Hindisexstoris मौसेरी दीदी की चूत चुदाई Real Sex 1 Fun Story

मौसेरी दीदी की चूत चुदाई Hindisexstoris

Hindisexstoris: मेरी मौसी की लड़की से मेरी बहुत गजब की अंडरस्टैंडिंग थी. एक बार वो हमारे घर आयी हुई थी तो हम एक साथ सोये थे. रात में मैंने कैसे दीदी की चूत चुदाई की?

हैलो फ्रेंड्स, ये मेरी पहली और सच्ची सेक्स कहानी है मौसेरी दीदी की चूत चुदाई की. ये बात कुछ 6 साल पहले की है. मेरी एक बड़ी बहन (मौसी की लड़की) है जो सिवनी की है. सिवनी मध्य प्रदेश का एक नगर है. मेरी मौसेरी वहां रहती थी और मैं नागपुर (महाराष्ट्र) में रहता हूँ.

वो और मैं बहुत अच्छे फ्रेंड हैं. मेरी सारी बातें उसे पता थीं और मुझे उसकी सारी बातें मालूम थीं. हम अपनी बातें हमेशा शेयर करते रहते थे.

तब मैं 20 साल का था और वो 22 साल की थी. हम दोनों में बहुत ही गजब की अंडरस्टैंडिंग थी. अगर मुझे कोई तकलीफ होती, तो उसे तुरंत पता चल जाता था और उसे कुछ होता तो मुझे अहसास होने लगता था. ये क्या करिश्मा था, मुझे खुद भी समझ नहीं आता था.

एक दिन मैं उससे फोन पर बात कर रहा था, तो मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ है.
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
उसने बताया कि उसके भैया ने उसे, उसके बीएफ को एक साथ में देख लिया और भैया ने उस लड़के की बहुत पिटाई कर दी.

मैंने पूछा- तेरा उससे सच्चा प्यार है क्या?
उसने बोला- हां, और मैं उससे मिलना चाहती हूँ.
मैंने बोला- तो मिल लो ना.
वो बोली- कैसे? भैया ने कहीं भी आने जाने को मना कर दिया है.
मैंने उससे बोला- तुम नागपुर आ जाओ. फिर एक दिन उसे भी नागपुर बुला लेंगे. तुम यहां उससे मिल लेना. पर कुछ ही घंटे मिलने मिल पाएगा.
वो बोली- ठीक है.

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फिर योजना के अनुसार वो नागपुर आ गयी. उसे देखते ही मेरी चेहरे पर एक अलग ही चमक आ गयी, पर मैं कभी भी उसे बुरी नज़र से नहीं देखता था. वो मेरी सबसे अच्छी बहन थी.

वो मेरे मां पिताजी से मिली और सीधा मेरे कमरे में आ गयी. वो बोली- लो मैं आ गयी … आगे क्या सोचा है?
मैंने बोला- वो कब आ रहा है?
उसने बोला- कल ही आ जाएगा.
मैं- अच्छा और तुम कितने दिन के लिए आई हो?
वो बोली- सात दिन के लिए.
मैं बोला- बढ़िया है … बहुत मस्ती करेंगे.
वो भी हां करते हुए बोली- लेकिन पहले मेरे मिलने का क्या सोचा है, वो बताओ.
मैंने उससे कहा- हां सब बताता हूँ.

फिर हम दोनों यहां-वहां की बातें करने लगे. मैंने उससे कुछ प्लान बताया और वो भी मान गई.

उस रात को खाना खाकर सोने चले गए. जैसे कि हम दोनों बचपन से ही साथ में सोते थे, वैसे ही आज भी हम साथ में सो गए. मैंने उसके हाथ को अपने गालों के नीचे रखा और सो गया.

दूसरे दिन योजना के हिसाब से हम घर से निकले और उसके बीएफ को मिलने चले गए. दीदी मेरी साथ गयी थी, इसलिए कोई शक भी नहीं कर सकता था. वो दोनों एक गार्डन में मिलने जाने लगे. मैंने कुछ देर उन्हें अकेले छोड़ दिया और दीदी को बोला- मैं बाद में आता हूँ.

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दीदी ने भी मुस्कुरा कर हां में सर हिला दिया.
मैं 4 घंटे बाद गया, तब भी उनकी बातें खत्म नहीं हुई थीं. मैं दीदी से बोला- अब चलें?
वो हंस कर उठ गई और हम दोनों घर आ गए. वो बहुत खुश थी … उसने मुझे बहुत बार थैंक्स बोला.

मैं बोला- अब कुछ ज्यादा ही खुश दिख रही हो.
वो बोली- हां बहुत.

