चाची की गांड और चूत मारी Hindisexstory
Hindisexstory: मेरे चाचा चाची हमारे साथ ही रहते हैं. चाची की जवानी पर मेरी नजर थी. एक दिन मुझे लगा कि चाची की चूत प्यासी है तो इस बात का फायदा मैंने कैसे उठाया?
MastHindiStory के पाठकों को मेरा नमस्कार। मेरा नाम करण राज है और मैं पश्चिम बंगाल का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 24 साल है. मैं 5 फीट 11 इंच का गबरू जवान हूं.
यह मेरी पहली कहानी है. कहानी लिखने में यदि कोई गलती हो जाये तो माफ करियेगा। यह कहानी मेरे और मेरी चाची के बीच में हुई घटना के बारे में है.
मेरी चाची की उम्र 40 साल है. वो एक गदराये हुए शरीर की मालकिन है. उसका साइज 38-30-37 है. उनकी हाइट 5.2 फीट है. मेरे परिवार, में मेरी माँ, पिता, चाचा, चाची, भाई (कज़न) और दादा भी हैं. हमारी ज्वाइंट फैमिली है और परिवार में काफी मेलजोल है.
शुरू से ही परिवार का एक साथ रहने में यकीन था इसलिए मैं अपनी चाची के काफी करीब था. उनके और मेरे बीच में एक प्यार भरा संबंध शुरू से ही था. आज से लगभग 4 साल पहले मेरे चाचा का ऑपरेशन हुआ था.
ऑपरेशन के बाद से उनकी कमर में काफी तकलीफ रहने लगी थी. मैं पिछले कई सालों से घर से बाहर रहता था. पिछले पांच महीने से ही घर पर रह रहा था.
जब मैं घर आया तो मुझे पता चला कि मेरी चाची का चक्कर मेरे कज़न भाई के ट्यूशन मास्टर के साथ चल रहा था. पहले मुझे भी इस बात का अन्देशा नहीं था. घर आने के बाद में ही मुझे इस बात के बारे में पता चला.
अब मेरा कज़न भाई कॉलेज में पढ़ने लगा था और वो भी बाहर ही रहता था. जब से मुझे इस बात के बारे में पता चला था कि चाची का चक्कर मेरे कज़न भाई के टीचर के साथ था, तब से ही मेरी नजर चाची के बदन को घूरने लगी थी.
इससे पहले भी मैं चाची के बदन को छू दिया करता था मगर उस वक्त वह सब मज़ाक में होता था. चाची भी कभी मेरी हरकतों को गंभीरता से नहीं लेती थी. मगर अब मैं जवान हो गया था.
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एक दिन चाची खिड़की के पास खड़ी होकर प्रेस कर रही थी. चाची की गांड को देख कर मेरे मन में कुछ हलचल सी होने लगी थी. मैंने मज़ाक करने के बहाने चाची को पीछे से जाकर दबोच लिया.
मेरा लंड चाची की गांड पर जा लगा. लंड में हलचल सी हुई.
चाची ने मुझे हटाने की कोशिश नहीं की. फिर कुछ पल तक उसकी गांड पर लंड को लगाये रखने के बाद खुद मैंने ही उनको छोड़ दिया.
इस घटना के बाद से चाची का व्यवहार कुछ बदल गया था. वो पहले की तरह मेरी हरकतों को मजाक में नहीं ले रही थी. शायद उनका मन भी कर रहा था कि कोई उसकी चूत को पेल दे.
अब मेरा मन भी करने लगा था कि मैं चाची की चूत की प्यास का फायदा उठाऊं. मेरी चाची बहुत टंच माल थी. उसकी गांड ऐसी थी कि किसी का भी लंड उसमें जाने के लिए मचल जाये.
एक दिन की बात है कि मेरे चाचा नये घर के निर्माण के सिलसिले में काम से बाहर चले गये. मेरे पिताजी और दादा जी व्यापार चलाते थे. वो दोनों भी सुबह ही निकल गये. मेरी मां दो दिन पहले मेरे ननिहाल में चली गयी थी.
उस दिन घर पर मैं और चाची ही थे. वो अपने किसी काम में लगी हुई थी. मैंने सोचा कि मौका अच्छा है. इसलिए फायदा उठाया जाये.
मैं चाची के पास चला गया. मैंने कहा- चाची, क्या कर रही हो?
