मकान मालिकन आंटी की चूत और गांड चुदाई xxx kahani
xxx kahani: Mast Hindi Story में पढ़ें कि कोचिंग के लिए मैं अंकल के घर रहने लगा. आंटी बहुत सेक्सी माल थी. आंटी की चूत गांड चुदाई की ख्वाहिश कैसे पूरी हुई?
दोस्तो, मेरा नाम फरहान अंसारी है. मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ. मैंने सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री की है. इसी साल पास आउट हुआ हूँ. मेरी हाइट 5 फिट 6 इंच है. रंग गोरा है और शारीरिक बनावट के हिसाब से भी अच्छा दिखता हूं.
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सेक्सी मामी की चूत चुदाई मुंबई में
को आप लोगों को बहुत प्यार मिला. मैं उम्मीद करता हूं कि मेरी आज की कहानी भी आप लोगों का भरपूर मनोरंजन करेगी.
तो दोस्तो, मैं कंपिटीशन की तैयारी के लिए दिल्ली जाना चाहता था. मैंने पापा को बताया कि मैं दिल्ली जाना चाहता हूं. वहां पर रह कर तैयारी करना चाहता हूं.
मेरे पापा ने इस बारे में अपने एक दोस्त से बात की. उनका नाम दिनयार था. वह पापा के साथ में सर्विस करते थे. उस वक्त वो सीतापुर में नौकरी करते थे. पर दिल्ली आते रहते थे क्योंकि उनका परिवार दिल्ली में रह रहा था.
पापा ने उनसे कहा कि मेरे बेटे के लिए रूम दिला दो. उन्होंने कहा कि उनके घर का एक फ्लोर खाली पड़ा हुआ है. अगर बेटे को जरूरत है तो रह सकता है.
अंकल ने अपना घर रहने के लिए दे दिया तो मेरा जुगाड़ हो गया. फिर तीसरे दिन मैं और पापा दिल्ली के लिए रवाना होने की तैयारी करने लगे. मैंने अपना सारा सामान पैक करवा लिया.
पापा सरकारी अफसर हैं इसलिए कोई समस्या नहीं हुई. अंकल हमें लेने के लिए एयरपोर्ट पर आ गये. हम लोग उनकी कार से पहले कोचिंग का पता करने गये. वहां पर एडमिशन लेने के बाद अंकल के घर गये.
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अंकल के पास एक ही बेटी थी. वह इंटर में पढ़ रही थी. उसका नाम था दीनाज़. अंकल की पत्नी यानि कि आंटी का नाम था बेहरोज़. अंकल ने मेरी मुलाकात उनसे करवाई.
दोस्तो, आंटी के बारे में क्या बताऊं मैं, एकदम माल थी वो. बड़े बड़े दूध, बड़ी सी गांड जो कि मुझे बहुत ही ज्यादा पसंद है. मुझे औरतों की गांड की ओर बहुत ज्यादा आकर्षण है और आंटी की गांड तो बहुत ही मस्त थी.
अंकल पूछने लगे- नीचे वाले फ्लोर पर रहोगे या सेकेंड फ्लोर पर?
मैं बोला- सेकेंड फ्लोर पर.
वो बोले- ठीक है. तुम्हारे खाने के लिए टिफिन भी लगवा दूंगा. तुम्हें कोई दिक्कत नहीं होगी.
फिर मुझे सेकेंड फ्लोर दे दिया गया. मैं अब रोज कोचिंग जाने लगा. आंटी भी रोज ऊपर किसी ना किसी काम से और धुले कपड़े फैलाने आती थी. उनसे मेरी बात रोज ही होने लगी. वो मेरा हालचाल पूछ लेती थी.
अंकल सीतापुर में पोस्टेड थे और पंद्रह बीस दिन में एक ही बार घर आते थे. घर में उनकी पत्नी और बेटी ही रहती थी. उनकी बेटी भी अपनी मां पर ही गयी थी. एकदम मस्त माल थी. भरे हुए मोटे मोटे चूतड़ थे उसके.
मदमस्त कर देने वाले गोल गोल दूध और कमर जैसे तराशी गयी हो. एकदम पटाखा लगती थी देखने में. कई बार जब मैं कोचिंग जाता था तो नीचे ग्राउंड फ्लोर पर देखता था. आंटी अपने और अपनी बेटी के कपड़े सुखा दिया करती थी.