वो ख़ुशी से उछलने लगी थी. तब पहली बार मेरी नज़र उसके थिरकते मम्मों पर पड़ी. दीदी के चूचे ऐसे हिल रहे थे … मानो किसी ने उनमें स्प्रिंग लगा दी हो.

दीदी की हाइट कुछ 5 फुट 2 इंच थी. उसका साइज़ लगभग 30-28-34 का रहा होगा. दीदी के उभरे हुए चूचे और पतली कमर, गोरा रंग देख कर कोई भी गरम हो सकता था. दूसरी तरफ मेरी हाईट साढ़े पांच फुट की थी. मैं जिम जाता था, तो मेरी बॉडी भी मस्त थी.

रात को खाना खाने के बाद हम हमेशा की तरह सोने के लिए चले गए. मैंने बरमूडा और टी-शर्ट पहन लिया और दीदी ने लाल रंग का एक सूट पहना हुआ था.

हम दोनों बिस्तर पर आकर लेट गए. बहुत देर तक दीदी और मैं बातें करते रहे. बाद में हम दोनों सो गए, पर पता नहीं उस रात मुझे क्या हुआ. मुझे कुछ अलग ही सेक्सी ख्याल आ रहे थे और मेरा मन बहुत ही बेचैन हो रहा था.

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फिर जैसे तैसे मुझे गहरी नींद लग गयी. पर जब रात को मेरी नींद खुली, तो मेरा हाथ दीदी के मम्मों पर था. मैं एकदम से डर गया, पर तब भी मैंने हाथ नहीं हटाया. मैंने सोचा कि अगर मैं एकदम से हाथ हटा लूंगा, तो शायद दीदी जाग जाएगी.

मैं उन्हें वैसे ही देखता रहा, दीदी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी. उसका गोरा बदन … उस पर लाल रंग का सूट … कमरे की डिम लाइट में … मैं क्या बताऊं कि दीदी क्या कयामत लग रही थी.

ये सोचते सोचते पता ही नहीं चला और मेरे हाथों ने उसके मम्मों को धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया.

दीदी के दूध दबाते हुए मुझे भी अच्छा लग रहा था. पर कुछ देर बाद मैंने अपने हाथ को वापस खींच लिया.

हाथ हटाने के बाद मैं बहुत देर तक दीदी के बारे में सोचता रहा. फिर मैंने सोचा कि मैं केवल मम्मे दबा ही तो रहा था … वैसे भी दीदी को कुछ पता नहीं चला.

ये सोच कर मैं फिर से दीदी की तरफ मुड़ा और थोड़ी हिम्मत करके दीदी के मम्मों पर फिर से हाथ रख दिया और धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया.

जब दीदी नहीं उठी, तो मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ गयी. मैंने धीरे से उसके होंठों को हाथ लगाया. बड़े ही सॉफ्ट होंठ थे. मैंने फिर से दीदी के मम्मों को दबाना शुरू कर दिया.

तभी एकदम से दीदी मेरी तरफ पलटी, मैं डर गया … मुझे ऐसा लगा कि वो जाग गयी है. पर उसने केवल करवट ली और सो गयी.

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मैंने फिर से मम्मों को दबाना शुरू कर दिया और अपने चेहरे को उसके चेहरे के पास ले जाकर उसके होंठों को धीरे से चूम लिया.

दीदी फिर भी सोती रही. मेरी हिम्मत फिर से बढ़ गयी. मैंने धीरे धीरे उसके पूरे बदन पर हाथ फेरा. अब मेरी नींद पूरी तरह से उड़ गयी थी और मुझे बहुत मजा आ रहा था.

अब तक तो मैं ये भी भूल गया था कि ये मेरी दीदी है. मैं अपने आपको रोक ही नहीं पा रहा था.

मैंने धीरे से दीदी के शर्ट के अन्दर हाथ डाला और उनके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया. इसके बाद मैं अपने हाथ को उसके पीछे ले गया और उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया … और अपने हाथों को आगे ला कर उनके मम्मों को तबियत से दबाना शुरू कर दिया.

बहुत देर तक दीदी के मम्मों को दबाने के बाद भी जब दीदी नहीं उठी, तो मेरी हिम्मत और भी बढ़ गयी. मैंने अब अपने हाथ दीदी के नीचे की तरफ ले ही जा रहा था कि अचानक दीदी ने मेरे हाथों को पकड़ लिया.

मुझे समझ आ गया कि दीदी उठ गयी. मैंने झट से अपनी आंखों को बंद कर लिया और सोने का नाटक करने लगा. पर मैं बहुत डर गया था, इसलिए मैं कुछ ही देर में सो गया.

अगले दिन सुबह जब हम उठे, तो दीदी ने मुझे हमेशा की तरह एक हल्की सी मुस्कान दी और चली गयी.