वो बोली- खाना बनाने की तैयारी कर रही हूं. बता क्या बात है?
मैं बोला- कुछ खास नहीं, बस ऐसे ही मेरे मन में कुछ दुविधा सी चल रही थी.
वो उत्सुकतावश बोली- हां बता, क्या बात है. कुछ कहना चाहते हो क्या?
मैंने कहा- कहना नहीं पूछना चाह रहा हूं.
चाची बोली- हां पूछो.
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मैंने कहा- चाची, जब से मैं घर पर आया हूं तब से मैं देख रहा हूं कि आप कुछ उदास सी रहती हो.
वो बोली- ऐसे क्यों लगा तुझे।
मैंने कहा- कुछ नहीं, बस ऐसे ही मेरा मन कह रहा है कि आप अंदर से खुश नहीं हो.
वो बोली- नहीं, ऐसी तो कोई बात नहीं है.
मैं बोला- नहीं चाची, इसके पहले तो आप काफी खुश रहती थीं. मेरे साथ हंसी मजाक करती थी. मगर अब आप कुछ छिपा रही हो.
वो बोली- नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है. मैं तो कुछ नहीं छिपा रही.
पहले तो चाची मना करती रही लेकिन मैं चाची के पीछे ही पड़ा रहा. मेरे जोर देने पर चाची ने अपने मन की बात बता दी. वो कहने लगी- जब से तेरे चाचा का ऑपरेशन हुआ है तब से मुझे वो पहले वाली खुशी नहीं मिल पाती है.
मैंने कहा- क्या बात है, खुल कर कहिेये. आप मुझे अपना दोस्त समझ कर साफ-साफ बता सकती हो.
वो बोली- तेरे चाचा की कमर में दर्द रहता है और वो मुझे बिस्तर में खुश नहीं रख पाते हैं.
मैंने तुरंत पूछ लिया- तो क्या सौरभ (मेरे कज़न) के टीचर वाली बात सच है?
चाची ने हैरानी से मेरी तरफ देखा. जैसे उनको भरे बाज़ार में नंगी कर दिया गया हो.
इससे पहले कि मैं कुछ और कहता, वो सुबकने लगी और बोली- तो फिर और क्या करती मैं? एक औरत को मर्द से हर तरह का सुख चाहिए होता है. खुशी की तलाश में जहां मुझे खुशी मिलती दिखी मैंने ढूंढने की कोशिश की.
“तूने किसके मुंह से क्या सुना है, इसके बारे में तो मुझे पता नहीं लेकिन जो तू सोच रहा है वैसा कुछ नहीं हो पाया मेरे और सौरभ के टीचर के बीच में.”
मैंने पूछा- आप सच कह रही हो?
वो बोली- हां, सौगंध लेकर कहती हूं कि मैंने कोशिश जरूर की थी लेकिन बात नहीं बन पायी.
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मैं भी चाची की बात को समझ रहा था. चार साल तक बिना सेक्स संतुष्टि के जीवन गुजारना काफी मुश्किल रहा होगा उनके लिए.
मैंने उनके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- आप गलत न समझें. लेकिन मैं आपके मन की बात को समझता हूं.
चाची ने मेरी तरफ उम्मीद की नजर से देखा.
फिर वो बोली- अब मुझे खाना बनाने दे.
फिर मैंने भी उनको ज्यादा परेशान नहीं किया.
मगर चाची के लिए मेरे मन में सहानुभूति के साथ साथ सेक्स के भाव भी पैदा हो चुके थे. मैं उनकी चूत को चोद कर उनको सुख देने का मन बना चुका था.
कुछ देर के बाद चाची खाना बनाने के बाद अपने कमरे में चली गयी. मैंने खाना खाया और मैं भी चाची वाले कमरे में चला गया. वो अपने बेड पर लेटी हुई थी.
मैंने कहा- सो गयी क्या चाची?
वो उठकर बैठते हुए बोली- नहीं तो, कुछ काम था क्या?
मैंने कहा- नहीं, मैं तो बस ऐसे ही आपसे बात करने के लिए आ गया था. अभी भी उदास हो क्या?
वो बोली- इस उदासी का कोई इलाज नहीं है.
मैंने कहा- अगर आप चाहो तो मैं आपकी मदद कर सकता हूं.
चाची ने मेरी तरफ देखा और मेरी नज़र चाची के कुर्ते में दबे हुए मम्मों पर जाकर टिक गयी. उनको पता लग गया था कि मेरा लंड अब किसी छेद के लिए तड़प रहा है.