औरतों की ब्रा और पैंटी मेरी बहुत बड़ी कमजोरी है. आंटी के पास तो ब्रा और पैंटी का बहुत बड़ा कलेक्शन था. साइज से मुझे पता लग जाता था कि कौन सी पैंटी आंटी की है और कौन सी दीनाज़ की. ब्रा के साइज से भी मैं दोनों में अंतर कर लेता था.
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धीरे धीरे अब मेरी हवस बढ़ रही थी. मैं अब उनकी ब्रा और पैंटी छुपाने लगा था. रोज किसी की ब्रा या पैंटी चुपके से उठा कर ले जाता था और उसको सूंघते हुए मुठ मारता था. फिर उसी पैंटी में वीर्य पोंछ देता था. फिर उसको वैसे ही ले जाकर उसी जगह पर टांग देता था जहां से उतारी होती थी.
ऐसे ही दिन बीतते गए. एक दिन मैं कोचिंग से लौटा तो देखा आज उनकी बेटी की नयी पैंटी तार पर फैली थी. उसे मैंने आज पहली बार ही देखा था. नयी पैंटी थी तो लंड मचलने लगा. मैं पैंटी को लेकर ऊपर अपने रूम पर गया.
मैंने अपना बैग एक तरफ पटका और अपने कपड़े उतारने लगा. मैं पूरा का पूरा नंगा हो गया. मेरी आदत है कि जब मैं अकेला होता हूं ज्यादातर नंगा ही रहता हूं.
उस दिन भी मैं अपने कपड़े उतार कर पूरा नंगा हो गया. मगर दरवाजा बंद करना मुझे याद ही नहीं रहा. मैं बेड पर लेट गया. मैंने लौड़े को हिलाना शुरू किया. पैंटी सूंघते हुए वो एक मिनट के अंदर ही पूरा टाइट हो गया.
मैं पैंटी को लंड पर लगा कर मुठ मारने लगा. मेरी आंखें बंद थी. पता नहीं कब अचानक से आंटी मेरे रूम में आ गयी. उन्होंने मुझे मुठ मारते हुए देख लिया.
एकदम से घबरा कर मैं उठ गया और अपने लंड को पैंटी से छुपा लिया. मैं नंगा ही था. बस लंड पर पैंटी लगी हुई थी. कुछ ही देर में मेरा तना हुआ केला किशमिश बन गया.
आंटी बोली- तुम तो बहुत ही बेशर्म हो फरहान. मुझे शक तो पहले से ही था. मैं रोज अपनी ब्रा और पैंटी धब्बे लगे हुए पाती थी. मैं समझ गयी थी कि ये तुम्हारे अलावा किसी और का काम नहीं हो सकता है.
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ये बोल कर आंटी ने मेरे हाथ से पैंटी छीन ली. मेरा लंड सिकुड़ कर मेरे झांटों में जैसे कहीं खो गया था.
आंटी मेरे लंड को देख कर बोली- तुम्हारे यहां खतना करवाते हैं!
मैं बोला- हां।
वो बोली- तो फिर खाल तो पीछे करने का कोई झंझट ही नहीं.
मैं बोला- हां, बिल्कुल.
आंटी बोली- क्या मैं इसको नजदीक से देख सकती हूं?
मैं बोला- हां, देख लो आंटी.
मैं बेड के कोने पर आ गया और टांगें खोलकर नीचे लटका लीं. मेरी जांघें फैल गयी और झांटों के बीच में लंड नीचे लटकने लगा.
मैं थोड़ा बेशर्म भी हूं. मैं मस्ती में टांगें खोल कर आंटी के सामने बैठा हुआ था. आंटी मेरे करीब आई और अपने घुटनों के बल नीचे बैठ गयीं. वो मेरे लंड को अपने कोमल हाथों से छूकर देखने लगी.
आंटी के नर्म नर्म हाथ लगे तो लंड में गुदगुदी होने लगी. लंड अंगड़ाई मारने लगा. आंटी लंड को छेड़ छेड़ कर देख रही थी. उसके मन में एक जिज्ञासा थी. वो कभी मेरी गोटियों को छू रही थी तो कभी लंड के टोपे पर उंगली फिरा रही थी.
शायद आंटी को लंड के साथ खेलने में मजा आ रहा था.
मुझे भी उत्तेजना होने लगी और देखते ही देखते मेरे लंड का आकार बढ़ने लगा. दो मिनट के अंदर लंड तन कर 7 इंच का हो गया और आंटी के हाथ में भर गया.
