocks out. Taking out the cocks, I saw her pussy, then there was blood coming out of it, aunty ki chudai.
He told that it has happened after twenty years.
She was very tired and satisfied with my fuck.
She said – you have given me happiness after 20 years, which I have been searching for since long.
I said- I also enjoyed fucking you, aunty ki chudai.
Sangeeta said- When you want, then you can fuck me… Do not give me even work money, just keep giving me happiness with your love.
I slept with her twice more that night and at 3 am we both slept.
She woke up in the morning and started sucking my cock and went to work picking me up. I also got up and left with routine action.
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Then my friend got a call from the office. I told him – I am not feeling well… I will not come today.
Then I got naked and went to the kitchen to see Sangeeta. I caught him and started fucking in the kitchen.
She also started enjoying me. I come to her in the hall.
Sangeeta brought me tea. I saw that it was not going properly.
When she came close to me, I told her – today I have to ass.
She laughed and said – do it later.
I pulled it and kept the same coconut oil bottle and applied oil on my cock and also put it on her ass. She came in the form of ass killing. I set the cock and pushed it and due to the smoothness, half of my cock went into his ass.
She screamed and started trying to release me. She escaped from me and went to the corner and started pressing her ass.
I have understood. This was his first chance to kill his ass. I went back and attached it to the corner. She did not say that put it in the pussy… My ass is very sad.
I lied to him and bowed him first and put him in the cock. She started having fun without worrying. Then I immediately removed the cocks and threw them in the ass. In a single stroke, the entire 7-inch cock was inserted into Sangeeta’s ass. She was suffering with great pain… but did not say anything.
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Then softly bid – You are very active brother-in-law… Torn my ass… Now Chod.
I began to fuck ass of thick aunt very loudly. Ten minutes later, I fell into his ass.
Now everyday she started playing with my cock.
Six months passed like this. We used to fuck every day. Now Sangeeta was as if she was young.
When it was time to go back to my house, she kept my cock standing till evening that day. He kept my cock in his pussy all day.
She came to the station leaving me and went by speaking.
I gave him ten thousand rupees and told him – I will come again. You stay in the same flat, I have come to pay his fare.
Then after 18 days I came back there. Now we both do chudai everyday.
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