मैं दीदी से नज़र नहीं मिला पा रहा था. मुझे अब भी यही लग रहा था कि दीदी को कुछ भी पता नहीं चला है. वो अब भी हर रोज की तरह ही मुझसे बात कर रही थी.

दूसरी रात को भी हम हमेशा की तरह सो गए. मेरी नींद फिर से खुल गयी. मैंने फिर से हिम्मत की … और पहले दिन की तरह हाथ से बढ़ा कर दीदी के अन्दर हाथ डाल दिए उनके दूध दबाए, पर आज मैं हाथ नीचे जल्दी नहीं ले गया.

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थोड़ा सा अलग हो कर मैंने उसके पजामे का नाड़ा खोल दिया. फिर धीरे से अपने हाथों को बाहर निकाल कर उसके कुरते को ऊपर करना शुरू कर दिया. दीदी का कुरता उसके मम्मों तक ऊपर लाने के बाद मैंने दीदी के हाथ को पकड़ कर अपने बरमूडे में डाल दिया. साथ ही मैंने दीदी के पजामे को धीरे से नीचे करना शुरू कर दिया.

तभी मैंने महसूस किया कि दीदी का हाथ मेरे लंड को हल्का हल्का दबा रहा था. मैंने समझ गया कि दीदी जानबूझ कर मेरे लंड को दबा रही है. अब तो मेरी हिम्मत एकदम से बढ़ गयी और मैंने दीदी के पजामे के साथ ही उसकी पेंटी को भी उतार दिया.

इस सब में मुझे पूरा आधा घंटा लग गया था.

मैंने दीदी की चुत देखी, तो मैं देखता ही रह गया. आज तक मैंने केवल टीवी पर ब्लू फिल्म में ही नंगी चुत देखी थी. दीदी की गुलाबी चुत देख कर मैंने अपने बरमूडे को उतार दिया और दीदी के हाथों में अपना लंड पकड़ा दिया.

Hindisexstoris Mosari didi ki chudai

फिर मैंने अपने हाथों से दीदी को अपनी और खींचा और उसे धीरे धीरे चूमना शुरू कर दिया.

मैंने चूमते हुए महसूस किया कि दीदी भी मेरे साथ दे रही थी. बस देखते ही देखते हम एक दूसरे में डूब गए. हम दोनों एक दूसरे को ज़ोर ज़ोर से चूमने लगे.

करीब बीस मिनट तक हम एक दूसरे को चूमते रहे. मैं दीदी के मम्मों को ज़ोर ज़ोर से दबाने में भी लगा था. दीदी भी गरम और मादक सिसकारियां लेने लगी थी. दरअसल इस वक्त हम दोनों की जवानी उफान मार रही थी. दीदी ने भी मुझे जोर से जकड़ लिया था.

मैंने दीदी की चुत में हाथ लगाया और सहलाना शुरू किया. तो एकदम से दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- राहुल नहीं … बस इतना ही … इससे आगे नहीं.

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पर तब तक तो मेरे दिमाग में हवस भर चुकी थी. मैंने दीदी से बोला- मेरी प्यारी दीदी … प्यार अलग बात है और शरीर की जरूरत अलग है.
उसने मुझसे बोला- पर तू मेरा छोटा भाई है.
तो मैंने उससे बोला- दीदी जिस्म के सामने क्या बड़ा और क्या छोटा, क्या भाई और क्या बहन … क्या बाप और क्या मां, क्या बेटा और क्या बेटी, क्या बीएफ और क्या पति, क्या जीएफ़ और क्या पत्नी … ये सब बेकार की बातें हैं. बस जिस्म तो जिस्म को ही जानता है. अभी हम दोनों को केवल एक दूसरे के शरीर की जरूरत है. मुझे एक लड़की की और तुमको एक लड़के की.

फिर भी वो समझ नहीं पा रही थी. वो बोली- पर राहुल!
मैंने दीदी को रोकते हुए कहा- दीदी प्लीज़ मान जाओ न!

मैं दीदी को चूमने लगा. कुछ देर बाद दीदी भी मुझे चूमने लगी. मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर अपने लंड को पकड़ा दिया. दीदी ने भी मेरे लंड को पकड़ लिया और दबाना शुरू कर दिया. मैं समझ गया कि दीदी के ऊपर भी चुदाई का नशा चढ़ने लगा. मैं भी दीदी की चुत को सहलाने लगा.

वो एकदम से हॉट हो गई. मैंने झट से दीदी के कुरते को ऊपर करते हुए निकाल दिया और अपने भी पूरे कपड़े उतार दिए. अब हम दोनों बिना कपड़े के थे.

