Hindi Chudi Kahani बहन की चूत की खुजली दूर की 1 भाई ने
मेरी दो जवान चचेरी बहनें आई हुई थी. मेरी एक सगी बहन है. तीनों रात को एक बेड पर सो रही थी कि मैंने उन्हें आपस में लेस्बीयन करते देखा और उनकी बातें सुनी.
दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार. मेरा नाम अमन है. मेरी आयु 23 साल है और मैं इंजीनियरिंग का छात्र हूँ. मैं Mast Hindi Story का नियमित पाठक हूँ इसलिए मैंने सोचा कि मैं आपको अपनी जिंदगी में मिले सेक्स के अनुभव से परिचित कराऊं.
यह बात उस समय की है जब मैं चढ़ती जवानी यानि बीस साल की उम्र में था. मैं अपने कॉलेज के तीसरे सेमेस्टर की छुट्टियों में अपने घर गया था.
मैंने घर जाकर पाया कि मेरे घर में मम्मी पापा, दादी औऱ बहन रिचा के अलावा मेरे अंकल की बेटी आई हुई थी. उसका हमारे यहां आना जाना हमारे बचपन से था और वो उम्र में मुझसे दो साल बड़ी भी है. उसका बदला हुआ नाम अवनी है.
उसके साथ मेरी बुआ की बेटी भी आई थी, उसका नाम आयुशी (बदला हुआ) है. आयुषी भी मुझसे एक साल बड़ी थी. मेरी सगी बहन रिचा भी मुझसे डेढ़ साल बड़ी है. मतलब घर में मैं ही एक अकेला जवान लड़का था और बाकी तीन लड़कियां थीं.
दोस्तो, मैं बचपन से ही घर से दूर रहकर पढ़ा हूँ. इसलिए जब मैं घर पहुंचा, तो सभी के चेहरे पर मेरे लिए ख़ुशी थी. घर पहुंचते ही मैंने सभी को यथायोग्य प्रणाम किया, मुझे उनकी दुआएं मिलीं. इसके बाद खाना वगैरह खाकर मैं लेटने की तैयारी में था.
मेरे घर में खाने के बाद गरम दूध पीने का रिवाज है. तो मुझे भी दूध पीकर सोने की आदत थी. मैंने अपना दूध का गिलास लिया और पीने के बाद अपने बिस्तर की तरफ चला गया.
अब बारी उस रात की थी, जब से मेरे जीवन के शारीरिक सुख की नींव रखी गयी.
मेरे घर में सभी बच्चों के एक साथ आने पर सभी ख़ुश थे, इसलिए मम्मी ने हम सबके लिए एक बड़े कमरे में सोने का इंतजाम किया था.
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हमारे घर में सभी कमरे काफी बड़े बनाये हुए हैं, पलंग वगैरह भी बड़े बड़े पड़े हैं, तो आराम से ज़्यादा लोग सो सकते हैं. मैं जिस कमरे में था, उस कमरे में एक डबल बेड और एक सिंगल बेड के साथ एक सोफा सैट भी था. इसके बाद भी इतनी जगह बची थी कि कोई अलग से खाट भी डाले, तब भी चलेगा.
मैंने सोचा कि ये ठीक इंतजाम है, सोने से पहले सबसे बैठ कर बात कर लूंगा.
तो हुआ यूं कि मेरी बहन, बुआ की लड़की और अंकल की लड़की तीनों बेड पर सोने लगीं. मैं अपने सिंगल बेड पर सोने आ गया. अभी मुझे नींद नहीं आ रही थी और वो तीनों भी बातें कर रही थीं. उनकी बातों में कुछ मौसम की गर्मी, मच्छरों की बहुतायत जैसी बातें शामिल थीं. मुझे उनकी बातें बहुत कम सुनाई दे रही थीं. पर उनकी धीमी आवाज में होने वाली बातें सुनकर मुझे ऐसा लगा कि मेरे उस कमरे में सोने से उन्हें कुछ दुख सा हो रहा था.
उनके साथ मेरा क्या हुआ इस बात को आगे बढ़ाने से पहले मैं आपको उन तीनों के बारे में बता देता हूं.
मेरी बहन रिचा की हाइट पांच फ़ीट पांच इंच है, रंग साफ बल्कि एकदम गोरा है. उसका उस समय फिगर 30-28-32 का होगा. अंकल की बेटी अवनी की हाईट पांच फ़ीट सात इंच, रंग गोरा, फिगर 32बी-30-36 का था और बुआ की बेटी आयुषी का कद पांच फ़ीट आठ इंच था. उसका रंग भी बिल्कुल दूध जैसा है. आयुषी का फिगर 32बी-28-34 का है.
मेरा रंग साफ गेहुंआ खुलता गोरा, हाइट छह फ़ीट एक इंच है. लंड की लम्बाई छह इंच है.
उन तीनों की खुसुर पुसुर जितनी तेज आवाजों से मुझे कोई रस नहीं आ रहा था, सो मैं चादर को सर से ओढ़ कर सो गया. लेकिन मेरी आंख तब खुली, जब मैंने पच्च पच्च उच्च की आवाज सुनी.
ऐसी आवाजें तब आती हैं, जब कोई सेक्सी लंबी स्मूच करता है. उन आवाजों को सुनकर मेरी नींद टूट गई और मैं कान खड़े करके उन आवाजों को सुनने लगा.