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आंटी के हाथ में झटके खाता लंड अब पूरे जोश में आ चुका था. आंटी भी चुदासी हो गयी थी. उन्होंने मेरी ओर देखा और मैंने उनको आंख मार दी. आंटी ने मुस्करा कर अपना मुंह खोला और मेरे लंड को अपने मुंह में भर कर चूसने लगी.
आह्ह … मजा आ गया दोस्तो, आंटी के मुंह में लंड देकर मैं तो जन्नत की सैर करने लगा. आंटी मस्ती में मेरे लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी. वो लॉलीपॉप की तरह मेरे टोपे पर जीभ से चूस रही थी. मैं पागल होने लगा.
मेरे लिये ये सब एक सपने के जैसा था. ऐसा लग रहा था कि मैंने अपनी किस्मत अपने हाथ से ही लिखी है. 15 मिनट तक आंटी मेरे लंड को मजा लेकर चूसती रही और मैं आंखें बंद करके लंड चुसवाने का मजा लेता रहा.
फिर मुझसे कंट्रोल करना मुश्किल हो गया. मैंने आंटी के सिर को पकड़ कर पूरा लंड उनके गले तक घुसा दिया. आंटी का दम घुटने लगा तो मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और निकालते ही आंटी के चेहरे पर वीर्य की पिचकारी छूट कर लगी.
मैंने सारा वीर्य आंटी के चेहरे पर छोड़ दिया. आंटी ने अपनी बेटी की उसी पैंटी से अपना मुंह साफ किया जिसको लंड पर लगा कर मैं मुठ मार रहा था. फिर वो भी अपने कपड़े उतारने लगी.
आंटी के मोटे मोटे चूचे देख कर मेरे मुंह में पानी आ रहा था. उनको चूसने का मन कर रहा था. आंटी पूरी नंगी हो गयी और मेरे बगल में आकर लेट गयी. मैंने उनकी चूचियों पर हाथ रख दिये और उनको दबाने लगा.
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वो भी मस्त होकर मेरा साथ देने लगी.
मैं जोर जोर से आंटी की चूचियों को भींच रहा था. दो मिनट में ही मैंने उनकी चूची मसल मसल कर लाल कर दी. फिर उनको मुंह में लेकर चूसने लगा.
आंटी सिसकारियां मारने लगी- आह्ह … आईई … हाए … ओह्ह … आह्ह … और जोर से चूसो।
5 मिनट आंटी की चूचियों का रसपान करने के बाद मैंने उनकी चूत पर मुंह लगा दिया. मैं आंटी की चूत को जोर जोर से चूसने लगा. उनकी चूत में जीभ घुसा घुसा कर चोदने लगा.
आंटी पागलों की तरह सिसकारते हुए जोर जोर से आवाज करने लगी- आह्ह फरहान … जान निकालेगा क्या … उईई मां … आह्ह … आऊ … आह्ह … उफ्फ … मैं मर जाऊंगी. आह्ह … कर दे अब … चोद दे मुझे.
आंटी की तड़प देख कर मैंने जीभ निकाल ली और उसकी टांगों को चौड़ी कर लिया. आंटी की जांघें अपने हाथ से फैला कर मैंने लंड का सुपारा आंटी की चूत पर टिका दिया और एक जोर का धक्का दे दिया.
लंड घुसते ही आंटी के मुंह से जोर की चीख निकली और मैंने उनके मुंह को हाथ से ढक लिया. उनकी चूची दबाते हुए लंड को घुसाये ही रखा. उसके बाद धीरे धीरे लंड को चलाने लगा.
आंटी नॉर्मल होने लगी और मेरी स्पीड बढ़ने लगी. मैं तेजी से आंटी की चूत मारने लगा. आंटी अब चुदने का मजा लेने लगी.
मैंने उनके मुंह से हाथ हटाया तो उनके चेहरे पर आनंद की लहरें तैर रही थीं.
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मैं आंटी की चूत को मजा लेते हुए चोदने लगा. आंटी की दोनों चूचियां पकड़ कर लंड को पूरा घुसेड़ने लगा. फिर मैंने उनकी टांगें उठा कर अपने कंधे पर रख लीं. फिर पच-पच की आवाज के साथ एक बार फिर से आंटी की चूत को पेलने लगा.