वो बोली- अगर किसी को पता लग गया तो?
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इतना सुनते ही मैंने उठकर उनके रूम का दरवाजा बंद कर दिया और उसे अंदर से लॉक कर दिया. जब तक मैं चाची के बेड के पास दोबारा चल कर आया मेरे लंड में तनाव आना शुरू हो चुका था.
मैंने उनके पास आकर कहा- अब किसी को पता नहीं लगेगा.
मैं बेड के पास ही खड़ा था कि चाची ने मेरे लंड पर हाथ रख दिया.
अब तो किसी औपचारिकता की आवश्यकता ही नहीं रह गयी थी. मैंने चाची के हाथ पर अपना हाथ रखते हुए अपने लंड पर दबा दिया.
चाची मेरे लंड को पकड़ कर पैंट के ऊपर से ही सहलाने लगी. वो मेरे लंड को हाथ में लेकर जैसे उसका साइज़ नापने की कोशिश कर रही थी. मेरा लंड टाइट हो गया था.
चाची बोली- तू तो सच में मर्द बन गया है रे!
मैंने कहा- नीचे वाले को भी मर्दानगी साबित करने का मौका दो न चाची!
वो बोली- तो फिर नीचे क्यों खड़ा है!
इतना सुनना था कि मैं उछल कर बेड पर चढ़ गया.
मैंने चाची को अपनी बांहों में भर कर उनके होंठों को चूसना शुरू कर दिया. चाची भी मेरे होंठों को बेतहाशा चूमने लगी. दोनों एक दूसरे के मुंह से लार को खींचने लगे.
अपने हाथ से मैं चाची की कमर को सहला रहा था. फिर मैंने उनके कमीज के ऊपर से ही उनकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया. चाची ने मेरे लंड पर हाथ रख दिया. वो मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ने की कोशिश करते हुए उसको सहलाने लगी. मेरा लंड पूरा फटने को हो गया. मैंने जोर से चाची की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया.
अब मैंने चाची की कमीज को निकलवा दिया. उन्होंने नीचे से सफेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी. उनकी चूचियों बहुत मोटी और बड़ी-बड़ी थीं. मैंने चाची की चूचियों को ब्रा के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया.
चाची ने मेरी हाफ पैंट की चेन खोल दी और उसमें अपने हाथ को अंदर डाल लिया. वो मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को दबाने लगी. मेरा लंड बार-बार उछल कर तड़पने लगा था.
अब मैं घुटनों के बल खड़ा हो गया. पीछे झांकते हुए चाची की पीठ के पीछे से ब्रा के हुक खोलने लगा. मेरा लंड चाची के मुंह पर टकरा रहा था. वो मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को चूमने का प्रयास कर रही थी.
मैंने जल्दी से चाची की ब्रा को खोल कर उनकी मोटी-मोटी चूचियों को नंगी कर दिया. उनकी चूचियों का रंग बिल्कुल गोरा था. उनके बीच में बड़े बड़े मोटे निप्पल थे. मैंने तुरंत अपनी चाची की एक चूची को मुंह में ले लिया.
उनकी चूची पर मुंह लगा कर मैं चाची का स्तनपान करने लगा. मेरे मुंह में चाची का निप्पल था जिसको चूसते हुए मुझे काफी आनंद आ रहा था और मेरे अंदर वासना की अग्नि भड़कती जा रही थी.
अब मैंने चाची की दूसरी चूची को अपने हाथ से दबाना शुरू कर दिया. एक चूची को पीते हुए मैं दूसरी चूची को जोर से दबा रहा था. दोनों ही चूचियों का दूध निकालने की कोशिश करते हुए मैं चाची के बूब्स को मसलने लगा.
चाची के मुंह से आवाजें आनी शुरू हो गयी थीं. उम्म्ह… अहह… हय… याह… स्सस … ईह्ह … य्या … ह … करण … अम्म … आह्हह … मेरे लाल, तू तो सच में मर्द हो गया है. जोर से पी ले मेरे दूधों को आह्ह.
ऐसा कहते हुए चाची मेरे सिर के बालों को सहलाने लगी. वो मेरे सिर को अपनी चूचियों में दबाने की कोशिश कर रही थी.
