Sali ki chudai छोटी साली को चोदा सोफे पर 1 Best Sex Story

छोटी साली को चोदा सोफे पर Sali ki chudai

Sali ki chudai: दोस्तो, मैंने आपको बताया था कि मेरी शादी के बाद अपनी पत्नी के अलावा मेरा सबसे पहला सैक्स अनुभव मेरी साली रजनी “बेबो” के साथ हुआ, जिसके बारे में मैं अपनी पिछली कहानी
साली की सील तोड़ चुदाई 
में बता ही चुका हूँ। आपने मेरी कहानी पढ़ी और उसे पसंद किया उसके लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूँ।

खैर अब आगे…

उस सैक्स अनुभव के बाद मैं और बेबो बहुत खुल गये थे। अब दिन में या रात को जब मेरी पत्नी छोटे बच्चे को दूध पिलाते-पिलाते सो जाती तो मैं कमरे का दरवाजा सावधानी से बंद कर देता ताकि मेरी पत्नी और बच्चे को नींद में बाधा ना हो। ऐसा मैं अकसर ही करता था क्योंकि दिन में जब मेरी पत्नी छोटे बच्चे को दूध पिलाते-पिलाते सो जाती तो मैं और बेबो लूडो या कैरम खेलते और रात को फिर जब मेरी पत्नी छोटे बच्चे को दूध पिलाते-पिलाते सो जाती तो मैं और बेबो देर रात तक बाते करते।

यह बात मेरी पत्नी जानती थी। चूंकि वो ये बात जानती और समझती थी इसलिये हम पर बिल्कुल शक नहीं करती थी और वो आराम से सोती थी। लेकिन उस सैक्स अनुभव के बाद लूडो या कैरम खेलना छोड़ कर हम दूसरा खेल खेलने लगे थे।

हम कमरे का दरवाजा सावधानी से बंद करके दोनो एक दूसरे से लिपट जाते और लिपट-चिपट कर किस करते। फिर एक दूसरे को बाँहों में भर कर किस करने से बात आगे बढ़ कर एक दूसरे के अंगों को छूना शुरु हो जाता। बेबो ज़्यादातर सलवार सूट पहनती थी। इसलिये मैं बेबो के कुरते के ऊपर से उसके स्तन दबाने और फिर उसकी सलवार के ऊपर से उसकी चूत को दबाने और फिर सलवार के अन्दर हाथ डाल कर उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत पर हाथ फिराने तक पहुँच जाता।

Sali ki chudai

मैं ज़्यादातर टी-शर्ट और लोअर पहनता था। मैं अपने लोअर की जिप खोलकर उसे जरा सा नीचे सरका कर अपना लण्ड निकाल कर बेबो के हाथ में थमा देता। बेबो भी मेरे लण्ड को बिना झिझक के अपने हाथ में थाम लेती और हल्के-हल्के दबाती या मुठ्ठी में भर कर आगे-पीछे करती और जोर-जोर से हिलाती।

एक-दो दिन बाद तो वो खुद ही मेरे लोअर की ज़िप खोल कर मेरा लण्ड निकालने और दबाने तक पहुँच गई। यह सारा कार्यक्रम लगभग 10 से 15 मिनट तक चलता। हम दोनों बेहद गर्म हो जाते और मेरे लण्ड से और बेबो की चूत से कुछ चिकना सा द्रव्य निकलने लगता।

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उसके बाद हमारा चुदाई कार्यक्रम शुरु हो जाता। मैं और बेबो सोफे पर बैठ जाते। फिर मैं बेबो की सलवार और उसकी पैंटी को उतार कर नीचे उसके पैरों में गिरा देता, मगर पैरों से अलग नहीं करता। फिर कुछ देर मैं उसकी चूत के घने बालों पर हाथ फिराता। फिर बेबो की टांगें खोल कर उसकी टांगों के बीच में बैठ जाता और बेबो की चूत के बाल अपने मुँह में भर लेता। फिर अपनी जीभ से बेबो की चूत के जी-पॉइंट को रगड़ने और ऊपर-नीचे फिराने लगता।

बेबो गर्म होकर पागल हो जाती और मेरे बाल पकड़ लेती। हाँ, कहीं उसकी दीदी को ना सुन जाये इसलिये वो कोई आवाज़ तो नहीं करती, मगर फिर भी उसके मुँह से बहुत हल्की सी सिसकियाँ जरूर निकलने लगती। फिर वो मेरा सर पकड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत में घुसाने की नाकाम कोशिश करने लगती। मैं अपनी जीभ तेज-तेज उसकी चूत के जी-पॉइंट पर फिराने लगाता। जब उसकी चूत से कुछ चिकना-चिकना सा नमकीन पानी निकलने लगता तो मैं थोड़ा सा उसे टेस्ट करके बेबो से अलग हो जाता।