मामला समझते ही मेरे शरीर में सिरहन सी दौड़ पड़ी. मैंने धीरे से अपनी चादर के अन्दर से देखने की कोशिश की, तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ. वे तीनों पूरी माल जैसी लड़कियां एक साथ आपस में चूमाचाटी के मजे ले रही थीं. साथ में वो मेरा भी ध्यान रख रही थीं.
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उस समय मुझे समझ ही नहीं आया कि मैं क्या करूं. अपने लंड को सहलाऊं या इनके खेल में कूद जाऊं.
मगर ये जो लंड है, ये किसी की नहीं सुनता है. मामला समझते ही मेरा लंड अपने आप ही आधा खड़ा सा हो गया. इसके साथ साथ लंड से हल्का पानी भी निकलने लगा.
सच्ची बात तो ये थी कि मैं दिखने में शरीफ हूँ, मगर शातिर दिमाग का हूँ. मैंने उस रात कुछ नहीं किया, बस यूं ही उनकी लेस्बियन रासलीला को देखता रहा. उनकी आपस में चुसाई चल रही थी, जिसका मैं आनन्द ले रहा था.
मैं देख रहा था कि शुरुआत में उनकी जो तवज्जो में मेरी तरफ थी, वो धीरे धीरे अपनी सेक्स गतिविधियों की तरफ हो गई थी. मैं उनकी सेक्स लीला को अब आराम से देखे जा रहा था.
उनमें से कभी कोई किसी के ऊपर चढ़ जाती, तो कभी कोई किसी की चूची दबाकर सुख ले रही थी. नाईट बल्ब भी बंद था, पर एसी की एलईडी लाइट से मुझे काफी कुछ दिख रहा था. उनकी ऊपर नीचे होने की सारी गतिविधियां मुझे साफ़ समझ आ रही थीं.
फिर उनकी गतिविधियां खत्म हो गईं और मैं भी सो सा गया. तभी उनकी हल्की सी बात करने की आवाज आई. मेरे कान खड़े हो गए. अवनी मेरी बहन रिचा से कह रही थी.
अवनी- तुझे कोई दिक्कत न हो तो मैं शुभ का ले लूं?
रिचा ने कहा- मुझे क्या दिक्कत है … छेद तेरा है, तू किसी का भी ले ले.
आयुषी- अवनी तू पटा ले फिर मैं भी खुजली मिटवा लूंगी.
अवनी- फिर रिचा भी अपने भाई का ले लेगी.
रिचा- अब सो जा कुतिया.
वे सब हल्की आवाज में हंसने लगीं और इसी तरह की बातों के कुछ देर बाद वे तीनों सो गईं. मैं भी सो गया.
सुबह हुई, तो सब नार्मल था. वे मुझसे ऐसे बात कर रही थीं, जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं चला था. मैंने भी सामान्य व्यवहार जारी रखा और उनके छुपे हुए हाव भाव पढ़ने की कोशिश करता रहा.
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कुछ देर बाद मेरी बहन और बुआ की बेटी घर से बाहर गार्डन में चली गई थीं.
मैंने आवाज लगा कर आयुषी से पूछा- अवनी दीदी कहां चली गई हैं?
वो बोली- उसको पथरी है … उसको स्टोन पेन हो रहा है.
मैंने पूछा- ओह … पर वो कहां हैं?
वो बोली कि वो रूम में ही है.
मैं कमरे में गया, तो देखा कि वो लेटी हुई थी.
मैंने अवनी से पूछा- क्या ज्यादा दर्द हो रहा है … दवाई ली क्या?
वो बोली कि हां दवा ली है, पर उससे आराम नहीं हो रहा है.
मैंने पूछा- वोवरान का इंजेक्शन लेना है क्या?
वोवरान का इंजेक्शन एक दर्द निरोधक इंजेक्शन है … जो प्राथमिक उपचार के लिए घरों में रखा जाता है.
अवनी- नहीं … मुझे सुई नहीं लगवाना है.
मैंने कुछ सोचते हुए कहा कि अच्छा रुको, मुझको बताओ कि कहां पर दर्द हो रहा है.
उसने हाथ रखकर बताया कि यहां है.
मैंने वहां हल्का सा हाथ लगाते हुए पूछा कि यहां?
वो बोली कि हां यहीं है.
वो दर्द में थोड़ी सी तड़पने का नाटक करने लगी.
दोस्तो, कोई बला सामने हो, तो दर्द भी अच्छा लगता है. मेरे सामने अवनी जैसी सेक्सी आइटम पड़ी थी, जो पिछली रात खूब चुम्मा चाटी कर रही थी. वो बेहतरीन रूप की रानी थी. साथ ही मुझे उसकी बात भी याद थी, जिसमें उसने मेरी बहन रिचा से मेरे लंड लेने की बात की थी.
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ये सब सोच कर मैंने उसे एक चूतियापंती वाली सलाह देते हुए कहा कि जब दांत में दर्द होता है, तो उसे भींचने से आराम मिलता है. तुमको जहां दर्द है, वहां जरा जोर से भींचो.
लेकिन वो कुछ भी नहीं कर रही थी. बस दर्द में कराह रही थी.
मैंने भावुकता में उससे फिर से बोला- तू पागल है यार!
जहां हम आपस में आप करके बात करते थे, वहां मैंने तू बोल दिया था.
वो मेरी तरफ देखने लगी, जैसे जानना चाह रही हो कि इसमें पागलपन जैसी क्या बात थी.