कुछ देर तक मैं चाची की चूचियों को पीता रहा. उसके बाद मैंने चाची की सलवार को निकलवा दिया. उन्होंने नीचे से महरून रंग की चड्डी पहनी हुई थी. मैंने तुरंत चाची की चड्डी को खींच दिया.
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उनकी चूत पर बड़े-बड़े बाल थे. मैंने चाची की चूत पर अपना मुंह लगा दिया. वो एकदम से सिहर उठी. मैंने उनकी चूत को सूंघा. उनकी चूत से मस्त सी खुशबू आ रही थी. मैंने उनकी चूत के बालों को हटा कर अंदर झांकने की कोशिश की.
चाची की चूत अंदर से लाल दिखाई दे रही थी. मैंने उनकी चूत की फांकों को दोनों तरफ फैलाते हुए अपनी जीभ निकाल कर उनकी चूत में डाल दी. चाची एकदम से मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगी.
मैं तेजी से चाची की चूत में जीभ को चलाने लगा. अब उनकी चूत से गीला पदार्थ निकलना शुरू हो गया था. उनकी चूत का के रस का स्वाद मुझे अपने मुंह में मिलना शुरू हो गया था. उनकी चूत का पानी काफी स्वादिष्ट लग रहा था.
पांच मिनट तक उनकी चूत को जीभ से चोदने के बाद चाची से बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने मुझे पीछे धकेल दिया. वो उठी और मेरी हाफ पैंट को खोलने लगी. चाची ने जल्दी से मेरी हाफ पैंट को खोल दिया.
पैंट को मेरी जांघों से खींचते हुए निकलवा दिया. अब मैं अंडरवियर में था. चाची ने मेरे अंडरवियर को भी खींच दिया और मेरा लंड फुंफकारता हुआ एकदम से बाहर आ गया.
इससे पहले कि मैं कुछ कहता या करता, चाची ने मेरे लंड को हाथ में पकड़ा और अपना मुंह खोल कर अपने होंठों में मेरे लंड को अंदर ले लिया. वो मेरे लंड को चूसने लगी. आनंद के मारे मैं तो जैसे हवा में उड़ने लगा.
वो जोर जोर से मेरे लंड पर मुंह चला रही थी. कभी मेरे लंड के सुपारे पर जीभ से चाट रही थी तो कभी पूरे लंड को मुंह में ले रही थी.
दो मिनट में मैं बेकाबू हो गया और मैंने चाची से सिसकारते हुए कहा- बस चाची… अब मुंह में ही निकल जायेगा.
उसने मेरे लंड को मुंह से बाहर निकाल दिया. चाची के मुंह की लार से मेरा लंड पूरा गीला हो गया था. उसके बाद चाची ने मेरी टीशर्ट को भी उतरवा दिया और मुझे पूरा नंगा कर दिया. अब हम दोनों के जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं था.
मैं चाची की चूत की तरफ बढ़ने ही वाला था कि चाची ने फिर से मेरे लंड को पकड़ कर चूसना शुरू कर दिया. चाची को लंड चूसने में कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था. मैं समझ सकता था कि कई सालों से चाची की प्यास बुझी नहीं थी.
वो तेजी से मेरे लंड को चूसती रही. मैंने उनको उनकी इच्छा पूरी करने से नहीं रोका. दो मिनट के बाद मैं चाची के मुंह में ही झड़ गया. मैंने सारा वीर्य चाची के मुंह में निकाल दिया जिसको वो पी गयी.
उसके बाद मैंने चाची को नीचे लिटा दिया. फिर मैंने चाची की चूत में जीभ चलानी शुरू कर दी. पांच मिनट तक उनकी चूत को चूसता रहा. फिर उनकी जांघों को चाटा. उनके पैरों को चाटते हुए नीचे तक आते हुए उनके तलुवे को भी चाटा.
जब मैं चाची के तलुवे चाट रहा था तो मैंने देखा कि चाची की चूचियां दो ऊंचे पहाड़ों की भांति एक घाटी सी बना रही थी. चूचियों के निप्पल उन पर दो नुकीली चोटियों के जैसे लग रहे थे. वो अपने निप्पलों को खुद ही अपने हाथों से मसल रही थी. इतनी देर में मेरे लंड में फिर से तनाव आना शुरू हो गया था.
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फिर वो बोली- बस कर करण, अब डाल दे, नहीं रुका जा रहा अब मुझसे.
