Bua Antarvasna बुआ की चुत चुदाई भतीजे के लंड से-1 best sex

बुआ की चुत चुदाई भतीजे के लंड से-1 Bua Antarvasna hindi saxy story

Bua Antarvasna hindi saxy story: मेरी दो बुआ की शादी एक ही घर में हुई है. मुझे पढ़ाई के लिए उनके घर में रहना था. दोनों बुआओं की चुदाई कैसे की मैंने … पढ़ें इस गर्म फैमिली सेक्स स्टोरी में!

दोस्तो, मेरा नाम मयूर है. मेरी उम्र 22 साल है और मेरा लंड 8 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा है.

ये मेरी और मेरी दो बुआ की चुदाई की है. मेरी बुआओं की उम्र में एक सुरेखा बुआ 36 साल की हैं और रचना बुआ 38 साल की हैं. उन दोनों की शादी हो चुकी है. बड़ी वाली रचना बुआ की एक लड़की और लड़का है. छोटी वाली के दो लड़के और एक लड़की हैं. उन दोनों की लड़कियां 18 साल की हैं और लड़के छोटे हैं.

दोनों बुआ की शादी हमारे गांव से दूर के एक गांव में एक ही घर में हुई है. दोनों के पति विदेश हैं, जहां एक ड्राइवर और एक कुक है. वे तीन साल में एक बार भारत आते हैं.

ये कहानी आज से एक साल पहले की है. उस वक्त मैं अपनी बीएससी पूरी कर चुका था और मास्टर्स शुरू करने वाला था.

मैं एक अच्छा कॉलेज ढूंढ रहा था. जिसके चलते मुझे मेरे गांव से 80 किलोमीटर दूर एक कॉलेज मिल गया. मैंने उधर एडमिशन ले लिया, लेकिन मुझे वहां से रोज आना जाना काफी मुश्किल होने वाला था … इसलिए मैं उधर ही एक कमरा किराए पर लेने की सोच रहा था.

एक दिन बुआ घर आई हुई थीं, तो उन्होंने पापा को बोला कि मयूर को बोल दो कि वो हमारे घर ही रह ले. हमारे घर से उसका कॉलेज 20 किलोमीटर ही है. वो उधर रहेगा, तो शाम को हमारे बच्चों को पढ़ा भी देगा.

इस पर पापा ने हां कर दी. मेरी तो जैसे लॉटरी लग गयी. क्योंकि दोनों बुआ के घर एक ही थे, वे दोनों दो भाइयों की पत्नियां थीं. मैं जबसे बड़ा हुआ तब से ही उन दोनों को चोदना चाहता था. मैं ही क्या, बहुत से लोग उन दोनों को चाहते होंगे, क्योंकि उनका फिगर था ही ऐसा.

छोटी वाली सुरेखा बुआ का 35-33-40 का फिगर था और रचना बुआ का 40-32-42 का था. दोनों का ही रंग एकदम गोरा था.

अभी मेरे कॉलेज को शुरू होने में एक महीना बाकी था, लेकिन मैंने पापा को बोला कि वहां अगर जल्दी जाऊंगा, तो उधर के माहौल में जल्दी घुल-मिल जाऊंगा.

पापा ने हामी भर दी.

मैं अगले ही दिन अपना सारा सामान लेकर वहां पहुंच गया. दोनों बुआ घर पर अकेली थीं, उन्होंने मुझे एक कमरा दे दिया और सामान जमाने में मेरी मदद करने लगीं. जिस समय बुआ लोग मेरी मदद कर रही थीं, उस वक्त मैं साड़ी पहने दोनों बुआओं की गांड देख रहा था.

सुबह से ही हम तीनों कमरे को सैट करने में लगे थे. जब दिन के 12 बज गए, तो वो दोनों अपने गाय के बाड़े में जाने लगीं. बाड़ा घर से कुछ दूर था, उधर उनकी गायें बंधी रहती थीं.

उन्होंने मुझे भी आने को बोला, तो मैं भी साथ में चल दिया. उनका ये बाड़ा काफी बड़ा था. उसमें 5 गाएं बंधी थीं और उनके दो बछड़े भी थे. खुले में थोड़े पौधे लगे थे. एक गऊओं के पानी पीने के लिए छोटा टैंक था. दूसरा जमीन में 4 फिट गहरा और 30 फिट लंबा और 15 फिट चौड़ा टैंक पानी के लिए था.

