चुदाई कर कस्टमर को गर्भवती किया Antarvasna mastram
Antarvasna mastram: मैं एक कम्पनी में मैनेजर था. एक दिन मेरे पास एक लेडी कस्टमर का सर्विस कॉल आया. मैंने उसकी समस्या को अपनेपन से सुलझाया तो उससे दोस्ती हो गयी और उसके बाद …
दोस्तो, कैसे हैं आप सब? मेरा नाम रिची है और यह मेरी पहली और सच्ची सेक्सी कहानी है. यह कहानी पूरी तरह से हकीकत में हुई घटना है जिसमें मैंने अपनी वर्जिनिटी खोयी थी और अपने से 10 साल बड़ी औरत को चोद कर गर्भवती किया।
बात दो साल पहले की हुई घटना की है. तब मैं एक कम्पनी में मैनेजर की पोस्ट पर काम करता था. मैं कस्टमर को सर्विस सुलभ करवाता था. उन्हीं दिनों एक औरत का ट्रांसफर उसके शहर से मेरे शहर में हुआ था. उसने वहां पर एक मशीन खरीदी जो खराब निकली लेकिन अन्जान शहर में उसकी मदद करने वाला कोई नहीं था।
उसकी मशीन खराब हुई तो उसने सर्विस के लिए मेरे पास कॉल किया. यहां पर आप ये न समझें कि उसने मेरे पर्सनल नम्बर पर फोन किया था. उसने कस्टमर हेल्प लाइन वाले नम्बर पर ही फोन किया था।
फोन पर उसने मुझे अपनी प्रॉब्लम बता दी. पहले तो मैं भी नॉर्मली ही उससे बात कर रहा था जैसे एक कस्टमर से किया करते हैं. उसकी बात सुन कर मैंने अपने दो इंजीनियर उसके घर पर भेजे.
उन्होंने वहां जाकर मशीन देखी और मुझसे बोला- सर क्या करें, इसमें ज्यादा खर्च आयेगा.
पीछे से उस औरत ने कहा- आप मेरी बात करवाइये अपने मैनेजर से.
इंजीनियर से फोन लेडी ने ले लिया. वो कहने लगी कि उसको उसकी मशीन ठीक ही चाहिए किसी भी कीमत पर या फिर इसको वापस करवा दीजिये.
मैंने उस औरत से कहा- मैडम, ठीक तो हम कर देंगे लेकिन जो खर्चा आयेगा वो तो आयेगा ही, उसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं.
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वो बोली- सर, मेरा अभी ट्रांसफर हुआ है और मैं शहर में किसी को नहीं जानती हूं.
उसकी बात सुनकर मेरे अंदर का इन्सान जाग गया. मैंने सोचा कि मेरे शहर में कोई परेशान है, मुझे खुद से भी थोड़ी मदद करनी चाहिए.
मैंने उससे पूछा- मैडम मशीन कितने की थी आपकी?
वो बोली- 24 हजार की.
मैंने कहा- तो फिर ये गलती तो कम्पनी की है. आपका सामान वापस हो जायेगा. आप टेंशन मत लीजिये. आप अपनी मशीन का बिल मुझे व्हाट्सएप कर दीजिये.
अहसानमंद होते हुए उसने कहा- सर, आपकी बहुत मेहरबानी होगी. कुछ कीजिये प्लीज. मैं बहुत ज्यादा परेशान हो रही हूं.
मैं बोला- ये तो मेरा फर्ज है. इसमें अहसान की कोई बात नहीं है.
फिर मैंने अपने बॉस से बात की. वो उसका बिल और ज्यादा बढ़ाने के चक्कर में था. मुझे इस बात पर गुस्सा आ गया क्योंकि बात मशीन की नहीं थी, बात अब मेरे शहर की थी. अगर उस औरत के साथ कुछ गलत हो गया होता तो इज्जत मेरे शहर की खराब हो जानी थी.
मैंने जोन हेड से बात की. हेड एक लेडी थी. उससे मैंने पर्सनली बात की. इससे पहले भी मेरी उससे कई बार बात हो चुकी थी. मैंने उसको सारी डीटेल्स बताईं. उसने रिप्लेसमेंट डालने के लिए कहा. यह एक पॉलिसी होती है जिसमें कम्पनी को डिफेक्टिव सामान वापस कर दिया जाता है.
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उस रिक्वेस्ट को मैंने आगे बढ़ाया. फिर उनसे ऊपर के सीनियर से बात की और आखिरकार एक महीने के बाद मशीन वापस चली ही गयी.