Sali ki chudai -chudi ki khani - hindi sixy story

फिर मैं बेबो के सामने खड़ा होकर अपना लोअर और जॉकी को उतार कर नीचे अपने पैरों में गिरा देता, मगर पैरों से अलग नहीं करता। बेबो सोफे पर ही बैठी होती। फिर मैं खड़े-खड़े अपना लण्ड बेबो के मुँह की तरफ करता। बेबो समझ जाती और मेरा लण्ड पकड़ कर अपने मुँह में भर लेती।

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फिर मेरा लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगती। बेबो के ऐसा करने से ना चाहते हुऐ भी मेरे मुँह से हल्की-हल्की सिसकारियाँ निकलने लगती। मेरी सिसकियाँ सुनकर बेबो जोर-जोर से और तेज-तेज मेरे लण्ड को चूसने लगती। बेबो लगभग 5 मिनट तक मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर लॉलीपोप की तरह चूसती रहती।

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मेरे मुंह धीमे-धीमे से ‘ओह बेबो! आह्…ओह! अह! सीईईईईइ, सीस्सईईइ!’ की आवाजें निकलने लगती। थोड़ी देर बाद जब मुझे ऐसा लगता कि अगर बेबो इसी तरह से मेरे लण्ड को चूसती रही तो मैं इसके मुँह में ही डिस्चार्ज हो जाऊँगा, तब मैं अपना लण्ड बेबो के मुँह से बाहर खींच लेता। फिर मैं लोअर और जौकी को ऊपर उठा कर, हाथ से पकड़ कर, धीरे-धीरे अपनी पत्नी के कमरे के दरवाजे के पास जाता और दरवाज़े पे कान लगा कर अपनी पत्नी के हल्के खर्राटों को सुनने की कोशिश करता और जब ये इतमिनान हो जाता कि वो सो रही है, तब मैं वापस बेबो के पास आ जाता।

बेबो धीरे से पूछती “दीदी सो रही है क्या?”
मैं हाँ में सर हिला देता।

फिर मैं बेबो के पैर ऊपर करके उसे सोफा पर लिटा देता। मैं अपनी टी-शर्ट और बेबो अपना कुर्ता कभी नहीं उतारते थे। सेंटर टेबल पर लूडो बिछा होता था। फिर मैं उसकी सलवार और उसकी पैंटी को उसके एक पैर मे से उतार कर उसके दूसरे पैर में कर देता, मगर दूसरे पैर से अलग नहीं करता।

फिर मैं भी अपना लोअर और जौकी अपने एक पैर से निकाल कर दूसरे पैर में फंसा देता, मगर दूसरे पैर से अलग नहीं करता, ताकि अगर मेरी पत्नी अचानक उठ भी जाये और दरवाजा खोलने के लिये कहे तो मैं और बेबो जल्दी से अलग होकर अपने-अपने लोअर और अन्डरवियर पहन सके और सेंटर टेबल पर लूडो बिछा देखकर उसे कोई शक ना हो।

फिर मैं बेबो की बगल में लेट कर उसे अपने साथ सटा कर लिटा लेता। हम दोनो सोफ़े पर चिपक कर लेट जाते। फिर कुछ देर तक मैं उसकी चूत के घने बालों पर हाथ फिराता।

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फिर मैं उसके नर्म-नर्म स्तनों को कुरते के ऊपर से दबाने लगता। फिर कुछ देर बाद मैं उसके कुरते के गले में हाथ डाल कर उसके सख़्त हो चुके दोनों बूब्स को एक-एक करके दबाने लगता। मेरा लण्ड तन कर बेबो की चिकनी टांगों से टकरा रहा होता था।

फिर मैं बेबो की चिकनी टांगों पर हाथ फिराने लगता। फिर उसकी पाव रोटी की तरह उभरी हुई उसकी चूत पर हाथ फेरने लगता। फिर मैं मौके की नज़ाकत को समझते हुए अपनी उँगलियॉ बेबो की चूत के अन्दर डाल देता। फिर अपनी उंगलियों से बेबो की चूत के फाँको को खोलने और बन्द करने लगता। फिर मैं बेबो की चूत के दाने को रगड़ने लगता।

बेबो के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगती; बेबो मस्त हो जाती। वो बहुत गरम हो जाती और जोर-जोर से, आवाज़ रोक कर सिसकारियाँ लेने लगती और अपने होंठ चूसने लगती। फिर वो मेरे बालों पर हाथ फेरने लगती। यह सिगनल होता कि वो चुदवाने के लिये तैयार है। फिर मैं उसे धीरे से सौफे पर सीधा लिटा देता और मैं बेबो के ऊपर आकर लेट जाता।