मैं बड़ी बुआ से बोला- अरे बुआ ये तो बहुत बड़ा है, इसमें तो मैं तैर भी सकता हूँ.
बुआ बोलीं- हां, पर हममें से किसी को तैरना भी नहीं आता … और यहां खुला भी है, तो हम यहां नहा भी नहीं सकते. हम लोग इधर सिर्फ कपड़े धोते हैं.

मेरे दिमाग में एक आईडिया आया कि अगर इन्हें चोदना है, तो यहीं चोदा जा सकता है.

मैंने उनसे बोला कि मैं आपको तैरना सिखा दूंगा.
बुआ बोलीं- लेकिन यहां तो कोई भी बाहर से हमें देख सकता है. इसके सिर्फ दो तरफ ही दीवार है.
मैंने उनसे बोला कि हम इसके बाकी दो तरफ एक मोटे कपड़े से पर्दे बना देंगे, तो आड़ हो जाएगी.
वो बोलीं- हां ये ठीक रहेगा … फिर तो हम भी आराम से नहा सकेंगे.

मैंने कहा- तो चलो आड़ लगाने का काम शुरू करते हैं.
छोटी बुआ बोलीं- आज हम खम्बे लगा देते हैं, कल घर से पर्दे लेकर आएंगे, तो टांग देंगे.

हम तीनों मिल कर खम्बे गाड़ने लगे. उस दौरान मैं अपनी छिपी नजरों से दोनों बुआओं के मस्त मम्मों का जायजा लेता रहा.

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बाद में मैंने अपने कमरे में जाकर बुआओं के मम्मों के नाम से मुठ मारी और हल्का हो गया.

मेरी आदत थी कि मैं अपने गांव में सुबह सैर के लिए जाता था, सो अगले दिन सुबह जब मैं सैर के लिए जाने लगा, तो बड़ी बुआ पूछने लगीं कि किधर जा रहा है.

मैंने बताया कि मैं सुबह 5 बजे घूमने जाता हूँ.
बुआ बोलीं कि और हम लोग दूध निकालने जाते हैं … लेकिन इतनी जल्दी जाने में हमें डर लगता है. तू एक काम कर, हमारे साथ ही चल. तेरा घूमना भी हो जाएगा और हमें डर भी नहीं लगेगा.

मैंने हां कर दी और हम तीनों बाड़े के लिए निकल गए.

बड़ी बुआ ने अपनी एक गाय का दूध निकाल लिया और बोलीं- मुझे जोर से लग रही है, मैं संडास जाकर आती हूँ. मैं घर तक नहीं रोक ही पाऊंगी.

मैं बोला- हां बुआ मुझे भी जोर से लगी है.
बुआ बोलीं- तो चल मेरे साथ.

छोटी बुआ अभी तक अपनी गायों का दूध निकाल रही थीं, तो बड़ी बुआ ने उन्हें बोल दिया कि तू दूध निकाल कर गोबर ले जाना, हम दोनों होकर आते हैं.

हम दोनों बाड़े से थोड़ी दूर झाड़ियों में जाने लगे. बुआ ने थोड़ी दूर जाकर मुझसे कहा कि तू यहीं कर ले, मैं थोड़ा आगे जाती हूं.

मैं वहीं रुक गया और बुआ किस तरफ जा रही हैं, ये देखने लगा.

थोड़ी देर बाद मैं घूम कर उनके पीछे आ गया. अब मुझे तो संडास जाना ही नहीं था, मैं तो सिर्फ बुआ की गांड देखने आया था.

बुआ मेरे सामने अपनी गांड खोले बैठी थीं. मैंने उनकी गोरी गांड देखी, तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.

क्या मस्त बड़ी गांड और चिकनी जांघें थीं … उनकी जाँघों पर एक भी बाल नहीं था … बिल्कुल केले के तने सी चिकनी थीं.

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जब वो थोड़ी पीछे से ऊंची हुईं, तो मुझे उनकी चुत की झांटें दिखने लगीं.

कुछ देर बाद बुआ गांड साफ करके जाने लगीं, तो मैं जल्दी से अपनी जगह आ गया. बुआ ने मुझे आवाज दी कि तेरा हो गया हो तो चल.