जिस लेडी की वो मशीन थी, उससे मेरी बात इस बीच कई बार हुई. उसने कहा था कि अगर ये मशीन वापस चली गयी तो मैं आपको पार्टी दूंगी.
मैंने कहा- जी बिल्कुल, पार्टी दोगे तो जरूर आएंगे.
इस तरह से एक रात को वह व्हाट्सप्प पर ऑनलाइन थी और मैंने उससे हाई का मैसेज भेजा. उसने तुरंत रिप्लाई दिया और दोस्तो, आप यकीन नहीं करोगे कि चार घंटे की चैट में ही वो ‘आई लव यू’ पर आ गयी.
अब उसने एक दिन संडे को मुझे अपने घर बुलाया लेकिन मैं जा नहीं पाया. वो बड़ी नाराज हुई। लेकिन मैंने उसको मना लिया और अगले संडे के दिन आने का वायदा किया।
फिर आखिरकार वो दिन आ ही गया. मैंने कभी उसका घर नहीं देखा था। हां एक फोटो उसने जरूर लगाई हुई थी व्हाट्सएप पर. उसमें वो काफी अच्छी लग रही थी. जब मैं उसके घर उससे मिलने पहुंचा तो देखा कि वो रियल में थोड़ी मोटी थी.
अंदर जाते ही वो बेझिझक मुझे अपने रूम में ले गयी और फिर पानी लाने के लिए चली गयी. तब तक मैं टॉयलेट करने के लिए चला गया. जब मैं वापस आया तो वह पानी लिये खड़ी थी. मैंने थोड़ा सा पानी पीया और बाकी का वहीं पर रख दिया.
न वो कुछ कह रही थी और न मैं कुछ कह रहा था लेकिन दोनों के ही मन में वही आग सी उठी हुई थी शायद. मैं ज्यादा विश्वास के साथ तो नहीं कह सकता था लेकिन वो शायद मेरी ओर से पहल चाह रही थी.
अन्जान लेडी के साथ इस तरह कुछ करने में मुझे भी डर सा लग रहा था लेकिन हम दोनों घर में अकेले थे और मेरा मन उस अकेलेपन का फायदा उठाने के लिए कर रहा था. वो भी मेरे पूरे बदन को बहाने से देख रही थी. समझ तो मैं गया था कि इसकी चूत में भी कुछ हलचल मची हुई है.
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हिम्मत करके मैंने उसका हाथ पकड़ लिया.
उसने थोडी़ हैरानी से मेरी ओर देखा मगर विरोध जैसे कोई भाव नहीं थे. मैं अपने होंठों को उसके होंठों के पास ले गया तो उसकी सांसें तेज हो गयीं. मैं समझ गया कि आग दोनों तरफ ही लगी हुई है.
फिर मैंने उसे पकड़ा और दीवार से उसको सटा कर उसके होंठों को चूसने लगा. वो अपने घुटनों को मेरे पैरों के बीच में रगड़ने लगी. मेरा लौड़ा खड़ा हो गया. मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी पैंट की चेन के ऊपर रखवा दिया जिससे उसको मेरे लंड की लम्बाई का अहसास हो गया.
वो कहने लगी- छोड़ो न.. आह्ह … क्या कर रहे हो आप … ऐसा मत कीजिए न … आह्ह … प्लीज।
मैं जानता था कि वो नाटक कर रही थी. चाहती तो वह भी यही थी. जिस तरह से पहली ही चैट में उसने आई लव यू बोल दिया था तो फिर शंका का स्थान तो कहीं था ही नहीं.
मैं उसको बेतहाशा चूमता रहा. कभी उसके होंठों को, कभी उसके गालों को, कभी उसकी गर्दन को, तो कभी उसकी चूचियों पर किस कर रहा था. फिर मैंने अपने हाथों को उसके चूचों पर रख दिया. आह्ह … क्या दूध थे उसके! मज़ा ही आ गया उसके दूधों को सहला कर.
उसके दूधों को मैंने कपड़ों के ऊपर से ही पीना शुरू कर दिया.
वो कहने लगी- जरा रुक भी जाओ, मैं कहीं नहीं जा रही.
मगर मैं कहां रुकने वाला था. मेरे अंदर कामवासना के समुद्र में एक ज्वार फूट चुका था जो रुकने का नाम नहीं ले रहा था.