बेबो का जिस्म मेरे जिस्म के नीचे दब जाता। मेरा लण्ड बेबो की जांघों के बीच में रगड़ खा रहा होता। बेबो बिना झिझके मेरा लण्ड अपने हाथ में थाम लेती। फिर वो मेरे लण्ड को अपने हाथ में दबाने लगती। मेरा लण्ड तन कर और भी सख्त हो जाता।

बेबो मेरे लण्ड को मुट्ठी में भर कर आगे-पीछे करने लगती। फिर वो मेरा तन कर लम्बे हो चुके लण्ड को पकड़ कर जोर-जोर से हिलाने लगती। तब तक मैं बेबो की चूत मारने को बेताब हो चुका होता। फिर मैं साली बेबो की टांगें खोल कर उसकी टांगों के बीच में अधलेटा होकर मैं अपने लण्ड को मुठ्ठी में भर कर बेबो की चूत के दाने के उपर-नीचे करके रगड़ने लगता। बेबो के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगती। कुछ देर बाद बेबो की चूत से फिर से कुछ चिकना-चिकना सा निकलने लगता था।

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अब वो मदहोश होने लगती और उसकी आंखें बंद होने लगती। फिर साली मेरे कान के पास फुसफसा कर बोलती “ओह जीजू, प्लीज डालो ना। मेरे तो तन-बदन में आग सी लग रही हैं।”

यह सुन कर मैं अपने लण्ड का सुपाड़ा उसके चूत के गुलाबी छेद पर टिका कर एक जोरदार धक्का मारता जिससे मेरा पूरा का पूरा लण्ड एक ही झटके में बेबो की कुंवारी और चिकनी चूत में पूरा अन्दर चला जाता। मेरे लण्ड के अन्दर जाते ही बेबो के मुँह से हल्की सी सिसकी निकलती और वो मुझे अपनी बाँहों में कस लेती।

मैं भी उसे कस कर पकड़ लेता और हम एक दूसरे में पूरे तरीके से समा जाते। फिर मैं अपने लण्ड को बेबो की चिकनी चूत के अन्दर पूरा डाले हुऐ रुक जाता और बेबो के होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसने लगता।

कुछ देर तक हम दोनो ऐसे ही एक-दूसरे से चिपके रहते और एक-दूसरे के होंठों को चूसते रहते। मेरा पूरा लण्ड बेबो की चूत के अन्दर तक समाया होता। फिर कुछ देर बाद उसके होंठों को चूसते हुए मैं उसे चोदना शुरु कर देता। पहले मैं अपने लण्ड को उसकी चूत में धीरे-धीरे अन्दर बाहर करने लगता।
कुछ देर बाद बेबो भी जोश में आ जाती और अपनी कमर को धीरे-धीरे हिलाने लगती।

मैं बेबो को अपनी बाँहों में भर लेता। बेबो भी मुझे अपनी बाँहों मे पूरी ताकत से कस लेती। शुरु-शुरु में कुछ देर तक मैं अपने लण्ड को धीरे-धीरे से ही बेबो की चूत के अन्दर-बाहर करता रहता।

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फिर कुछ देर बाद जब बेबो अपनी टांगें ऊपर की तरफ मोड़ कर मेरी कमर के दोनों तरफ लपेट लेती तो मेरी रफ़्तार बढ़ने लगती। फिर मैं अपने लण्ड को तेज-तेज बेबो की चूत के अन्दर-बाहर करता।

धीरे-धीरे मेरी रफ़्तार और भी बढ़ने लगती। अब मेरा लण्ड बेबो की चूत में तेजी से अन्दर-बाहर होने लगता और मैं बेबो की चूत में अपने लण्ड के तेज-तेज धक्के मारने लगता। जब मैं फुल स्पीड में बेबो को चोदता तो सोफे की वजह से चुदाई का मजा दुगना हो जाता। सोफे की फोम और फोम के नीचे स्प्रिन्गों की वजह से जब मैं बेबो की चूत में अपने लण्ड का धक्का लगाता तो सोफे के फोम और स्प्रिन्ग दब जाते और जैसे ही मैं अपना लण्ड बेबो की चूत से बाहर खींचता तो सोफे के फोम और स्प्रिन्ग बेबो के हिप्स को ऊपर धकेल देते। सच इस वजह से सोफे पर तो बेबो को चोदने में दुगना मजा आता।

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थोड़ी देर बाद बेबो भी नीचे से अपनी कमर को उचका कर मेरे धक्कों का ज़वाब देने लगती और मज़े में धीरे-धीरे बोलने लगती “सी… सी… और जोर.. से जीजूजुजु… …येसस्स्स्स अरररऽऽ बहुत मज़ा आ रहा है और अन्दर डालो और जीजू और अन्दर येस्स्स्स जोर से करो। प्लीज जीजू तेज-तेज करो ना। बहुत अच्छा लग रहा है। बडा मज़ा आ रहा है।”