कुछ ही देर में आंटी की चूत ने पानी छोड़ दिया. फिर उसके तीन-चार मिनट के बाद मेरा माल भी निकल गया. मैं उनके नंगे बदन से चिपक गया और उनके दूधों को मुंह में भर कर लेट गया. मेरा एक हाथ आंटी की गांड पर था.
मुझे लेटे लेटे नींद आ गयी. कुछ देर के बाद उठा तो फिर से आंटी की चूत में उंगली दे दी. मैं उंगली से आंटी की चूत को चोदने लगा और वो गर्म हो गयी.
फिर मैंने उसको पलटा दिया और उसकी गांड को चाटने लगा.
आंटी चुदने के लिए मचलने लगी.
मैंने एक बार फिर से घोड़ी बना कर आंटी की चूत में लंड दे दिया और उसको चोदने लगा.
आंटी की मोटी गांड को देख देख कर चोदने में जो मजा मिला वो निराला ही था. मैं उसकी गांड पर चमाट मार मार कर उसको चोदता रहा. आंटी को घोड़ी बना कर चोदने में बहुत मजा आया. उसके बाद हम दोनों फिर एक साथ झड़ गये.
उस दिन उनकी बेटी के आने से पहले मैंने आंटी को तीन बार चोदा. उस दिन के बाद से आंटी रोज सुबह आने लगी. उनकी बेटी सुबह जल्दी घर से निकल जाती थी. फिर आंटी ऊपर आ जाती थी.
एक दिन आंटी कपड़े फैलाने के बाद मेरे रूम में आई तो मैं रजाई में नंगा लेटा हुआ था. आंटी ने मेरी रजाई खींच दी. मैंने उनको बेड पर गिरा लिया. उनकी साड़ी को उतार कर उनके दूधों को पहले कपड़ों के ऊपर से ही किस किया. उसके बाद उसकी चूची नंगी करके पीने लगा.
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उसकी गांड चाटी और फिर उसको बेड पर गिरा कर बुरी तरह से पेल दिया. अब तो रोज रोज सुबह आंटी की बुर चोदन का जैसे नियम ही बन गया था.
मैंने उनको भी नंगी रहने के लिए बोल दिया. वो सुबह आती और अपनी बुर चुदवा कर फिर साड़ी को हाथ में लेकर ही जाती.
अब आंटी अपनी वाशिंग मशीन में मेरे कपड़े भी धोने लगी. सुबह कोचिंग जाते हुए मैं उनके फ्लोर पर जाता तो आंटी नंगी होकर मेरे लिये चाय लेकर वेट करती थी. वो नंगी होकर मुझे चाय पिलाती थी. फिर दोपहर के टाइम भी वो मेरे पहुंचने से पहले मेरे रूम में मुझे नंगी लेटी हुई मिलती थी और मैं आते ही उसकी बुर चोदता था.
अब दीनाज़ भी मेरे रूम में आने लगी थी. वो पढ़ाई की बातें करती थी और मैं उसकी चूचियों को घूरता रहता था. उसकी टाइट लैगिंग में उसकी चूत की शेप को देख कर मुझसे मुठ मारे बिना नहीं रहा जाता था. अब मैं दीनाज़ की चूत भी चोदना चाह रहा था.
दीनाज़ की चूत के साथ साथ आंटी की गांड मारने का मन भी कर रहा था. अंकल जब भी घर आते तो कई दिन रुकते. इस बीच में कुछ नहीं हो पाता था.
एक दिन मेरी छुट्टी थी और मैं घर में ही था. मैं बाथरूम में नहा रहा था. आंटी मेरे रूम में आयी और मुझे वहां पर न पाकर आवाज देने लगी. मैं बाथरूम में था तो आंटी बाथरूम के पास ही आ गयी. मैंने दरवाजा खोला तो वो पूरी नंगी थी.
मैंने उनको भी अंदर खींच लिया और मेरे साथ नहाने के लिए कहा. पहले मैंने आंटी को खूब रगड़ा और फिर पीठ पर साबुन लगाया. फिर पीछे से ही उनके दूधों पर खूब साबुन लगाया.
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अब बारी आयी गांड की. फिर मैंने बड़े प्यार से गांड को चाटना शुरू किया और हाथ में साबुन लगा कर उनकी गांड की पनारी में ऊपर नीचे करने लगा जिससे उन्हें भी मज़ा आने लगा और वो आंखे बंद करके मज़ा लेने लगी.