मुझे उसने जबरदस्ती रोकते हुए पीछे धकेला और हांफते हुए पूछने लगी- अच्छा, ये तो बताओ, कितनी देर तक रुकोगे?
मैंने कहा- आज की ये रात तुम्हारे ही नाम है डार्लिंग.
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मेरे मुंह से ये बात सुन कर वो खुश हो गयी. उसने मुझे गाल पर एक गर्म चुम्बन दिया और फिर किचन में चली गयी. वो ऑमलेट बना कर ले आई. मेरे सामने रख दी उसने ऑमलेट.
मैंने उसमें से थोड़ी ही खाई. मैं तो उसकी चूत चोदने के लिए बेसब्र हो रहा था और उसको मेरी भूख की पड़ी हुई थी.
यार, अगर सामने एक मस्त माल चुदने के लिए तैयार हो तो ऐसे में भला खाने और भूख मिटाने का होश किसे रहता है. मैं तो बस उसकी चूत चोदने के लिए तड़प रहा था.
उसको पकड़ कर मैं बेड पर ले गया. वो रोकने लगी तो मैंने उसे गोद में उठा लिया. हालांकि वो देखने में मेरे से ज्यादा भारी भरकम थी मगर आप तो जानते ही हो कि जब चूत मिलने वाली हो तो लौंडों में ये ताकत तो अपने आप ही आ जाती है.
बेड पर लिटा कर मैं उसके होंठों को चूसने लगा और उसके दूधों को दबाने लगा. कुछ ही देर में वो पूरी तरह से गर्म हो गयी. अब उसने खुद ही मेरे कपड़ों को खोलना शुरू कर दिया. साथ ही मैं भी उसके कपड़ों को खोलने लगा.
उसने मेरी शर्ट उतारी तो मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया. उसने मेरी पैंट उतारी तो मैंने उसका पेटीकोट निकाल दिया. अब मैं अंडरवियर में था और वो ब्रा और पैंटी में थी. मैंने झपट कर उसकी ब्रा को खींच कर उसकी चूचियों से आजाद कर दिया.
उसकी मोटी मोटी चूचियां एकदम से हवा में झूल गयीं. मैंने उसकी चूचियों को अपने हाथों में भर लिया और पीने लगा.
एक दो मिनट तक तो वो सिसकारते हुए अपने दूध मुझे पिलाती रही. मगर फिर उसने मुझे पीछे की ओर धकेला और फिर मेरे अंडरवियर को निकाल दिया.
मेरा लौड़ा फनफनाकर उछलता हुआ बाहर आ गया. तभी मैंने उसकी पैंटी को भी खींच दिया. उसकी चूत भी नंगी हो गयी. उसकी चूत पर बाल थे. मगर उसके गोरे बदन पर उसकी बालों वाली चूत बहुत ही सेक्सी लग रही थी.
अब हम दोनों ही पूरे के पूरे नंगे थे. वो मेरे लंड को देख रही थी और मैं उसकी चूची और चूत को निहार रहा था.
मेरे लंड को निहारने के बाद उसने एकदम से कहा- बाप रे! ये तो बहुत बड़ा है.
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उसके मुंह से अपने लंड की तारीफ में ये शब्द सुन कर मुझे गर्व सा महसूस हुआ. मुझे उस दिन इस बात का यकीन हो गया कि मैं किसी भी साइज की औरत को संतुष्ट कर सकता हूं. उस समय मेरा लंड 6.5 इंच का था. अब मेरे लंड का साइज 7 इंच से ऊपर हो चुका है.
वो बोली- मैं तो इतने बड़े लंड को अपनी चूत में नहीं ले पाऊंगी.
उसने कहा- आज केवल मैं इसको चूस कर शांत कर देती हूं. मेरी नीचे वाली (चूत) को तुम फिर कभी ले लेना.
अब उसने मुझे दुविधा में डाल दिया. ऐसे मोड़ पर ना तो मैं उसके साथ जबरदस्ती कर सकता था और न ही पीछे हट सकता था.
मैंने सोचा- भागते हुए भूत की लंगोटी ही सही.
मैंने कहा- ठीक है, इसको चूस ही दो. सेक्स फिर कभी कर लेंगे.
मेरे कहते हुए उसने मेरे लंड को मुंह में ले लिया. आह्ह … उसके गर्म गर्म मुंह में लंड जैसे ही अंदर गया, मैं तो जन्नत की सैर पर निकल गया.