बेबो को सचमुच में मजा आने लगता था और वो अपने हाथ सोफे पर टिका कर जोर जोर से अपने हिप्स को ऊपर-नीचे करने लगती थी और मैं तेज़-तेज़ धक्के मारने लगता था। वो मेरे हर धक्के का स्वागत अपने हिप्स को ऊपर-नीचे करके करती। फिर वो मेरे हिप्स को अपने हाथों में थाम लेती। अब वो भी नीचे से मेरे धक्कों के साथ-साथ अपने हिप्स को तेज-तेज ऊपर-नीचे कर रही होती थी।

जब मैं लण्ड उसकी चूत के अन्दर घुसाता तो वो अपने हिप्स को पीछे खींच लेती। जब मैं लण्ड उसकी चूत में से बाहर खींचता तो वो अपने हिप्स ऊपर उठा देती। इससे मैं तेज-तेज धक्के मार कर बेबो को चोदने लगता। फिर मैं सोफे पर हाथ रख कर बेबो के ऊपर झुक कर तेजी से उसकी चूत मारने लगता। Sali ki chudai

अब मेरा लण्ड बेबो की चिकनी चूत में आसानी और तेजी से आ-जा रहा होता था। बेबो भी अब चुदाई का भरपूर मजा ले रही होती थी। वो मदहोश हो रही होती थी। मैं रुक कर धीरे से बेबो के कान में कहता- बेबो अच्छा लग रहा है क्या?

बेबो धीरे से बोलती- हाँ जीजू, बहुत अच्छा लग रहा है। प्लीज जीजू रुकें मत। तेज-तेज करते रहो। ओह आहा… ह… प्लीज तेज-तेज करो। मैं डिस्चार्ज होने वाली हूँ। अब रुको मत। प्लीज तेज-तेज करते रहो।

बेबो के मुँह से ये सुन कर मैं फिर से बेबो को चोदना शुरु कर देता और अपनी रफ्तार को और भी बढ़ा देता। फिर मैं बेबो के पैर अपने कंधे पर रख कर उसके बडे-बडे हिप्स को अपने हाथों से जकड़ लेता और छोटे-छोटे मगर तेज-तेज शॉट मार कर बेबो को चोदने लगता। बेबो के मुँह से मस्ती में बहुत धीरे से “ओह्ह्ह होहहोह सिस्स्स स्सहह्ह हाहा ह्ह्हआ आआआ हा-हा करो-करो ऽअआह हाहअआ प्लीज जीजू तेज-तेज करो। ओह जीजू!” निकलने लगता।

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मैं बेबो के होंठों को अपने होंठों से चूसते हुऐ उसे तेजी से चोदने लगता। मेरा लण्ड सटासट बेबो की चूत में तेजी से अन्दर-बाहर होने लगता था। मैं बेबो की चूत में अपने लण्ड के तेज-तेज धक्के मारता। करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद जब हम दोनों झड़ने वाले होते तो हम दोनों एक साथ अकड़ से जाते और एक साथ जोर-जोर से धक्के मारने लगते।

फिर अचानक बेबो ने मुझे कस कर अपनी बाँहो में भर लेती और बोलती,”जीजू, मेरा तो काम होने वाला है। प्लीज जीजू! अब खूब जोर-जोर से करो। येस-येस अररर् और जोर से य…य…यस यससस… औह जीजू मैं तो हो गईईईईई! इसके साथ ही बेबो की चूत अपना पानी छोड़ देती। फिर वो एक धीमी सी आह भरती और फिर वो ढीली पड़ जाती। Sali ki chudai

मैं समझ जाता कि बेबो डिस्चार्ज हो गई है। मैं भी डिस्चार्ज होने वाला होता था, इसलिये मैं तेज-तेज धक्के मारने लगता और जोर-जोर से अपने लण्ड को बेबो की चूत में पेलने लगता। बेबो मुझे जल्दी से होने को और मेरे लण्ड को अपनी चूत में से बाहर निकालने के लिए बोलने लगती।

लेकिन मैं उसकी बातों को अनसुना कर तेज-तेज धक्के लगाना जारी रखता। करीब 2-3 मिनट तक बेबो को तेज-तेज चोदने के बाद जब मैं डिस्चार्ज होने लगता तो मैंने अपना लण्ड साली की चूत से बाहर खींच लेता और अपने लण्ड के सुपाड़े को अपनी मुठ्ठी में भर लेता और अपनी मुठ्ठी में ही डिस्चार्ज हो जाता।