मैंने चाची की टांगों को चौड़ी कर दिया और उनकी चूत में उंगली दे दी. उनकी चूत में उंगली घुसा कर देखी तो उनकी चूत पूरी गर्म और गीली हो चुकी थी.
उनकी टांगों को पकड़ कर मैंने उनकी चूत पर लंड को रख दिया और एक झटके में लंड को अंदर पेलने की कोशिश की. मगर लंड लम्बा और मोटा था इसलिए आधा ही जा सका.
मैंने दूसरा धक्का मारा तो चाची की चीख निकल गयी. लगभग पौना लंड उनकी चूत में घुस गया.
वो बोली- धीरे कर हरामी, तेरे चाचा का लौड़ा इतना मोटा नहीं है.
मैंने अब हल्के से दबाव बनाते हुए पूरा लंड चाची की चूत में उतार दिया.
अब उनकी चूत की चुदाई चालू हो गयी. उनकी टांगों को पकड़ कर मैं चाची की चूत में धक्के लगाने लगा. कुछ ही देर में चाची की चूत ने पानी छोड़ दिया.
फिर वो शांत सी हो गयी.
मगर मेरा लंड अभी भी पूरे जोश में था. मैंने उनको घोड़ी बनने के लिए कहा. उन्होंने अपनी गांड को मेरे सामने कर दिया और मैंने चाची की चूत में पीछे से लंड लगा दिया.
एक धक्का दिया तो गच्च से पूरा लंड अंदर चला गया. चिकनी चूत की चुदाई फिर से शुरू हो गयी. पंद्रह मिनट तक मैंने चाची की चूत को रगड़ा. इस दौरान चाची एक बार और झड़ गयी.
फिर मेरा ध्यान चाची की गांड के छेद की ओर गया.
मैंने पूछा- गांड भी चुदवाई है क्या चाची कभी आपने?
वो बोली- नहीं.
मैंने कहा- तो फिर तैयार हो जाओ.
वो बोली- ठीक है मगर ध्यान से. मैंने कभी गांड में लंड नहीं लिया है.
मैंने कहा- चिंता न करो चाची. आपकी गांड चोदने की फिराक में तो मैं पिछले चार साल से था. आज जाकर मौका मिला है. बहुत ही प्यार से चोदूंगा.
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मैंने चाची की गांड पर थूक दिया. अपने लंड पर थूक मला और उनके छेद पर लंड को टिका दिया. फिर मैंने हल्का सा धक्का लगाया तो चाची सिसक उठी. वो बोली- दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- बस एक बार होगा चाची. फिर ऐसा मजा आयेगा कि याद रखोगी.
अब मैं चाची की पीठ पर झुक गया. उनकी चूचियों को दबाने लगा और धीरे-धीरे लंड को गांड के छेद में घुसाने लगा. चाची कराहती रही लेकिन मैंने हौले-हौले करके अपना पूरा लंड चाची की गांड में उतार दिया. कुछ पल का विराम देकर चाची की गांड में लंड चलाना शुरू किया.
चाची की गांड सच में बहुत टाइट थी. लंड चाची की गांड की दीवारों से रगड़ खाता हुआ सरक रहा था.
मैंने उनकी गांड को चोदना शुरू किया तो दो मिनट के बाद चाची को थोड़ा सा मजा आने लगा और अब लंड पहले की अपेक्षा आसानी से अंदर बाहर होने लगा.
दो मिनट के बाद चाची खुद ही अपनी गांड को पीछे धकेलते हुए गांड चुदवाने का मजा लेने लगी. मैं भी मस्ती में चाची की गांड को चोद रहा था. मैंने सात-आठ मिनट तक चाची की गांड को चोदा और फिर उनकी गांड में ही वीर्य निकाल दिया.
उसके बाद हम दोनों थक कर लेट गये. चाची के चेहरे पर संतुष्टि के भाव अलग से दिखाई दे रहे थे. कुछ देर तक मैं और चाची नंगे ही पड़े रहे. फिर वो उठ गयी और अपने कपड़े पहन कर बाथरूम में चली गयी. मैंने भी अपने कपड़े पहन लिये.
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आधे घंटे के बाद पिताजी और दादा जी घर आ गये. चाची उस दिन काफी खुश थी.
उसके बाद जब भी हमें मौका मिलता हम लोग चुदाई का मजा लेने लगे.