वो मेरे लंड को चूसने लगी. आह्ह … इस्स … आह्हा … करके मेरे मुंह से मजे के मारे सिसकारियां निकलने लगीं. मादरचोद बहुत ही मस्ती भरने वाला अहसास था वो. औरत के मुंह में लंड देकर चुसवाने का भी निराला ही सुख होता है.
उसको भी मेरे लंड में कुछ ज्यादा ही रस मिल रहा था. वो मेरे लंड को बड़ी ही तबियत से चूस रही थी. मगर पूरा लंड अंदर नहीं ले जा रही थी. आधा लंड जाते ही फिर से ऊपर आ जाती थी.
मैंने उसका सिर पकड़ लिया और उसके सिर को दबाते हुए उसके मुंह को अपने लंड पर नीचे दबाने लगा. मैं तेजी के साथ उसके मुंह के चोपे अपने लंड पर लगवाने लगा. वो गूं-गूं-गूं-गूं की आवाज करने लगी.
बीच-बीच में वो लंड को निकालने के लिए इशारा करती लेकिन मेरे सिर पर जैसे हवस का भूत सवार था. मैं अपने हाथों को विराम तो दे रहा था लेकिन उसके मुंह से लंड को बाहर नहीं निकाल रहा था. बीच बीच में कुछ पल के लिए अपनी पकड़ को ढीली छोड़ देता था और वो हौले-हौले मेरे लंड को चूसने लग जाती थी.
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कुछ देर उसको आराम देकर मैं फिर से उसके मुंह को लंड पर दबा देता था. इस तरह से मैं उसके सिर को पकड़ कर पूरा लंड उसके गले तक घुसा देता था. लंड जितना उसके गले में गहराई तक जाता था मुझे उतना ही मजा आ रहा था.
वो भी अब सहज हो गयी थी और लंड को आराम से अंदर तक ले जा रही थी. अब वो पूरा लंड अपने मुंह में लेकर मजे से चूसने का आनंद ले रही थी. इधर मेरे लंड की नसें जैसे फटने को हो गयी थीं. उसके मुंह को चोदने में जो मजा मिल रहा था उससे सुखद अहसास उस वक्त कोई भी नहीं था.
तकरीबन 15 मिनट तक मैं उसको अपना लंड चुसवाता रहा. उसका मुंह एकदम से लाल हो गया. उसकी सांस फूल गयी.
वो बोली- बस … मुंह दुखने लगा है अब … निकाल भी दो.
मैंने कहा- जान … ये तो अपने आप ही निकलेगा.
इतना कह कर मैंने फिर से उसके मुंह को अपने लंड पर दबा दिया और उसके सिर को पकड़ कर जोर जोर से अपने लंड की मुखमैथुन उससे करवाता रहा.
दो मिनट के बाद मेरा वीर्य पूरे उबाल पर आ गया और अब किसी भी पल वो लावा बाहर फूट सकता था.
मैंने सिसकारते हुए पूछा- आह्ह … जानेमन … होने वाला है, कहां निकालूं अपने माल को?
उस औरत ने उसके मुंह की लार से सने मेरे लंड से मुंह ऊपर करके हांफते हुए कहा- आह्ह मुंह में ही।
उसके बाद फिर से उसने मेरे लंड पर मुंह दे दिया और चूसने लगी.
कुछ पल के बाद ही मेरे लंड से मेरे वीर्य की पिचकारी फूट कर उसके मुंह में गिरने लगी. आह्ह … हाह… ओह … याह … करते हुए मैंने पूरा माल उसके मुंह में खाली कर दिया. मेरे वीर्य की एक बूंद बूंद को उसने निचोड़ लिया और अंदर ही पी गयी. बाहर उसने एक बूंद भी नहीं गिरने दी.
वीर्य स्खलन होते ही मैं ढीला पड़ गया और उसने भी राहत की सांस ली. एक मिनट तक उसने मेरे लंड को मुंह में ही रखा. अब मेरा लंड फिर से अपने छोटे आकार में आने लगा था. फिर उसने लंड को बाहर निकाल दिया और उसको चाट कर बिल्कुल साफ कर दिया.
दोस्तो, उसको लंड चुसवाने में भी चुदाई से कम मजा नहीं आया. वो लंड की काफी प्यासी लग रही थी. फिर हम दोनों शांत हो गये. रात के 11 बज गये थे. अभी तो पूरी रात बाकी पड़ी थी.