फिर मैं तुरन्त उठ कर, अपना लोअर और जौकी एक पैर में फँसाए हुए धीरे-धीरे चलता हुआ वाश-बेसिन के पास जा कर अपना लण्ड और हाथ धोता। फिर अपना लोअर पहन कर सोफे के पास आता और बेबो के ऊपर गिर जाता। बेबो अपनी सलवार पहन चुकी होती थी। फिर मैं कुछ देर उसके ऊपर लेट कर अपनी तेज-तेज चलती हुई सांसों को नार्मल होने का इन्तज़ार करता।

फिर मैं बेबो की बगल में लेट जाता। बेबो भी मेरे साथ लेटी हुई अपनी सांसों को काबू में आने का इंतजार करती थी। कुछ देर तक ऐसे ही पड़े रहने के बाद हम दोनों उठकर अपने कपड़े ठीक करते और फिर सोफे पर बैठकर आराम से नार्मल बातें करनी शुरु कर देते जैसे कुछ हुआ ही ना हो।

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मैं धीरे से बेबो से पूछता कि कैसा लगा तो वो बोलती- जीजू! बहुत अच्छा लगा। बहुत मजा आया। सचमुच मैं तो आपकी दीवानी बन गई हूँ।
मैं उससे कहता कि चलो कल फिर करेंगे।
तो बेबो बोलती-अब आप जब चाहें ये सब कर सकते हैं। मुझे कोई एतराज नहीं होगा।

यह सुन कर मैं खींच कर उसे अपनी गोद में लिटा लेता। मैं सोफे के एक कोने पर बैठा होता और बेबो मेरी गोद में लेटी होती। फिर मैं अपने जलते हुऐ होंठ बेबो के होंठों पर रख देता। फिर मैं उसके नरम-नरम होंठों को अपने होंठों मे भर कर चूसने लगता। बेबो भी मुझ से लिपट सी जाती।

फिर मैं बेबो को किस करते-करते उसके बालों में हाथ फिराने लगता। फिर मैं उसके गालों पर हाथ फिराने लगता। फिर मैं अपने हाथ को नीचे ले जाकर उसके कुरते के ऊपर से उसके स्तनों को दबाने लगता। फिर मैं मजाक में उसके कान में कहता कि बेबो चलो एक बार फिर करते हैं। Sali ki chudai

यह सुनते ही वो एकदम छटक कर अलग हो जाती और बोलती- क्या जीजू! बड़े गन्दे हो आप। इतना सब कुछ हो गया। फिर भी चैन नहीं पड़ा है। अब सब्र रखो। दीदी उठने वाली होंगी। मैं चाय बना के लाती हूँ। फिर चलो लूडो खेलेंगे।

ये कह कर वो शरारत से अपना हाथ हिला कर बाय किया करती और फिर वो तेजी से किचन की ओर बढ़ जाती।

मैं सोफे पर बैठा-बैठा उसे जाते हुए देखता रहता। फिर मैं अपनी आँखें बंद करके मन ही मन यह सोच कर बहुत खुश होता था कि कैसे मैंने बेबो को अभी-अभी सोफे पर जम कर चोदा है। कुछ देर बाद बेबो चाय लाकर मेरे सामने वाले सोफे पर बैठ जाती और हम चाय की चुस्की लेते-लेते बातें करना और लूडो खेलना शुरु कर देते।

इस तरह मैंने अलग-अलग दिन कुल 5 बार मैंने बेबो के साथ सोफे पर सैक्सपिरियंस किया। इसके बाद मौका मिलने पर लगभग दो साल में मैंने कुल 9 बार अपने घर में, 3 बार बेबो के घर में और एक ही रात में 3 बार होटल के कमरे में बेबो के साथ खुलकर सैक्स किया।

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दो साल बाद बेबो की शादी हो गई और आज वो दो बच्चों की माँ हैं। बेबो और उसके परिवार से हर साल दो या तीन बार मुलाकात जरुर होती है। फोन पर तो अकसर बात होती रहती है। लेकिन हम भूल कर भी अपने पुराने सैक्स के बारे में बात नहीं करते है। बेबो की शादी के बाद हमने मौका मिलने पर भी कभी सैक्स नहीं किया और शायद यही वजह है कि हमारे दिल में एक दूसरे के लिये प्यार आज भी है। सच्चा प्यार मरता नहीं है!

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी साली की चूत चुदाई कहानी! मुझे मेल करना मत भूलना!
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आपको मेरी यह सच्ची सेक्स घटना कैसी लगी मुझे Telegram पर ज़रूर बताये में आपके comment और message का इंतज़ार करूगा. इसके अलावा आप कहानी पर नीचे कमेंट करके भी अपनी राय दे सकते हैं.