मैं भाईपना दिखाते हुए उसके पेट को दबाने लगा, जिसका उसने बिल्कुल भी विरोध नहीं किया. उसने ऐसा रिएक्ट किया, जैसे उसे थोड़ा आराम मिल रहा हो. मैं भी महामादरचोद था, उसकी आंखों को देख रहा था. वो पास खड़ी आयुषी की तरफ देखते हुए आंख दबा रही थी.
आयुषी कमरे में कब आ गई थी इसका मुझे भान ही नहीं हुआ था. मगर रात में ये भी मेरे लंड से खुजली मिटवाने की बात कर रही थी, तो उससे मुझे कोई डर नहीं था.
उसकी दबती आंख देख कर मेरी ये हरकत अब कामुकता की ओर जाने लगी थी. मेरी चूतियापने की ट्रिक काम कर गयी थी. अब मैंने उसके पेट को बिना किसी के डर के दबाते हुए उसका सूट ऊपर कर दिया. वो एक पल के लिए जरा हड़ाबड़ाई, पर इस पर उसने कोई खास विरोध नहीं किया.
उसने आयुषी को जाने का इशारा कर दिया. मैं समझ गया कि अब ये मुझे खोलना चाह रही है.
मैंने उन दोनों के इशारेबाजी से खुद को लापरवाह दिखाते हुए कहा कि ऐसे करने से ज्यादा आराम मिलेगा. मुझे मालूम है कि कैसे दर्द कम किया जा सकता है. मैं मसाज से दर्द ठीक कर सकता हूँ.
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उसे मालूम था कि मैंने योग और मसाज थेरेपी का कोर्स ऋषिकेश से किया हुआ है … इसलिए उसने शायद मेरे लिए अपना भरोसा सा जताया.
इधर मैंने भी मन ही मन ठान लिया था कि रात में इनका लेस्बियन सेक्स देखने के बाद आज मैं भी कुछ ना कुछ तो सुख ले सकता हूँ. मैं उसके पेट पर अपने हाथ फेरते हुए सोच रहा था कि जब बहन से बहन मजे ले सकती है, तो भाई को भी शक्ति प्रदर्शन का हक़ है. फिर ये तो खुद ही मुझसे चुदने फिर रही है.
मैं अपने पूरे दिमाग और हाथों की कला से अवनी के पेट को सहलाने लगा. मैं ऊपर की तरफ हाथ ले जाने की अभी सोच ही रहा था … लेकिन तभी अवनी ने अपने मम्मों के नीचे दोनों हाथ रख लिए … जिससे कि मेरे हाथ उसके ऊपर ना जा पाएं और उसके मोटे मोटे चुचों को मेरे करामाती हाथ ना छू सकें.
दोस्तो, अगर कुछ मिले तो कुछ और के लिए कुछ और मेहनत भी करनी पड़ती है. अब उसने ऐसा शो किया कि उसका दर्द कम होने लगा है. इधर उसके पेट के स्पर्श से मेरा लंड हिलने लगा था. उसका भी कोई विरोध न होने से मेरा लंड अपना रूप बढ़ाने लगा था.
अब मैं अपना हाथ उसके पेट नाभि और नीचे सलवार के नाड़े के अन्दर करने की ताक में था. उसकी सलवार का नाड़ा बाद टाइट बंधा था. पर मुझ पर तो मानो भूत सवार हो गया था. मैंने बेहिचक उसकी टांगें फैला दीं और अपने हाथ को नीचे ले जाने लगा. मेरा हाथ सलवार के नाड़े को खोले बिना अन्दर जाने लगा था. मेरी उंगलियों को उसकी चुत की झांट के बाल टच होने लगे. उसे भी मेरी उंगलियां अपनी पैंटी के ऊपर से महसूस होने लगीं. मेरे शरीर में एक अलग सी सिरहन सी दौड़ने लगी. मेरा लंड से रस टपकने लगा.
मैं उसकी चुत के बिल्कुल पास अपना हाथ ले गया. अब मुझे उसकी रेशमी झांटें महसूस होने लगी थीं. अभी मेरा हौसला सातवें आसमान पर था. उधर उसको भी पथरी के दर्द में आराम का सुख नहीं, बल्कि शरीर के सुख का मजा आने लगा था. अब उसने मेरा विरोध करना बिल्कुल बंद कर दिया था … और अपनी टांगें पूरी तरह से खोल दी थीं.
दोस्तो, वो इतनी मस्त माल थी कि मैं उसी समय उससे उसको चोदने की गारंटी किसी भी तरह ले लेना चाहता था. इसलिए जब मैंने उसकी झांटों की बीच से उसकी चुत की फांकों पर जब हाथ लगाया, तो उसने मेरा हाथ बाहर निकाल दिया. जबकि मेरा हाथ उसकी पेंटी के ऊपर ही था.
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‘क्या हुआ?’
अवनी- कोई आ जाएगा.
उसकी इस बात से मुझे साफ़ हो गया कि लौंडिया चुदने को मचलने लगी है.
अब मैं उसके पेट और उसकी पटियाला सलवार के ऊपर से उसकी चुत को सहलाने लगा था. इससे उसे कोई दिक्कत नहीं हो रही थी.
ये देख कर मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. मानो बस ऐसे ही हाथ से सहलाते हुए मुझे जैसे उसके गुप्तागों से खेलने का अनुमति पत्र मिल गया था.