दीदी ने अपनी आंखें खोलीं और बोली- राहुल ये सही नहीं है.
मैं भी उठ कर गया और नाइट लैम्प को भी बुझा कर वापस बिस्तर पर आ गया.
मैंने दीदी के कान में दीदी के ब्वॉयफ्रेंड बनते हुए कहा- अलीशा मैं तेरा सौरभ हूँ … तुम कैसी हो.
दीदी बोली- पर तू तो राहुल है ना!
मैंने बोला- तुमको मेरा चेहरा समझ में आ रहा है क्या?
वो बोली- नहीं.
तो मैंने उससे बोला- तो तू मुझे सौरभ ही समझ ले.

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वो अचानक मुझसे लिपट गयी और भूखी शेरनी की तरह मुझे चूमने लगी. मैंने भी उसका पूरा पूरा साथ दिया. मैं अपने हाथों से उसके मम्मों को दबाने लगा और चुत पर भी रगड़ने लगा.
फिर धीरे से मैंने उसके गालों को किस किया … फिर गले पर चूमा.

दीदी सिसकारियां भर रही थी. दीदी ने अब मुझे अपने नीचे किया और वो मुझे बेतहाशा चूमने लगी. चूमते चूमते वो नीचे की ओर आने लगी और उसने मेरे लंड को पकड़ लिया. मैं जब तक कुछ समझता, उसने मेरे लंड पर हल्के से किस किया.

मैं अपने लंड पर दीदी के होंठों का मजा लेने लगा. वो मेरे लंड पर किस करते करते ऊपर को आ गयी.

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मैं भी उसके होंठों को किस करने लगा. अब उसे किस करते हुए मैं नीचे की तरफ आ गया. अलीशा दीदी तड़पने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां भरने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

मैं उसकी चुत के पास तक पहुंचता, इससे पहले अलीशा दीदी ने मुझे ऊपर की खींचा और मेरे ऊपर चढ़ गयी. दीदी मुझसे बोलने लगी- प्लीज़ करो ना!

मैंने अपने लंड को दीदी की चुत पर रखा और अन्दर डालने की कोशिश करने लगा.
पर उसे बहुत दर्द हो रहा था, वो वापस उठ गयी और बोली- मेरी जान सौरभ … मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने उससे कहा- अलीशा डार्लिंग … थोड़ा तो दर्द होता ही है.

शायद यह दीदी का भी पहली बार था. मेरा तो था ही पहली बार. मैंने उसे अपने लंड के नीचे किया और उसके ऊपर चढ़ कर अपने लंड को दीदी की चुत पर टिका दिया. मैंने अपने हाथों से उसके पैरों को ऊपर की तरफ खींचा, उसके हाथों को अपनी पीठ पर रखवा दिए.

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अब मैं बोला- अगर थोड़ा भी दर्द हुआ, तो तुम मुझे ज़ोर से पकड़ लेना.
उसने हाँ कह दी.

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बस धीरे से मैंने अपने लंड को प्रेस किया. लंड चुत में टक्कर देने लगा. उसे थोड़ा ज्यादा दर्द हुआ. वो बोलने लगी- सौरभ बहुत दर्द हो रहा है … प्लीज़ मत करो ना.

मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और फिर से ज़ोर से अन्दर डाला. तब भी पूरा लंड दीदी की चूत के अन्दर नहीं गया.
अलीशा थोड़ा चिल्ला उठी.

मैंने एक बार फिर जल्दी से लंड बाहर निकाला और वापस अन्दर पेल दिया. इस बार अलीशा दीदी की आंखों से आंसू निकल आए और वो ज़ोर से चिल्ला दी- आआअहह … मर गई … उहह … आह सौरभ बहुत दर्द हो रहा है.
उसने अपने नाखून मुझे गड़ा दिए. मगर मैं और भी जोश में आ गया था.

कुछ ही देर बाद दीदी की कामुकता भरी आवाजें मस्त होने लगी थीं. मैं उसे झटके पर झटके देने लगा.

दीदी चिल्लाने लगी- आह … ऊऊओह … सौरभ मेरी जान … ऊओह सौरभ और करो … आह तेज करो … और तेज करो!

मैं और ज़्यादा तेज रफ्तार में दीदी की चुदाई करने लगा. अब मैंने उसके पैर छोड़े और उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया.

क्या मस्त चूचे थे उसके … एकदम कड़क और पूरे गोल. मुझे दीदी के चूचों को मसलना बहुत अच्छा लग रहा था. तभी उसने अपने पैरों से मुझे ऐसे जकड़ लिया, जैसे कोई अजगर अपने शिकार को पकड़ लेता है.
मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि अलीशा में इतना दम है.

मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैंने भी दीदी को लिप किस करना शुरू कर दिया. यहां मैं अपने एक हाथ से उसके मम्मों को ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रहा था, दूसरे हाथ से दीदी की गांड को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था. नीचे दीदी की चुत में अपने लंड को अन्दर बाहर कर रहा था.