Sali ki chudai

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chhotee saalee ko choda sophe par chudi ki khani

Sali ki chudai -chudi ki khani – hindi sixy story: dosto, mainne aapako bataaya tha ki meree shaadee ke baad apanee patnee ke alaava mera sabase pahala saiks anubhav meree saalee rajanee “bebo” ke saath hua tha, jisake baare mein main apanee pichhalee kahaanee hoon
saalee kee seel tod chudaee
. bataaya hee hai. aapane meree kahaanee padhee aur use pasand kiya usake lie main aap sabhee ka dhanyavaad karata hoon aur Sali ki chudai.

khair ab aage…

us saiks anubhav ke baad main aur bebo bahut khul gae the. ab din mein ya raat ko jab meree patnee chhote bachche ko doodh pilaate-pilaate so jaatee hai to main kamare ka daravaaja saavadhaanee se band kar deta hoon taaki meree patnee aur bachche ko neend mein baadha na ho. aisa main akasar Sali ki chudai. hee karata tha kyonki din mein jab meree patnee chhote bachche ko doodh pilaate-pilaate so jaatee hai to main aur bebo loodo ya kairaam khelate hain aur raat ko phir jab

meree patnee chhote bachche ko doodh pilaate-pilaate so jaatee hai to main aur bebo donon raat tak baate karate hain.
yah baat meree patnee jaanatee thee. choonki vo ye baat jaanatee aur samajhatee thee isalie ham par bilkul shak nahin karata tha aur vo aaraam se sotee thee. lekin us saiks anubhav ke baad loodo ya kairam khelane chhod kar ham doosara khel khelane lage the phir Sali ki chudai.

ham kamare ka daravaaja saavadhaanee se band karake dono ek doosare se lipat jaate hain aur lipat-chipat kar kis karate hain. phir ek doosare ko baandhon mein bhar kar kis karane se baat aage badh kar ek doosare ke angon ko chhoona shuru ho jaata hai Sali ki chudai.

bebo zyaadaatar salavaar soot pahanatee thee. isalie main bebo ke kurate ke oopar se usake stan dabaane aur phir usakee salavaar ke oopar se usakee choot ko dabaane aur phir salavaar ke andar haath daal kar usakee paintee ke oopar se usakee choot par haath phiraane tak pahunch jaata hai.

Sali ki chudai

main zyaadaatar tee-shart aur loar pahanata tha. main apane loar kee jip kholakar use jara sa neeche saraka kar apana land nikaal kar bebo ke haath mein thama deta hoon Sali ki chudai. bebo bhee mere land ko bina jhijhak ke apane haath mein thaam letee aur halke-halke dabaatee ya muththee mein bhar kar aage-peechhe karatee aur jor-jor se hilaatee phir Sali ki chudai.

ek-do din baad to vah khud hee mere loar kee zip khol kar mera land nikaalane aur dabaane tak pahunch gaya. yah saara kaaryakram lagabhag 10 se 15 minat tak chalata hai. ham donon behad garm ho jaate hain aur mere land se aur bebo kee choot se kuchh chikana sa dravy nikalane lagata hai, Sali ki chudai.
usake baad hamaara chudaee kaaryakram shuroo ho jaata hai.

main aur bebo sophe par baith jaate hain. phir main bebo kee salavaar aur usakee paintee ko utaar kar neeche usake pairon mein gira deta, lekin pairon se alag nahin karata. phir kuchh der main usakee choot ke ghane baalon par haath phiraata.

phir bebo kee taangen khol kar usakee taangon ke beech mein baith jaatee hai aur bebo kee choot ke baal apane munh mein bhar lete hain. phir apanee jeebh se bebo kee choot ke jee-point ko raging aur oopar-neeche phiraane lagata hai Sali ki chudai.

bebo garm hokar paagal ho jaatee hai aur meree baal pakad letee hai. haan, kaheen usakee deedee ko na sunana ho isalie vo koee aavaaz to nahin karatee, lekin phir bhee usake munh se bahut halkee see sisakiyaan jaroor nikalatee lagatee hain. phir vo mera sar pakad kar mera munh apanee choot mein ghusaane kee naakaam koshish karane lagata hai.

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phir bebo kee taangen khol kar usakee taangon ke beech mein baith jaatee hai aur bebo kee choot ke baal apane munh mein bhar lete hain. phir apanee jeebh se bebo kee choot ke jee-point ko raging aur oopar-neeche phiraane lagata hai Sali ki chudai.

bebo garm hokar paagal ho jaatee hai aur meree baal pakad letee hai. haan, kaheen usakee deedee ko na sunana ho isalie vo koee aavaaz to nahin karatee, lekin phir bhee usake munh se bahut halkee see sisakiyaan jaroor nikalatee lagatee hain.

phir vo mera sar pakad kar mera munh apanee choot mein ghusaane kee naakaam koshish karane lagata hai. main apanee jeebh tej-tej usakee choot ke jee-point par phiraane lagaata hoon. jab usakee choot se kuchh chikana-chikana sa namakeen paanee nikalane ka lagata hai to main thoda sa use test karake bebo se alag ho jaata hoon Sali ki chudai.