अब वो ‘सीई सीई यस … उम्म इजी..’ की आवाज़ करने लगी. मेरी मंजिल कुछ ही दूरी की बची थी. मैंने उसके सूट को ऊपर करने के लिए हाथ बढ़ाए, तब उसने मेरे हाथ पकड़ने का नाटक करना चाहा … पर अब वो टाइम निकल चुका था. मैं उसके साथ लेट गया.
अब उसकी ब्रा को मैंने नीचे से ऊपर किया … तब जो सामने आया, वो रुककर देखने लायक नजारा था.
गोलाकार ऊपर को उठे हुए प्राकृतिक मम्मे और उन पर भूरे रंग के बड़े से निप्पल … आह लाजवाब सीन था. अब मुझे उनका रसपान भी करना था … लेकिन किसी के आने के डर से मैंने उसके मम्मों को हाथ से दबाते हुए बाहर की तरफ देखा कि कोई है तो नहीं.
फिर मैं उसके चौतीस बी के बड़े गोलाकार चूचों को दबाने लगा और उनका रसपान करने लगा. वो भी मधुर और कामुकता भरी आवाजों से मुझे शब्द सुख देने लगी. मुझे स्पर्श-रस का अतुलनीय सुख मिलने लगा. इससे मेरे लंड ने एक ठोस लकड़ी का रूप ले लिया.
एक पल बाद मैं उसके बगल से उठ कर खड़ा ही गया. पहले मैंने बाहर जाकर देखा कि कोई आ तो नहीं रहा है. जब कोई नहीं दिखा तो मैंने कमरे की बिना कुंडी लगाए दरवाजे उड़का दिए. कमरे के दरवाजे को लॉक नहीं किया जा सकता था. इससे सभी को शक हो सकता था.
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फिर मैं पलट कर अवनी को ‘आई लव यू सेक्सी…’ कहके बुलाने लगा. उसने भी अपनी बांहें मेरी तरफ फैला दीं. मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा.
कुछ पल बाद एक हाथ से मैंने उसकी सलवार के अन्दर हाथ डालकर उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया. मैंने पाया कि चुत पूरी गीली हो चुकी थी. चुत गीली पाकर मैंने उंगली को फांकों में डालने का प्रयास किया. उसकी गरम चुत में एक बार को उंगली घुसाने में मुझे थोड़ा जोर भी लगाना पड़ा. वो सिसकारने लगी शायद उसे उंगली अन्दर लेने में दर्द हो रहा था.
मैंने पूरी लगन और उत्तेजना की हद पार की और उंगली से उसकी चुत की गर्मी का मजा लेने लगा.
वो मुझे चूमने लगी. हाथ से चुत में उंगली और होंठों से चुम्बन का सुख हम दोनों की चुदास को लगातार बढ़ाता जा रहा था.
तभी किसी के आने की आहट ने मुझे बेड से उठने को मजबूर किया और उठते हुए मैंने अपनी उंगलियों से उसकी चुत की गंध को सूंघा और अवनी की चुत को चोदने का निश्चय कर लिया.
कमरे में आयुषी आई हुई थी. उसे देख कर अवनी ने बुरा सा मुँह बनाया. तभी आयुषी जल्दी से बाहर चली गई.
मैंने अवनी से कहा- मैं ऊपर अपने कमरे में जा रहा हूँ. तुम उधर ही आ जाना.
अवनी ने मुस्कुरा कर ओके कहा … तो मैंने भी हंस कर कह दिया कि बाल साफ़ करके आ जाना. मुझे भी अपने साफ़ करने हैं.
उसने उठ कर मेरे सीने से लग कर मुझे चूमा और नशीली आंखों से कहा- मैं बहुत प्यासी हूँ.
मैंने भी उसके होंठ चूसे और कहा- मैं भी बहुत प्यासा हूँ.
इसके बाद मैं कमरे से निकल कर ऊपर चला गया और वो बाथरूम में चली गई.
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कुछ देर बाद मैंने अपने लंड की झांटों को साफ़ किया और शॉवर लेकर अवनी के आने का इंतजार करने लगा.
दस मिनट बाद अवनी एक स्कर्ट और हाफ शर्ट पहन कर कमरे में आ गई.
मैं उसे देखते ही समझ गया कि साली ने न तो चड्डी पहनी है और न ही दूध बांधने का कोई सरदर्द लिया है. वो बिना ब्रा पैंटी के आई थी. मैं भी सिर्फ एक फ्रेंची में लेटा था.
उसके आते ही मैंने कमरे के दरवाजे बंद कर दिए. वो मेरी कमर से अपनी टांगें लिपटाते हुए मुझसे लटक गई और हम दोनों के होंठ आपस में जुड़ गए.
दोनों के मुँह की जीभों ने लड़ना शुरू कर दिया था. मेरे हाथ उसकी नंगी गांड पर घूम रहे थे. मेरे हाथ की एक उंगली उसकी चुत में घुस कर उसकी चुत का जायजा ले रही थी. झांटें हट चुकी थीं और चुत टपक रही थी.
इसके बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया. उसने लेटते ही अपनी स्कर्ट उतार दी और शर्ट के बदन खोल कर अपनी सफाचट चुत और मदमस्त चूचियां मेरे सामने खोल दीं.