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आपको मेरी यह सच्ची सेक्स घटना कैसी लगी मुझे Telegram पर ज़रूर बताये में आपके comment और message का इंतज़ार करूगा. इसके अलावा आप कहानी पर नीचे कमेंट करके भी अपनी राय दे सकते हैं.
Read in English
Chachi ki Gand aur chut maari Hindisexstory
Hindisexstory: My uncle aunt lives with us. My eyes were on the aunt’s youth. One day I thought that aunty’s pussy is thirsty, so how did I take advantage of this thing?
My greetings to the readers of MastHindiStory. My name is Karan Raj and I am from West Bengal. I am 24 years old I am a 5 feet 11 inch Gabru jawan Hindisexstory.
This is my first story. If there is any mistake in writing the story, then forgive. This story is about the incident between me and my aunt.
My aunt is 40 years old. She is the mistress of a dead body. Its size is 38-30-37. His height is 5.2 feet. My family also includes my mother, father, uncle, aunt, brother (cousin) and grandfather. We are a joint family and there is a lot of family bonding the Hindisexstory.
From the very beginning, the family believed in being together, so I was very close to my aunt. There was a loving relationship between him and me from the beginning. My uncle had an operation about 4 years ago and Hindisexstory.
After the operation, there was a lot of discomfort in his waist. I lived outside the house for many years. Been staying at home since last five months then Hindisexstory.
When I came home, I came to know that my aunt was having an affair with my cousin brother’s tuition master. I was not even aware of this before. I came to know about this thing only after coming home and Hindisexstory.
Now my cousin started studying in college and he too lived outside. Ever since I came to know about my aunt’s affair with my cousin’s teacher, my eyes had started staring at her aunt’s body but Hindisexstory.
Even before this, I used to touch aunt’s body, but at that time all that was in jest. Aunty also never took my antics seriously. But now I was young.
Hindisexstory
One day aunt was standing near the window and press. Seeing aunt’s ass, something started stirring in my mind. I caught the aunt going from behind on the pretext of joking.
My cock started going to aunt’s ass. There was a stir in the cocks.
Aunt did not try to remove me. Then after putting cocks on his ass for a few moments, I myself left him and Hindisexstory.
The aunt’s behavior had changed a bit since this incident. She was not taking my antics as fun as before. Perhaps he was also thinking that someone would give him pussy then Hindisexstory.
Now my mind also started thinking that I can take advantage of aunt’s pussy thirst. My aunt was very hot. His ass was such that the cock of anyone should go to the place to go in it.
It is a matter of a day that my uncle went out of work in connection with the construction of a new house. My father and grandfather ran a business. Both of them also left in the morning. My mother moved into my maternal grandmother two days ago and Hindisexstory.
I and my aunt were at home that day. She was engaged in some of her work. I thought the chance was good. Therefore, be taken advantage of.
I went to my aunt. I said – aunt, what are you doing?
She said – I am preparing to cook. What is the matter?
I said nothing special, just like this, there was some dilemma in my mind.
He curiously said – Yes, tell me what is the matter. Do you want to say something?
I said – I do not want to ask but Hindisexstory.
Aunt bid- Ask yes.
Hindisexstory
I said – aunt, ever since I came home, I see that you are a little sad.
She said – Why did you feel like this.
I said nothing, just like this my mind is saying that you are not happy inside.
She said- No, there is no such thing and Hindisexstory.
I said – no aunt, before that you were quite happy. I used to joke with laughter. But now you are hiding something.
She said – no, there is no such thing. I am not hiding anything.
At first Aunty kept refusing but I remained behind Aunty and enjoy Hindisexstory. On my insistence, aunt told her mind. She started saying – Ever since the operation of your uncle, I have not been able to get that earlier happiness.
I said – what is the matter, tell it openly. You can clearly tell me as your friend as Hindisexstory.
She said – Your uncle has a backache and he is not able to keep me happy in bed.
I immediately asked – So is it true that Saurabh (my cousin) teacher?
Aunt looked at me with surprise. As if they were drawn naked in a full market in Hindisexstory.
Before I could say anything else, she started to sob and said – then what else would I do? A woman needs all kinds of pleasure from a man. In search of happiness, where I found happiness, I tried to find it.
“I do not know what you have heard from whose mouth, but what you are thinking, nothing has happened between me and Saurabh’s teacher.”
I asked- are you telling the truth?
She said yes, I say with a pity that I had tried, but the matter could not be made the Hindisexstory.