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वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और किस कर रही थी. साथ ही वो अपने दोनों हाथों से मेरी पीठ पर नोंच भी रही थी. उसके पैरों के बारे में तो पहले ही बता चुका हूँ … मेरी कमर से जकड़े हुए दीदी अपनी गांड को उठा उठा कर लंड को अन्दर तक ले रही थी.

सेक्स करने में हम दोनों नए थे, इसलिए जैसे जैसे हम आगे बढ़े … हमको और ज़्यादा मजा आने लगा.

कुछ देर बाद वो झड़ गयी, पर मेरे में अभी दम बाकी थी. मैं उसे धकापेल चोदता रहा.

अब उसने बोलना शुरू कर दिया- आह … बस अब और नहीं … मैं कट गई …

उसकी यह आवाज सुन कर मुझे अचानक और ताव आ गया. मैं और ज़ोर ज़ोर से दीदी की चुदाई करने लगा. मुझे ऐसा लग रहा था कि लंड को इसकी चुत के आर पार कर दूँ.

वो अब छटपटाते हुए कहने लगी- उन्ह … अब नहीं … नहीं करो न … छोड़ दो मुझे … प्लीज़ … नहीं करो..

उसके आंसू रुक ही नहीं रहे थे और वो रोती जा रही थी … पर तब मुझे ये सब नहीं दिख रहा था. मेरे ऊपर तो बस चोदने का भूत सवार था.

कुछ देर बाद मैं और तेज हो गया और मैंने उसके अन्दर ही अपना पूरा रस छोड़ दिया. अब मैं भी शांत हो गया और उसके ऊपर वैसे ही लेटा रहा.

कुछ देर बाद मैं उठा, लाइट जलाई और दीदी के बाजू में लेट गया. मैं उसको देखने लगा.
मुझे देख कर उसे शरम आ रही थी. वो अपना मुँह छिपाने लगी.

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मैंने अपने हाथों से उसके मुँह को ऊपर किया और एक ज़ोर का लिप किस करके दीदी को थैंक्स बोला.
वो थोड़ा मुस्कुराई और उसने भी मुझे किस कर दिया. दीदी ने मुझे भी थैंक्स बोला.

फिर हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और चिपक कर सो गए.

सुबह जब उठा तो मुझे बड़ी थकान लग रही थी पर अच्छा भी लग रहा था.

दीदी मेरे पास को आई और बोली- मैं प्रेग्नेंट तो नहीं होऊंगी ना?
मैंने उसे मना कर दिया- नहीं यार … एक बार में थोड़ी ना कुछ होता है.

पर टेंशन तो मुझे भी बहुत हो रही थी. मैंने जल्दी से कंप्यूटर ऑन किया और गूगल पर सब जानकारी निकाली. वहां से पता चला कि एक बार की चुदाई में भी लड़की पेट से हो सकती है.

फिर मैंने इससे बचने के तरीके निकाले, तो पता चला कि कुछ गोलियां आती हैं. मैंने गोली का नाम लिखा और मार्केट से ले कर आया. मैंने दीदी को दवा खिला दी.
जब दवा दे दी, तब ज़रा मेरी सांस में सांस आई.

अब तो सुबह शाम मैं दीदी के बारे में ही सोचता रहा. मैंने फिर कंप्यूटर ऑन किया और सेक्स के बारे में पढ़ना शुरू किया. वहां से मुझे बहुत सारी जानकारी मिली.

सेक्स की पूरे 52 स्टेप पढ़ने को मिले. सेक्स से पहले क्या क्या करना चाहिए और बाद में क्या करना चाहिए.

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फिर मैंने कुछ वीडियो भी डाउनलोड किए … और दीदी को दिखा कर उससे फिर से सेक्स किया. दीदी ने मुझसे हमेशा ही अपने ब्वॉयफ्रेंड के रूप में ही सेक्स किया.

चुदाई के बाद दीदी की चूत को लंड की बड़ी जरूरत होने लगी. उसने मेरे बाद मेरे दोस्तों के साथ भी सेक्स किया. हम दोनों तो हर दिन सेक्स करने लगे थे. हम दोनों ने वो हर चीज़ करने का प्रयास किया, जो हमें पता चला. दीदी को अब मेरे घर आने में अच्छा लगने लगा था.

मेरी दीदी की चूत चुदाई की यह सेक्स कहानी आप सभी के सामने मैंने पेश की. इसमें एक बात भी झूठ नहीं है. अब मैं ये सेक्स कहानी खत्म करता हूँ. मैं अपनी अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा कि मैंने कैसे कैसे दीदी को चोदा. मैंने दीदी से हर तरह से चुदाई का मजा लिया. कभी उसने मुझसे जबरदस्ती वाला सेक्स (रोल प्ले) भी इंजॉय किया. ग्रुप सेक्स भी किया. गैंगबैंग, सुहागरात आदि सभी तरह से सेक्स का मजा लिया.