उसकी आंखों से हया नाम की चीज खत्म हो चुकी थी और वो भूखी रंडी सी दिख रही थी. मैंने भी अपनी चड्डी उतार कर लंड लहराया और उसकी टांगों को फैलाते हुए उसकी चुत पर होंठ लगा दिए. उसने भी गांड उठा कर चुत को मेरे होंठों से लगा दिया.
एक मिनट बाद ही मैं 69 में हो गया और वो मेरे लंड को चूस कर मजा देने लगी.
उसने कहा- शुभ … एक बार अन्दर बाहर कर दो … प्लीज़ बड़ी आग लगी है.
मैंने ओके कहते हुए कहा- प्रोटेक्शन?
वो बोली- माँ की चुत प्रोटेक्शन की. तू बस जल्दी से लंड पेल दे. न जाने कब से प्यासी है.
मैंने चुदाई की पोजीशन सैट करते हुए पूछा- कबसे प्यासी है?
वो बोली- दो महीने पहले लिया था.
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मैं समझ गया कि इसकी चुत रगड़ी जा चुकी है. बस मैंने बिना इशारा दिए लंड का सुपारा चुत में ठोक दिया.
‘आह … भैनचोद … फाड़ेगा क्या?’
मैंने उसकी बात को अनसुना करते हुए फिर से झटका मारा तो आधा लंड बहन की चुत को चीरता हुआ अन्दर धंस गया था.
उसने मेरी पीठ पर नाखून गड़ा दिए और दर्द से कराहते हुए बोली- रुक तो जा मादरचोद … पानी तो आने दे.
मैंने हंस कर उसे चूमा और उसके दूध पीने लगा. एक दो पल बाद उसको राहत सी मिली और उसने गांड उठा कर इशारा किया. मैंने लंड बाहर खींचा और पेल दिया. अबकी बार पूरा लौड़ा बहन की चुत में अन्दर तक चला गया था.
धकापेल चुदाई होने लगी. कोई बीस मिनट बाद मैंने उसकी चुत में ही अपना माल छोड़ दिया.
फिर उसको चूम कर पूछा- अब पथरी का दर्द कैसा है?
वो हंस दी और बोली- पथरी को तेरे इस लोहे के लंड ने तोड़ दिया है.
मैंने उसे चौंकाते हुए कहा- तो जाकर आयुषी से उसकी खुजली को खत्म करवाने की कह दे.
वो मेरी बात सुनकर हैरान हो गई और बोली- मतलब तुम सब देख सुन रहे थे.
मैंने उसकी चूची के निप्पल को चूसते हुए कहा- मुझे भोसड़ समझ रखा था क्या?
इस पर वो बोली- तो रिचा को भी साथ बुला लूं?
मैंने कहा- चुत लंड का कोई रिश्ता नहीं होता है. चुत को लंड की जरूरत होती है और लंड को चुत और गांड दोनों की जरूरत होती है.
वो हंस दी और बोली- मादरचोद साले गांड मारने की भी फिराक में हो.
मैं भी हंस दिया और उसके साथ चिपक कर लेट गया.
दोस्तों मैंने अवनी की चुत चुदाई का मजा ले लिया था. अब आगे आयुषी और रिचा की चुत में लंड पेलने की कहानी आपके मेल मिलने के बाद लिखूंगा.
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अगले दिन मैं किसी जरूरी काम से एक दिन के लिए अपने कॉलेज दिल्ली चला गया. मैं अपनी इन चुदक्कड़ बहनों की चुदाई की कहानी आपको जरूर बताऊंगा. आपको मेरी यह सेक्स घटना कैसी लगी मुझे Telegram पर ज़रूर बताये में आपके comment और message का इंतज़ार करूगा. इसके अलावा आप कहानी पर नीचे कमेंट करके भी अपनी राय दे सकते हैं.
Read in English
meree do javaan chacheree bahanen aaee huee thee. meree ek sagee bahan hai. teenon raat ko ek bed par so rahee thee ki mainne unhen aapas mein lesbeeyan karate dekha aur unakee baaten sunee.
dosto, aap sabhee ko mera namaskaar. mera naam aman hai. meree aayu 23 saal hai aur main injeeniyaring ka chhaatr hoon. main mast hindi story ka niyamit paathak hoon isalie mainne socha ki main aapako apanee jindagee mein mile seks ke anubhav se parichit karaoon Hindi Chudi Kahani.
yah baat us samay kee hai jab main chadhatee javaanee yaani bees saal kee umr mein tha. main apane kolej ke teesare semestar kee chhuttiyon mein apane ghar gaya tha.
mainne ghar jaakar paaya ki mere ghar mein mammee paapa, daadee aur bahan richa ke alaava mere ankal kee betee aaee huee thee. usaka hamaare yahaan aana jaana hamaare bachapan se tha aur vo umr mein mujhase do saal badee bhee hai. usaka badala hua naam avanee hai Hindi Chudi Kahani.