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चूंकि उसने चुदने के लिए मना कर दिया था इसलिए मुझे अब कोई और तरकीब लगानी थी. थोड़ी देर तक लेटे रहने के बाद मैंने पूछा- मैं तो शांत हो गया लेकिन तुम्हारी चूत भी तो गीली हो रही होगी.
वो बोली- हां, लेकिन मुझे तुम्हारे लंड से डर लग रहा है.
मैंने कहा- तो मैं कब कह रहा हूं कि मैं तुम्हें अभी चोद दूंगा, एक बार दिखा तो दो कि क्या हाल है तुम्हारी गुफा का?
मेरे कहने पर उसने अपनी टांगें मेरे सामने चौड़ी फैला दीं. मैंने उसकी चूत को फांकों को खोल कर देखा. उसकी चूत से पानी चू रहा था.
मैंने उसकी चूत पर जीभ से चाट लिया. ऐसा करते ही उसके मुंह से सिसकारी निकल गयी.
मैंने कहा- तुमने मुझे इतना मजा दिया है, मैं भी तुम्हें थोड़ा मजा देना चाहता हूं. लंड से नहीं, बल्कि मुंह से.
वो बोली- ठीक है.
जैसे ही उसने हां कहा तो मैंने उसकी चूत में जीभ से चाटना शुरू कर दिया. वो सिहर सी गयी. मैंने उसकी बालों वाली चूत में जीभ अंदर दे दी और उसकी चूत के रस को अपने मुंह में लेने लगा. वो भी मदहोश सी होने लगी.
धीरे धीरे उसकी चूत की आग बढ़ रही थी. इसी बीच मैंने उसके दूधों को भी एक हाथ से मसलना शुरू कर दिया. कभी उसके निप्पल को मसल देता था तो कभी चूची को जोर से भींच देता था.
अब मेरी जीभ तेजी से उसकी चूत में अंदर बाहर हो रही थी. उसकी सांसें तेज हो चली थीं. उसका सीना ऊपर नीचे होने लगा था. मैंने दांतों से उसकी चूत की फांकों को हल्का सा काट लिया और फिर से उसकी चूत का मुख चोदन करने लगा.
कुछ ही देर में वो बेडशीट को पकड़ कर खींचने लगी. मैं समझ गया कि बात इसके काबू से बाहर होती जा रही थी. मेरा लंड भी अब फिर से तन गया था. मैंने जीभ को निकाला और उसकी जगह पर अपने लंड को गुलाबी सुपारा उसकी चूत के मुंह पर रगड़ने लगा.
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वो अपने चूचों को अब अपने ही हाथों से दबा रही थी. मैं उसके मुंह से निकलने वाली गुजारिश का इंतजार कर रहा था. थोड़ा हैरान भी था कि अब तक ये बर्दाश्त कैसे कर रही है.
जब उससे रुका न गया तो वो बोली- आह्ह … बस करो … अब जान निकल जायेगी.
मैंने कहा- लंड को हटा लूं क्या?
वो बोली- नहीं, करते रहो.
मैंने उसकी चूत पर लंड को रगड़ना चालू रखा. फिर जब उससे बर्दाश्त न हुआ तो वो सिसकारते हुए बोली- डाल दो प्लीज … नहीं तो मैं मर जाऊंगी.
मैंने कहा- अगर तुम्हें दर्द हुआ तो?
वो बोली- चाहे फट जाये लेकिन तुम अंदर डाल दो प्लीज … जल्दी.
उसके कहते ही मैंने अपने लंड को एक झटके के साथ उसकी गीली चिकनी चूत में अंदर घुसा दिया. पहले ही धक्के में आधा लंड घुस गया. उसकी चीख निकल गयी.
मैंने उसके बूब्स को पकड़ कर उसके होंठों को अपने होंठों से बंद कर दिया. फिर कुछ देर रुक कर मैंने आहिस्ता से उसकी चूत में लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. उसको दर्द तो हो रहा था लेकिन वो बर्दाश्त कर जा रही थी. मैंने धीरे धीरे करके पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया. फिर मैं धीरे धीरे उसकी चूत को चोदने लगा.
कुछ ही देर में उसको मजा आने लगा. अब मैं तेजी के साथ उसकी चूत को चोदने लगा. वो भी अब मस्ती में चुदवाने लगी. दस मिनट के अंदर ही उसकी चूत ने दो बार अपना पानी झाड़ दिया.
15-20 मिनट की चुदाई के बाद मेरा वीर्य भी एक बार फिर से निकलने को हो गया. मैं भी उसकी मखमली सी चूत में अंदर ही झड़ गया.