मैंने लंड हिलाते हुए पानी निकाला और लोटे से हाथ धोते हुए आवाज दी- बस हो गया आ ही रहा हूँ.

अब हम दोनों निस्तार करके बाड़े में वापस आ गए, जहां आगे छोटी बुआ अपनी साड़ी को आधी जांघों तक किए गोबर समेट रही थीं. उनकी जांघें और तनी हुई गांड देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

कुछ देर बाद हम सब वापस घर आ गए और मैं नहाने चला गया.

कुछ ही देर में दोनों बुआओं ने मिल कर सब के लिए खाना बना लिया था और बच्चों को स्कूल भेज दिया. इसके बाद दोनों ने मिल कर घर की सफाई कर ली.

कोई 10 बजे बुआ ने मुझसे बोला कि हम तीनों फिर से बाड़े में चलते हैं. आज पर्दे लगाने हैं.
मैं खुश हो गया और हम सब बाड़े में आ गए.

उन्होंने बोला- तू ये कपड़ा यहां अच्छे से बांध … ताकि ये उड़ नहीं और कोई अन्दर भी न देख सके.
मैं कपड़ा बांधने में लग गया और वो दोनों साड़ी उतार कर ब्लाउज़ और पेटीकोट में कपड़े धोने लगीं.

मैंने काफी मजबूती से कपड़ा बांध दिया था. उसके बाद मैं अंडरवियर में पानी में उतर कर तैरने लगा.

थोड़ी देर बाद दोनों बुआ भी पानी में वैसे ही उतर गईं और मुझसे बोलीं कि आज तेरी वजह से हमे खुले में नहाने मिला.
मैं बोला- हां और मुझे भी आपके साथ रहने का मौका मिला.
वो बोलीं- इसमें क्या है, तू हमारा भतीजा है … तेरे लिए इतना तो हम कर ही सकते हैं.

कोई 30 मिनट तक नहाने के बाद मुझे तैरता देखकर छोटी बुआ बोलीं- मयूर, तूने बोला था कि तू हमें भी तैरना सिखाएगा.

मुझे ऐसा लगा, जैसे मेरे मन की बात पूरी हो गयी हो. मैंने सोच लिया कि इन्हें चोदने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा.

मैंने अपना प्लान बना कर उन्हें बोला कि सिखा तो मैं दूंगा … लेकिन आप इन कपड़ों में नहीं सीख पाएंगी.

वो दोनों एक साथ बोलीं- तो फिर? इसमें क्या दिक्कत है?
मैंने कहा- आपके ब्लाउज और पेटीकोट बीच में आएंगे.
बुआ बोलीं कि तो क्या पहन लूं … हमारे पास तो और कुछ है ही नहीं.
मैं बोला- बुआ एक आईडिया है … मगर आपको बुरा न लगे.
वो बोलीं- तू बोल तो … हमने वैसे भी जिंदगी में कुछ नहीं किया है, हम तैरने के लिए तो कुछ भी करेंगे.

मैं बोला- हां बुआ. पर मेरे हिसाब से अगर आपके पास और कोई कपड़े नहीं हैं … तो आप सिर्फ ब्रा और पेंटी में रह कर तैरना सीख सकते हो.
वो बोलीं- लेकिन तेरे साथ!
मैं बोला- हां इसलिए तो मैंने आपको बोला था कि आपको दिक्कत हो जाएगी.

तभी बड़ी बुआ बोलीं कि इसके साथ नहाने में क्या है … हमने तो इसे कई बार बचपन में नंगा देखा है … और ये भी तो हमारे साथ नहाया है.
छोटी बुआ बोलीं- लेकिन हमारे पास तो ब्रा और पेंटी भी नहीं है ना … हम कहां ब्रा पहनते हैं … और पेंटी तो केवल उन दिनों में पहनते हैं.
बड़ी बुआ उन दिनों का अर्थ समझते हुए बोलीं- तो हम फिर ऐसे ही सीख लेंगे.
छोटी बुआ बोलीं- ऐसे कैसे?
बड़ी बुआ बोलीं कि बिना कपड़ों के.

उनकी इस बात पर हम दोनों चौंक गए.