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phir unakee gatividhiyaan khatm ho gaeen aur main bhee so sa gaya. tabhee unakee halkee see baat karane kee aavaaj aaee. mere kaan khade ho gae. avanee meree bahan richa se kah rahee thee.
avanee- tujhe koee dikkat na ho to main shubh ka le loon?
richa ne kaha- mujhe kya dikkat hai … chhed tera hai, too kisee ka bhee le le.
aayushee- avanee too pata le phir main bhee khujalee mitava loongee.
avanee- phir richa bhee apane bhaee ka le legee.
richa- ab so ja kutiya Hindi Chudi Kahani.
ve sab halkee aavaaj mein hansane lageen aur isee tarah kee baaton ke kuchh der baad ve teenon so gaeen. main bhee so gaya.
subah huee, to sab naarmal tha. ve mujhase aise baat kar rahee theen, jaise mujhe kuchh pata hee nahin chala tha. mainne bhee saamaany vyavahaar jaaree rakha aur unake chhupe hue haav bhaav padhane kee koshish karata raha Hindi Chudi Kahani.
kuchh der baad meree bahan aur bua kee betee ghar se baahar gaardan mein chalee gaee theen.
mainne aavaaj laga kar aayushee se poochha- avanee deedee kahaan chalee gaee hain?
vo bolee- usako patharee hai … usako ston pen ho raha hai.
mainne poochha- oh … par vo kahaan hain?
vo bolee ki vo room mein hee hai Hindi Chudi Kahani.
main kamare mein gaya, to dekha ki vo letee huee thee.
mainne avanee se poochha- kya jyaada dard ho raha hai … davaee lee kya?
vo bolee ki haan dava lee hai, par usase aaraam nahin ho raha hai.
mainne poochha- vovaraan ka injekshan lena hai kya?
vovaraan ka injekshan ek dard nirodhak injekshan hai … jo praathamik upachaar ke lie gharon mein rakha jaata hai Hindi Chudi Kahani.
avanee- nahin … mujhe suee nahin lagavaana hai.
mainne kuchh sochate hue kaha ki achchha ruko, mujhako batao ki kahaan par dard ho raha hai.
usane haath rakhakar bataaya ki yahaan hai.
mainne vahaan halka sa haath lagaate hue poochha ki yahaan?
vo bolee ki haan yaheen hai Hindi Chudi Kahani.
vo dard mein thodee see tadapane ka naatak karane lagee.
dosto, koee bala saamane ho, to dard bhee achchha lagata hai. mere saamane avanee jaisee seksee aaitam padee thee, jo pichhalee raat khoob chumma chaatee kar rahee thee. vo behatareen roop kee raanee thee. saath hee mujhe usakee baat bhee yaad thee, jisamen usane meree bahan richa se mere land lene kee baat kee thee Hindi Chudi Kahani.
ye sab soch kar mainne use ek chootiyaapantee vaalee salaah dete hue kaha ki jab daant mein dard hota hai, to use bheenchane se aaraam milata hai. tumako jahaan dard hai, vahaan jara jor se bheencho.
lekin vo kuchh bhee nahin kar rahee thee. bas dard mein karaah rahee thee.
mainne bhaavukata mein usase phir se bola- too paagal hai yaar!
jahaan ham aapas mein aap karake baat karate the, vahaan mainne too bol diya tha Hindi Chudi Kahani.
vo meree taraph dekhane lagee, jaise jaanana chaah rahee ho ki isamen paagalapan jaisee kya baat thee.
main bhaeepana dikhaate hue usake pet ko dabaane laga, jisaka usane bilkul bhee virodh nahin kiya. usane aisa riekt kiya, jaise use thoda aaraam mil raha ho. main bhee mahaamaadarachod tha, usakee aankhon ko dekh raha tha. vo paas khadee aayushee kee taraph dekhate hue aankh daba rahee thee Hindi Chudi Kahani.
aayushee kamare mein kab aa gaee thee isaka mujhe bhaan hee nahin hua tha. magar raat mein ye bhee mere land se khujalee mitavaane kee baat kar rahee thee, to usase mujhe koee dar nahin tha.
usakee dabatee aankh dekh kar meree ye harakat ab kaamukata kee or jaane lagee thee. meree chootiyaapane kee trik kaam kar gayee thee. ab mainne usake pet ko bina kisee ke dar ke dabaate hue usaka soot oopar kar diya. vo ek pal ke lie jara hadaabadaee, par is par usane koee khaas virodh nahin kiya Hindi Chudi Kahani.
usane aayushee ko jaane ka ishaara kar diya. main samajh gaya ki ab ye mujhe kholana chaah rahee hai.
mainne un donon ke ishaarebaajee se khud ko laaparavaah dikhaate hue kaha ki aise karane se jyaada aaraam milega. mujhe maaloom hai ki kaise dard kam kiya ja sakata hai. main masaaj se dard theek kar sakata hoon Hindi Chudi Kahani.
use maaloom tha ki mainne yog aur masaaj therepee ka kors rshikesh se kiya hua hai … isalie usane shaayad mere lie apana bharosa sa jataaya.
idhar mainne bhee man hee man thaan liya tha ki raat mein inaka lesbiyan seks dekhane ke baad aaj main bhee kuchh na kuchh to sukh le sakata hoon. main usake pet par apane haath pherate hue soch raha tha ki jab bahan se bahan maje le sakatee hai, to bhaee ko bhee shakti pradarshan ka haq hai. phir ye to khud hee mujhase chudane phir rahee hai Hindi Chudi Kahani.
main apane poore dimaag aur haathon kee kala se avanee ke pet ko sahalaane laga. main oopar kee taraph haath le jaane kee abhee soch hee raha tha … lekin tabhee avanee ne apane mammon ke neeche donon haath rakh lie … jisase ki mere haath usake oopar na ja paen aur usake mote mote chuchon ko mere karaamaatee haath na chhoo saken Hindi Chudi Kahani.