इस तरह से उस रात मैंने तीन-चार बार उसकी चूत मारी. फिर तो वो अक्सर मुझे अपने घर बुलाने लगी.
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उसकी चूत चोद चोद कर मैंने उसको प्रेग्नेंट कर डाला.
मैंने पूछा- इस बच्चे का क्या करोगी?
वो बोली- मैं इसको जन्म दूंगी. तुम्हरी निशानी को अपने पास ही रखूंगी.
इस तरह से उस औरत के साथ मेरे संबंध साल-डेढ़ साल चले. उसने मेरे एक बच्चे को जन्म भी दिया.
उस घटना के बाद मैंने कई आंटियों को संतुष्टि का परम सुख दिया.
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Read in English
Custmer ko chod ke paregnet kiya Antarvasna mastram
Antarvasna mastram: I was a manager in a company. One day I got a service call from a lady customer. When I solved her problem with my own familiarity, I became friends with her and after that…
Friends, how are you all? My name is Richie and this is my first and true sexy story. This story is a completely real incident in which I lost my virginity and got pregnant by fucking a woman 10 years older than myself Antarvasna mastram.
It is a matter of two years ago. Then I used to work on a manager’s post in a company. I used to provide service to the customer. At the same time, a woman was transferred from her city to my city. He bought a machine there which went bad but there was no one to help him in the town of Anjan for Antarvasna mastram.
When his machine broke, he called me for service. Here you should not understand that he had called my personal number. He called the number on the customer help line.
He told me his problem on the phone. Earlier I was also talking to him normally, like we do with a customer. After listening to him, I sent two engineers to his house Antarvasna mastram.
He went there and saw the machine and said to me – Sir, what to do, it will cost more.
The woman said from behind – you should talk to my manager.
Lady took the phone from the engineer. She started saying that she needs her machine right at any cost or get it returned the Antarvasna mastram.
I told the woman – Madam, we will do it right but whatever expenses will come, we cannot do anything in it.
Antarvasna mastram
She said- Sir, I have just been transferred and I do not know anyone in the city.
Hearing that, the person inside me woke up. I thought that someone is upset in my city, I should help myself a little bit.
I asked him – Madam machine, how much did you have?
She bid – 24 thousand.
I said – then this is the fault of the company. Your item will be returned. You do not take tension. Please WhatsApp me the bill of your machine and Antarvasna mastram.
Being grateful, he said- Sir, it will be very kind of you. Please do something. I am getting very upset.
I said – this is my duty There is no question of favor in this Antarvasna mastram.
Then I talked to my boss. He was in a rush to increase his bill further. I got angry on this thing because it was not about the machine, it was now in my city. If something had gone wrong with that woman, then the honor of my city was going to be ruined the Antarvasna mastram.
I spoke to the zone head. Head was a lady. I talked to him personally. Even before this, I had talked to him many times. I told him all the details and Antarvasna mastram. He asked for a replacement. It is a policy in which defective goods are returned to the company.
Antarvasna mastram
I took that request forward. Then he talked to the senior above and finally after a month the machine went back.
In the meantime, I talked to the lady who had that machine. He said that if this machine goes back, I will give you a party.
I said – yes, if you give a party, you will definitely come for Antarvasna mastram.
In this way, she was online on WhatsApp one night and I sent a high message to her. She immediately responded and friends, you will not believe that she came on ‘I Love You’ in four hours of chat and Antarvasna mastram.
Now one day he called me to his house on Sunday but I could not go. She was very angry. But I convinced him and promised to come on the next Sunday then Antarvasna mastram.
Then finally that day has come. I had never seen his house. Yes, he did have a photo on WhatsApp. She looked very good in it. When I reached her home to see her, I saw that she was a little fat in real the Antarvasna mastram.
As soon as she went inside, she felt free to take me to her room and then went to fetch water. By then I went to the restroom. When I came back, she was standing with water. I drank some water and kept the rest there for Antarvasna mastram.
Neither she was saying anything nor I was saying anything, but perhaps the same fire had arisen in both of them. I could not say with much confidence but she was probably seeking initiative on my behalf but Antarvasna mastram.
I was also scared to do something like this with Anjane Lady, but both of us were alone at home and my mind was trying to take advantage of that loneliness. She too was watching my whole body with excuses. I understood that there was some movement in its pussy too.
Antarvasna mastram
Daring, I held her hand.