छोटी बुआ बोलीं- मयूर के सामने!
तो बड़ी बुआ बोलीं- देख छोटी … जिंदगी में हमने आज तक किसी भी चीज का मजा नहीं लिया … कम से कम अच्छे से नहाने और तैरने का तो मजा ले लें.
छोटी बुआ बोलीं- ठीक है, लेकिन सिर्फ हम ही कपड़े उतारेंगे … तो अजीब नहीं लगेगा … मयूर ऐसा कर, तू भी अपनी अंडरवियर उतार दे, जिससे हमें अजीब नहीं लगेगा.

सब चीजें मेरे अनुसार होने लगी थीं. तो मैंने बोला- ठीक है … आप दोनों जब सीखने के लिए इतना कर रही हो, तो मैं भी अपनी बुआओं के लिए इतना तो कर ही सकता हूँ.

बस फिर क्या था. अगले ही कुछ पलों में हम तीनों बिल्कुल नंगे हो चुके थे. मुझे तो अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था कि जिन बुआओं को मैं चोदना चाहता था, वो मेरे सामने बिल्कुल जन्मजात नंगी खड़ी थीं. उनके बड़े चुचे, चिकनी चुत और बड़ी गांड देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था.

हम सब पानी में आ गए थे, लेकिन जब बड़ी बुआ ने मेरा लंड देखा, तो वे छोटी से बोलीं- देख मयूर का हथियार कैसे खड़ा हो गया है.

उन्होंने ये बात खुल कर कही, तो मैं शर्मा गया. मेरे साथ वो दोनों भी हंस दीं.

छोटी बुआ बोलीं- मयूर, तेरा ये तो तेरे फूफा से काफी बड़ा है, तेरे फूफा का तो 4-5 इंच के करीब होगा … तू इसे हमसे दूर ही रखना.
मैं बोला- हां बुआ, मैं पूरी कोशिश करूंगा.
वो बोलीं- ठीक है अब हमें तैरना भी सिखाएया या हमें देखता ही रहेगा.

मैं उनके हाथ पकड़ कर बीच में ले गया और बोला- मैं एक एक को सिखाऊंगा, तब तक दूसरा किनारे पर रह कर नहा लेना.

वो दोनों मान गईं.

मैं बोला- पहले बड़ी बुआ को सिखा देता हूँ … वो बड़ी हैं.

इस समय मेरे मन में बड़ी बुआ घुसी थीं … क्योंकि उनकी गांड और चुचे बड़े थे.

बड़ी बुआ मेरे करीब आ गईं, तो मैं उनको थोड़ा दूर ले गया. मैं उनके पैरों के बीच खड़ा हो गया और उन्हें कमर से पकड़ कर उनसे हाथ चलाने को बोला. वो हाथ चला रही थीं, पर मेरा लंड उनकी गांड की दरार में छू रहा था.

ऐसा होते देख कर बुआ पीछे देख मुस्कुरा दीं. मैं थोड़ा पीछे हट गया.

अब तक छोटी बुआ ने अच्छे से साबुन मल कर अपने जिस्म को चमका लिया था. वो लोटे से नहा रही थीं, तो पूरा पानी साबुन का होने लगा.

बड़ी बुआ ने जब उन्हें ये बोला.

तो उन्होंने कहा कि चलो आज मैं रहने देती हूँ … अब हम कल फिर से आएंगे ही, तब मैं सीख लूंगी. आज जाते समय इसे खाली करके नया पानी भर देंगे.

उनके नहाने की वजह से साबुन पानी में मिल गया था और पानी में साबुन के झाग की वजह से अन्दर का कुछ नहीं दिख रहा था.

मैंने बुआ की कमर छोड़ दी और उनके चुचे पकड़ लिए. इससे वो एकदम से डर गईं और धीरे से बोलीं- ये क्या कर रहा है?
मैं बोला- आप आगे से ज्यादा डूब रही थीं न … तो थोड़ा आगे से पकड़ा है.
वो फिर से नार्मल हो गईं.

उनकी मंशा क्या थी, ये तो मैं नहीं जानता था … लेकिन मेरी चुदास अपना सर उठाने लगी थी. मैंने अपने लंड को धीरे से पीछे लेकर थोड़ा नीचे कर दिया और बुआ की चुत पर सटा दिया. इससे हुआ ये कि बुआ के हिलने से लंड चुत पर रगड़ने लगा.