dosto, agar kuchh mile to kuchh aur ke lie kuchh aur mehanat bhee karanee padatee hai. ab usane aisa sho kiya ki usaka dard kam hone laga hai. idhar usake pet ke sparsh se mera land hilane laga tha. usaka bhee koee virodh na hone se mera land apana roop badhaane laga tha Hindi Chudi Kahani.
ab main apana haath usake pet naabhi aur neeche salavaar ke naade ke andar karane kee taak mein tha. usakee salavaar ka naada baad tait bandha tha. par mujh par to maano bhoot savaar ho gaya tha. mainne behichak usakee taangen phaila deen aur apane haath ko neeche le jaane laga. mera haath salavaar ke naade ko khole bina andar jaane laga tha Hindi Chudi Kahani. meree ungaliyon ko usakee chut kee jhaant ke baal tach hone lage. use bhee meree ungaliyaan apanee paintee ke oopar se mahasoos hone lageen. mere shareer mein ek alag see sirahan see daudane lagee. mera land se ras tapakane laga.
main usakee chut ke bilkul paas apana haath le gaya. ab mujhe usakee reshamee jhaanten mahasoos hone lagee theen. abhee mera hausala saataven aasamaan par tha. udhar usako bhee patharee ke dard mein aaraam ka sukh nahin, balki shareer ke sukh ka maja aane laga tha. ab usane mera virodh karana bilkul band kar diya tha … aur apanee taangen pooree tarah se khol dee theen Hindi Chudi Kahani.
dosto, vo itanee mast maal thee ki main usee samay usase usako chodane kee gaarantee kisee bhee tarah le lena chaahata tha. isalie jab mainne usakee jhaanton kee beech se usakee chut kee phaankon par jab haath lagaaya, to usane mera haath baahar nikaal diya. jabaki mera haath usakee pentee ke oopar hee tha Hindi Chudi Kahani.
‘kya hua?’
avanee- koee aa jaega.
usakee is baat se mujhe saaf ho gaya ki laundiya chudane ko machalane lagee hai.
ab main usake pet aur usakee patiyaala salavaar ke oopar se usakee chut ko sahalaane laga tha. isase use koee dikkat nahin ho rahee thee.
ye dekh kar meree khushee ka koee thikaana nahin raha. maano bas aise hee haath se sahalaate hue mujhe jaise usake guptaagon se khelane ka anumati patr mil gaya tha Hindi Chudi Kahani.
ab vo ‘seeee seeee yas … umm ijee..’ kee aavaaz karane lagee. meree manjil kuchh hee dooree kee bachee thee. mainne usake soot ko oopar karane ke lie haath badhae, tab usane mere haath pakadane ka naatak karana chaaha … par ab vo taim nikal chuka tha. main usake saath let gaya Hindi Chudi Kahani.
ab usakee bra ko mainne neeche se oopar kiya … tab jo saamane aaya, vo rukakar dekhane laayak najaara tha.
golaakaar oopar ko uthe hue praakrtik mamme aur un par bhoore rang ke bade se nippal … aah laajavaab seen tha. ab mujhe unaka rasapaan bhee karana tha … lekin kisee ke aane ke dar se mainne usake mammon ko haath se dabaate hue baahar kee taraph dekha ki koee hai to nahin Hindi Chudi Kahani.
phir main usake chautees bee ke bade golaakaar choochon ko dabaane laga aur unaka rasapaan karane laga. vo bhee madhur aur kaamukata bharee aavaajon se mujhe shabd sukh dene lagee. mujhe sparsh-ras ka atulaneey sukh milane laga. isase mere land ne ek thos lakadee ka roop le liya Hindi Chudi Kahani.
ek pal baad main usake bagal se uth kar khada hee gaya. pahale mainne baahar jaakar dekha ki koee aa to nahin raha hai. jab koee nahin dikha to mainne kamare kee bina kundee lagae daravaaje udaka die. kamare ke daravaaje ko lok nahin kiya ja sakata tha. isase sabhee ko shak ho sakata tha Hindi Chudi Kahani.
phir main palat kar avanee ko ‘aaee lav yoo seksee…’ kahake bulaane laga. usane bhee apanee baanhen meree taraph phaila deen. main usake oopar chadh gaya aur usake mammon ko jor jor se dabaane laga Hindi Chudi Kahani.
kuchh pal baad ek haath se mainne usakee salavaar ke andar haath daalakar usakee paintee mein haath daal diya. mainne paaya ki chut pooree geelee ho chukee thee. chut geelee paakar mainne ungalee ko phaankon mein daalane ka prayaas kiya. usakee garam chut mein ek baar ko ungalee ghusaane mein mujhe thoda jor bhee lagaana pada. vo sisakaarane lagee shaayad use ungalee andar lene mein dard ho raha tha Hindi Chudi Kahani.
mainne pooree lagan aur uttejana kee had paar kee aur ungalee se usakee chut kee garmee ka maja lene laga.
vo mujhe choomane lagee. haath se chut mein ungalee aur honthon se chumban ka sukh ham donon kee chudaas ko lagaataar badhaata ja raha tha Hindi Chudi Kahani.
tabhee kisee ke aane kee aahat ne mujhe bed se uthane ko majaboor kiya aur uthate hue mainne apanee ungaliyon se usakee chut kee gandh ko soongha aur avanee kee chut ko chodane ka nishchay kar liya Hindi Chudi Kahani.