आप सच मानिए कि सेक्स की हर अदा में अपना ही एक मजा है. मैं आशा करता हूँ कि आपको दीदी की चुदाई की कहानी पसंद आई होगी. आप मुझे मेल करके जरूर बताएं कि आपको ये कहानी कैसी लगी. मुझे आपके मेल का इंतज़ार रहेगा और अगर आपको मेरी यह सच्ची सेक्स घटना कैसी लगी मुझे Telegram पर ज़रूर बताये में आपके comment और message का इंतज़ार करूगा. इसके अलावा आप कहानी पर नीचे कमेंट करके भी अपनी राय दे सकते हैं.

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Mosari didi ki chudai – Hindisexstoris

Hindisexstoris: I had a great understanding with my aunt’s girl. Once she came to our house, we slept together. How did I fuck sister in the night?

Hello friends, this is my first and true sex story of Mouseri Didi’s pussy fuck. This is some 6 years ago. I have an elder sister (aunt’s girl) who is from Seoni. Seoni is a city in Madhya Pradesh. My cousin lived there and I live in Nagpur (Maharashtra).

He and I are very good friends. He knew all my things and I knew all his things. We always used to share our things like Hindisexstoris.

Then I was 20 years old and she was 22 years old. Both of us had a very outstanding understanding. If I had any problem, he would know immediately and if he had anything, I would feel it. What was this charisma, I could not even understand myself and Hindisexstoris.

One day when I was talking to him on the phone, I realized that something was wrong.
I asked him what happened?
He told that his brother saw him, his BF together and brother beat him very much like Hindisexstoris.

I asked – is your true love for her?
He said- Yes, and I want to meet him.
I said – then meet then Hindisexstoris.
She said – how? Brother has refused to go anywhere.
I told him – you come to Nagpur. Then one day I will also call him Nagpur. You meet her here. But you will be able to meet a few hours.
She said – okay.

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Then she came to Nagpur as per the plan. I saw a different glow on my face as soon as I saw him, but I never saw him with a bad eye. She was my best sister for Hindisexstoris.

She met my mother and father and came straight to my room. She said, I have come… what do you think next?
I said – when is it coming?
He said – will come tomorrow only for Hindisexstoris.
Me- well and for how long have you been coming?
She said – for seven days.
I said – great… will have a lot of fun.
He also said yes, but tell me what he thought of meeting me first.
I told him – yes, I tell everyone.

Then we both started talking here and there. I told her some plans and she also agreed to the Hindisexstoris.

Having dinner that night went to sleep. As we both slept together since childhood, we slept together even today. I put his hand under my cheeks and fell asleep then Hindisexstoris.

The next day, according to the plan, we left the house and went to meet his BF. Didi went with me, so no one could doubt it. They both started going to meet in a garden. I left them alone for a while and said to Didi – I will come later I got Hindisexstoris.

Didi also smiled and nodded yes.
I went 4 hours later, even then his talk was not over. I said to my sister- Now go?
She laughed and we both came home. She was very happy… she thanked me a lot.

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I said – Now you are looking a lot happier.
She said – yes a lot of Hindisexstoris.

She started jumping with joy. Then for the first time my eyes fell on her snorting mums. My sister’s legs were shaking… as if someone had put a spring in them I agree on Hindisexstoris.

The height of the sister was some 5 feet 2 inches. It would have been around 30-28-34. Anyone could get hot by seeing Didi’s bulging chest and slim waist, fair complexion. On the other hand, my height was five and a half feet in Hindisexstoris. When I used to go to the gym, my body was also cool.

After dinner, we went to sleep as usual. I wore a Bermuda and T-shirt and Didi was wearing a red suit then Hindisexstoris.

We both came to bed and lay down. Sister and I kept talking for a long time. Later we both slept, but I don’t know what happened that night. I was getting some different sexy ideas and my mind was getting very restless like Hindisexstoris.

Then somehow I got a deep sleep. But when I woke up at night, my hand was on the sister’s sister. I was absolutely scared, but even then I did not remove my hand. I thought that if I remove my hand completely, maybe Didi will wake up and enjoy Hindisexstoris.

I kept looking at them like that, didi looked very beautiful the Hindisexstoris. His blonde body… red-colored suit on him… in the dim light of the room… what can I tell, what didi did doom look like.

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While thinking this, I did not know and my hands started pressing her mummos slowly.

I also liked pressing the sister’s milk. But after some time I pulled my hand back out Hindisexstoris.