पहले तो बुआ लंड के स्पर्श से सीधी हो गईं और बोलीं- अब तू छोटी को सिखा. मैं बाकी बाद में सीख लूंगी.

उनके जाते ही छोटी बुआ आ गईं.
उनके करीब आने पर भी मैंने उनके साथ भी वैसे ही किया. तब तक बड़ी बुआ अच्छे से खूब साबुन रगड़ कर नहाते हुए मुझे देखने लगीं.

कुछ देर छोटी बुआ के जिस्म की गर्मी लेने के बाद मैंने उनसे बाहर चलने को कहा. तो वो बाहर आने लगीं. हम दोनों घंटे बाद टैंक से बाहर आ गए और अपने आपको पौंछ कर कपड़े पहनने लगे.

बड़ी बुआ बोलीं- मयूर, तेरा हथियार तो काफी बड़ा और मोटा हो गया है. जब से तूने हमें नंगा देखा है, तेरा ये खड़ा ही है … चक्कर क्या है?
मैं बोला- वो पहली बार किसी को ऐसे देखा, तो खड़ा हो गया.

तभी छोटी बुआ बोली कि मयूर तूने अपने नीचे के बाल क्यों नहीं रखे हुए हैं?
मैं बोला- वो बुआ इसमे नहाते टाइम साबुन रह जाए, तो दाद हो जाती है.
इस पर वो दोनों बोलीं- तब तो हमें भी बाल काट लेने चाहिए.
मैंने बोला- हां बिल्कुल.
बुआ बोलीं- लेकिन हम इतने अच्छे से नहीं काट पाएंगे.
मैं बोला- तो मैं साफ़ कर दूंगा.

वो दोनों मेरी बात सुनकर खुश हो गईं. बड़ी बुआ बोलीं- ठीक है … और हां हम जो भी कर रहे हैं, वो किसी को बता मत देना कि हम तुम्हारे सामने नंगे हुई थी.
मैं बोला- मैं किसी को नहीं बताऊंगा.

नहाने के बाद हम सब घर आ गए और खाना खाकर सोने जाने वाले हो गए.

तभी बड़ी बुआ बोलीं- मयूर अभी बच्चों के आने में 3 घंटे बाकी हैं, तू अभी ही हमारे नीचे के बाल साफ क्यों नहीं कर देता?
छोटी बुआ बोलीं- हां ये समय सही है.
मैं राजी हो गया.

मैंने कहा- हां मेरे पास रेजर, ट्रिमर … वगैरह सब है.
छोटी बुआ बोलीं- हम अभी तेरे कमरे में आती हैं, तू सामान रेडी कर.

मैं कमरे में गया और अपनी मशीन तैयार की. तब तक वो दोनों भी आ गईं. मैं उन्हें यूं नंगी देख कर चौंक गया. हां दोस्तो, वे दोनों बिल्कुल नंगी थीं. मैं उन्हें वासना से देख रहा था.

आज मेरी दोनों बुआ अपनी चुत की झांटें साफ़ करवाने के लिए मेरे सामने नंगी थीं और मैं उन दोनों की चुत चुदाई की सोच रहा था. मेरा लंड मेरे काबू में नहीं था.

उन दोनों बुआ की चुदाई की कहानी को विस्तार से आपको अगले भाग में लिख कर मजा दूंगा. आपको सेक्स कहानी कैसी लग रही है, प्लीज़ कमेंट्स करके मुझे बताएं.

कहानी का अगला भाग: बुआ की चुत चुदाई भतीजे के लंड से-1

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Bua kee chut chudaee bhateeje ke land se-1 Bua Antarvasna hindi saxy story

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Bua kee chut chudaee bhateeje ke land se-1 Bua Antarvasna hindi saxy story

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unhonne bola- too ye kapada yahaan achchhe se baandh … taaki ye ud nahin aur koee andar bhee na dekh sake.
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koee 30 minat tak nahaane ke baad mujhe tairata dekhakar chhotee bua boleen- mayoor, toone bola tha ki too hamen bhee tairana sikhaega.

mujhe aisa laga, jaise mere man kee baat pooree ho gayee ho. mainne soch liya ki inhen chodane ka isase achchha mauka nahin milega Bua Antarvasna hindi saxy story.

mainne apana plaan bana kar unhen bola ki sikha to main doonga … lekin aap in kapadon mein nahin seekh paengee.