Hindisexstory: My uncle aunt lives with us. My eyes were on the aunt’s youth. One day I thought that aunty’s pussy is thirsty, so how did I take advantage of this thing?
My greetings to the readers of MastHindiStory. My name is Karan Raj and I am from West Bengal. I am 24 years old I am a 5 feet 11 inch Gabru jawan but Hindisexstory.
This is my first story. If there is any mistake in writing the story, then forgive. This story is about the incident between me and my aunt like Hindisexstory.
My aunt is 40 years old. She is the mistress of a dead body. Its size is 38-30-37. His height is 5.2 feet. My family also includes my mother, father, uncle, aunt, brother (cousin) and grandfather. We are a joint family and there is a lot of family bonding the Hindisexstory.
From the very beginning, the family believed in being together, so I was very close to my aunt. There was a loving relationship between him and me from the beginning. My uncle had an operation about 4 years ago for Hindisexstory.
After the operation, there was a lot of discomfort in his waist. I lived outside the house for many years. Been staying at home since last five months and Hindisexstory.
When I came home, I came to know that my aunt was having an affair with my cousin brother’s tuition master. I was not even aware of this before. I came to know about this thing only after coming home.
Now my cousin started studying in college and he too lived outside. Ever since I came to know about my aunt’s affair with my cousin’s teacher, my eyes had started staring at her aunt’s body then Hindisexstory.
Even before this, I used to touch aunt’s body, but at that time all that was in jest. Aunty also never took my antics seriously. But now I was young.
Hindisexstory One day aunt was standing near the window and press. Seeing aunt’s ass, something started stirring in my mind. I caught the aunt going from behind on the pretext of joking.
My cock started going to aunt’s ass. There was a stir in the cocks.
Aunt did not try to remove me. Then after putting cocks on his ass for a few moments, I myself left him like Hindisexstory.
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I and my aunt were at home that day. She was engaged in some of her work. I thought the chance was good. Therefore, be taken advantage of Hindisexstory.
I went to my aunt. I said – aunt, what are you doing?
She said – I am preparing to cook. What is the matter?
I said nothing special, just like this, there was some dilemma in my mind.
He curiously said – Yes, tell me what is the matter. Do you want to say something?
I said – I do not want to ask then Hindisexstory.
Aunt bid- Ask yes.
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I said – aunt, ever since I came home, I see that you are a little sad.
She said – Why did you feel like this.
I said nothing, just like this my mind is saying that you are not happy inside.
She said- No, there is no such thing like Hindisexstory.
I said – no aunt, before that you were quite happy. I used to joke with laughter. But now you are hiding something.
She said – no, there is no such thing. I am not hiding anything.
At first Aunty kept refusing but I remained behind Aunty. On my insistence, aunt told her mind. She started saying – Ever since the operation of your uncle, I have not been able to get that earlier happiness and Hindisexstory.
I said – what is the matter, tell it openly. You can clearly tell me as your friend.
She said – Your uncle has a backache and he is not able to keep me happy in bed.
I immediately asked – So is it true that Saurabh (my cousin) teacher?
Aunt looked at me with surprise. As if they were drawn naked in a full market then Hindisexstory.
Before I could say anything else, she started to sob and said – then what else would I do? A woman needs all kinds of pleasure from a man. In search of happiness, where I found happiness, I tried to find it.
“I do not know what you have heard from whose mouth, but what you are thinking, nothing has happened between me and Saurabh’s teacher.”
I asked- are you telling the truth?
She said yes, I say with a pity that I had tried, but the matter could not be made….
For some time I continued to drink aunty’s Tits. After that, I removed my aunt’s salwar. He was wearing Mahroon tights from below. I immediately pulled my aunt’s tights for Hindisexstory.
He had big hair on his pussy. I put my mouth on my aunt’s pussy. She shivered right away. I smelled her pussy. His pussy was smelling cool. I tried to look inside by removing her pussy hair.
Aunt’s pussy was looking red from inside. I spread the slices of her pussy on both sides, took out my tongue and put them in her pussy. Aunty immediately grabbed my head and started pressing in her pussy in Hindisexstory.
I started to run my tongue in my aunt’s pussy. Now wet material started coming out of their pussy. I started getting the taste of her pussy juice in my mouth. His pussy water looked delicious.