dheere-dheere meree seel aur bhee badhane lagatee hai. ab mera land bebo kee choot mein tejee se andar-baahar hone lagata hai aur main bebo kee choot mein apane land ke tej-tej dhakke maarane ka lagata hai. jab main phul speed mein bebo ko chodata to sophe kee vajah se chudaee ka maja dugana ho jaata hai. Sali ki chudai.

sophe kee phom aur phom ke neeche springon kee vajah se jab main bebo kee choot mein apane land ka dhakka lagaata to sophe ke phom aur spring dab jaate hain aur jaise hee main apana land bebo kee choot se baahar kheenchata – sophe ke phom aur spring bebo ke baahar hips ko oopar dhakel dete hain. sach is kaaran se sophe par to bebo ko chodane mein dugana maja aata hai.

Sali ki chudai

thodee der baad bebo bhee neeche se apanee kamar ko uchaka kar mere dhakkon ka zavaab dene lagatee hai aur maze mein dheere-dheere bolane lagatee hain “see… see… aur jor .. se jeejoojuju…… yesassss arar bahut maza aa raha hai aur andar daalo. jeejoo aur andar yessss dhakka se karo. pleej jeejoo tej-tej karo na. bahut achchha lag raha hai. bada maza aa raha hai. ”

bebo ko sachamuch mein maja aane ka lagata tha aur vah apane haathon sophe par pakad kar jor jor se apane hips ko oopar-neeche karane lagatee thee aur main tez-tez dhakke maarane lagata tha. vah mere har dhakke ka svaagat apane hips ko oopar-neeche karake karatee hai Sali ki chudai.

phir vo mere hips ko apane haathon mein thaam letee hain. ab vo bhee neeche se mere dhakkon ke saath-saath apane hips ko tej-tej oopar-neeche kar rahee thee aur Sali ki chudai.

jab main land usakee choot ke andar ghusaata to vo apane hips ko peechhe kheench letee. jab main land usakee choot mein se baahar kheenchata to vo apane hips ke oopar utha letee hai. isase main tej-tej dhakke maar kar bebo ko chodane lagata hai. phir main sophe par haath rakhane kar bebo ke oopar jhuk kar tejee se usakee choot maarane ka lagata hai Sali ki chudai.

ab mera land bebo kee chikanee choot mein aasaanee se aur tejee se aa-ja raha tha. bebo bhee ab chudaee ka bharapoor maja le rahee thee. vah madahosh ho rahee thee. main ruk kar dheere se bebo ke kaan mein kahata- bebo achchha lag raha hai kya?

bebo dheere se bolatee- haan jeejoo, bahut achchha lag raha hai. pleej jeejoo haalen mat. tej-tej karo raho. oh aaha… ha… pleej tej-tej karo. main dischaarj hone vaalee hoon. ab mat karo. pleej tej-tej karo raho.

Sali ki chudai

bebo ke munh se ye sun kar main phir se bebo ko chodana shuru kar deta hoon aur apanee koshish ko aur bhee badha deta hoon. phir main bebo ke pair apane kandhe par rakh kar usake bade-bade hips ko apane haathon se jakad leta hai aur chhote-chhote magar tej-tej shot maar kar bebo ko chodane lagata hai aur Sali ki chudai.

bebo ke munh se mastee mein bahut dheere se “ohhh hohahoh sisss ssahahh haaha haahaa aaa ha-ha-karo-karo aaah haahaa pandaj jeejoo tej-tej karo. oh jeejoo! ” lagata hai.

Sali ki chudai main bebo ke honthon ko apane honthon se choosate huai use tejee se chodane lagata hai. mera land sataasat bebo kee choot mein tejee se andar-baahar hone lagata tha. main bebo kee choot mein apane land ke tej-tej dhakke maarata. lagabhag 15 minat kee chudaee ke baad jab ham donon jhadane vaale hote hain to ham donon ek saath akad se jaate hain aur ek saath jor-jor se dhakke maarane lagate hain aur Sali ki chudai.

phir achaanak bebo ne mujhe kas kar apanee baanho mein bhar liya aur bolee, “jeejoo, mera to kaam hone vaala hai. pleej jeejoo! ab ese jor-jor se karo. yes -es ararar aur jor se ya… ya… yas yasasas… auh jeejoo main to ho gaeeeeeeeeeeee! isake saath hee bebo kee choot ka paanee chhodata hai. phir vo ek dheemee see aah bharatee aur phir vo dheelee pad jaatee aur Sali ki chudai.

main samajhata hoon ki bebo dischaarj ho gaya hai. main bhee dischaarj hone vaala hota, isalie main tej-tej dhakke maarane lagata aur jor-jor se apane land ko bebo kee choot mein pelane lagata. bebo mujhe jaldee se hone ko aur mere land ko apanee choot mein se baahar nikaalane ke lie bolane lagatee hai.