He looked at me with a little surprise but there was no such feeling as protest. When I took my lips near her lips, her breath became faster. I understood that the fire was on both sides.
Then I grabbed her and started sucking her lips by adjoining her against the wall. She started rubbing her knees between my legs. My Aloda stood up. I held her hand and placed her on top of my pants chain, which made her feel the length of my cock like Antarvasna mastram.
She started saying – Quit no… Ahh… what are you doing… Do not do this… Ahhh… please.
I knew she was doing a play. She was the same if she wanted. The way he spoke I love you in the first chat, then there was no place for doubt but Antarvasna mastram.
I kept kissing him wildly. Sometimes on his lips, sometimes on his cheeks, sometimes on his neck, sometimes he was kissing on her Titsi. Then I put my hands on her legs. Ahh… what milk did it have! It was fun by caressing her milk and Antarvasna mastram.
I started drinking her milk from above the clothes.
She started saying – Just stop, I am not going anywhere.
But where was I going to stop. A tide had burst into the sea of sex in me, which was not taking the name of stopping them Antarvasna mastram.
He forcefully pushed me back and started gasping and asking – Okay, tell me, how long will you stay?
I said – this night your name is Darling.
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She was happy to hear this from my mouth. He gave me a warm kiss on the cheek and then went to the kitchen. She brought the omelette. She put the omelette in front of me.
I ate only a little of that. I was eager to fuck her pussy and she was hungry for me.
Dude, if one is ready to fuck a hot piece of goods in front of you, then who has the senses of eating well and to satisfy hunger. I was just yearning to fuck her pussy in Antarvasna mastram.
I took him to bed. When she stopped, I picked her up in her lap. Although it was much heavier than me to see, but you know that when the pussy is about to be found, then this strength comes on its own for Antarvasna mastram.
Lying on the bed, I started sucking her lips and pressing her milk. In a while she became completely hot. Now he started opening my clothes on his own. Simultaneously I also started to open her clothes like Antarvasna mastram.
When she took off my shirt, I opened her blouse. When he took off my pants, I removed his petticoat. Now I was in underwear and she was in bra and panty. I quickly grabbed her bra and freed her from her Tits enjoy Antarvasna mastram.
His thick thick tits swinged in the air. I stuffed her pussy in my hands and started drinking.
For a minute or two, he kept on giving his milk to me while he sighed. But then he pushed me backwards and then removed my underwear.
My Aloda came out after jumping with a puff. Then I pulled her panty too. Her pussy also became naked. He had hair on his pussy. But her hairy pussy looked very sexy on her white body like Antarvasna mastram.
Now both of us were completely naked. She was looking at my cock and I was admiring her nipple and pussy in Antarvasna mastram.
After looking at my cock, he immediately said – Father! This is very big.
Antarvasna mastram
I felt proud to hear these words in praise of his cock with his mouth. I was convinced that day that I can satisfy a woman of any size. At that time my cock was 6.5 inches. Now the size of my penis is above 7 inches.
She said – I will not be able to take such big cocks in my pussy and Antarvasna mastram.
He said- Today only I suck it and calm it down. Never take my bottom (pussy) again.
Now he put me in a dilemma. At such a turn, I could neither force with him nor retreat.
I thought – the ghost’s loincloth was right then Antarvasna mastram.
I said – OK, just suck it. We will have sex again sometime.
He took my cock in my mouth while saying this. Ahh… as soon as the cocks went in his hot hot mouth, I went out on a walk to Jannat.
She started sucking my cock. Ahh… Iss… Ahhh… Siskaris started coming out of my mouth for fun. Madderchod was a very fun-filled feeling. Giving licks in a woman’s mouth is also a rare pleasure in Antarvasna mastram.
He too was getting too much juice in my cock. She was sucking my cock very healthily. But the whole cock was not being taken inside. Half cocks used to come up again the Antarvasna mastram.
I grabbed her head and pressing her head started pressing her mouth down on my cock. I quickly started to get his mouth covered on my cock. She started to shout and enjoy Antarvasna mastram.
In between, she gestured to get the cocks out, but the ghost of lust was riding on my head. I was giving my hands a break but I was not taking the cocks out of his mouth on Antarvasna mastram. In between, I used to leave my grip loose for a few moments and she used to start sucking my cock.
Antarvasna mastram After giving him some rest, I used to press his mouth on the cock again. In this way I used to hold his head and insert the whole cock up to his throat. The more the cock went deep into his throat, the more I was enjoying it like Antarvasna mastram.