फिर मैंने पूरी गांड पर साबुन लगाया. फिर उनको सीधा करके उनकी बुर की झांटें अपने जिलैट के रेजर से साफ़ कीं और उनकी चूत पर साबुन लगा कर अंदर उंगली डाल डाल कर उनकी चूत को खूब साफ किया.
उसके बाद अच्छे से उन्हें नहलाया.
अब उन्होंने मुझे साबुन लगाना स्टार्ट किया. मेरे सारे बदन पर उन्होंने साबुन लगाना स्टार्ट किया. फिर मेरे लंड पर साबुन लगाया. उसे अच्छे से धोया और उसे खूब चूसा.
वो मेरा लंड चूस रही थी. मैं उनके दूध दबा रहा था. दूध दबाते दबाते मैंने अपने लंड को उनके मुँह से निकाला. उनको घोड़ी बनाकर अपने लंड पर साबुन लगा कर थोड़ा साबुन उनकी गांड में भी लगा दिया.
मैं साबुन लगा कर उनकी गांड में लंड डालने लगा और वो आह … आह … आह … ओफ्फो … ओफ्फो … ओफ्फो … करती रही. धक्के दे देकर मैंने पूरा लंड अंदर घुसा दिया और पूरा लंड उनकी बड़ी सी गांड में चला गया।
उसके बाद मैं लंड को गांड में चला कर गांड चुदाई करने लगा. आंटी की गांड टाइट होने के कारण लंड थोड़ा मुश्किल से अंदर बाहर हो रहा था और वो लगातार हाय … हाय … आह आह आह कर रही थी.
साबुन लगा होने की वजह से लंड सपर … सपर … की आवाज करते हुए अंदर बाहर हो रहा था.
मैं पूरे जोर से आंटी की गांड चुदाई किये जा रहा था. थोड़ी देर में मैं रुक गया. रुकने के बाद मैंने उसी पोजीशन में अपने ऊपर और आंटी के ऊपर पानी डाला और फिर मैं धक्कापेल चुदाई करने लगा. लगभग 10 मिनट हो गए थे. अब आंटी जी के घुटने में दर्द भी होने लगा था.
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फिर मैंने लंड को निकाला और हम खड़े हुए. फिर हम लोग एक दूसरे को चूमने लगे और किस करने लग गए. मैं उनके दूध पीने लगा. उन्हें नोंचने लगा. मैं जैसे ही दूध को तेजी से काटता, आंटी आह… करके जोर से कराह जाती.
थोड़ी देर तक हम एक दूसरे को प्यार करते रहे. फिर मैंने फव्वारा चालू कर दिया और फिर आंटी को पकड़ कर चूमने लगा. उन्हें नोंचने लगा. आंटी जी की गांड को दबाने लगा. उनकी गांड में उंगली डाल कर उनकी गांड को उंगली से चोदने लगा.
फिर उनकी चूत को रगड़ने लगा. जोर जोर से सिसकारने लगी. फिर खड़े खड़े मैंने उन्हें घुमाया और पीछे से ही उनकी गांड में लंड डालने लगा. आंटी की गांड बड़ी होने की वजह से जल्दी से इस पोजीशन में लंड गांड में घुसा नहीं और बड़ी मुश्किल से ही लंड को अंदर घुसेड़ा.
आंटी को मैंने दीवार के सहारे हल्का झुका लिया और चोदने लगा.
आंटी जी को भी अब मज़ा आने लगा था और वो चिल्ला कर कह रही थी- चोद फरहान … मुझे तेरे अंकल की लुल्ली से कुछ असर नहीं होता. तेरे लंड से चुद कर तो मैं निहाल हो गयी हूं. चोद मेरे राजा .. आह्ह और जोर से फाड़ मेरी गांड को, चोद दे मुझे.
मैं जोर जोर से आंटी की गांड में लंड को देकर उनकी गांड को फाड़ने लगा. आंटी को इतना मजा आया कि उनकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया. फिर मैं भी उनकी गांड में ही झड़ गया. इस तरह से आंटी की गांड चोदने की ख्वाहिश मैंने पूरी कर ली.
अब आंटी की बेटी दीनाज़ की चूत मारने की इच्छा भी बाकी रह गयी है. मैं मौके की तलाश में हूं कि उनकी जवान बेटी की कुंवारी चूत चोदने चान्स कैसे मिलेगा.