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bua boleen ki to kya pahan loon … hamaare paas to aur kuchh hai hee nahin.
main bola- bua ek aaeediya hai … magar aapako bura na lage.
vo boleen- too bol to … hamane vaise bhee jindagee mein kuchh nahin kiya hai, ham tairane ke lie to kuchh bhee karenge Bua Antarvasna hindi saxy story.

main bola- haan bua. par mere hisaab se agar aapake paas aur koee kapade nahin hain … to aap sirph bra aur pentee mein rah kar tairana seekh sakate ho.
vo boleen- lekin tere saath!
main bola- haan isalie to mainne aapako bola tha ki aapako dikkat ho jaegee Bua Antarvasna hindi saxy story.

tabhee badee bua boleen ki isake saath nahaane mein kya hai … hamane to ise kaee baar bachapan mein nanga dekha hai … aur ye bhee to hamaare saath nahaaya hai.
chhotee bua boleen- lekin hamaare paas to bra aur pentee bhee nahin hai na … ham kahaan bra pahanate hain … aur pentee to keval un dinon mein pahanate hain.

badee bua un dinon ka arth samajhate hue boleen- to ham phir aise hee seekh lenge.
chhotee bua boleen- aise kaise?
badee bua boleen ki bina kapadon ke Bua Antarvasna hindi saxy story.

unakee is baat par ham donon chaunk gae.

chhotee bua boleen- mayoor ke saamane!
to badee bua boleen- dekh chhotee … jindagee mein hamane aaj tak kisee bhee cheej ka maja nahin liya … kam se kam achchhe se nahaane aur tairane ka to maja le len.
chhotee bua boleen- theek hai, lekin sirph ham hee kapade utaarenge … to ajeeb nahin lagega … mayoor aisa kar, too bhee apanee andaraviyar utaar de, jisase hamen ajeeb nahin lagega Bua Antarvasna hindi saxy story.

sab cheejen mere anusaar hone lagee theen. to mainne bola- theek hai … aap donon jab seekhane ke lie itana kar rahee ho, to main bhee apanee buaon ke lie itana to kar hee sakata hoon.

bas phir kya tha. agale hee kuchh palon mein ham teenon bilkul nange ho chuke the. mujhe to apanee aankhon par yakeen nahin ho raha tha ki jin buaon ko main chodana chaahata tha, vo mere saamane bilkul janmajaat nangee khadee theen. unake bade chuche, chikanee chut aur badee gaand dekh kar mera land khada ho gaya tha Bua Antarvasna hindi saxy story.

ham sab paanee mein aa gae the, lekin jab badee bua ne mera land dekha, to ve chhotee se boleen- dekh mayoor ka hathiyaar kaise khada ho gaya hai.

unhonne ye baat khul kar kahee, to main sharma gaya. mere saath vo donon bhee hans deen.

chhotee bua boleen- mayoor, tera ye to tere phoopha se kaaphee bada hai, tere phoopha ka to 4-5 inch ke kareeb hoga … too ise hamase door hee rakhana Bua Antarvasna hindi saxy story.
main bola- haan bua, main pooree koshish karoonga.
vo boleen- theek hai ab hamen tairana bhee sikhaeya ya hamen dekhata hee rahega.

main unake haath pakad kar beech mein le gaya aur bola- main ek ek ko sikhaoonga, tab tak doosara kinaare par rah kar naha lena.

vo donon maan gaeen.

main bola- pahale badee bua ko sikha deta hoon … vo badee hain.

is samay mere man mein badee bua ghusee theen … kyonki unakee gaand aur chuche bade the Bua Antarvasna hindi saxy story.

badee bua mere kareeb aa gaeen, to main unako thoda door le gaya. main unake pairon ke beech khada ho gaya aur unhen kamar se pakad kar unase haath chalaane ko bola. vo haath chala rahee theen, par mera land unakee gaand kee daraar mein chhoo raha tha Bua Antarvasna hindi saxy story.

aisa hote dekh kar bua peechhe dekh muskura deen. main thoda peechhe hat gaya.