After removing my hand, I kept thinking about Didi for a long time. Then I thought that I was only suppressing mamme… Didi did not know anything anyway for Hindisexstoris.

Thinking this, I again turned towards Didi and after daring a little, put her hands on Didi’s mummies again and started pressing slowly like Hindisexstoris.

When my sister did not get up, I got a little more courage. I gently put my hands to her lips. She had very soft lips. I started suppressing Didi’s mummies again Hindisexstoris.

Suddenly Sister turned towards me, I was scared… I felt like she woke up. But he only turned and went to sleep and enjoy Hindisexstoris.

I again started pressing Mmmm and taking my face near her face and kissed her lips softly then Hindisexstoris.

Didi still kept sleeping. My courage increased again. I slowly turned my hand over his body. Now my sleep was completely blown away and I was enjoying it very much.

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By now I had also forgotten that she is my sister. I could not resist myself like Hindisexstoris.

I slowly put my hand inside Didi’s shirt and started pressing her mums. After this, I took my hand behind her and opened the hook of her bra… and by bringing my hands forward, she started pressing her mummos healthily in Hindisexstoris.

When the sister did not wake up after suppressing Didi’s mummies for a long time, my courage increased even more. I was now taking my hands towards the bottom of the sister, that suddenly the sister caught my hands then start Hindisexstoris.

I understood that Didi woke up. I quickly closed my eyes and started pretending to sleep. But I was very scared, so I slept in a while Hindisexstoris.

The next morning when we woke up, Didi gave me a slight smile as usual and went away.

I was not able to see eye to sister. I still felt that Didi did not know anything. She was still talking to me like everyday Hindisexstoris.

On the second night too we slept as usual. I woke up again Hindisexstoris. I again dared… and like the first day, extended my hand and put my hands inside the sister, pressed her milk, but today I did not take the hand down quickly.

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Being a little different, I opened the pulse of her pajamas. Then slowly took out his hands and started raising his shirt. After bringing the sister’s shirt up to her mummies, I grabbed Didi’s hand and put it in my Bermude. At the same time, I started slowly lowering Didi’s pajamas Hindisexstoris.

Then I realized that Didi’s hand was pressing my cock lightly. I understood that Didi is deliberately pressing my cock. Now my courage got increased and I removed her panty along with sister’s pajamas and made Hindisexstoris.

All this took me half an hour.

When I saw the sister’s picture, I kept watching in Hindisexstoris. Till date, I had only seen Nungi Chut in Blue on TV. Seeing Didi’s pink pussy, I removed my Bermuda and placed my cock in Didi’s hands.

Then I pulled my sister more with my hands and started kissing her slowly for Hindisexstoris.

While kissing I realized that Didi was also supporting me. We were drowned in each other just by looking. We both started kissing each other out loud on Hindisexstoris.

We kept kissing each other for about twenty minutes. I was also trying to suppress sister’s mamas out loud. Sister was also taking hot and intoxicating askaris. Actually, at the time, the youth of both of us was in a boom. Didi also grabbed me hard in Hindisexstoris.

I put my hand in sister’s pussy and started caressing. So immediately didi held my hand and said- No Rahul… that’s all… no more.

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But by then the lust had filled my mind. I said to my sister – my dear sister… love is different and the need of the body is different.
He told me – but you are my younger brother and Hindisexstoris.
So I said to him – what big and small, what brother and what sister… what father and what mother, what son and what daughter, what bf and what husband, what gf and what wife… all these stupid things in front of Didi Jism. Huh. Only body knows the body. Right now both of us only need each other’s body. I am a girl and you are a boy.

Still she could not understand. She bid – but Rahul!
I stopped Sister and said – Please do not agree!

I started kissing Sister. After some time, sister also started kissing me. I held sister’s hand and caught my cock. Didi also grabbed my cock and started pressing it. I understood that Chudai’s intoxication started growing on her sister. I also started caressing sister’s pussy.

She became absolutely hot. I quickly removed Didi’s shirt while doing it and removed my entire clothes too. Now we were both without clothes.

Didi opened her eyes and said- Rahul this is not right.
I also got up and extinguished the night lamp and came back to bed.
I said to be the sister of Didi’s boyfriend in my ear, Alisha, I am your son… how are you.
Didi said – but you are Rahul!
I said – do you understand my face?
She said no.
So I told him – so you understand me as Saurabh.

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She suddenly hugged me and started kissing me like a hungry lioness. I also supported him fully. I started pressing her mummies with my hands and rubbing the pussy too.
Then I kissed her cheeks slowly… then kissed on the throat.

Sister was filling up Didi now took me under her and she started kissing me wildly. Kissing, he started coming down and he caught my cock. When I understood something, he kissed me lightly on my cock.