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आपको आंटी की गांड चुदाई की ये अन्तर्वासना सेक्सी हिंदी स्टोरी कैसी लगी, मुझे इसके बारे में जरूर बताना. जल्दी ही मैं आपके लिए अपनी और भी कहानियां लेकर आऊंगा. मझे नीचे दी गई ईमेल पर अपना फीडबैक देना न भूलें. [email protected] और नई सेक्स स्टोरी और video को देखने के लिये हमारा Telegram ग्रुप को join कर सकते है.
Read in English
Makaan malkin aunty ki gaand ki chudai xxx Kahani
xxx Kahani: Mast Hindi Story that I stayed at Uncle’s house for coaching. Aunty was very sexy goods. How the aunt’s pussy ass fuck fulfilled?
Friends, my name is Farhan Ansari. I am a resident of Lucknow. I have done civil engineering degree. I passed out this year. My height is 5 inches by 6 inches. The color is blond and looks good according to body texture in xxx Kahani.
My last sexy hindi story
Sexy aunty’s pussy fuck in mumbai
You got a lot of love. I hope that my story today will also entertain you.
So friends, I wanted to go to Delhi to prepare for competition. I told my father that I want to go to Delhi. I want to prepare by staying there for xxx Kahani.
My father talked to a friend about this. His name was Dinayar. He used to do service with his father. At that time, he used to work in Sitapur. But kept coming to Delhi because his family was living in Delhi like xxx Kahani.
Papa asked him to get room for my son. He said that one floor of his house is lying empty. If the son needs it then he can stay the xxx Kahani.
Uncle gave me his house to live, then I got involved. Then on the third day, my father and I started preparing to leave for Delhi. I got all my stuff packed on xxx Kahani.
Papa is a government officer so there was no problem. Uncle came to pick us up at the airport. We went to find out the coaching before his car. After taking admission there, went to Uncle’s house.
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Uncle had only one daughter. She was studying at Inter. His name was Dinaj. Uncle’s wife i.e. aunt’s name was Behroz. Uncle introduced me to him.
Friends, what can I tell about the aunt, she was very good. Big milk, big ass, which I like very much. I have a lot of attraction towards women’s ass and aunt’s ass was a very cool person xxx Kahani.
Uncle started asking – will you be on the lower floor or the second floor?
I said – on the second floor on xxx Kahani.
He said – okay. I will also get tiffin made for you. You will have no problem.
Then I was given the second floor. Now I started coaching everyday. Aunt used to come up every day for some work and spread washed clothes. I started talking to him everyday. She used to ask about my well being the xxx Kahani.
Uncle was posted in Sitapur and used to come home only once in fifteen to twenty days. Only his wife and daughter lived in the house. His daughter also visited her mother. It was very cool. His thick butts were full in xxx Kahani.
The grating has been cut like round milk and waist. Looked absolutely cracker. Many times when I used to go to coaching, I used to look down on the ground floor. Aunt used to dry clothes of herself and her daughter like xxx Kahani.
Women’s bra and panty is my biggest weakness. The aunt had a huge collection of bra and panties. From the size, I used to know which panty belonged to the aunt and which of the dinas. Even by the size of the bra, I used to differentiate between the two.
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Slowly my lust was increasing now. I was now hiding her bra and panties. Everybody used to take someone’s bra or panty secretly and sniffed him by sniffing him. Then used to wipe semen in the same panty. Then he would take it and hang it in the same place from where it was landed on xxx Kahani.
Days passed like this. One day when I returned from coaching, I saw today that her daughter’s new panty was spread on the wire. I saw him for the first time today. If there was a new panty, the cocks started moving. I went upstairs to my room with panties then xxx Kahani.
I slammed my bag aside and started removing my clothes. I was completely naked. My habit is that when I am alone I am mostly naked on xxx Kahani.
That day too, I took my clothes off and became completely naked. But I do not remember closing the door. I lay on the bed. I started shaking Alore. Snorting panties, he became completely tight within a minute then start xxx Kahani.
I started to put panties on the cocks and started beating them. My eyes were closed. Don’t know when the aunt suddenly came in my room. They saw me licking me in xxx Kahani.
Terrified, I got up and hid my cock with panties. I was naked Panties were attached on the bus cocks. In a short while my fried banana became raisins the xxx Kahani.
Auntie quote – you are very shameless Farhan. I already suspected. I used to get my bra and panty spots fixed everyday. I understood that this cannot be the work of anyone other than you.