ab tak chhotee bua ne achchhe se saabun mal kar apane jism ko chamaka liya tha. vo lote se naha rahee theen, to poora paanee saabun ka hone laga Bua Antarvasna hindi saxy story.

badee bua ne jab unhen ye bola.

to unhonne kaha ki chalo aaj main rahane detee hoon … ab ham kal phir se aaenge hee, tab main seekh loongee. aaj jaate samay ise khaalee karake naya paanee bhar denge.

unake nahaane kee vajah se saabun paanee mein mil gaya tha aur paanee mein saabun ke jhaag kee vajah se andar ka kuchh nahin dikh raha tha Bua Antarvasna hindi saxy story.

mainne bua kee kamar chhod dee aur unake chuche pakad lie. isase vo ekadam se dar gaeen aur dheere se boleen- ye kya kar raha hai?
main bola- aap aage se jyaada doob rahee theen na … to thoda aage se pakada hai.
vo phir se naarmal ho gaeen Bua Antarvasna hindi saxy story.

unakee mansha kya thee, ye to main nahin jaanata tha … lekin meree chudaas apana sar uthaane lagee thee. mainne apane land ko dheere se peechhe lekar thoda neeche kar diya aur bua kee chut par sata diya. isase hua ye ki bua ke hilane se land chut par ragadane laga Bua Antarvasna hindi saxy story.

pahale to bua land ke sparsh se seedhee ho gaeen aur boleen- ab too chhotee ko sikha. main baakee baad mein seekh loongee.

unake jaate hee chhotee bua aa gaeen.
unake kareeb aane par bhee mainne unake saath bhee vaise hee kiya. tab tak badee bua achchhe se khoob saabun ragad kar nahaate hue mujhe dekhane lageen.

kuchh der chhotee bua ke jism kee garmee lene ke baad mainne unase baahar chalane ko kaha. to vo baahar aane lageen. ham donon ghante baad taink se baahar aa gae aur apane aapako paunchh kar kapade pahanane lage.

badee bua boleen- mayoor, tera hathiyaar to kaaphee bada aur mota ho gaya hai. jab se toone hamen nanga dekha hai, tera ye khada hee hai … chakkar kya hai?
main bola- vo pahalee baar kisee ko aise dekha, to khada ho gaya.

tabhee chhotee bua bolee ki mayoor toone apane neeche ke baal kyon nahin rakhe hue hain?
main bola- vo bua isame nahaate taim saabun rah jae, to daad ho jaatee hai.
is par vo donon boleen- tab to hamen bhee baal kaat lene chaahie.
mainne bola- haan bilkul.
bua boleen- lekin ham itane achchhe se nahin kaat paenge.
main bola- to main saaf kar doonga.

vo donon meree baat sunakar khush ho gaeen. badee bua boleen- theek hai … aur haan ham jo bhee kar rahe hain, vo kisee ko bata mat dena ki ham tumhaare saamane nange huee thee.
main bola- main kisee ko nahin bataoonga.

nahaane ke baad ham sab ghar aa gae aur khaana khaakar sone jaane vaale ho gae.

tabhee badee bua boleen- mayoor abhee bachchon ke aane mein 3 ghante baakee hain, too abhee hee hamaare neeche ke baal saaph kyon nahin kar deta?
chhotee bua boleen- haan ye samay sahee hai.
main raajee ho gaya.

mainne kaha- haan mere paas rejar, trimar … vagairah sab hai.
chhotee bua boleen- ham abhee tere kamare mein aatee hain, too saamaan redee kar.

main kamare mein gaya aur apanee masheen taiyaar kee. tab tak vo donon bhee aa gaeen. main unhen yoon nangee dekh kar chaunk gaya. haan dosto, ve donon bilkul nangee theen. main unhen vaasana se dekh raha tha.

aaj meree donon bua apanee chut kee jhaanten saaf karavaane ke lie mere saamane nangee theen aur main un donon kee chut chudaee kee soch raha tha. mera land mere kaaboo mein nahin tha.

un donon bua kee chudaee kee kahaanee ko vistaar se aapako agale bhaag mein likh kar maja doonga. aapako seks kahaanee kaisee lag rahee hai, pleez kaments karake mujhe bataen.

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