Hindisexstory After fucking her pussy with her tongue for five minutes, she was not tolerated by her aunt and she pushed me back. She got up and started to unbutton my half pants. Aunt quickly unbuttoned my half pants.
Pulling the pants out of my thighs, got them removed. Now I was in underwear. Aunty also pulled off my underwear and my cock came out of it with a whimper the Hindisexstory.
Before I could say or do anything, Aunty held my cock in my hand and opened my mouth and took my cock inside my lips. She started sucking my cock. I started flying in the air due to pleasure in Hindisexstory.
She was loudly running on my cock. Sometimes I was licking the tongue of my cocks, sometimes I was taking whole cocks in my mouth.
Hindisexstory In two minutes, I became uncontrollable and I cried out to my aunt – just aunty… now it will come out in the mouth.
He kicked my cock out of my mouth. My cock was completely wet with the saliva of aunt’s mouth. After that aunt also took off my T-shirt and made me completely naked. Now there was not a single cloth on the body of both of us.
I was about to move towards aunty’s pussy that aunty started sucking and holding my cock again. Aunty was enjoying very much in sucking cocks. I could understand that aunt’s thirst had not quenched for many years for Hindisexstory.
She kept sucking my cock fast. I did not stop him from fulfilling his wish. After two minutes, I lost my aunt’s mouth. I removed all the semen in the aunt’s mouth, which she drank then Hindisexstory.
After that I put my aunt down. Then I started moving my aunt’s tongue. He kept sucking her pussy for five minutes. Then licked their thighs. Licking their feet while coming to the bottom, also licked their soles the Hindisexstory.
While I was licking the aunt’s soles, I saw that aunt’s pussy was making a valley like two high mountains. Nipple nipples looked like two sharp peaks on them. She was rubbing her nipples with her own hands. In such a time, my cocks started getting tense again.
Hindisexstory Then she said – just do it, now put it, I am not being stopped now.
I widened my aunt’s legs and gave her finger in her pussy. When I saw her finger penetrated her pussy, her pussy was completely hot and wet.
Holding his legs, I put the cocks on his pussy and tried to lick the cocks in one stroke. But the cock was long and thick, so only half could go but Hindisexstory.
When I hit the second push, my aunt screamed. Almost a quarter of the cock entered his pussy.
He said – Slowly, your uncle’s Alida is not so thick in Hindisexstory.
Now I put the whole cocks in aunty’s pussy while applying pressure lightly.
Now her pussy fucking started. Holding his legs, I started to bang my aunt’s pussy. In no time, aunt’s pussy left the water.
Then she became quiet.
But my cock was still full of passion. I asked him to become a mare. They put their ass in front of me and I put cocks in aunty’s pussy from behind.
Hindisexstory When one pushed, the whole cocks went inside from Gucha. Smooth pussy fucking started again. For fifteen minutes I rubbed my aunt’s pussy. During this, aunt fell once more the Hindisexstory.
Then my attention went towards the aunt’s ass hole.
I asked- Have you ever had an aunt?
She said no.
I said – Then get ready.
She said – well but carefully. I have never taken cocks in the ass.
I said don’t worry aunt. For the last four years, I was in the grip of your ass fucking. Got a chance by going today. I will fuck you very lovingly.
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I spit on aunt’s ass. Rubbed spit on their cocks and put cocks on their holes. Then I pushed a little, then Aunt Sisk got up. She said- It is hurting.
I said – just once aunt. Then it will be fun that you will remember it.
Now I leaned on my aunt’s back. He started pressing his Acwati and slowly began to insert cocks into the ass hole. Aunt groaned, but I cautiously put all my cocks in my aunt’s ass. After pausing for a few moments, he started licking in the aunt’s ass.
Aunt’s ass was really very tight. Lund was stirring by rubbing the aunt’s ass walls.
When I started fucking her ass, after two minutes, my aunt started enjoying a bit and now the cocks started coming out easily than before.
After two minutes, the aunt herself started enjoying her ass while pushing her ass back. I was also fucking aunty’s ass in fun. I fuck my aunt’s ass for seven-eight minutes and then remove the semen in her ass itself.
After that we both got tired and lay down. Expressions of satisfaction were visible on the aunt’s face. My aunt and I lay bare for a while. Then she got up and put on her clothes and went to the bathroom. I also put on my clothes.
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After half an hour, father and grandfather came home. Aunt was quite happy that day.
After that whenever we got a chance, we started enjoying sex.
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