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Speaking of this, the aunt snatched the panty from my hand. My cock was shrunk and lost in my jaunts.
Aunt looking at my cock, bid you get circumcised here!
I said yes like xxx Kahani.
She said – then there is no problem of leaving the skin behind.
I said – yes, of course.
Auntie bid – can I see it closely?
I said – yes, see aunt.
I came to the corner of the bed and opened the legs and hung them down. My thighs spread and the cocks started hanging down in between the jaunts for xxx Kahani.
I’m a bit shameless too. I was sitting in front of the aunt with legs open in fun. Aunt came close to me and sat down on her knees. She began to touch my cock with her soft hands on xxx Kahani.
When the aunt’s softest soft hands started getting tickled in the cocks. Lund started gagging. The aunt was looking at teasing the cocks. He had a curiosity in his mind. Sometimes she was touching my pieces and sometimes she was turning her finger on the top of the cocks for xxx Kahani.
Perhaps aunt was enjoying playing with cocks in xxx Kahani.
I too started getting excited and on seeing this, the size of my cock started increasing. Within two minutes, the cocks were tanned to 7 inches and were filled in the aunt’s hand.
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The lick eating the jerk in the hands of the aunt was now full. The aunt had also become an adult. They looked at me and I killed them. The aunt smiled and opened her mouth and started sucking my cock in her mouth then xxx Kahani.
xxx Kahani Ahh… fun, friends, I started taking a trip to Jannat by giving cocks to the aunt’s mouth. Aunty started sucking my cock in mouth with fun. She was sucking on my head like a lollipop with a tongue. I started going crazy.
For me it was all like a dream. It seemed that I had written my fate with my own hand. For 15 minutes, the aunt kept sucking my cock with pleasure and I continued to enjoy sucking my cock with my eyes closed on xxx Kahani.
Then I became difficult to control. I grabbed the head of the aunt and inserted the whole cock up his throat. When the aunt suffocated, I pulled out the cocks and as soon as I removed, the squirt of semen started on the face of the aunt and enjoy xxx Kahani.
I left all the semen on the aunt’s face. The aunt cleaned her mouth with the same panty of her daughter, which I was licking on the cock. Then she also started removing her clothes.
My mouth was watering after seeing the big fat aunties. Wanted to suck them. Aunt was completely naked and lay next to me and lay down. I put my hands on her Acwati and started pressing them.
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She too started to support me with fun.
I was also stroking auntie’s pussy. Within two minutes, I rubbed her nipple and turned it red. Then he started sucking them in the mouth.
Aunt started laughing – Ahh… Ie… haha… Ohhh… Ahhh… and suck it hard on xxx Kahani.
After drinking 5 minutes of aunt’s Tits, I put my mouth on her pussy. I started sucking aunt’s pussy very hard. Penetrated her tongue into her pussy and started fucking her.
xxx Kahani Aunt started crying loudly like crazy – Ahhh Farhan… will come to know… Ui Maa… Ahhh… Aaoo… Ahhh… Uff… I will die. Ahh… do it now… give me chod.
Seeing the aunt’s yearning, I took out my tongue and widened his legs. By stretching the thighs of the aunt with my hand, I placed the supara of the cocks on the aunt’s pussy and pushed it with a thrust in the xxx Kahani.
As soon as the cocks entered, the aunt’s mouth screamed loudly and I covered her mouth with her hand. While pressing his nipple kept the cocks penetrated. After that slowly started moving cocks.
Aunt started getting normal and my speed started increasing. I started hitting aunt’s pussy fast. Aunt now started enjoying sex in xxx Kahani.
When I removed my hand from his mouth, waves of joy were floating on his face.
xxx kahani I started fucking aunty’s pussy while enjoying it. Holding both aunts’ Acwchiyoan began to push the cocks completely. Then I lifted his legs and placed it on my shoulder. Then with the voice of Pach-Pach once again, the aunt’s pussy began to paled.
After some time the aunt’s pussy left the water. Then after three or four minutes, my goods also went out. I clung to his bare body and lay down with his milk in his mouth. I had one hand on the ass of the aunt for xxx Kahani.
I fell asleep lying down. After awhile, woke up again gave aunt finger in her pussy. I started fingering aunty’s pussy with finger and she became hot of xxx Kahani
Then I turned him over and started licking his ass.
The aunt started furious to fuck.
I once again made a mare and gave me cocks in aunty’s pussy and started fucking her.