She too had become comfortable now and was taking the cocks comfortably inside the Antarvasna mastram. Now she was enjoying sucking all the cocks in her mouth with fun. Here the veins of my cocks had become like bursts. At that time there was no pleasant feeling from the fun I was getting in his mouth and Antarvasna mastram.
For almost 15 minutes I kept kissing him. His mouth turned red all over. He breathed.
She said- Just… mouth is hurting now… Take it out.
I said, darling… it will come out on its own for Antarvasna mastram.
After saying this, I again pressed her mouth on my cock and by holding her head, kept getting her cock to blow her loudly the Antarvasna mastram.
After two minutes my semen came to full boil and now at any moment it could burst out lava.
I sobbed and asked- Ahhh … sweetheart … is going to happen, where should I take out my goods?
The woman said with a mouth full of saliva from her mouth and gasped and said – Ahhh in the mouth like Antarvasna mastram.
After that, he gave his mouth to my cock again and started sucking.
After a few moments my semen began to burst into my mouth after bursting my semen with my cock. Ahh… hah… oh… yah… I emptied the entire merchandise in his mouth. He squeezed a drop of my semen and drank inside. He did not let even a drop fall outside the Antarvasna mastram.
As soon as ejaculation ejaculated, I let loose and he also breathed a sigh of relief. He kept my cock in his mouth for a minute. Now my cock was again coming in its small size. Then he removed the cocks and licked it and cleaned it completely in Antarvasna mastram.
Friends, he did not enjoy any less than fuck in licking cock. She seemed quite thirsty for cocks. Then we both became calm. It was 11 o’clock in the night. Still had to stay the whole night.
Antarvasna mastram
Since he refused to fuck, now I had to try another trick. After lying down for a while, I asked – I was calm but your pussy must be getting wet too.
She said yes, but I am afraid of your cock for Antarvasna mastram.
I said- So when I am saying that I will give you Chod now, once show me what is the condition of your cave?
On my request, he spread his legs wide in front of me. I saw her pussy open the slices. Water was being sucked from her pussy.
I licked her pussy with the tongue. As soon as this happened, Siski came out of his mouth.
I said – you have given me so much fun, I also want to give you some fun. Not from cocks, but from the mouth.
She said – okay.
As soon as she said yes, I started licking her tongue with her pussy. She shivered. I put the tongue in her hairy pussy and started taking her pussy juice in my mouth. He also started getting drunk.
Slowly, her pussy fire was increasing. Meanwhile, I started sprinkling her milk with one hand. Sometimes he used to crush her nipple, sometimes he used to squeeze the nipple too hard.
Now my tongue was rapidly getting inside her pussy. His breath was fast. His chest was starting to go up and down. I cut her pussy slices with teeth lightly and started fucking her pussy again.
Shortly she grabbed the bedsheet and started pulling. I understood that the matter was getting out of control. My cock was also tanned again. I took out the tongue and started rubbing my cocks on her pussy in the mouth of her pussy instead.
Antarvasna mastram
She was now pressing her cunts with her own hands. I was waiting for the request coming out of his mouth. I was also a little surprised how she is tolerating this till now.
When he was not stopped, she said – Ahh… just do it… now life will die.
I said – should I remove the cocks?
She said no, keep doing it.
I kept rubbing cocks on her pussy. Then when he could not tolerate it, he said with a smile, please put it… otherwise I will die.
I said – if you have pain?
That quote – even if it bursts but you put it in… please.
As soon as he said, I inserted my cock inside her wet smooth pussy with a jerk. Already half the cocks got into the attack. He screamed.
I grabbed her boobs and closed her lips with my lips. Then after stopping for some time, I slowly started to take the cocks in and out of her pussy. She was in pain but she was tolerating it. I slowly removed the whole cock in her pussy. Then I slowly started to fuck her pussy.
He started enjoying it in a while. Now I started fucking her pussy with speed. Now she also started fucking in fun. Within ten minutes, her pussy has shaved her water twice.
After 15-20 minutes of fucking, my semen was also released again. I too fell inside her velvety pussy.
That way, I killed her pussy three to four times that night. Then she often called me to her house.
Antarvasna mastram
By fucking her pussy, I put her pregnant.
I asked- what will you do with this child?
She said – I will give birth to it. I will keep your sign with me.
In this way, my relationship with that woman lasted for one and a half years. She also gave birth to one of my children.
After that incident, I gave many aunts the ultimate pleasure of satisfaction.
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