I started enjoying Didi’s lips on my cock. She came upstairs to kiss me on my cock. I started kissing her lips too. Now while kissing him, I came downstairs. Alisha didi started to suffer and loudly started filling her cops with ‘Ummh… Ahhh… Hah… Jah… ’

Before I could reach her pussy, Alisha didi pulled me up and climbed on top of me. Sister started speaking to me – please do not!

I put my cock on Didi’s pussy and started trying to put it inside.
But she was having a lot of pain, she got back up and said- My life, Saurabh… I am in a lot of pain.
I told her – Alisha Darling… it hurts a little.

Perhaps this was the first time of a sister. It was mine for the first time. I did it under my cock and climbed on top of it and placed my cock on sister’s pussy. I pulled her legs upwards with my hands, put her hands on my back.

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Now I said – if there is even a little pain, then you hold me hard.
She said yes

Just gently I pressed my cock. Lund started to compete in the pussy. He got a little more pain. She started saying – Saurabh is hurting a lot… Please do not.

I pulled out the cocks a little and again put them in loudly. Even then the whole cock did not go inside Didi’s pussy.
Alisha shouted slightly.

Once again I quickly pulled out the cocks and poured back in. This time, tears came out of Alisha Didi’s eyes and she shouted out loud – Aaaahhh… she died… uhhh… ah Saurabh is hurting a lot.
He bites his nails to me. But I became more excited.

Shortly after, Didi’s sensual voices started to fade. I started jerking him off.

Sister shouted – Ah… Oooooooh… Saurabh my life… Oooh Saurabh and do it… Ah fast… and accelerate!

I started fucking sister in a much faster pace. Now I left her feet and started pressing her mums.

What were her cool… very hard and all round. I loved to munch on Didi’s chicks. Then he gripped me with his feet like a dragon catches its prey.
I could not believe that Alisha had so much power.

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I was enjoying it very much. I also started kissing Didi. Here I was pressing her moms hard with one hand, pressing her sister’s ass with the other hand. Down inside the sister’s pussy was licking his cock inside.

She too was giving me full support. He put his tongue in my mouth and was kissing. At the same time, she was also scratching my back with both her hands. I have already told about her feet… Didi, holding me by her waist, was lifting her ass and taking the cocks in.

We were both new in having sex, so as we progressed… we started having more fun.

After some time she collapsed, but I still had my strength. I kept banging her.

Now he started speaking- Ah… just not anymore… I got cut…

Suddenly, I heard his voice. I started to fuck sister more and more loudly. It seemed to me that the cock should pass through its pussy.

She now started flirting and said – she… not now… don’t do it… leave me… please… don’t do it ..

Her tears were not stopping and she was crying… but then I could not see all this. The ghost of fuck was riding on me.

After some time I became more sharp and I left all my juice in him. Now I too became calm and lay on him like that.

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After some time I got up, lit the light and lay on my sister’s side. I started looking at him.
She was feeling ashamed after seeing me. She started hiding her face.

I made her mouth up with my hands and kissed a loud lip, thanked sister.
She smiled a little and she kissed me too. Didi also thanked me.

Then both of us put on our clothes and clung to sleep.

When I woke up in the morning, I was feeling very tired but also feeling good.

Sister came to me and said – I will not be pregnant right?
I refused it – no friend… something happens at a time.

But I was also having a lot of tension. I quickly turned on the computer and extracted all the information on Google. From there, it was found that even in a one-time fuck, the girl can be from the stomach.

Then I figured out ways to avoid it, then I came to know that some pills come. I wrote the name of the bullet and brought it from the market. I fed the medicine to Didi.
When I gave the medicine, then I got breathless.

Now in the morning I kept thinking about Didi. I then turned on the computer and started reading about sex. I got a lot of information from there.

The entire 52 steps of sex were read. What to do before sex and what to do after.

Then I downloaded some videos too… and showed Didi sex with her again. Didi always had sex with me as her boyfriend.

After the fuck, Didi’s pussy started to need a lot of cocks. He also had sex with my friends after me. We both started having sex every day. Both of us tried to do everything that we came to know. Didi now liked to come to my house.

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I presented this sex story of my sister’s pussy fuck. There is not a single thing in this. Now I finish this sex story. In my next sex story, I will tell how did I fuck sister. I enjoyed fuck with sister in every way. Sometimes he also enjoyed forced sex (role play) from me. Also had group sex. Gangbang, honeymoon etc. enjoyed sex all the way.

You really believe that every act of sex has its own fun. I hope you liked the story of Didi’s Chudai. By mailing me, you must tell me how you liked this story. I will wait for your mail and if you like my true sex incident, tell me on Telegram, I will wait for your comment and message. Apart from this, you can also give your opinion by commenting on the story below.

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