The fun found in Chodne after seeing Aunt’s thick ass was infrequent. I kept fucking him on his ass. Enjoyed making aunt a mare. After that we both collapsed again the xxx Kahani.
That day, before the arrival of his daughter, I spanked the aunt three times. Since that day, aunt started coming every morning. His daughter would leave the house early in the morning. Then aunt used to come up like xxx Kahani.
One day when aunt came to my room after spreading clothes, I was lying naked in the quilt. Aunt pulled my quilt. I dropped them on the bed. After removing his sari, he used to milk his milk from above his clothes. After that she started drinking her teat naked and enjoy xxx Kahani.
xxx kahani Licked his ass and then fell him on the bed and bludgeoned him badly. Now every day in the morning, the rules of burnt fuck of aunt had become the same.
I also told them to be naked. She would come in the morning and after taking her burr and then take the saree in her hand.
Now aunt started washing my clothes in her washing machine. While going to coaching in the morning, I used to go to their floor and aunt used to wait for me with tea. She used to give me tea by being naked. Then even in the afternoon, before she reached me, I used to get naked lying in my room and I used to fuck her as soon as I arrived.
Now Dinaj too started coming to my room. She used to talk about studies and I used to stare at her pussy. Seeing the shape of her pussy in her tight lagging, I could not live without hitting my face. Now I wanted to fuck Dinaaz’s pussy too.
Along with Dinaj’s pussy, I was also feeling like killing ass of aunt. Uncle used to stay for many days whenever he came home. Nothing could happen in the meantime.
One day I had a vacation and I was at home. I was taking a shower in the bathroom. The aunt came to my room and started giving me voice over there. When I was in the bathroom, the aunt came near the bathroom. When I opened the door she was completely naked.
I pulled them in too and asked them to take a bath with me. First I rubbed the aunt a lot and then applied soap on the back. Then from behind he applied a lot of soap on their milk.
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Now it was the turn of the ass. Then I lovingly started licking the ass and applying soap in my hand, started going up and down in her ass pan, which made her enjoy it too and she started having fun with her eyes closed.
Then I put soap on the whole ass. Then straightened them and cleaned their burnts with the razor of their gelat and put soap on their pussy and put their finger inside, and cleaned their pussy a lot.
Then bathed them well.
Now they started soaping me. He started soaping all over my body. Then put soap on my cock. Washed him well and sucked him a lot.
She was sucking my cock. I was pressing his milk. While pressing the milk, I removed my cock from his mouth. Making them a mare and applying soap on their cocks, put some soap in their ass as well.
I put soap in his ass with soap and he started doing ah… ah… ah… oofo… oofo… oofo…. After pushing me, I inserted the whole cock inside and the whole cock went into his big ass.
After that, I began to fuck ass by driving cocks in the ass. Due to aunt’s ass being tight, the cocks were getting out from inside a little hard and she was constantly doing hi… hi… ah ah ah.
Due to soap, the cocks were being made inside and outside while making the sound of supper… supper….
I was being ass fuck with full vigor. I stopped a while. After stopping, I put water in the same position on top of my aunt and then I started fucking. It was almost 10 minutes. Now there was a pain in Auntie’s knee as well.
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Then I removed the cocks and we stood up. Then we started kissing each other and started kissing. I started drinking his milk. He started thinking. As soon as I cut the milk fast, the aunt sighs and moans loudly.
We loved each other for a while. Then I turned on the fountain and then grabbed the aunt and started kissing. He started thinking. Auntie started pressing her ass. Putting a finger in his ass, he began to fuck his ass with a finger.
Then started rubbing her pussy. Sighed loudly. Then while standing, I rotated them and started putting cocks in their ass from behind. Due to the aunt’s ass being large, the cocks in this position did not enter into the ass quickly and the cocks got into the ass with great difficulty.
I leaned my aunt lightly against the wall and started fucking.
Aunty was also having fun and she was screaming and saying – Chod Farhan… I am not impressed with your uncle’s lullaby. I have taken a bath with your cock. Fuck my king .. Ahh and tear off my ass, give me chod.
I started tearing his ass loudly by giving cocks to the aunt’s ass. The aunt enjoyed it so much that her pussy also left water. Then I too fell into his ass. In this way, I fulfilled my desire to fuck Aunty’s ass.
Now aunt’s daughter Dinaj’s desire to kill her pussy has also remained. I am looking for an opportunity to find the virgin pussy Chodne Chance of his young daughter.
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