kamare mein aayushee aaee huee thee. use dekh kar avanee ne bura sa munh banaaya. tabhee aayushee jaldee se baahar chalee gaee.
mainne avanee se kaha- main oopar apane kamare mein ja raha hoon. tum udhar hee aa jaana.
avanee ne muskura kar oke kaha … to mainne bhee hans kar kah diya ki baal saaf karake aa jaana. mujhe bhee apane saaf karane hain Hindi Chudi Kahani.
usane uth kar mere seene se lag kar mujhe chooma aur nasheelee aankhon se kaha- main bahut pyaasee hoon.
mainne bhee usake honth choose aur kaha- main bhee bahut pyaasa hoon.
isake baad main kamare se nikal kar oopar chala gaya aur vo baatharoom mein chalee gaee Hindi Chudi Kahani.
kuchh der baad mainne apane land kee jhaanton ko saaf kiya aur shovar lekar avanee ke aane ka intajaar karane laga.
das minat baad avanee ek skart aur haaph shart pahan kar kamare mein aa gaee.
main use dekhate hee samajh gaya ki saalee ne na to chaddee pahanee hai aur na hee doodh baandhane ka koee saradard liya hai. vo bina bra paintee ke aaee thee. main bhee sirph ek phrenchee mein leta tha Hindi Chudi Kahani.
usake aate hee mainne kamare ke daravaaje band kar die. vo meree kamar se apanee taangen lipataate hue mujhase latak gaee aur ham donon ke honth aapas mein jud gae.
donon ke munh kee jeebhon ne ladana shuroo kar diya tha. mere haath usakee nangee gaand par ghoom rahe the. mere haath kee ek ungalee usakee chut mein ghus kar usakee chut ka jaayaja le rahee thee. jhaanten hat chukee theen aur chut tapak rahee thee Hindi Chudi Kahani.
isake baad mainne use bistar par lita diya. usane letate hee apanee skart utaar dee aur shart ke badan khol kar apanee saphaachat chut aur madamast choochiyaan mere saamane khol deen.
usakee aankhon se haya naam kee cheej khatm ho chukee thee aur vo bhookhee randee see dikh rahee thee. mainne bhee apanee chaddee utaar kar land laharaaya aur usakee taangon ko phailaate hue usakee chut par honth laga die. usane bhee gaand utha kar chut ko mere honthon se laga diya Hindi Chudi Kahani.
ek minat baad hee main 69 mein ho gaya aur vo mere land ko choos kar maja dene lagee.
usane kaha- shubh … ek baar andar baahar kar do … pleez badee aag lagee hai.
mainne oke kahate hue kaha- protekshan?
vo bolee- maan kee chut protekshan kee. too bas jaldee se land pel de. na jaane kab se pyaasee hai Hindi Chudi Kahani.
mainne chudaee kee pojeeshan sait karate hue poochha- kabase pyaasee hai?
vo bolee- do maheene pahale liya tha.
main samajh gaya ki isakee chut ragadee ja chukee hai. bas mainne bina ishaara die land ka supaara chut mein thok diya.
‘aah … bhainachod … phaadega kya?’
mainne usakee baat ko anasuna karate hue phir se jhataka maara to aadha land bahan kee chut ko cheerata hua andar dhans gaya tha Hindi Chudi Kahani.
usane meree peeth par naakhoon gada die aur dard se karaahate hue bolee- ruk to ja maadarachod … paanee to aane de.
mainne hans kar use chooma aur usake doodh peene laga. ek do pal baad usako raahat see milee aur usane gaand utha kar ishaara kiya. mainne land baahar kheencha aur pel diya. abakee baar poora lauda bahan kee chut mein andar tak chala gaya tha Hindi Chudi Kahani.
dhakaapel chudaee hone lagee. koee bees minat baad mainne usakee chut mein hee apana maal chhod diya.
phir usako choom kar poochha- ab patharee ka dard kaisa hai?
vo hans dee aur bolee- patharee ko tere is lohe ke land ne tod diya hai.
mainne use chaunkaate hue kaha- to jaakar aayushee se usakee khujalee ko khatm karavaane kee kah de Hindi Chudi Kahani.
vo meree baat sunakar hairaan ho gaee aur bolee- matalab tum sab dekh sun rahe the.
mainne usakee choochee ke nippal ko choosate hue kaha- mujhe bhosad samajh rakha tha kya?
is par vo bolee- to richa ko bhee saath bula loon?
mainne kaha- chut land ka koee rishta nahin hota hai. chut ko land kee jaroorat hotee hai aur land ko chut aur gaand donon kee jaroorat hotee hai Hindi Chudi Kahani.
vo hans dee aur bolee- maadarachod saale gaand maarane kee bhee phiraak mein ho.
main bhee hans diya aur usake saath chipak kar let gaya.
doston mainne avanee kee chut chudaee ka maja le liya tha. ab aage aayushee aur richa kee chut mein land pelane kee kahaanee aapake mel milane ke baad likhoonga Hindi Chudi Kahani.
agale din main kisee jarooree kaam se ek din ke lie apane kolej dillee chala gaya. main apanee in chudakkad bahanon kee chudaee kee kahaanee aapako jaroor bataoonga. aapako meree yah seks ghatana kaisee lagee mujhe tailaigram par zaroor bataaye mein aapake chommaint aur maissagai ka intazaar karooga Hindi Chudi Kahani. isake alaava aap kahaanee par neeche kament karake bhee apanee raay de sakate hain.
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