Sali ki chudai

lekin main usakee baaton ko anasuna kar tej-tej dhakke lagaana jaaree rakhata hoon. lagabhag 2-3 minat tak bebo ko tej-tej chodane ke baad jab main dischaarj hone lagata hai to mainne apana land saalee kee choot se baahar kheench liya aur apane land ke supaade ko apanee muththee mein bhar leta aur apanee muthathee mein hee dischaarj ho jaata hai.

phir main turant uth kar kar, apana loar aur jaukee ek pair mein phaansa hua dheere-dheere chalata hua vaash-besin ke paas kar kar apana laal aur haath dhota hoon. phir apana loar pahan kar sophe ke paas aata hai aur bebo ke oopar gir jaata hai Sali ki chudai. bebo apanee salavaar pahan chukee thee. phir main kuchh der usake oopar let kar apanee tej-tej chalatee huee saanson ko nangelaal hone ka intazaar karata hoon aur Sali ki chudai.

phir main bebo kee bagal mein let jaata hoon. bebo bhee mere saath letee huee apanee saanson ko ovar mein aane ka intajaar karatee thee. kuchh der tak aise hee pade rahane ke baad ham donon uthakar apane kapade theek karate hain aur phir sophe par baithakar aaraam se nangelaal se baaten shuroo kar dete hain jaise kuchh hua hee na ho phir Sali ki chudai.

main dheere se bebo se poochhata hoon ki kaisa laga to vo bolee- jeejoo! bahut achchha laga. bahut maja aaya. sachamuch main to aapakee deevaanee ban gaee hoon. main usase kahata hoon ki chalo kal phir karenge. to bebo bolatee-ab aap jab chaahen ye sab kar sakate hain. mujhe koee etaraaj nahin hoga. yah sun kar main kheench kar use apanee god mein lita leta hoon likin Sali ki chudai.

main sophe ke ek kone par baitha hota hai aur bebo meree god mein letee hotee hai. phir main apane jalate huai honth bebo ke honthon par rakh deta hoon. phir main usake naram-naram honthon ko apane honthon ke saath bhar kar choosane lagata hoon. bebo bhee mujhase se lipat see jaatee hai.

Sali ki chudai

Sali ki chudai phir main bebo ko kis karate-karate usake baalon mein haath phiraane lagata hai. phir main usake gaalon par haath phiraane lagata hoon. phir main apane haath ko neeche le jaakar usake kurate ke oopar se usake stanon ko dabaane lagata hoon. phir main majaak mein usake kaan mein kahata hoon ki bebo chalo ek baar phir karate hain aur Sali ki chudai.

yah sunate hee vah ekadam chhak kar alag ho jaatee hai aur bolee- kya jeejoo! bade gande ho tum. itana sab kuchh ho gaya. phir bhee chain nahin pada hai. ab sabr. deedee uthane vaalee hogee. main chaay bana ke laatee hoon. phir chalo loodo khelenge Sali ki chudai.
ye kah kar vo shankat se apana haath hila kar baay kiye karatee hai aur phir vo tejee se usachan kee or badh jaatee hai.

main sophe par baitha-baitha use jaate dekhata rahata hai. phir main apanee aankhen band karake man hee man yah soch kar bahut khush hota tha ki kaise mainne bebo ko abhee-abhee sophe par niraash kar chandada hai.

kuchh der baad bebo chaay laakar mere saamane vaale sophe par baith jaatee hai aur ham chaay kee chuskee lete-lete baaten karate hain aur loodo plesee kar dete hain Sali ki chudai.
is tarah mainne alag-alag din kul 5 baar mainne bebo ke saath sophe par saiksapiriyans kiya. isake baad mauka milane par lagabhag do saal mein mainne kul 9 baar apane ghar mein, 3 baar bebo ke ghar mein aur ek hee raat mein 3 baar hotal ke kamare mein bebo ke saath khulakar saiks kiya.

Sali ki chudai

do saal baad bebo kee shaadee ho gaee aur aaj ve do bachchon kee maan hain. bebo aur usake parivaar se har saal do ya teen baar mulaakaat jaroor hotee hai. phon par to akasar baat hotee rahatee hai. lekin ham bhool kar bhee apane puraane saiks ke baare mein baat nahin karate hain. bebo kee shaadee ke baad hamane mauka milane par bhee kabhee saiks nahin kiya aur shaayad yahee vajah hai ki hamaare dil mein ek doosare ke lie pyaar aaj hai. sachcha pyaar marata nahin hai!

to dosto, kaisee lagee meree saalee kee choot chudaee kee kahaanee! mujhe mel karana mat bhoolana!
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